E-Commerce
E-commerce (या electronic-commerce) एक ऐसे business को refer करता है जो की पूरी तरह से इन्टरनेट पर कार्य करता है.
उदाहरण के लिए website जैसे की Amazon.com, Flipkart.com, और SnapDeal, ये सभी e-commerce sites के अंतर्गत आते हैं.
E-commerce के मुख्य रूप से दो major forms होते हैं : –
1) Business-to-Consumer (B2C)
2) Business-to-Business (B2B).
जहाँ companies जैसे की Amazon.com मुख्य रूप से business करती है directly consumers के साथ, वहीँ कुछ दुसरे companies ऐसे भी हैं जो की goods और services को exclusively दुसरे businesses को बेचते हैं, उनका consumers के साथ direct कोई connection नहीं होता है.
ये शब्द “e-business” और “e-tailing” को पर्यवार्ची के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है e-commerce के साथ. ये सभी शब्दों का एक ही अर्थ होता है, वहीँ इन्हें केवल लोगों को confuse करने के लिए बार बार अलग अलग रूप में इस्तमाल किया जाता है.
ईकामर्स क्या है?
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E-Commerce in Hindi , ई-कॉमर्स क्या है
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आज के इंटरनेट के जमाने में लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। ई-कॉमर्स के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग होना संभव हो पाया है। ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग तथा होम डिलीवरी की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पश्चात लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में काफी अधिक रुचि दिखा रहे हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से यह क्या है और इसका क्या इतिहास है, इसके बारे में बात करेंगे।
E-Commerce in Hindi :- e-commerce जिसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहते हैं। आज के इंटरनेट के समय में लोग इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उत्पाद और सेवाओं को खरीदना व बेचना पसंद करते हैं। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करना ऑनलाइन डाटा शेयर करना यह सभी प्रक्रिया ई-कॉमर्स के अंतर्गत आते फिजिकल प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक का व्यापार भी होता है। इस प्रकार की ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचना खरीदना और पैसों का ट्रांसफर e-commerce कहलाता है।
दूसरे शब्दों में बात की जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग करना ई- कॉमर्स कहलाता है। ई कॉमर्स वेबसाइट के जरिए किसी भी वस्तु को खरीदना बेचना ई-कॉमर्स प्रणाली के अंतर्गत आता है। आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग के तौर पर हर वस्तु खरीदने के लिए उपलब्ध है। जैसे:- फर्नीचर, मशीनरी, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान,बुक्स, पेपर,मैगजीन, खिलौने, खाने के सामान और अन्य सभी वस्तुएं इत्यादि।
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ई-कॉमर्स का इतिहास:- ई-कॉमर्स के शुरुआती 11 अगस्त 1994 को हुई ई-कॉमर्स की शुरुआत ‘फिल ब्रेंडनबर्जर’ ने की थी। फिल ब्रेंडनबर्जर ने सबसे पहले अपने कंप्यूटर के माध्यम से एक स्टिंग की सीडी को खरीदा था और उसका भुगतान कई रिकॉर्ड कार्ड के माध्यम से 12.48$ किया था। एक सीडी का नाम ‘Ten Summoners’ Tales’ था।
फिल ब्रेंडनबर्जर के द्वारा सबसे पहले ऑनलाइन शॉपिंग करने की यह घटना इतिहास रच चुकी है। आज के समय भी इसे ही असल उम्र ट्रांजैक्शन माना जाता है। क्योंकि इस ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान पहली बार कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए। ऑनलाइन तौर पर कुछ प्रोडक्ट खरीदा गया था। हालांकि आज के समय में यह आम बात हो चुकी है।
E-Commerce Kya Hai ? ई-कॉमर्स के फ़ायदे क्या हैं – पूरी जानकारी हिंदी में
E-Commerce से जुड़ी बड़ी-बड़ी कंपनियां इन के माध्यम से अपने सामान की Selling का काम करती हैं, और इस समय मे तो जो भी लोग अपना सामान ऑनलाइन सेल करना चाहते हैं अपने Product को बेचना चाहते हैं वो खुद का ही E-Commerce Program का इजाद कर रहे हैं। वो खुद का E-Commerce साइट बना कर अपने Product को प्रमोट कर रहे हैं।
लोग ई-कॉमर्स साइट्स की Affliate के जरिए खूब पैसे कमा रहे है, लोग ईकामर्स क्या है? इन साइट्स के प्रोडक्ट को प्रमोट करके अच्छा खासा पैसे कमा रहे हैं। ख़ासा E-Commerce Business Two Type के होते हैं।
पहला जिसमे कोई व्यक्ति खुद ही खुद के Business के लिए इन्वेस्टमेंट करता है और खुद का बिज़नेस तैयार करता हैं और दूसरा वो व्यक्ति जो किसी दूसरे साइट या उसके प्रोग्राम से जुड़के उसके शेयर्स के ईकामर्स क्या है? साथ बंटा हुआ होता हैं जैसे – Google और Amazon बंटे है।
आज के इस आधुनिक युग मे E-Commerce वेबसाइट ईकामर्स क्या है? बनाना कोई बड़ी बात नही हैं, अगर आपके पास अपना प्रोड्क्ट है और आप अपने Product को सेल करना चाहते है तो आओ आराम से खुद की एक E-Commerce साइट बनाकर बेच सकते हैं, या किसी अच्छी साइट से जुड़कर अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं।
E-Commerce के फ़ायदे और फ़ीचर्स क्या हैं ?
दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि आप ई-कॉमर्स की मदद से आप अपना कोई भी प्रोडक्ट या समान को ऑनलाइन सेल कर सकते है किसी भी बड़ी साइट से जुड़कर या अपना खुद का एक वेबसाइट बनाकर। अब बात करते है इसके फ़ीचर्स क्या हैं ?
ई-कॉमर्स के फ़ायदे –
- ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिना ज्यादा इन्वेस्टमेंट किये आप राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट्स में आसानी से काम किया जा सकता हैं
- यह आपके ईकामर्स क्या है? कंपनी ईकामर्स क्या है? की ब्रांड के पहचान को और अच्छा बना देता हैं
- ई-कॉमर्स काम करने के तरीकों को और कुशल और आसान बनाने में मदद करती है और साथ ही ये काम को आसान भी बना देता हैं
- ई-कॉमर्स उत्पाद में लगने वाले लागत को कम करने में मदद करता है
◆ World Wide Reach :- E-Commerce के सबसे बड़े फ़ायदा यह कही जा सकती है कि इसकी मदद से आप अपने प्रोडक्ट को दुनिया भर में कही भी सेल कर सकते हैं इसकी मदद आए आप दुनियां में कही भी अपने सामान को बेच सकते हैं।
◆ Universel Standard :- अगर आप अपने प्रोडक्ट को ज्यादा दूर और ज्यादा सुविधा के साथ बेचेंगे तो प्रोडक्ट ज्यादा बिकेगी, और साथ ही लोग खरीदेंगे और इस से पॉपुलर भी ज्यादा होगी, फ़ॉर Exmaple – अगर आपकी कही शॉप है तो लोग ज्यादा से ज्यादा उस इलाके तक या सहर तक ही जान पाएंगे वही Ebay और Amazon को पूरी कंट्री ही नही पूरी दुनिया जानती हैं।
◆ Less Work :- इस से यह मतलब है कि आपने अपना ऑनलाइन स्टोर खोल लिया और आपने काम करना शुरू कर दिया और अब आपको E-Commerce के जरिये सिर्फ अपने वेबसाइट पर प्रोडक्ट्स को मॅनेज करना हैं, और वही अगर आपकी कोई शॉप है तो आपको लायी तरह के काम करने पड़ते है लोगो को अलग अलग प्रोडक्ट दिखाना और उसके बारे में बताना।
तो उम्मीद करता हु दोस्तों अभी तक आप समझ गये होंगे कि E-Commerce Kya Hai और इनके फायदे क्या हैं, ये काम ईकामर्स क्या है? कैसे करते हैं, और ये कितने प्रकार के होते हैं, दोस्तों अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और ऐसे ही जानकारियों के लिए ईमेल सब्सक्राइब जरूर करें और साथ ही आप मुझसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी जुड़ सकते हैं।
इ कॉमर्स क्या होता है, इसके लाभ, सीमाएं तथा चुनौतियों को बताये
वस्तुओं और सेवाओं को इंटरनेट पर खरीदना – बेचना या विज्ञापन द्वारा उत्पादकों की सूचनाएं ग्राहकों तक पहुँचाना ई कॉमर्स है| हम इस लेख में इ कॉमर्स क्या होता है के साथ इसके लाभ, सीमाएं तथा चुनौतियाँ के बारे में बता रहे है| What is e commerce in hindi.
What is e commerce in hindi – e commerce kya hai
e commerce से तात्पर्य व्यापारिक गतिविधियों को इन्टरनेट के माध्यम से किया जाना है. इन व्यापारिक गतिविधियों में वस्तु एवं सेवा दोनों सम्मिलित है.
व्यापारिक गतिविधियों को ई-वाणिज्य के अंतर्गत सुचना प्रौद्योगिकी एवं उन्नत कंप्यूटर नेटवर्क के उपयोग से कार्यकुशल बनाया जा सकता है. यह न केवल कागजों को विस्थापित कर इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप देता है बल्कि बहुत सारी गतिविधियों को हटाकर व्यापार को इलेक्ट्रॉनिक वातावरण प्रदान करता है.
कंप्यूटर नेटवर्क, इंटरनेट वर्ल्ड वाइड वेब से लेकर इलेक्ट्रॉनिक डाटा एक्सचेंजर, ईमेल, इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर आदि उपयोगी तकनीकों को समाविष्ट कर व्यापारिक कार्यकलापों को सम्पादित करने में ई-कॉमर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.
व्यापार को संचालित करने की नए साधनों और उपायों की तलाश किया जाना और इसे रूप प्रदान करना कोई नई घटना नहीं है. प्रारम्भ से ईकामर्स क्या है? ही इसके लिए प्रयास किया जाता रहा है. पारम्परिक व्यापार की गतिविधियों को संचालित करने के लिए विभिन्न पारम्परिक तरीके अपनाएं जाते रहे है. और इसी के कड़ी के रूप में ई-कॉमर्स को अपनाया गया और इससे बहुत हद तक व्यापार करने के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन आ गया.
ई कॉमर्स के लाभ
इसने व्यापारियों तथा कंपनियों के साथ ही उपभोक्ताओं के सामने भी अनगिनत विकल्पों के द्वार खोल दिए है. इससे कंपनियों विक्रेताओं एवं ग्राहकों को निम्न मुख्य लाभ प्राप्त होते है:
- पसंद के वस्तुओं के चयन में सुविधा
- उत्पादों की विशेषताओं और मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन में सरलता होना
- वस्तुओं की खोजबीन हेतु बार-बार बाजार आने-जाने में लगने वाले समय की बचत
- बाजारों की समय सीमा और भौगोलिक सीमाओं का विस्तार
- किसी भी समय खरीदारी करने की सुविधा
- डिजिटल भुगतान की सुविधा
- उत्पादकों, वितरको एवं अन्य व्यापारिक सहयोगियों से व्यापारिक सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं व्यापारिक खर्चो में कमी
- व्यापार चक्र की गतिविधियों में तीव्रता
- नए बाजारों व ग्राहकों तक पहुँचने में आसानी
- वस्तुओं, उत्पादों व सेवाओं की अधिक जानकारी प्रदान करने की क्षमता का विकास
- ग्राहकों से बेहतर संबंध का विकास
- कागज की बचत
- नए व्यापार की सम्भावनाएं
- अभिलेखन का माध्यम इलेक्ट्रॉनिक होने से समग्र गुणवत्ता मे सुधार
ई वाणिज्य की सीमाएं तथा चुनौतियाँ
जागरूकता और डिजिटलीकरण का आभाव: एक बहुत बड़ी आबादी अभी भी इन्टरनेट और डिजिटलीकरण से दूर है. और यह ई-कॉमर्स के लाभ को उठाने के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है. हालाँकि डिजिटल भारत जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से सभी लोगो को डिजिटली जोड़ने के दिशा में आशातीत बढ़त प्राप्त की जा सकी है. लेकिन जब तक पूर्ण डिजिटलीकरण न हो जाता तक तक ई-कॉमर्स क्षेत्र के सामने चुनौती डटी पड़ी है.
बहुत से लोगों के मन में यह शंका कुंडली मार कर बैठी है की ई-कॉमर्स के माध्यम से किये गये लेन-देन में वे धोखाधड़ी के शिकार हो सकते है. आधी उम्र पार कर चुके ज्यादातर लोगों में यह समस्या काफी अधिक है. ऐसे में उन्हें इन सुविधा से जोड़ पाना काफी दुष्कर है.
पर्याप्त सुरक्षा कानून का न होना और इसके क्रियान्वयन में कमी होना: यह पॉइंट भी ई-वाणिज्य के विकास के मार्ग में बाधक है. इस दिशा में जल्द सुधार किया जाना अपेक्षित है.
हैकिंग व धोखाधड़ी: यह ई-वाणिज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. हैकिंग की समस्या से केवल यही क्षेत्र नहीं बल्कि पुरा डिजिटल क्षेत्र त्रस्त है. आये दिन एक के बाद एक हैकिंग की खबरें सामने आती रहती है.
हैकिंग के अतिरिक्त धोखाधड़ी की समस्या भी कुछ कम नहीं है. बहुत से ऐसे फ्रॉड कंपनियां और लोग है जो अशिक्षित और कम जानकार लोग को अपने शिकार में फंसा लेते है. इससे ई-कॉमर्स क्षेत्र की काफी बदनामी होती रही है.
स्पष्ट है की जहाँ एक ओर ई-कॉमर्स की काफी सारे लाभ है वहीं इसकी कुछ सीमाएं और चुनौतियाँ भी है. इन चुनौतियों को दूर करने के दिशा में प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है.
हम आशा करते है की इस लेख ने आपको इ कॉमर्स क्या होता है, इसके लाभ, सीमाएं तथा चुनौतियों के बारे में जानने में सहायता की| आपको बैंकिंग व्यवस्था का इतिहास के बारे में भी पढना पसंद हो सकता है|
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