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1990 में शेयर बाजार तेजी से बढ़ा जिसके लिए ब्रोकर मेहता को जिम्मेदार माना गया और उन्हें 'बिग बुल' का दर्जा दिया गया।
What is DP Means in Stock Market| DP Charges and role
स्टॉक मार्किट में DP का क्या Meaning होता है | DP चार्जेस क्यों और कितना लगता है
DP का full form stock market में क्या होता है
Depositories Participants (DPs)
यह एक तरह की संस्था (Organization ) होती है. जो गवर्नमेंट के अंडर में काम करती है. इसकी देखरेख SEBI यानी कि SECURITY AND EXCHANGE BOARD OF INDIA करता है.
यह आपके द्वारा खरीदी गई सिक्योरिटीज Securities को अपने पास रखता है.
सिक्योरिटीज का मतलब जैसे आपके द्वारा खरीदे गए Stocks, Mutual funds, shares, debentures, mutual funds, derivatives, F&O, and commodities.
कमोडिटी में आपके Curde oil. gold silver, Copper, सोना चांदी, मेंथा, धनिया मिर्चा, अदरक लहसुन, जितनी भी कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है वह सब डीपी चार्जेस के अंतर्गत आती है.
Which is Safe Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है NSDL or CDSL दोनों में कौन सुरक्षित हैं
NSDL AND CDSL यह दोनों संस्थाएं 1 तरीके से आपके लिए online Locker सिस्टम का काम करती हैं जिस तरह से आप अपने सोने को या गोल्ड को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखते हैं यह महसूस करके कि आपका सोना वहां पर सुरक्षित है उसी
तरीके से यहां पर आप अपने शेयर्स , म्यूच्यूअल फंड को सुरक्षित रखने के लिए यहां पर रखा जाता है क्योंकि, पुराने समय में कुछ घटनाएं ऐसी हुई है कि ब्रोकर बिना आपकी इजाजत के आपके द्वारा खरीदे गए shares को बेच देते थे स्क्वायर ऑफ (exit stocks position )
यह घटनाएं उस समय देखने में आई थी जब ऑनलाइन broking सिस्टम का जमाना नहीं था
लोगों को अपने शेयर खरीदने के बाद एक पेपर मिलता था फिर कंपनी की तरफ से पोस्टमैन या डाकिया आपके घर पर एक चिट्ठी ले करके आता था उसके अंदर वह सारे लिफाफे होते थे या ब्रोकर की ट्रेडिंग रिपोर्ट होती थी. यह सारा काम उस जमाने
में ऑफलाइन होता था. आप यह मान सकते थे इसमें धोखाधड़ी की संभावना काफी ज्यादा होती थी लेकिन आजकल ऐसा नहीं है आपके शेयर बेचने से पहले आपके पास ओटीपी आता है और ब्रोकर आपसे एक POA Form भी साइन करवाता है जिसको पावर ऑफ अटॉर्नी बोला जाता है.
फिलहाल अभी काफी हद तक सुरक्षित है भविष्य में क्या होगा इसका अंदाजा अभी नहीं है क्योंकि चीजें तो वक्त के साथ बदलती रहती है.
आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है आपको भी भविष्य के साथ में बदलना जरूरी है.
इसलिए आप ऑनलाइन डिमैट अकाउंट में जो भी प्रक्रिया है उसको पूरा करें और अपने शेयर को डीपी में जरूर रखें.
भारत में दो तरह की डीपी काम कर रही है.
1 NSDL
One is the National Securities Depository Limited (NSDL)
2 CDSL
Central Depository Service (India) Limited (CDSL)
हर एक Depository Participant (DP) को Depository में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है भारत में ट्रेडिंग में काम करने के लिए.
What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है
जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.
जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.
और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल
T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.
जिसमें आपके शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.
यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.
इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.
Which is better CDSL or NSDL?
NSDL और CDSL दोनों में कौन ज्यादा बेहतर बढ़िया है
अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर दो संस्थाएं काम कर रही हैं तो इनमें से अच्छी कौन है.
यह सवाल आना आपके दिमाग में बिल्कुल जरूरी है क्योंकि भारत में यह दोनों संस्थाएं भारत सरकार के नियंत्रण में काम कर रहे हैं तो दोनों ही संस्थाए है अच्छी है अब रही बात आप आपको कौन सा पसंद है यह ब्रोकर डिसाइड करता है कि उसको कौन सी संस्था चाहिए एनएसडीएल या सीडीएसएल इन दोनों में से वह कोई भी चुन लेता है और आप जब भी अपना डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं किसी भी ब्रोकर के अंडर में तब आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स अपने आप उस संस्था के पास चले जाते हैं जो कि आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखता है.
क्या मैं दोनों NSDL और CDSL ले सकता हूं?
आप यह बिल्कुल कर सकते हैं आप अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा डिमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं वहां पर जो भी ब्रोकर जिस संस्था से जुड़ा होगा वह अपने आप आपको उसका लाभ मिल जाएगा मतलब आपको सीडीएसएल या एनएसडीएल दोनों मिल जाएंगे अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा
जैसे अगर मैं उदाहरण के तौर पर बताऊ तो भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर zerodha है और ज़ेरोधा के पास CDSL का अकाउंट है ज़ेरोधा आपके शेयर को सीडीएसएल के पास में रखता है.
वहीं अगर किसी और ब्रोकर जैसे कि एंजल ब्रोकिंग के पास NSDL है और यह आपके शेयर को यहां पर रखता है तब आप अलग-अलग डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं
DP CHARGES OF BROKER
Angel broking DP charges |
भारत में कौन broker सबसे कम डीपी चार्जेस लेता है. देखिए दोनों ही तरह की संस्था है. और दोनों में बहुत ही थोड़ा सा अंतर है.
एक ब्रोकर का जो डीपी चार्जेस होगा वह संस्था के पास जाएगा ना कि ब्रोकर के पास.
वैसे अगर इसका अंदाजा यह लगाए कि आज के समय में जो भी डीपी चार्जेस चल रहे हैं वह लगभग हर एक आर्डर पर कम से कम 35 रुपए के आसपास चल रहे हैं और यह 45 रुपए तक है.
यह चार्जेस हर एक Oder पर अलग-अलग लिए जाते हैं.
जैसे कि इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं
मान लेते हैं आप नेस्ले इंडिया का एक शेयर खरीदते हैं. और उसको hold करते हैं. तब आपको उसका डीपी चार्जेस 35 रुपए तक लग सकता है.
वहीं अगर आप एक बार में अगर 1000 नेस्ले के शेयर्स खरीदते हैं या और किसी कंपनी के भी खरीदते हैं तब भी आपको DP का पैसा 35 रुपए से लेकर 45 रुपए के बीच में ही लगेगा.
यह हर एक आर्डर पर लगता है ना कि आपने कितने शेयर्स खरीदे एक बार में. इस पर
आप एक बार में चाहे हजार शेयर खरीद ले तब भी आपको उतने ही पैसे देने Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है हैं और चाहे आप एक बार में 1 शेयर खरीदे तब भी आपको उतने ही पैसे देने पड़ेंगे चार्जर्स के रूप में.
Is CDSL and NSDL safe क्या यह सुरक्षित है?
कौन सा ब्रोकर सबसे कम डीपी चार्ज लेता है
Which broker charges Less DP
इसका उत्तर मैंने आपको बता दिया चाहे DP CHARGES IN ANGLE BROKING, ZERODHA, UPSTOX,KOTAK SECURTIES, SHAREKHAN, ICICI DIRECT ,5 PAISA, GROWW, IIFL SECURITIES
किसी में भी खरीदने हैं या किसी में भी ट्रेड करते हैं आपको Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है हर जगह एक ही तरह का देना पड़ेगा क्योंकि यह पैसा ब्रोकर के पास में नहीं जाता है ब्रोकर के जरिए इन दोनों संस्थाओं के पास में जाता है
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- What is DP in stock Market
- What is SGX Nifty how to trade in Sgx nifty
इस पोस्ट को अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें इससे मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ेगा आपको इस तरह की और जानकारी देने के लिए आप एक बार इसको सभी सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
What is DP Means in Stock Market| DP Charges and role
स्टॉक मार्किट में DP का क्या Meaning होता है | DP चार्जेस क्यों और कितना लगता है
DP का full form stock market में क्या होता है
Depositories Participants (DPs)
यह एक तरह की संस्था (Organization ) होती है. जो गवर्नमेंट के अंडर में काम करती है. इसकी देखरेख SEBI यानी कि SECURITY AND EXCHANGE BOARD OF INDIA करता है.Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है
यह आपके द्वारा खरीदी गई सिक्योरिटीज Securities को अपने पास रखता है.
सिक्योरिटीज का मतलब जैसे आपके द्वारा खरीदे गए Stocks, Mutual funds, shares, debentures, mutual funds, derivatives, F&O, and commodities.
कमोडिटी में आपके Curde oil. gold silver, Copper, सोना चांदी, मेंथा, धनिया मिर्चा, अदरक लहसुन, जितनी भी कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है वह सब डीपी चार्जेस के अंतर्गत आती है.
Which is Safe NSDL or CDSL दोनों में कौन सुरक्षित हैं
NSDL AND CDSL यह दोनों संस्थाएं 1 तरीके से आपके लिए online Locker सिस्टम का काम करती हैं जिस तरह से आप अपने सोने को या गोल्ड को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखते हैं यह महसूस करके कि आपका सोना वहां पर सुरक्षित है उसी
तरीके से यहां पर आप अपने शेयर्स , म्यूच्यूअल फंड को सुरक्षित रखने के लिए यहां पर रखा जाता है क्योंकि, पुराने समय में कुछ घटनाएं ऐसी हुई है कि ब्रोकर बिना आपकी इजाजत के आपके द्वारा खरीदे गए shares को Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है बेच देते थे स्क्वायर ऑफ (exit stocks position )
यह घटनाएं उस समय देखने में आई थी जब ऑनलाइन broking सिस्टम का जमाना नहीं था
लोगों को अपने शेयर खरीदने के बाद एक पेपर मिलता था फिर कंपनी की तरफ से Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है पोस्टमैन या डाकिया आपके घर पर एक चिट्ठी ले करके आता था उसके अंदर वह सारे लिफाफे होते थे या ब्रोकर की ट्रेडिंग रिपोर्ट होती थी. यह सारा काम उस जमाने
में ऑफलाइन होता था. आप यह मान सकते थे इसमें धोखाधड़ी की संभावना काफी ज्यादा होती थी लेकिन आजकल ऐसा नहीं है आपके शेयर बेचने से पहले आपके पास ओटीपी आता है और ब्रोकर आपसे एक POA Form भी साइन करवाता है जिसको पावर ऑफ अटॉर्नी बोला जाता है.
फिलहाल अभी काफी हद तक सुरक्षित है भविष्य में क्या होगा इसका अंदाजा अभी नहीं है क्योंकि चीजें तो वक्त के साथ बदलती रहती है.
आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है आपको भी भविष्य के साथ में बदलना जरूरी है.
इसलिए आप ऑनलाइन डिमैट अकाउंट में जो भी प्रक्रिया है उसको पूरा करें और अपने शेयर को डीपी में जरूर रखें.
भारत में दो तरह की डीपी काम कर रही है.
1 NSDL
One is the National Securities Depository Limited (NSDL)
2 CDSL
Central Depository Service (India) Limited (CDSL)
हर एक Depository Participant (DP) को Depository में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है भारत में ट्रेडिंग में काम करने के लिए.
What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है
जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.
जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.
और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल
T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.
जिसमें आपके Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.
यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.
इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.
Which is better CDSL or NSDL?
NSDL और CDSL दोनों में कौन ज्यादा बेहतर बढ़िया है
अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर दो संस्थाएं काम कर रही हैं तो इनमें से अच्छी कौन है.
यह सवाल आना आपके दिमाग में बिल्कुल जरूरी है क्योंकि भारत में यह दोनों संस्थाएं भारत सरकार के नियंत्रण में काम कर रहे हैं तो दोनों ही संस्थाए है अच्छी है अब रही बात आप आपको कौन सा पसंद है यह ब्रोकर डिसाइड करता है कि उसको कौन सी संस्था चाहिए एनएसडीएल या सीडीएसएल इन दोनों में से वह कोई भी चुन लेता है और आप जब भी अपना डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं किसी भी ब्रोकर के अंडर में तब आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स अपने आप उस संस्था के पास चले जाते हैं जो कि आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखता है.
क्या मैं दोनों NSDL और CDSL ले सकता हूं?
आप यह बिल्कुल कर सकते हैं आप अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा डिमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं वहां पर जो भी ब्रोकर जिस संस्था से जुड़ा होगा वह अपने आप आपको उसका लाभ मिल जाएगा मतलब आपको सीडीएसएल या एनएसडीएल दोनों मिल जाएंगे अलग-अलग ब्रोकर के द्वारा
जैसे अगर मैं उदाहरण के तौर पर बताऊ तो भारत का सबसे बड़ा डिस्काउंट ब्रोकर zerodha है और ज़ेरोधा के पास CDSL का अकाउंट है ज़ेरोधा आपके शेयर को सीडीएसएल के पास में रखता है.
वहीं अगर किसी और ब्रोकर जैसे कि एंजल ब्रोकिंग के पास NSDL है और यह आपके शेयर को यहां पर रखता है तब आप अलग-अलग डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और इसका लाभ ले सकते हैं
DP CHARGES OF BROKER
Angel broking DP charges |
भारत में कौन broker सबसे कम डीपी चार्जेस लेता है. देखिए दोनों ही तरह की संस्था है. और दोनों में बहुत ही थोड़ा सा अंतर है.
एक ब्रोकर का जो डीपी चार्जेस होगा वह संस्था के पास जाएगा ना कि ब्रोकर के पास.
वैसे अगर इसका अंदाजा यह लगाए कि आज के समय में जो भी डीपी चार्जेस चल रहे हैं वह लगभग हर एक आर्डर पर कम से कम 35 रुपए के आसपास चल रहे हैं और यह 45 रुपए तक है.
यह चार्जेस हर एक Oder पर अलग-अलग लिए जाते हैं.
जैसे कि इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं
मान लेते हैं आप नेस्ले इंडिया का एक शेयर खरीदते हैं. और उसको hold करते हैं. तब आपको उसका डीपी चार्जेस 35 रुपए तक लग सकता है.
वहीं अगर आप एक बार में अगर 1000 नेस्ले के शेयर्स खरीदते हैं या और किसी कंपनी के भी खरीदते हैं तब भी आपको DP का पैसा 35 रुपए से लेकर 45 रुपए के बीच में ही लगेगा.
यह हर एक आर्डर पर लगता है ना कि आपने कितने शेयर्स खरीदे एक बार में. इस पर
आप एक बार में चाहे हजार शेयर खरीद ले तब भी आपको उतने ही पैसे देने हैं और चाहे आप एक बार में 1 शेयर खरीदे तब भी आपको उतने ही पैसे देने पड़ेंगे चार्जर्स के रूप में.
Is CDSL and NSDL safe क्या यह सुरक्षित है?
कौन सा ब्रोकर सबसे कम डीपी चार्ज लेता है
Which broker charges Less DP
इसका उत्तर मैंने आपको बता दिया चाहे DP CHARGES IN ANGLE BROKING, ZERODHA, UPSTOX,KOTAK SECURTIES, SHAREKHAN, ICICI DIRECT ,5 PAISA, GROWW, IIFL SECURITIES
किसी में भी खरीदने हैं या किसी में भी ट्रेड करते हैं आपको हर जगह एक ही तरह का देना पड़ेगा क्योंकि यह पैसा ब्रोकर के पास में नहीं जाता है ब्रोकर के जरिए इन दोनों संस्थाओं के पास में जाता है
Read also useful link
- Bank Nifty me trade kaise le| what is Bank nifty
- What is DP in stock Market
- What is SGX Nifty how to trade in Sgx nifty
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हर्षद मेहता: कहानी चार हजार करोड़ के उस घोटाले की जिसने बदल डाली शेयर बाजार की दिशा
डिंपल अलावाधी
Updated Fri, 09 Apr 2021 05:43 PM IST
- हर्षद मेहता ने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार हिला कर रख दिया था।
- यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का था।
- इसके बाद ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने की ताकत दी गई।
इन दिनों हर्षद मेहता का नाम फिर से चर्चा में है। हर्षद मेहता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। इसके बाद उनके जीवन पर किताब भी लिखी गई और वेब सीरीज भी बनी। अब अभिनेता अभिषेक बच्चन की फिल्म 'द बिग बुल' रिलीज हुई है, जिसके बाद से लोगों में इस कहानी का क्रेज और बढ़ गया है।
आज भी लोगों के जहन में है 1992 के स्कैम की यादें
देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। भारतीय अर्थव्यस्था के लिए साल 1990 से 1992 का समय बड़े बदलाव का वक्त था। लेकिन इस बीच एक ऐसा घोटाला सामने आया, जिसने शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रकिया में ऐतिहासिक परिवर्तन किए। इस घोटाले के जिम्मेदार हर्षद मेहता थे। यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का था और इसके बाद ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने की ताकत दी गई। घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता का 2002 में निधन हो गया। लेकिन 1992 के बहुचर्चित स्टॉक मार्केट स्कैम की यादें भी अब बहुत कम लोगों के जेहन में हैं।
कौन हैं हर्षद मेहता?
हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को पनेल मोटी, राजकोट गुजरात में हुआ था। उनका बचपन मुंबई के कांदिवली में गुजरा। उन्होंने होली क्रॉस बेरोन बाजार सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की। लाजपत राय कॉलेज से मेहता ने बी.कॉम की पढ़ाई की। आठ सालों तक उन्होंने छोटी नौकरियां की। उनकी पहली नौकरी न्यू इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्स पर्सन की थी। फिर उन्होंने हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज नाम की ब्रोक्रेज फर्म में नौकरी की। 1984 में खुद की ग्रो मोर रिसर्च एंड असेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी शुरू की और बीएसई में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली। मेहता ने मार्केट के हर पैंतरे प्रसन्न परिजीवनदास से सीखे। मेहता को 'बिग बुल' कहा जाता था क्योंकि उसने स्टॉक मार्केट में बुल रन शुरू किया था।
कैसे किया गोलमाल?
- 1990 में शेयर बाजार तेजी से बढ़ा जिसके लिए ब्रोकर मेहता को जिम्मेदार माना गया और उन्हें 'बिग बुल' का दर्जा दिया गया।
- अप्रैल 1992 में हुआ पैसों का खुलासा।
- मेहता बैंकिंग नियमों का फायदा उठाकर बैंकों को बिना बताए उनके करोड़ों रुपये शेयर मार्केट में लगाते थे।
- मेहता दो बैंकों के बीच बिचौलिया बनकर 15 दिन के लिए लोन लेकर बैंकों से पैसा उठाते थे और फिर मुनाफा कमाकर बैंकों को पैसा लौटा देते थे।
- इस यह बात जब सामने आई तो शेयर मार्केट में तेज गिरावट आनी शुरू हो गई।
- मेहता एक बैंक से फेक बैंक समाधान विवरण (बीआर) बनावाता था, जिसके बाद उसे दूसरे बैंक से भी आराम से पैसा मिल जाता था। कैश बुद और पास बुक के शेष में होने वाले अंतर को मिलाने के लिए जो लेखा तैयार होता है, उसे बैंक समाधान विवरण कहा जाता है।
- खुलासा होने के बाद मेहता के ऊपर 72 क्रमिनर चार्ज लगाए गए और सिविल केस फाइल हुए।
- मेहता पर कई केस चल रहे थे, मगर उसे मात्र एक केस में दोषी पाया गया था।
- उसे दोषी पाते हुए उच्च न्यायालय ने पांच साल की सजा और 25000 रुपये का जुर्माना ठोका था।
- मेहता थाणे जेल में बंद था।
- 31 दिसंबर 2001 को देर रात उसे दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उसे ठाणे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई।
परिवार से हुई वसूली
घोटाले के 25 साल बाद भी इसकी वसूली उनके परिवार से चल रही थी। कस्टोडियन ने मेहता की संपत्तियों को बेचकर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंकों व आयकर विभाग के नाम जारी कराई। 2017 में ही मेहता के पारिवारिक सदस्यों ने 614 करोड़ रुपये की रकम बैंक को दी।
विस्तार
इन दिनों हर्षद मेहता का नाम फिर से चर्चा में है। हर्षद मेहता ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। इसके बाद उनके जीवन पर किताब भी लिखी गई और वेब सीरीज भी बनी। अब अभिनेता अभिषेक बच्चन की फिल्म 'द बिग बुल' रिलीज हुई है, जिसके बाद से लोगों में इस कहानी का क्रेज और बढ़ गया है।
आज भी लोगों के जहन में है 1992 के स्कैम की यादें
देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। भारतीय अर्थव्यस्था के लिए साल 1990 से 1992 का समय बड़े बदलाव का वक्त था। लेकिन इस बीच एक ऐसा घोटाला सामने आया, जिसने शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रकिया में ऐतिहासिक परिवर्तन किए। इस घोटाले के जिम्मेदार हर्षद मेहता थे। यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये का था और इसके बाद ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने की ताकत दी गई। घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता का 2002 में निधन हो गया। लेकिन 1992 के बहुचर्चित स्टॉक मार्केट स्कैम की यादें भी अब बहुत कम लोगों के जेहन में हैं।
कौन हैं हर्षद मेहता?
हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को पनेल मोटी, राजकोट गुजरात में हुआ था। उनका बचपन मुंबई के कांदिवली में गुजरा। उन्होंने होली क्रॉस बेरोन बाजार सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की। लाजपत राय कॉलेज से मेहता ने बी.कॉम की पढ़ाई की। आठ सालों तक उन्होंने छोटी नौकरियां की। उनकी पहली नौकरी न्यू इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्स पर्सन की थी। फिर उन्होंने हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज नाम की ब्रोक्रेज फर्म में नौकरी की। 1984 में खुद की ग्रो मोर रिसर्च Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है एंड असेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी शुरू की और बीएसई में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली। मेहता ने मार्केट के हर पैंतरे प्रसन्न परिजीवनदास से सीखे। मेहता को 'बिग बुल' कहा जाता था क्योंकि उसने स्टॉक मार्केट में बुल रन शुरू किया था।
कैसे किया गोलमाल?
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1990 में शेयर बाजार तेजी से बढ़ा जिसके लिए ब्रोकर मेहता को जिम्मेदार माना गया और उन्हें 'बिग बुल' का दर्जा दिया गया।
क्या मिली सजा और कैसे हुई मौत?
- मेहता पर कई केस चल रहे थे, मगर उसे मात्र एक केस में दोषी पाया गया था।
- उसे दोषी पाते हुए उच्च न्यायालय ने पांच साल की सजा और 25000 रुपये का जुर्माना ठोका था।
- मेहता थाणे जेल में बंद था।
- 31 Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है दिसंबर 2001 को देर रात उसे दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उसे ठाणे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई।
परिवार से हुई वसूली
घोटाले के 25 साल बाद भी इसकी वसूली उनके परिवार से चल रही थी। कस्टोडियन ने मेहता की संपत्तियों को बेचकर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंकों व आयकर विभाग के नाम जारी कराई। 2017 में ही मेहता के पारिवारिक सदस्यों ने 614 करोड़ रुपये की रकम बैंक को दी।
Best forex broker in india Hindi |भारत में सबसे अच्छा फॉरेक्स ब्रोकर प्लेटफॉर्म
भारत में केवल चार INR based currency pairs उपलब्ध हैं – USD/INR, EUR/IND, GBP/INR और JPY/INR। आप EUR-USD, GBP-USD और USD-JPY पर cross currency F&O contracts का भी trading कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि cross currencies में संबंधित INR pair होते हैं।
लेकिन, यदि आप AUD (ऑस्ट्रेलियाई डॉलर), CHF (स्विस फ़्रैंक), कैनेडियन डॉलर (CAD), या अन्य currency pairs जैसे अन्य FX में trading करना चाहते हैं, तो आपको एक international forex broker के साथ एक forex account खोलने की आवश्यकता है।
विदेशी forex broker भारतीय निवासियों को खाता खोलने और विभिन्न Currencies, Stocks, Indices, Commodities और यहां तक कि top cryptocurrencies में trading करने की अनुमति देते हैं।
forex उच्च तरलता और कम मार्जिन आवश्यकताओं वाला सबसे बड़ा financial market है। विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिए आपको एक best forex broker accounts in india की आवश्यकता होती है।
लेकिन, इससे पहले कि आप एक विशिष्ट forex broker चुनें, आपको भारत में एक सबसे अच्छा विदेशी मुद्रा दलाल (Best forex broker in india) के चयन के लिए कारकों को जानना होगा। आप उन कारकों की जांच कर सकते हैं Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है जिन्हें मैंने section के बाद listed किया है –
यहाँ भारत में सबसे अच्छा फॉरेक्स ब्रोकर प्लेटफॉर्म की हमारी सूची है जिन्हें आप चेक कर सकते हैं-
OctaFx – भारतीय दर्शकों के लिए सर्वश्रेष्ठ
Olymp Trade – सबसे भरोसेमंद में से एक
FXTM Brokers के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है – फास्ट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए सर्वश्रेष्ठ
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XM Forex – $100,000 वर्चुअल बैलेंस के साथ डेमो खाता
iForex – एक-क्लिक डील निष्पादन के लिए बढ़िया
Alpari International – न्यूनतम न्यूनतम जमा राशि के लिए बढ़िया
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 503