पहला बिंदु इतिहास अपने आप को दोहराता तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? है इसका मतलब है कि मानव मनोविज्ञान समान होता है, इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। इतने सालों तक चार्ट का गठन या प्राइस पैटर्न का आकार प्रकृति में दोहराव वाला होता है क्योंकि मानव मनोविज्ञान समान होता है,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं।
Technical Analysis (Hindi)
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? में जानेगे !!
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Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis
Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात ये तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।
Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।
Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं
ग्राफिकल विश्लेषण के साथ ट्रेंड की ताकत का आकलन करना
ट्रेंड ट्रेडिंग पद्धति के साथ, ट्रेंड जितना मजबूत होगा, कमाई की संभावना उतनी ही अधिक होगी, और ट्रेडों का बड़ा आकार अधिक मुनाफे के अवसर प्रदान कर सकता है।
काउंटर-ट्रेंड रणनीति में, ट्रेडर को यह जानना ज़रूरी है कि ट्रेंड कब कमजोर हो सकता है ताकि वे विपरीत दिशा में एक ट्रेड खोल सकें।
दोनों ही परिदृश्यों में, ट्रेडर को मौजूदा ट्रेंड की ताकत का आकलन करने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने का सबसे आसान तरीका एक ट्रेंड रेखा खींचना और हॉरिजॉन्टल अक्ष (एक्सिस) के साथ उसके द्वारा बनाए गए कोण का आकलन करना होता है।
कोण जितना बड़ा होगा, या ढलान जितना अत्यधिक होगा, ट्रेंड उतना ही मजबूत होगा।
गणितीय विधियों के साथ ट्रेंड की ताकत का आकलन करना
एक ट्रेंड की ताकत का आकलन करने का एक वैकल्पिक तरीका वॉल्यूम (मात्रा), ओपन इंटरेस्ट और अस्थिरता के तीन संकेतकों को देखना है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम (मात्रा) यह है कि किसी निश्चित असेट में फिलहाल कितना पैसा है या कीमत कितनी बार बदली या टिक हुई है। बाद वाले को टिक वॉल्यूम कहा जाता है।
ओपन इंटरेस्ट एक जटिल इंडिकेटर है जो नए ट्रेडों के प्रकट होते ही बदल जाता है। यदि कीमतों में वृद्धि के साथ ओपन इंटरेस्ट बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि अधिक से अधिक ट्रेडर अप ट्रेड खोल रहे हैं।
एक मजबूत ट्रेंड में, कीमत में वृद्धि या गिरावट अक्सर वॉल्यूम (मात्रा) और ओपन इंटरेस्ट में वृद्धि के साथ होती है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम (मात्रा) और ओपन इंटरेस्ट में गिरावट से एक मंदी और ट्रेंड परिवर्तन का संकेत मिलता है।
एवरेज ट्रू रेंज के साथ ट्रेडिंग करना
ATR इंडिकेटर को RSI इंडिकेटर के निर्माता वेल्स वाइल्डर द्वारा विकसित किया गया था। ट्रू रेंज ATR की गणना में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इंडिकेटर की अवधारणा इस प्रकार है: जब अस्थिरता बढ़ती है, तो ATR भी बढ़ता है। जब अस्थिरता कम होती है, तो ATR भी कम होता है।
यदि ट्रेंड मजबूत है, तो ट्रेंड की ताकत की तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है? पुष्टि करते हुए एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर बढ़ेगा।
जब ट्रेंड कमजोर हो रहा होता है, ATR गिर जाता है।
इस प्रकार, एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर अप या डाउन ट्रेडों को खोलने के लिए सटीक संकेत नहीं देता है। इसलिए कोई विशिष्ट एवरेज ट्रू रेंज रणनीति नहीं है। हालांकि, ATR तकनीकी इंडिकेटर मौजूदा ट्रेंड की ताकत की पुष्टि करने में बहुत उपयोगी है।
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