Written by: Deepshikha Singh Updated at: Aug 04, 2022 17:43 IST

Health Tips: माइग्रेन को जड़ से खत्म करेंगे ये 3 योगासन, आज से ही करें शरू

Yoga For Migraine: क्या आप भी माइग्रेन से क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? पीड़ित हैं, लगातार सर दर्द से परेशान रहते हैं, क्या आप भी चिंतिंत रहते हैं, तो ये 3 ऐसा योगासन है जो आपके माइग्रेन को कम करने में राहत देगा.

By: ABP Live | Updated at : 01 Jul 2022 05:27 PM (IST)

Yoga For Migraine: माइग्रेन आपके मस्तिष्क के एक तरफ वाले हिस्से को जकड़ कर रखता है, और बहुत तेजी से दर्द करता है. ये अक्सर ज्यादा सोचने से और तेज आवाज वाली चीजों को सुनने से होता है. साथ ही तेज धुप के कारण भी यह आपके सर पर प्रभावी हो जाता है, जिससे आप लोगों की परेशानिया अधिक बढ़ जाती है, और डॉक्टर का सहारा लेना पड़ता है, सामान्य तरीके से देखा जाये तो ये कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है, इसे हम योग करके भी कंट्रोल कर सकते है.

1- सूक्ष्मा व्यायम- यह एक प्रकार का व्यायाम है, जो आपके शरीर की गर्दन, चेहरे और सिर को ढीला करने के लिए होता है, यह आपकी मांसपेशियों के लिए बेहद फायदेमंद है, माइग्रेन का दर्द इतना प्रभावी नहीं होगा आपके लिए अगर आप रोजाना इस योग को करते है. इसे करने के लिए
कैसे करें-दाएं पैर को मोड़कर बाईं जंघा पर रखें, बाएं हाथ से दाहिने पंजे को पकड़े तथा दाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें, और अब दाएं हाथ को दाएं घुटने के नीचे लगाते हुए घुटने को ऊपर उठाकर छाती से लगाए तथा घुटने को दबाते हुए जमीन पर टिका दें, इस तरह ऊपर और नीचे 8-10 बार करें

2- हाथ खिंचाव श्वास- यह एक बहुत ही सरल व्यायाम है, जो माइग्रेन के लिए फायदेमंद हो सकता है, यह आपके शरीर की मांसपेशियों को फैलाता है, जो आपके सिरदर्द को नियंत्रण में लाने के लिए भी सहायता है, आइए जानते हैं इस योगासन को करने के तरीके.

कैसे करें- आपके दोनों पैरो पर शरीर का वजन सामान होना चाहिए. अब धीरे-धीरे हाथों को कंधों के समानान्तर लाएं. अब दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं. अब सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जब तक आपको कंधों और छाती में खिंचाव महसूस नहीं होने लगे

3- कटि परिवर्तनासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पैरों को मिलाकर सीधे खड़े रहें, अब अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई के हिसाब से ही फैलाएं, इसके बाद अपने दोनों हाथों को कमर पर रखें और दाहिने साइड पर कमर को ट्विस्ट करें, लगभग 60 से 90 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें, इसके बाद बाईं साइड पर कमर को ट्विस्ट करें, इस तरह 10 रैप लगाएं

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Published at : 01 Jul 2022 06:57 PM (IST) Tags: Health Fitness Yoga हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर

शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि.

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर

शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि गोयल

हार्ट अटैक व अन्य कारणों से होने वाले दर्द में फर्क
जब हम अपने बाएं हाथ में दर्द महसूस करते हैं, तो हमें और दूसरी चीजें भी देखनी चाहिए। जैसे पसीने का आना, अचानक ब्लडप्रेशर का कम होना और टहलने पर दर्द का बढ़ जाना। यदि ये सारे लक्षण एक साथ महसूस हो रहे हैं, तो यह हार्ट अटैक हो सकता है। अगर मरीज को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर ठीक नहीं है और तब बाएं हाथ में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है।

आप गौर करें, तो देखेंगे कि हमारे शरीर में होने वाले कुछ संकेतों की हम अनदेखी कर देते हैं, जिसका कई बार हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा ही एक संकेत है शरीर में दर्द। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है और वह पेन किलर और किसी भी अन्य उपाय से जा नहीं रहा है, तो उसे मामूली समझकर उसकी अनदेखी न करें।

अगर पीठ, कमर या पैरों में लगातार तेज दर्द रहता हो, तो यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। अकसर महिलाएं अपनी पीठ, कमर या पैरों के दर्द को थकान की वजह से होने वाली मामूली तकलीफ समझकर उसे नजरअंदाज कर देती हैं, पर ऐसा करना ठीक नहीं। यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। सायटिका पीठ में दर्द की एक ऐसी स्थिति को कहते हैं, जो सियाटिक नर्व के दब जाने से पैदा होती है। यह नर्व पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के अंगूठे तक पहुंचती है। यह नस हमारी मांसपेशियों को शक्ति देने का काम करती है और इसी की वजह से हमें संवेदना महसूस होती है। अगर किसी वजह से यह नर्व दब जाती है, तो यह दूसरी नसों को भी दबाने लगती है। इससे व्यक्ति को कमर, पीठ और पैरों में दर्द होता है।

पेट दर्द
पेट दर्द को हम कई बार मामूली समस्या समझ बैठते हैं। कई बार खाने-पीने या गैस की वजह से पेट में दर्द होना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर बिना वजह आपके पेट के किसी विशेष हिस्से में दर्द हो रहा है, तो यह किसी गंभीर बीमारी की तरफ इशारा हो सकता है।

बायीं ओर : अगर पेट में बायीं तरफ दर्द महसूस हो रहा है और यह कभी-कभार नहीं, बल्कि अकसर होता है, तो सतर्क हो जाएं। यह किडनी संबंधी परेशानी या फिर किडनी में पथरी बनने के कारण भी हो सकता है। इस स्थिति में पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं।

दाहिनी ओर : पेट में दाहिनी ओर होने वाला दर्द सेहत से जुड़ी अनेक समस्याओं की ओर इशारा करता है। यह अपेंडिसाइटिस के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं में नीचे की ओर यह दर्द गर्भाशय की समस्या के कारण भी हो सकता है।

बीच में : पेट के बीचोबीच होने वाला दर्द पेट में अल्सर होने की तरफ इशारा कर सकता है। यह गैस व अम्लीयता के कारण भी होता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।

नीचे की ओर : पेट में नीचे की तरफ उठने वाला दर्द मूत्राशय से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। यह मूत्रनली में संक्रमण के कारण भी हो सकता है।

सिरदर्द
सिरदर्द वैसे तो आम बीमारी है, लेकिन इसकी लगातार अनदेखी करने से यह खतरनाक भी हो सकती है। कई बार सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर, दिमागी बुखार, स्ट्रोक यानी लकवा, ब्रेन हैमरेज और माइग्रेन का भी संकेत हो सकता है। इसलिए सिरदर्द को नजरअंदाज न करें, बल्कि न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरोफिजिशयन की सलाह अवश्य लें।
ऐसे में डॉक्टरी सलाह है जरूरी
अचानक बहुत तेज सिरदर्द होना।
सिरदर्द के साथ बुखार, देखने में परेशानी, व्यवहार में बदलाव, मिर्गी, दौरा व बेहोश होना।
सुबह-सुबह सिरदर्द होना, सिरदर्द के साथ उल्टी आना।
सिरदर्द के साथ हाथ-पैर या शरीर के किसी भाग में कमजोरी होना।
रात में सोते समय अचानक तेज सिरदर्द होना।
बार-बार लंबे समय तक तेज दर्द होना माइग्रेन भी हो सकता है।

बाएं हाथ में दर्द
बाएं हाथ के कंधों में आथ्र्राइटिस या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की वजह से भी दर्द हो सकता है। जो लोग कंप्यूटर पर अपना सारा काम बाएं हाथ से करते हैं, उन्हें अकसर सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होती है, जिसकी वजह से बाएं हाथ में दर्द होने लगता है।
(फिजिशियन डॉ. डी. के. चौहान से की गई बातचीत पर आधारित)

कोरोनरी धमनी की बिमारी के बारे में

हृदय एक मांसपेशी होती है जो आपके पूरे शरीर में रक्त को पम्प करता है। रक्त में ऑक्सीजन और पोषक तत्व होते हैं जिनकी आवश्यकता शरीर को सही कार्य करने के लिए होती है। हृदय को उचित कार्य करने में सक्षम होने के लिए ऑक्सीजन युक्त ब्लड की निरंतर सप्लाई की आवश्यकता होती है। हृदय को इस रक्त की सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी धमनियां कहते हैं। यदि ये धमनियां सकरी हो जाती हैं या ब्लॉक हो जाती हैं तो परिणामस्वरूप हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, और इसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है।

कोरोनरी धमनी की बीमारी के क्या कारण होते हैं?

प्लाक (रक्त में वसा, कॉलेस्ट्रोल, कैल्सियम और अन्य पदार्थ) नामक वसीय, मोम जैसा जमा पदार्थ एथेरोस्कलेरोसिस नामक प्रक्रिया में कोरोनरी धमनियों में जमा हो सकता है। यह जमा हुआ पदार्थ आपकी धमनियों को संकरा बना सकता है या आपकी धमनियों में जम सकता है, जिससे हृदय में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को कोरोनरी धमनी की बीमारी (सीएडी) कहते हैं।

सीएडी पुरुषों और महिलाओं दोनों की मृत्यु का एक मुख्य कारण होता है।

सीएडी के संकेत और लक्षण क्या हैं?

क्योंकि कोरोनरी धमनी की बीमारी (रूकी हुई धमनी) कई सालों में विकसित होती है, इसलिए प्राय लक्षण गंभीर रुकावट होने और जीवन को खतरा होने तक दिखाई नहीं देते। जब आपका हृदय सामान्य की अपेक्षा अधिक कठिनाई से काम कर रहा होता है तो लक्षण पहले भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे कसरत के दौरान। लेकिन ये लक्षण उस समय भी हो सकते हैं जब आप आराम कर रहे होते हैं और कोई भी गतिविधि नहीं हो रही होती है।

हृदय में कम रक्त प्रवाह और ऑक्सीन के सबसे सामान्य संकतों में निम्न शामिल हैं:

- एन्जाइना (छाती में दर्द)

कई बार एंजिना को गलती से हृदय में जलन या अपच समझ लिया जाता है, जो हाथों, कंधों, पीठ और जबड़े में फैल सकता है। कुछ मामलों में यदि एक कोरोनरी धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है तो व्यक्ति को हार्ट अटैक आ सकता है, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्राक्शन के नाम से भी जानते हैं।

- छोटी सांसे आना साँसों का फूलना

हालांकि एक हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण छाती में दर्द या दबाव होता है, लेकिन महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षण भी हो सकते हैं जिनका संबंध छाती के दर्द से नहीं होता, जैसेः

-गर्दन, जबड़े, कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द

-छाती या पेट के ऊपरी हिस्से में जलन

-छोटी सांसें आना या अनियमित दिल की धड़कन

-असामान्य और बिना कारण थकान

-सूजन या “ठण्डा पसीना”

यदि आपको लगता है कि आप में कोरोनरी धमनी की बीमारी के लक्षण हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आप सोचते हैं कि आपको हार्ट अटैक आ सकता है तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करें।

किसे जोखिम होता है?

जब आपकी आयु बढती है तो आपकी धमनियों का सख्त होना और प्लाक का जमना संभावित है। लेकिन कुछ जोखिम कारक, जिनमें व्यवहार, अवस्थाएं या आदतें शामिल हैं, सीएडी के विकसित होने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। आपमें जोखिम के कारक जितने अधिक होंगे, सीएडी का विकास होने की संभावनाएं उतनी ही अधिक होंगी।

हालांकि कुछ जोखिम कारक आपके नियंत्रण में नहीं होते, जैसे आपकी आयु और पारिवारिक इतिहास, लेकिन दूसरे कारकों को नियंत्रित या दूर किया जा सकता है जिससे आपका जोखिम कम हो जाता है। इनमें निम्न शामिल हैं:

  • धूम्रपान
  • डायबिटीज
  • उच्च कॉलेस्ट्रोल
  • हाई ब्लड प्रेसर
  • मोटापा, और
  • कसरत का अभाव (ऐसा-आरामपूर्ण जीवनशैली)
  • छाती में कुछ प्रकार की रेडिएशन थेरेपी
  • तनाव
  • उच्च एलडीएल “बुरा” कॉलेस्ट्रोल और न्यून एचडीएल “अच्छा” कॉलेस्ट्रोल

आपका डॉक्टर आपके आहार के स्वस्थ विकल्पों के चुनाव, क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? तम्बाकु के प्रयोग, और गतिविधि के स्तर और तनाव प्रबंधन के संबंध में सहायता कर सकता है।

निदान

यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको कोरोनरी धमनी की बीमारी है तो वह आपको एक कोर्डियोलॉजिस्ट के पास भेज सकता/सकती है जो हृदय, धमनियों और नसों की समस्याओं का विशेषज्ञ होता है।

निदान करते समय आपका डॉक्टर आपके लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और जोखिम कारकों के बारे में पूछेगा। इस सूचना के आधार पर आपका डॉक्टर आपको जांच करवाने के लिए कह सकता है ताकि यह देखा जा सके कि आपकी धमनियां कितनी स्वस्थ हैं। सबसे सामान्य जांच निम्न हैं:

  • इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी)
  • इकोकार्डियोग्राम (इको)
  • स्ट्रेस टेस्ट
  • न्युक्लीयर हार्ट स्कैन/न्युक्लीयर स्टेªस टेस्ट
  • इलैक्ट्रॉन बीम कंप्युटराइज्ड टोमोग्राफी (ईबीसीटी)
  • मैग्नेटिक रिजोनेन्स एंजियोग्राफी (एमआरए)
  • एंजियोग्राफी
  • इंटरावस्कूलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस)
  • एक्स-रे
  • ब्लड टेस्ट
  • सीटी एंजियोग्राफी

डिस्क्लेमर

यह जानकारी प्रोफेशनल मेडिकल सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है. हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें.

लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका - Bodywise

क्या आप जानते हैं कि आप सिर्फ लेटे लेटे अपने बालों को बढ़ा सकते हैं? जाने लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका!

लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका - Bodywise

Contents

हम सभी ने सुना है कि एक अच्छी रात का आराम महत्वपूर्ण है, लेकिन वास्तव में पूरे ८ घंटे, कम या ज्यादा, आपके लिए अच्छा क्यों हो रहा है? यदि आप अच्छी तरह से सो नहीं रहे हैं, तो आप देख सकते हैं कि आपके बाल चमकदार या उछालभरे दिखाई नहीं देते हैं। और सिर्फ अछि तरह नींद ही नहीं, आप सिर्फ लेट कर भी अपने बाल अचे और घने कर सकते हैं। यहाँ आप देख सकते हैं लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका

लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका

जब नींद और बालों की देखभाल के बीच संबंध पर क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? अक्सर बहस होती है, तो ऐसे अध्ययन किए गए हैं जो यह पता लगाते हैं कि नींद की कमी बालों के विकास को प्रभावित करती है या नहीं। हम आपको नींद और बालों पर अंतिम मार्गदर्शिका देने के लिए यहां हैं।

अपने बालों को तेज गति से विकसित करने के लिए लोग अक्सर कई समाधानों की कोशिश करते हैं लेकिन उनके लिए कुछ भी ठीक से काम नहीं करता है। वे महंगे तेलों और शैंपू, और अन्य हेयरकेयर उत्पादों की भी कोशिश करते हैं जो कभी-कभी आपके बालों पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। तो, यहां आप एक साधारण कदम के बारे में जान सकते हैं जो आपको अपने बालों को जल्दी से विकसित करने में मदद करेगा।

"व्युत्क्रमण" विधि का प्रयास करें (लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका)

"व्युत्क्रम" विधि तब होती है जब आप अपने सिर को उलटते हैं क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? ताकि यह आपके दिल के नीचे हो, रक्त प्रवाह को उत्तेजित करता है जो तब बालों के विकास को प्रोत्साहित कर सकता है। अपने बिस्तर पर लेट जाएं और अपने सिर को बिस्तर के किनारे से लटकने की अनुमति दें ताकि आपकी गर्दन आपके बिस्तर के किनारे पर समर्थित हो।

आपको दिन में ४ से ५ मिनट के लिए इस स्थिति में रहने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह विधि काम करती है, यह एक हानिरहित विधि है जिसे आप बालों के विकास को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर सकते हैं। इसका सही तरीका आप यहाँ पढ़ सकते हैं -

  • आप नीचे की ओर कुत्ते, कंधे के स्टैंड, या सिर स्टैंड जैसे योग मुद्राएं भी कर सकते हैं। विचार यह है कि आपका सिर आपके दिल के नीचे है, जिससे आपके सिर में रक्त का प्रवाह होता है।
  • बालों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दिन में ४ मिनट के लिए उलटा करने से पहले आप नारियल के तेल से अपनी खोपड़ी की मालिश कर सकते हैं।
  • आप सप्ताह की शुरुआत में अपने बालों की लंबाई को भी मापना चाह सकते हैं ताकि आप अपनी प्रगति को चार्ट कर सकें।
  • धीरे-धीरे उलटा से बाहर निकलें ताकि आप बेहोश या चक्कर महसूस न करें। सप्ताह के अंत में, अपने बालों को फिर से मापें और ध्यान दें कि आपके बाल केवल एक सप्ताह में कितने लंबे समय तक बढ़ गए हैं।

कई अन्य कारक हैं जो इस प्रक्रिया का उपयोग करके बालों के विकास में योगदान देंगे। यद्यपि आप दिन में दो बार लगभग ५-१० मिनट के लिए ऐसा करके १० दिनों में परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं, प्रगति अलग-अलग होगी। बहुत से लोग केवल १ सप्ताह में परिणाम का अनुभव करते हैं।

इस विधि के साथ-साथ आपको अपने बालों की ठीक से देखभाल करनी होगी। उचित हेयरकेयर रूटीन में निम्नलिखित शामिल हैं-

  • सप्ताह के दौरान अपने बालों को दो से तीन बार शैंपू करें। सप्ताह में दो से तीन बार अपने शैम्पू रूटीन पर कटौती करने से आपकी खोपड़ी में तेल आपके बालों में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। आपके बाल तब हाइड्रेट और खुद को ठीक कर सकते हैं।
  • अपने बालों को ट्रिम करवाएं। हालांकि यह विपरीत लग सकता है, अपने बालों को छंटनी करने से वास्तव में इसे तेजी से और स्वस्थ होने में मदद मिल सकती है।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो। अपने प्रोटीन का सेवन बढ़ाने से स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा मिलेगा और यह सुनिश्चित होगा कि आप अपने बालों को बहाना या खोना शुरू न करें। सुनिश्चित करें कि आपका आहार मांस, मछली, बीन्स, नट्स और साबुत अनाज का संतुलन है।

निष्कर्ष

अब जब आप एक अद्भुत घरेलू उपाय जानते हैं - लेटे लेटे बाल लंबे करने का तरीका, तो क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? आप आज से ही ऐसा करना शुरू कर सकते हैं। जैसा कि पहले कहा गया है, परिणाम दिखाने का समय समय-समय पर भिन्न होता है, आप अंततः अपने बालों की वृद्धि दर में अंतर देख क्या सिर और कंधे तेजी से उलटे हैं? सकते हैं।

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उल्टा सोने की आदत के क्या नुकसान हो सकते हैं?

Deepshikha Singh

Written by: Deepshikha Singh Updated at: Aug 04, 2022 17:43 IST

 उल्टा सोने की आदत के क्या नुकसान हो सकते हैं?

सोने की सही आदत शरीर को स्वस्थ रहने में मदद करती है। कई बार हम गलत पोजीशन में सोते हैं, जिस कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कुछ लोगों को पेट के बल यानी उल्टा लेटकर सोने की आदत होती है। ये स्लीपिंग पोजीशन शरीर के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। उल्टे होकर सोने से बॉडी पॉश्चर सही नहीं रहता जिस कारण गर्दन, पीठ और कूल्हे में दर्द रह सकता है। कोई व्यक्ति अगर लंबे समय से पीठ के बजाय पेट के बल सोता है, तो उसे कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। उल्टा सोने से नींद में भी बाधा उत्पन्न होती है। कई बार उल्टा सोने की आदत की वजह से नींद न पूरी होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। आइए जानते हैं उल्टा सोने की वजह से सेहत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

सिर में भारीपन रहना

कई बार उल्टा सोने की आदत की वजह से नींद नहीं पूरी होती, जिस कारण सिर भारी रहने लगता है। अगर आप तकिया लगाकर उल्टा सोते हैं, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिस कारण सिर में भारीपन और सिरदर्द की समस्या हो सकती हैं। लंबे समय तक उल्टे सोने से सिरदर्द की समस्या बढ़ भी सकती है।

गर्दन में दर्द

उल्टे सोने की आदत की वजह से गर्दन के दर्द की समस्या हो सकती है। उल्टा सोने की वजह से गर्दन मुड़ी रहती है, जिस कारण सिर तक ब्लड की सप्लाई प्रभावित होती हैं और गर्दन मे दर्द होता हैं। कई बार ये दर्द लगातार रहने से सर्वाइकल की समस्या भी हो सकती है। गर्दन का दर्द कंधों और हाथों तक भी पहुंच जाता है, जिस कारण नॉर्मल काम करने में भी परेशानी हो सकती है।

पेट की समस्या

उल्टा सोने की आदत की वजह से पेट से जुड़ी भी कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। लगातार उल्टा सोने की वजह से अपच, कब्ज और पेट में दर्द जैसी समस्याएं बनी रहती हैं। उल्टा सोने की वजह से रात भर पेट पर भार बना रहता है, जो खाना पचाने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इससे बाद में कब्ज और अपच आदि समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

स्किन से जुड़ी परेशानियां

नींद पूरी नहीं होने के कारण स्किन बेजान और डल नजर आती है। उल्टा सोने की वजह से स्किन को ठीक ढंग से ऑक्सीजन का सप्लाई नहीं हो पाता, जिस कारण स्किन से जुड़ी परेशानियों होने का खतरा बना रहता है। कई बार उल्टा सोने की वजह से नींद में बार-बार खलल पड़ता है और नींद पूरी नहीं हो पाती। इससे स्किन पर पिंपल्स, एक्ने और झुर्रियां आदि की समस्या भी बढ़ने लगती है। कई बार बेड पर मौजूद गंदगी स्किन पर कई प्रॉब्लम्स का कारण बनती है।

Disadvantages of Sleeping on the Stomach

ब्रेस्ट में दर्द

महिलाएं अगर लगातर उल्टा सोती हैं, तो ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। पेट के बल सोने की वजह से ब्रेस्ट पर लगातार दबाव बनता है और उनमें दर्द की शिकायत हो सकती है। प्रेगनेंट महिलाओं को भी उल्टा सोने की आदत से भी बचना चाहिए। उल्टा सोने की वजह से शिशु की सेहत को नुकसान हो सकता है।

उल्टा सोने की आदत शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा करती है। उल्टा सोने की वजह से कमर दर्द, पेट दर्द और स्पाइन में दर्द की संभावना बनी रहती है। इस आदत से निपटने के लिए एक करवट सोना शुरू कर सकते हैं। इससे उल्टा सोने की आदत से बचाव होगा। कई बार पेट में कीड़े की वजह से व्यक्ति उल्टा सोता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें।

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