पोलीगॉन के को-फाउंडर संदीप नाइवाल बताते हैं, polygon में अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है. जैसे अन्य क्रिप्टोकरंसी cryptocurrency की ट्रेडिंग को लेकर शक-संदेह जताए जाते हैं, वैसी कुछ बात पोलीगॉन को लेकर भी है, लेकिन मिला जुलाकर सब ठीक है. कंपनी ने अपने काम का विस्तार किया है और दायरा बढ़ाया भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? है. पोलीगॉन के अन्य फाउंडर जयंती कनानी और अनुराग अर्जुन हैं. polygon की ब्लॉकचेन इथीरियम के साथ जुड़ी है. इस साल जनवरी से लेकर मई महीने तक पोलीगॉन के एप्लिकेशन में 400 गुना तक बढ़ोतरी हुई है.

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डेली अपडेट्स

यह एडिटोरियल 14/09/2022 को लाइवमिंट में प्रकाशित “Let’s take an inclusive approach to the regulation of crypto assets” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत में और विश्व भर में खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग जैसी वित्तीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के एक माध्यम के रूप में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मात्रा और लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास अभिसमय रिपोर ्ट 2021 के अनुसार, वर्ष 2021 में 7.3% भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का स्वामित्व रखते थे।

यह सराहनीय है कि भारत जीवन के लगभग हर पहलू में ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही एक अंतर्निहित चिंता भी है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। चिंता यह है कि वर्तमान में भारत भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? के पास क्रिप्टो परिसंपत्ति बाज़ार को नियंत्रित करने के लिये कोई भी नियामक ढाँचा मौजूद नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
  • बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
  • अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
    • सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।

    क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र

    • अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
    • विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
      • उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
      • इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
      • उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
        • लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।

        UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

        प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

        1. यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
        2. ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
        3. ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।

        उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

        (a) केवल 1
        (b) केवल 1 और 2
        (c) केवल 2
        (d) केवल 1 और 3

        उत्तर: (d)

        प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)

        इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है | Indian Cryptocurrency Name List,

        आज हम आपको भारतीय क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताएंगे, इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है आपको बता दें इस समय भारत सरकार के शीतकालीन सत्र के दौरान एक नया क्रिप्टो करेंसी विधेयक (Cryptocurrency Bill) प्रस्तुत करने की योजना बनाने के बारे में समाचार काफी सुर्खियों में है इसके बाद से ही भारत में क्रिप्टो करेंसी के बारे में इंटरनेट पर खूब सर्च किया गया।

        आपको बता दें भारत सरकार भी अपनी क्रिप्टो करेंसी को बहुत जल्द लाने वाली है जिसका नाम CBDC – सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम होंगा. भारत में पॉलीगॉन क्रिप्टो करेंसी (Polygon Cryptocurrency) पहलें से ही पिछले हफ्ते मार्केट कैप के लिहाज से 10 अरब डॉलर को पार कर गई है इस समय इसका मार्केट केपिटलाइजेशन 13 अरब डॉलर पर पहुंच गया है इसके साथ ही पॉलीगॉन ने दुनिया के टॉप 20 क्रिप्टो करेंसी की सूची में जगह बना ली है. वहीं इन दिनों जियो कॉइन काफी सुर्खियों में है चलिए जानते हैं इन सभी भारतीय Cryptocurrency के बारे में –

        इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है | Top 3 Indian Cryptocurrency Name List

        इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है | Indian Cryptocurrency Name List

        CBDC: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी RBI भी अपनी Digital Currency को जल्द लाने की तैयारी कर रहीं है जी हां दूसरी क्रिप्टो करेंसी की तरह हमारी खुद की क्रिप्टो करेंसी होगी। आरबीआई का कहना है की इस क्रिप्टो करेंसी से आपके लेन-देन का तरीका ही बदल जाएगा. भारत की इस क्रिप्टो करेसी का कोई भी प्रिंट नहीं होगा. बल्कि यह क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगी. जी हां यह एक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) होगी. जिसे आप ऑनलाइन Currency भी कह सकते हैं. इस क्रिप्टो करेंसी उपयोग आप बिटकॉइन और इथेरियम जैसे करे सकेंगे. वहीं RBI की इस करेंसी की एक और खास बात भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है? यह होगीं. कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगी. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.

        Polygon (पॉलीगॉन)

        Polygon Cryptocurrency: पॉलीगॉन क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत तीन भारतीयों द्वारा मिलकर बनाई गई थी. इस क्रिप्टो करेंसी पॉलीगॉन (Polygon) पिछले हफ्ते मार्केट कैप के लिहाज से 10 अरब डॉलर को पार कर गई है, बता दें की इस समय इसका मार्केट केपिटलाइजेशन 13 अरब डॉलर पर पहुंच गया है नवभारत की एक रिपोर्ट अनुसार भारत की इस Cryptocurrency ने दुनिया के टॉप 20 क्रिप्टोकरेंसी की सूची में जगह बना ली है Polygon क्रिप्टो करेंसी की कीमत भी दिनोंदिन बढ़ रहीं हैं|

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        Jio Coin (जियो कॉइन)

        Jio Coin: रिलायंस जियो भी अपनी क्रिप्टो करेंसी लॉन्च करने वाली है यह भारत की तीसरी Digital Cryptocurrency होगी. इस क्रिप्टोकरसी की खास बात यह है की Jio Coin भी Bitcoin की तरह Blockchain Technology पर काम करेगी. आपको बता दें कि इस Jio Coin की मदद से आप ऑनलाइन शॉपिंग और कहीं भी इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन भी कर पाएंगे। इसके अलावा रिलायंस जियो मोबाइल रिचार्ज और जिओ स्टोर पर आप इसका उपयोग कर सकेंगे. वही भविष्य में आप Jio Coin की मदद से ट्रेडिंग और रिलायंस जियो की इस क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर पाएंगे।

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        बता दें इस समय CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) और Jio Coin (जियो कॉइन) दोनों क्रिप्टो करेंसी Launch नही हुई है इसलिए आप Polygon Cryptocurrency निवेश कर सकते है और आपको भारत इन क्रिप्टो करेंसी के बारे में यह जानकरी कैसी लगी. इसके बारे में आप हमें कॉमेंट के जरिए जरुर बताए

        IC15: भारत का पहला Cryptocurrency Index लॉन्च, जानें क्या है ये और कैसे करता है काम

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        ग्लोबल क्रिप्टो सुपर एप्लीकेशन CryptoWire ने भारत का पहला cryptocurrencies इंडेक्स IC15 लॉन्च किया है. ये इंडेक्स दुनिया से सबसे अधिक ट्रेड होने वाली cryptocurrencies की परफॉर्मेंस को ट्रैक करेगा.

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        आपको बता दें कि TickerPlan का स्पेशल बिजनेस यूनिट CryptoWire है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स बन कर उभरा है. इसे ज्यादा लोग स्वीकार कर रहे हैं और इसकी लोकप्रियता भी काफी बढ़ रही है.

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        Cryptocurrency की भारत में आज की कीमत

        क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है जिसे वस्तु और सेवाओं के बदले दिया जाता है. दरअसल क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क आधारित डिजिटल मुद्रा है. कुछ कंपनियों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी भी जारी की है. जिसे टोकन्स कहते हैं. इन टोकन्स का प्रयोग आमतौर पर कंपनी के ही गुड्स और सर्विसेस खरीदने के लिए होता है.

        वास्तविक मुद्रा और क्रिप्टो करेंसी में बेसिक फर्क यही है कि आप जिस पैसे को बाजार में खर्च करते हैं उसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है. जबकि क्रिप्टो करेंसी को कोई व्यक्ति या कंपनी जारी कर सकती है.

        डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक क्या है?

        डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक रिसोर्स का एलोकेशन है. आसान भाषा में समझें तो ये कहा जा सकता है कि किसी वस्तु या रिसोर्स का नियंत्रण किसी एक व्यक्ति, संस्था या सेंट्रल टीम के पास नहीं होता है बल्कि उसका विकेंद्रीकरण यानी डिसेंट्रलाइजेशन होता है. क्रिप्टो करेंसी में जिस तकनीक ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है, उससे उस क्रिप्टो करेंसी पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का नियंत्रण नहीं रहता, बल्कि डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी के जरिये उसे बहुत से कम्प्यूटर के जरिये अलग-अलग लोकेशन से मैनेज किया जाता है और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किया जाता है. यह तकनीक जितनी मजबूत होगी वो क्रिप्टो करेंसी उतनी ही सिक्योर होगी.

        CryptoCurrency या डिजिटल करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. इसका यूज भी डिजिटल लेन-देन के लिए किया जा सकता है. इसे आप ना देख सकते हैं ना ही छू सकते हैं. इसका पूरा बिजनेस ऑनलाइन ही होता है. बाकी देशों की करेंसी की तरह इसे कोई कंट्रोल नहीं करता है. इसे नेटवर्क के जरिए ऑनलाइन ऑपरेट किया जाता है. इस वजह से इसकी कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है.

        दुनिया में तीसरा स्थान पाने की तैयारी

        सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर के सीईओ जैक डोरसे अभी हाल में NFT से जुड़े अपने ट्वीट में पोलीगॉन के एक एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया था. पोलीगॉन के फाउंडर का कहना है कि भारत की इस करंसी को दुनिया में ब्लॉकचेन का पावरहाउस बनाना है. पोलीगॉन की तैयारी दुनिया में सभी digital currency को पछाड़ते हुए बिटकॉइन और इथीरियम से लोहा लेने की है. कंपनी का कहना है कि जल्द ही वह bitcoin और इथीरियम (etherium) के बाद तीससे स्थान पर होगी.

        अप्रैल महीने में पोलीगॉन ने इंफोसिस लिमिटेड के साथ साझेदारी कर खुद को एनएफटी, डीफी और इंश्योरेंस के साथ जोड़ा है. अमेरिका, यूरोप और चीन में जिस तरह से क्रिप्टोकरंसी का विकास हुआ है, उस हिसाब से भारत अभी बहुत पीछे है, लेकिन काम तेजी से हो रहा है. पश्चिमी देशों का क्रिप्टोकरंसी के बाजार में बहुत बड़ा फैलाव है. भारत के उद्योगों ने काफी देर से इस क्षेत्र में काम शुरू किया है. दुनिया में अगर भारतीय क्रिप्टो को अपनी जगह बनाना है, इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.

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