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एफडी में निवेश हमेशा रिस्क फ्री नहीं, जानिए- क्या-क्या हैं जोखिम?
कुछ बैंक फिक्स्ड डिपोजिट की सुविधा सेविंग अकाउंट होने पर ही देते हैं. लेकिन कुछ बैंक सीधे फिक्स्ड डिपोजिट सुविधा देते हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Jun 2020 11:31 AM (IST)
बैंकों का फिक्स्ड डिपोजिट बिल्कुल सुरक्षित निवेश माना जाता है. इसके डूबने का कोई खतरा नहीं होता और इस पर एक निश्चित ब्याज तय होता है. इसलिए सुरक्षित रिटर्न चाहने वाले निवेशक इस पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं. चूंकि फिक्स्ड डिपोजिट बाजार के जोखिम से जुड़े नहीं होते हैं इसलिए यह निश्चित रिटर्न के गारंटी वाले होते है.लेकिन फिक्स्ड डिपोजिट के जोखिम भी हैं. सजग निवेशकों के लिए इन्हें जानना बेहद जरूरी है.
कुछ बैंक फिक्स्ड डिपोजिट की सुविधा सेविंग अकाउंट होने पर ही देते हैं. लेकिन कुछ बैंक सीधे फिक्स्ड डिपोजिट सुविधा देते हैं. आइए एफडी करवाने से पहले जान लेते हैं कि इनके जोखिम क्या हैं.
पेनाल्टी का जोखिम
फिक्स्ड डिपोजिट को आप जब चाहे तुड़वा सकते हैं. लिक्वडिटी के हिसाब से यह बेहतरीन निवेश इंस्ट्रूमेंट है लेकिन मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर पेनाल्टी लगती है. पेनाल्टी की राशि अलग-अलग बैंक में अलग-अलग होती है.
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बैंक डिफॉल्ट का जोखिम
बैंक डिफॉल्ट होने से एफडी निवेशकों का पैसा फंस सकता है. हालांकि भारत में निवेशकों को गारंटी मिली होती है. लेकिन हाल में कई बैंक डूबे हैं और निवेशकों का पैसा ब्लॉक हो गया है. आरबीई पांच लाख रुपये तक पर गारंटी देता है लेकिन इससे ऊपर की राशि पर गारंटी नहीं है.
कम ब्याज दर का जोखिम
बैकों पर कर्जा सस्ता करने का दबाव बढ़ने के साथ ही फिक्सड डिपोजिट पर ब्याज लगातार घटता जा रहा है. अब महंगाई दर और एफडी के ब्याज दर में बहुत कम अंतर रह गया है. इसलिए फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश करना रिटर्न के लिहाज से खराब निवेश माना जाने लगा है. एफडी के कम ब्याज की वजह से निवेशक म्यूचुअल फंड की ओर रुख करने लगे हैं.
लॉक-इन पीरियड का जोखिम
बैंक फिक्स्ड डिपोजिट एक साल से लेकर पांच साल तक की अवधि के लिए होते हैं. लंबे लॉक-इन पीरियड की वजह से लंबी अवधि तक आपको कम ब्याज दर से संतोष करना पड़ता है. पिछले कुछ साल से बैंक लगातार एफडी पर ब्याज घटाते जा रहे हैं.
Published at : 18 Jun 2020 11:30 AM (IST) Tags: FD interest rate Fixed deposit Penalty fixed deposit FD हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Low Risk Investment Options: निवेश के इन विकल्पों में रिस्क है कम, जरूरत के हिसाब से चुन सकते हैं ऑप्शन
Low Risk Investment Options हम सभी अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखते हुए इसे बढ़ाना चाहते हैं। कोई भी अपने पैसे को समय के साथ यूं ही नहीं पड़े देना चाहता। बल्कि सभी इससे कुछ अर्जित करना ही चाहते हैं।
नई दिल्ली, हर्ष जैन। जब बात निवेश की आती है तो अधिकांश लोग ऐसे विकल्प की तलाश करते हैं जो सुरक्षित और विश्वसनीय हो और साथ ही यह उन्हें जोखिम का सामना करने से बचाए। जाहिर तौर पर यह स्वाभाविक भी है। हम सभी अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखते हुए इसे बढ़ाना चाहते हैं। कोई भी अपने पैसे को समय के साथ यूं ही नहीं पड़े देना चाहता। बल्कि, सभी इससे कुछ अर्जित करना ही चाहते हैं। एक सुरक्षित निवेश एक ऐसा निवेश है जो शून्य से थोड़े जोखिम के बीच होता है। हां, निवेश के ऐसे अन्य विकल्प मौजूद हैं जिनमें उच्च जोखिम शामिल हैं, लेकिन जो निवेशक पूंजी वृद्धि के मुकाबले आम तौर पर अपने वित्त की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं, वे सर्वाधिक सुरक्षित निवेश की तलाश करते हैं।
तो वैसे बेहतरीन जोखिम-मुक्त निवेश कौन-से हैं जिनमें आप अपना पैसा लगा सकते हैं? यहां उनमें से कुछ का जिक्र किया गया है, जिसे आप शून्य से कम जोखिम के बीच अपने निवेश के लिए बेहतर विकल्प के रूप में आजमा सकते है।
●बचत खाता - बेहद कम जोखिम
●डाकघर योजना - बेहद कम जोखिम
●सावधिक जमा - कम जोखिम
●आवर्ती जमा - कम जोखिम
●PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) - कम जोखिम
●गैर-इक्विटी म्युचुअल फंड्स - कम से लेकर मध्यम जोखिम
बचत खाते (Savings Account)
प्रत्येक कॉमर्शियल बैंक अपने ग्राहकों को उनकी गाढ़ी कमाई में से बचत करने के लिए एक बचत खाता प्रदान करता है। वित्त का प्रबंधन करने के लिए बचत खाता की जरूरत होती है, लेकिन यह कम रिटर्न देता है। सामान्य तौर पर रिटर्न लगभग 4% होता है और यह बैंक दर बैंक अलग-अलग होता है। यदि आप अपना पैसा रखना चाहते हैं और बार-बार निकासी करना चाहते हैं, तो बचत खाता एक आदर्श विकल्प हो सकता है। इसलिए आप एक बचत खाता चुनते हुए ब्याज दरों की तुलना कर अपने लिए सबसे अच्छे खाते का चयन कर सकते हैं।
डाकघर योजनाएं (Post Office Schemes)
भारतीय डाक विभाग विभिन्न योजनाएं उपलब्ध कराता है जो व्यक्तियों को अपना धन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। यह बचत की आदत भी विकसित करता है। और साथ ही, डाकघरों की योजनाओं से मिलने वाला रिटर्न बैंकों और अन्य एनबीएफसी की तुलना में अधिक है। एक डाकघर योजना आमतौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ट्रैकिंग सिस्टम की पेशकश नहीं करती है, और इसके लिए आपके लिए अपने नजदीकी डाकघर जाना ही पड़ेगा। डिजिटलीकरण तेजी से हो रहा है, तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि डाक विभाग जल्द ही इसे अपनाएगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)
आपने इसके बारे में सुना होगा और निश्चित तौर पर सावधि जमा या फिक्स्ड डिपॉजिट भारत में सर्वाधिक सुरक्षित निवेश में से एक है। दशकों तक यह भारतीयों के लिए पसंदीदा विकल्प रहा है और यह बात अतीत में साबित भी हुई है। सरप्लस फंड के लिए इससे बेहतर जगह और क्या हो सकती है? यह ज्यादातर परिपक्वता पर तयशुदा रिटर्न के साथ सभी बैंकों द्वारा ऑफर किया जाता निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं? है और सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह स्पष्ट रूप से जोखिम मुक्त है।
रेकरिंग डिपॉजिट या आवर्ती जमा
आवर्ती जमा या रेकरिंग डिपॉजिट काफी हद तक सावधिक जमा के समान हैं। सावधि जमा में निवेश एकमुश्त जमा के माध्यम से किया जाता है। आवर्ती जमा में नियमित अंतराल पर निश्चित राशि के रूप में निवेश किया जाता है, जैसे कि महीने में एक बार। सावधिक जमा की तरह आवर्ती जमा भी रिटर्न की गारंटी देता है, और आवर्ती जमा पर ब्याज दर पूरी निवेश अवधि में नहीं बदलती है और परिपक्वता पर निवेश की गई राशि को उस पर अर्जित ब्याज के साथ एकमुश्त राशि के रूप में लौटा दिया जाता है।
PPF (सार्वजनिक भविष्य निधि)
सार्वजनिक भविष्य निधि भी भारत में बचत का एक बहुत लोकप्रिय विकल्प है, और यह रिटर्न और कर छूट की गारंटी भी देता है। सरकार यह योजना व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति पर बचत करने में मदद करने के लिए प्रदान करती है। यह एक ऐसी योजना है जिसे बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है। आमतौर पर इस योजना का कार्यकाल 15 साल का होता है और जरूरत पड़ने पर इसे और भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस योजना में समय से पहले आकस्मिक निकासी का भी प्रावधान है। इसलिए यह एक बेहतर स्थिति है। यह सुरक्षित है, गारंटीड या तयशुदा रिटर्न देने वाला है और साथ ही यह आपको कर बचत का विकल्प देता है।
गैर इक्विटी म्युचुअल फंड्स
गैर-इक्विटी म्युचुअल फंड डेट और गिल्ट फंड की तरह हैं, और ये पूंजी की सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये ऐसी योजनाएं हैं जिनमें कम जोखिम होता है। यह हमेशा सरकारी बॉन्ड, डिबेंचर और फिक्स्ड सिक्यॉरिटीज वाले गोल्ड बॉन्ड जैसे सुरक्षित उत्पादों में निवेश करता है। इन योजनाओं की समयावधि छोटी, मध्यम या दीर्घकालिक है, और यह उस फंड के प्रकार पर निर्भर करता है, जिसे आपने अपने वित्तीय लक्ष्य के मुताबिक चुना है।
आपके पैसों के सुरक्षित होने के अलावा, जोखिम-मुक्त निवेशों में एक कमी यह है कि ये कम रिटर्न देने वाले हैं। इसे छोड़कर, प्रत्येक निवेशक को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर योजनाओं में निवेश करना चाहिए, और यदि आपकी जोखिम लेने की क्षमता कम है या आप पूंजी गंवाने का जोखिम नहीं ले सकते हैं तो कम जोखिम वाले निवेश सबसे अच्छे निवेशों में से एक हैं।
(लेखक ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी औऱ सह-संस्थापक हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
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काम की बात: बहुत फायदे का सौदा है Mutual Fund, लेकिन इसमें निवेश से पहले ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी
ज्यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले आपको जरूर जान लेनी चाहिए ये 4 बातें.
आज के समय में हर कोई निवेश के वो विकल्प ढूंढता है, जिसमें उसे कम समय में बेहतर रिटर्न मिल सके. ऐसे में म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. बीते कुछ समय में लोगों को इससे काफी अच्छा रिटर्न मिला है, यही वजह है किआज ज्यादातर विशेषज्ञ Mutual Fund को निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प मान रहे हैं. आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके लम्बे समय में काफी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि म्यूचुअल फंड को आप 500 से 1000 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना चुके हैं तो इसमें इनवेस्ट करने से पहले कुछ बातों को जरूर जान लें, ताकि बाद में किसी तरह का पछतावा न हो.
जोखिमभरा है म्यूचुअल फंड
इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि Mutual Funds को जोखिमभरा माना जाता है क्योंकि इसका रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है. हालांकि रिटर्न का जोखिम इस पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है. अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा. वहीं स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा, लेकिन गिरावट में नुकसान की आशंका भी ज्यादा होगी. इस मामले में Fund Manager के अनुभव मददगार साबित होते हैं. वे इसके जोखिम को कम करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के मौके बनाते हैं.
सही म्यूचुअल फंड का करें चुनाव
निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्यूचुअल फंड उपर्युक्त साबित होगा. उपर्युक्त म्यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्ट म्यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं? कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.
एक्सपेंस रेश्यो जरूर देखें
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्सपेंस रेश्यो जरूर देख लें. आमतौर पर आपको लगता होगा कि अगर किसी फंड का रिटर्न 15 फीसदी या 18 फीसदी है तो आपको भी निवेश करने पर उतना ही फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि इसके बीच एक्सपेंस रेश्यो आ जाता है. आपके म्यूचुअल फंड को मैनेजमेंट का जो भी खर्च आता है उसे एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता है. किसी भी फंड का एक्सपेंस रेश्यो ही ये तय करता है कि आपको कोई फंड कितना सस्ता मिलेगा. एक्सपेंस रेश्यो कम या ज्यादा होने का असर आपके रिटर्न पर भी पड़ता है.
महंगाई का जोखिम
म्यूचुअल फंड पर महंगाई का जोखिम भी होता है क्योंकि इसमें लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है. हालांकि आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहीं पर आपके फंड मैनेजर का अनुभव भी काम करता है. फंड निवेशकों के लिए कुछ जोखिम क्या हैं? मैनेजर फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो.
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