जैसे अगर रामू ने श्यामू को 100 बिटकॉइन भेजे तो यह ब्लॉकचेन के तहत ग्लोबल बहीखाते में रिकॉर्ड हो जाएगा। उसके बाद रामू और श्यामू चाहे कितनी भी कोशिश कर लें उसका डुप्लीकेट नहीं बना सकते हैं। क्योंकि रिकार्डेड इंट्री का मिलान किया जाएगा और क्रॉस चेक होने पर उसका बाद में इस्तेमाल नहीं हो पाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी का दुनिया के बाजार में चलता है सिक्का, जानें इसके बारे में सबकुछ
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि इसके सुरक्षित ट्रांजेक्शन्स के लिए इनक्रिप्शन का इस्तेमाल होता है। इसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी के डाटा को ट्रांसमिट करने और वालेट में स्टोर करने के लिए एक बहुत ही एडवांस कोडिंग का इस्तेमाल होता।
भुगतान का तरीका
क्रिप्टकरेंसी असल में एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। मगर इस सिस्टम में अन्य डिजिटल माध्यमों की तरह ट्रांजेक्शन के लिए किसी बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं होती। यह पीयर-टू-पीयर नेटवर्क सिस्टम से संचालित होती है और क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? कोई भी कहीं से इसे भेज सकता है और प्राप्त कर सकता है।
क्या है पीयर-टू-पीयर सिस्टम
पीयर-टू-पीयर सिस्टम में कोई अपना एक सर्वर नहीं होता। सभी कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं।
कहां रखी जाती है डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी अपके डिजिटल वालेट में रहती है। जब कोई अपना डिजिटल करेंसी फंड ट्रांसफर करता है तो यह पब्लिक लेजर में दर्ज होता है।
कैसे काम करती है यह
क्रिप्टोकरेंसी एक पब्लिक लेजर जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं के जरिए चलती है। इसमें करेंसी का सारा ट्रांजेक्शन अपडेट होता है और यह करेंसी होल्डर के पास रहता है।
कैसे बनती है
क्रिप्टोकरेंसी बनाने की प्रक्रिया माइनिंग कहलता है इसमें कंप्यूटर की जटिल गणितीय समस्याओं को सुलझाने की क्षमता का इस्तेमाल सिक्के का डिजिटल रूप बनाने के लिए किया जाता है।
कहां से मिलती हैै
क्रिप्टोकरेंसी को ब्रोकर्स से खरीदा जाता है और इसे क्रिप्टोग्राफिक वालेट में रखा जाता है और वहीं से खर्च किया जा सकता है।
क्या खरीद सकते हैं
बिटकॉइन को जब लांच किया गया था तो यह सोचकर किया गया था कि यह दैनिक मार्केटिंग के लिए होगी और इससे एक कप कॉफी से लेकर कंप्यूटर और टिकट तक खरीदे जा सकें। मगर जल्द ही इसकी मांग बढ़ी और इसके दाम काफी ऊंचे हो गए। अब ये बड़े भुगतान में इस्तेमाल होती है।
उपलब्ध क्रिप्टोकरेंसियां
बिटकॉइन: पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। इसे 2009 में बनाया गया। इसके प्रति लोगों ने खूब रुचि दिखाई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी।
इथेरियम: ईथर या इथेरियम नाम से प्रचल्लित इस क्रिप्टोकरेंसी को 2015 में विकसित किया गया। बिटकॉइन के बाद यह दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है।
लाइटकॉइन: इसे बिटकॉइन की तर्ज पर ही विकसित किया गया है मगर आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की बजे से इसे ज्यादा तेजी से ट्रांसफर किया जा सकता है।
रिपल: यह डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम है, जिसे 2012 में बनाया गया था। यह असल में यह केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं है, बल्कि एक यह विभिन्न तरह के ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने वाला सिस्टम है। इसके पीछे जो कंपनी है, वह विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए काम करती है।
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क्रिप्टो करेंसी क्या है और इसे अन्य किस नाम से जाना जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो कंप्यूटर के द्वारा डेवेलोप किये गए एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है जिसका स्वामित्व किसी के पास नहीं होता है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. इसका प्रयोग इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? किया जाता है.
संपूर्ण विश्व में अनेकों देश है और सभी देश में अलग-अलग प्रकार के करेंसी चलते हैं. जैसे क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? कि हमारे भारत में रुपए, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में डॉलर, वियतनाम में डोंग्स इत्यादि प्रकार के.
आज हम इस लेख के माध्यम से बात करने वाले हैं बिटकॉइन और इसके जैसे अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बारे में.
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते तो भी इस पोस्ट को से बने रहे ताकि अंत तक आपको इसके बारे में सब कुछ जानने को मिले और आप समझ सके आखिर ये काम कैसे करता है?
आज के इस लेख में हम आपको इसी विषय में डिटेल में जानकारी देने वाले हैं. ये भी बतायंगे की इसका अन्य नाम क्या है, यह करेंसी किस देश में चलाई जाती है, यह कितने प्रकार की होती है इत्यादि.
यदि आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में संपूर्ण एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें.
क्रिप्टोकरेंसी की ये कहानी शायद आप नहीं जानते होंगे? जानें क्या होता है ब्लॉकचेन?
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) इन दिनों सुर्खियों में है. मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक बिल लाने की चर्चा. इन सबके बीच आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?) कैसे काम करता है? क्या होता है ब्लॉकचेन? तो चलिए जानते हैं क्रिप्टोकरेंसी की पूरी कहानी.
खबर में खास
- क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
- क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन के जरिए होती है यूज
- RBI रेगुलेट कर सकती क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? है
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़.
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन के जरिए होती है यूज
क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं.. ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं. इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है. इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित होता है. ये सारा काम कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता है.
RBI रेगुलेट कर सकती है
रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित डिजिटल या वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टो बिल के साथ नहीं जोड़ा गया है. फिर भी यह तय है कि केंद्रीय बैंक क्रिप्टो से जुड़े मामलों को कंट्रोल करेगा. इसके विनिमय से जुड़े मामलों का उल्लंघन करने वालों को डेढ़ साल तक कैद हो सकती है. वही, रेगुलेटर ₹5 करोड़ से लेकर ₹20 करोड़ तक का जुर्माना भी लगा सकता है.
क्रिप्टो करेंसी क्या है और इसे अन्य किस नाम से जाना जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो कंप्यूटर के द्वारा डेवेलोप किये गए एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है जिसका स्वामित्व किसी के पास नहीं होता है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. इसका प्रयोग इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जाता है.
संपूर्ण विश्व में अनेकों देश है और सभी देश में अलग-अलग प्रकार के करेंसी चलते हैं. जैसे कि हमारे भारत में रुपए, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में डॉलर, वियतनाम में डोंग्स इत्यादि प्रकार के.
आज हम इस लेख के माध्यम से बात करने वाले हैं बिटकॉइन और इसके जैसे अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बारे में.
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते तो भी इस पोस्ट को से बने रहे ताकि अंत तक आपको इसके बारे में सब कुछ जानने को मिले और आप समझ सके आखिर ये काम कैसे करता है?
आज के इस लेख में हम आपको इसी विषय में डिटेल में जानकारी देने वाले हैं. ये भी बतायंगे की इसका अन्य नाम क्या है, यह करेंसी किस देश में चलाई जाती है, यह कितने प्रकार की होती है इत्यादि.
यदि आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में संपूर्ण एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें.
क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? क्या होता है?
क्रिप्टो करेंसी क्या है? यह कैसे काम करती है? Cryptocurrency in hindi
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
इस तेज़ी से आगे बढ़ते डिजिटल संसार में पैसों नें भी डिजिटल रूप ले लिया है, इस आभासी डिजिटल मुद्रा को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है। जैसे की “बिट कॉइन”, इसका नाम आपने बहुत बार सुना होगा। आजकल क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा विषय बन गया है जिसके बारे में सुना तो हर किसी ने है लेकिन ये डिजिटल मुद्रा क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? क्या है ? कैसे काम करती है ? इसके लाभ क्या क्या होते हैं ? इस से हम कैसे कमाई कर सकते हैं ? ऐसे सवाल आपके मन में भी आते होंगे।
तो चलिए आज जानते हैं क्रिप्टो करेंसी के बारे में, क्रिप्टो करेंसी एक आभासी यानी वर्चुवल मुद्रा है जिसे सबसे पहले वर्ष 2009 में लाया गया था और सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिट कॉइन ही थी जो अबतक की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे महंगी कॉइन है।
क्रिप्टो करेंसी ऐसी मुद्रा नहीं है जिसका लेनदेन सामान्य रूप से हाथो से किया जा सके और न ही हम इसे किसी पर्स या जेब में रख सकते हैं। यह आपके डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है। आपको यह तो पता होगा कि प्रत्येक देश की करेंसी जैसे रुपया, डॉलर, यूरो, दिरहम इत्यादि पर उस देश की सरकार का पूरा नियंत्रण रहता है।
जैसे कि
नए नोट कब छापे जायेंगे ?
उनकी मात्रा कितनी होगी ?
मार्केट में कितने नोट होंगे ?
कितने कितने मूल्य के नोट होंगे ?
यह सब उस देश की सरकार तय करती है। कुछ साल पहले अपने देश में इसका ताज़ा उदाहरण हम सभी को देखने को मिला था, जब एक ही रात में 1000 और 500 के नोट को बंद कर दिया गया था। भारतीय मुद्रा के सरकार के नियंत्रण में होने पर ही यह निर्णय सरकार द्वारा लिया गया था।
क्रिप्टो करेंसी का मामला इसके एकदम उलट है, क्रिप्टो करेंसी पर किसी भी देश, बैंक या एजेंसी का नियंत्रण नहीं होता। यानी क्रिप्टो करेंसी पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करता है बल्कि यह एक कंप्यूटर वालेट से दुसरे कंप्यूटर वॉलेट तक ट्रान्सफर होता रहता है।
क्रिप्टो करेंसी का किसी के नियंत्रण में न होने पर सवाल यह उठता है कि कोई भी व्यक्ति बहुत सारी क्रिप्टोकरेंसी जारी कर सकता है। फेक क्रिप्टो करेंसी जारी कर सकता है। जैसे अगर रिज़र्व बैंक के सिवाय सबको नोट छापने की इजाजत दे दी जायेगी तो फर्जी नोटों की बाढ़ आ जाएगी। इसके जवाब में क्रिप्टो करेंसी के मॉडल में ब्लॉकचेन मॉडल अपनाया जाता है। ब्लॉकचेन मॉडल यानी एक तरह का ग्लोबल बहीखाता।
ब्लॉकचेन क्या है?
यह एक तरह से खाते की ऐसी किताब जिसे पूरी दुनिया में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करने वाले अपनाते हैं। जिसमें हर एक क्रिप्टो करेंसी का रिकॉर्ड रखा जाता है।
यानी जब किसी को क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर एक बिटकॉइन किसी को भेजा जाता है तो इसका मतलब है कि ग्लोबल बहीखाते में इसका रिकॉर्ड रखा जा रहा है।
जैसे अगर रामू ने श्यामू को 100 बिटकॉइन भेजे तो यह ब्लॉकचेन के तहत ग्लोबल बहीखाते में रिकॉर्ड हो जाएगा। उसके बाद रामू और श्यामू चाहे कितनी भी कोशिश कर लें उसका डुप्लीकेट नहीं बना सकते हैं। क्योंकि रिकार्डेड इंट्री का मिलान किया जाएगा और क्रॉस चेक होने पर उसका बाद में इस्तेमाल नहीं हो पाएगा।
क्रिप्टो करेंसी के फायदे :
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें धोखाधड़ी के चांस बहुत कम होते है।
- क्रिप्टो करेंसी decentralized होते है इसलिए यूजर इसका मालिक होता है ना कि बैंक या सरकार
- इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है किसी भी लेन-देन के लिए, हमें बस smart device जैसे smartphone और internet connection की जरुरत पड़ती है और तुरंत हम online भुकतान कर सकते है।
- दुसरे payment option के मुकाबले इसमें transaction fees बहुत कम होती है।
- और सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आज के समय में लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके लाखों रूपये कमा रहे हैं।
अगले ब्लॉग में हम आपको बतायेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में किस तरीके से निवेश करके लाखों रूपये आसानी से कमाए जा सकते हैं।
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