पुरुषों और महिलाओं में सीने में तकलीफ सबसे सामान्य हार्ट अटैक के लक्षण है. यह दबाव, जकड़न, परिपूर्णता, जलन या धीरे-धीरे दर्द बढाता है.

सीने में जलन या बदहजमी

Heart Attack: सांस फूलना-जबड़े, कंधों में दर्द, हार्ट अटैक के ये 10 लक्षण न करें इग्नोर

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खराब लाइफस्टाइल और खान-पान से जुड़ी खामियों के चलते लोगों में उलटा सिर और कंधे क्या है दिल से जुड़ी बीमरियों का खतरा बढ़ गया है. इस तरह की दिक्कतें किसी भी वक्त हार्ट अटैक को ट्रिगर कर सकती हैं. दरअसल खून में थक्के बनने की वजह से हार्ट को पंपिंग करने यानी शरीर के दूसरे अंगों तक रक्त संचार करने के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है. इससे हार्ट के मसल्स फैलने लगते हैं और दिल का आकार बदलने लगता है. हार्ट अटैक आने का यही एक कारण है. आइए आपको इसके वॉर्निंग साइन यानी लक्षणों के बारे में बताते हैं.

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असामान्य हार्ट बीट

बाएं हाथ के दर्द को ना करें अनदेखा, हार्ट अटैक के अलावा हो सकती हैं ये 5 वजहें

Written by Editorial Team | Published : September 22, 2017 12:19 PM IST

हार्ट अटैक तो आजकल की एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है। अक्सर हम लोगों का यह मानना होता है कि अगर बायें हाथ में दर्द महसूस हो रहा है तो यह हार्ट अटैक ही होगा और हम लोग डॉक्टर के पास चले जाते हैं, यह एक अच्छी बात है कि हमें कोई दिक्कत समझ आई और हम डॉक्टर के पास चले गये। लेकिन क्या सिर्फ बायें हाथ में दर्द होना ही हार्ट अटैक का लक्षण है।

यह सही है कि बायें हाथ में दर्द होना सबसे सामान्य लक्षण है हार्ट अटैक का लेकिन यह मरीज के उम्र पर भी निर्भर करता है। किसी भी व्यक्ति के बायें हाथ में दर्द है तो डॉक्टर यह जरुर कहते हैं कि यह हार्ट अटैक हो सकता है लेकिन उसके साथ मरीज में पसीना आना, घबराहट होना और मिचली आने जैसे लक्षण भी होने चाहिए।

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1) लोकल मस्कुलो स्केल्टन डिसऑर्डर :उलटा सिर और कंधे क्या है बायें हाथ के कन्धों में आर्थराइटिस का होना या सर्वाइकल स्पोंडीलाइटिस की वजह से भी आपके बायें हाथ में दर्द हो सकता है। जो लोग अपना सारा काम बाएं हाथ से करते हैं जब वे कंप्यूटर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो उन्हें अक्सर सर्वाइकल स्पोंडीलाइटिस की समस्या होती है जिसकी वजह से बाएं हाथ में दर्द होने लगता है।

2) सर्वाइकल कम्प्रेसन: इसका मतलब होता है कि आपके कंधे की कोई नस यानी तंत्रिका दब रही है जिसकी वजह से आपके बाएं हाथ में दर्द होता है। इस टाइप के दर्द को कभी भी अनदेखा ना करें बल्कि तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाएं.

3) कंधे की चोट: अगर आपके कंधे में कोई चोट है तो इसकी वजह से भी बायें हाथ में दर्द हो सकता है। आपके कंधे में अगर कोई छोटा सा ट्यूमर भी है तो वहां की नसें दबाव महसूस करती हैं जिसकी वजह से उस हाथ में दर्द होने लगता है।

उलटा सिर और कंधे क्या है

मंगल मुहूर्त

kandhe ka fadkana

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अंगों का फड़कना कोई ना कोई संकेत देता है। जो कि हमारे आने वाले भविष्य में होने वाली घटनाओं को दर्शाता है। इसलिए इनका फड़कना क्या फल देता है। इसके बारे में भी जान लेना अति आवश्यक है। इसलिए यहां पर हम कंधे के फड़कने के बारे में जानेंगे, कि कंधे का फड़कना क्या दर्शाता है।

अंगों का फड़कना अगर ज्यादा हो तभी वह फल देता है। वरना अंगों के फड़कने के कई कारण से भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आप का अंग काफी देर तक या कुछ समय तक भड़के तभी उसका फल समझना चाहिए। वरना इसका कोई फल नहीं समझना चाहिए। क्योंकि आप के शरीर में कोई अन्य कारण से भी फडकन हो सकता है।

कंधे का फड़कना कैसा होता है?

कंधों का फड़कना आमतौर पर शुभ माना गया है। यह विजय का ही प्रतीक है। इसलिए हम यहां पर दाहिने कंधे और बाये कंधे दोनों की अलग-अलग बात करेंगे। जिससे आप को आसानी से समझ में आ जाएगा।

अगर किसी व्यक्ति का दाहिना कंधा फड़कना है। तो यह एक बेहद शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है, कि दाहिना कंधा फड़कने से धन लाभ होता है। विजय की प्राप्ति होती है। समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ता है। इसलिए यह उलटा सिर और कंधे क्या है एक शुभ संकेत देता है।

बाएं कंधे का फड़कना

अगर किसी व्यक्ति का बायां कंधा उलटा सिर और कंधे क्या है फड़कना है। तो यह भी एक शुभ संकेत ही माना जाता है। क्योंकि बाएं कंधे के फड़कने से जल्द मिलने वाली सफलताओं को दर्शाता है। इसलिए इसे बेहद शुभ संकेत माना जा सकता है।

अगर किसी व्यक्ति का दोनों कंधा एक साथ भड़कता है। तो यह एक अशुभ संकेत देता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि जिस व्यक्ति का दोनों कंधा एक साथ फड़कता है। तो वह आने वाले निकट भविष्य में होने वाली कोई बड़ी लड़ाई का संकेत देता है। इसलिए इससे आप सावधान रहें। क्योंकि आप के निकट भविष्य में किसी के साथ बड़ी गंभीर लड़ाई होने का यह सूचक है।

एनजाइना दो प्रकार के होते है:

  1. स्टेबल एनजाइना- इस स्थिति को पहलें से अनुमान लगाया जा सकता है और इसका उपचार किया जा सकता है. यह केवल शारीरिक प्रयास या भावनात्मक तनाव के दौरान होता है. इसमें ह्रदय अधिक कार्य करता है और संकुचित धमनियों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. इसका उपचार आराम कर के किया जा सकता है और यदि आवश्यक हो तो नाइट्रोग्लिसरीन नामक एक धमनी-आराम दवा के सेवन करें.
  2. * अनस्टेबल एनजाइना- आप इसका अनुमान नहीं लगा सकता है और घातक हो सकता है. यह आराम करते समय भी हो सकता है, जिसका अर्थ है कि हृदय को लगातार उलटा सिर और कंधे क्या है पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. अस्थिर एनजाइना एक संकेत है कि दिल का दौरा पड़ सकता है और इसका निदान इमरजेंसी रूम में किया जाना चाहिए.
  • बर्सा एक हड्डी और चलने वाले जोड़ों के हिस्सों के बीच तरल पदार्थ से भरी थैली होती है.
  • जब बर्सा में सूजन होता है, तो इसे बर्साइटीस कहा जाता है. कंधे के बर्साइटिसअक्सर बार-बार होने वाले मूवमेंट के कारण होता होता है. बढती उम्र के साथ बर्साइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है.
  • आपके हिलने या जब आप अपने हाथ या कंधे पर लेट जाते हैं तो दर्द आमतौर पर बढ़ जाता है. आप अपने कंधे को पूरी तरह से घुमाने में सक्षम नहीं होते हैं. इसके अन्य लक्षणों में जलन और झुनझुनी शामिल हैं.

फ्रैक्चर या ब्रोकन बोन होने पर भी बाएं हाथ में दर्द हो सकता है

जब हाथ फ्रैक्चर हो जाता है तो दर्द के अलावा कोई कोई बाहरी संकेत नहीं होता है. यदि आप अपने बांह, कलाई या हाथ को घूमाते है तो दर्द बढ़ जाती है. इसके अन्य लक्षणों में सूजन और सुन्नता शामिल है.

ट्रीटमेंट

  • यदि आपको हृदय रोग है, तो इसके उपचार के लिए दवाएं और हृदय-स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए. यदि आपको दिल की गंभीर बीमारी है, तो कभी-कभी अवरुद्ध धमनियों को साफ करने या बायपास करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
  • टूटी हुई हड्डियों को वापस अपनी स्थिति में लाना चाहिए और जब उलटा सिर और कंधे क्या है तक वे ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक स्थिर रखना चाहिए. इसके लिए आमतौर पर कई हफ्तों तक प्लास्टर रखना पड़ता है. गंभीर स्थिति में कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता भी होती है. और तनाव के लिए, अपनी बांह को ऊपर उठाएं और आराम प्रदान करें. प्रभावित हिस्से पर आइस रगड़े.

गर्दन दर्द से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, जानें लक्षण व कारण

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नई दिल्ली (टीम डिजिटल)। गर्दन में होने वाले दर्द को आमतौर पर लोग नजरअंदाज करते हैं, लेकिन कई बार यह दर्द बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। गर्दन में दर्द किसी भी उम्र के महिला -पुरुष और बच्चों को हो सकता है। लाइफ स्टाइल के कारण पिछले कुछ सालों में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के रोगियों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

क्या है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस

गर्दन का दर्द जो सर्वाइकल को प्रभावित करता है, वह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस कहलाता है। यह गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन तक पहुंच जाता है। इससे गर्दन घुमाने में उलटा सिर और कंधे क्या है परेशानी होती है और कमज़ोर मासपेशियों के कारण, हाथों को उठाना भी मुश्किल होता है।

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