आईसी बाजारों की समीक्षा
भारत सरकार अन्य देशों में निवेश करने और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने के लिए हमारी ऊर्जा कूटनीति पर लगातार काम कर रही है। अब तक भारतीय तेल गैस पीएसयू ने गुणवत्तापूर्ण उत्पादन तेल और गैस संपत्ति हासिल करने के लिए विदेशों में निवेश किया है जो न केवल भारत में इक्विटी तेल लाता है, बल्कि हमारी कंपनियों को इस क्षेत्र में वैश्विक बड़ी कंपनियों के साथ काम करने का अवसर भी देता है।
भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता के रूप में तेल और गैस की दुनिया में केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है। इसके परिणामस्वरूप भारत वैश्विक ऊर्जा बाजारों में वर्तमान में मौजूद विसंगतियों को पुन: व्यवस्थित करने के लिए वैश्विक क्षेत्र में अपने बाजार प्रभाव पर जोर दे रहा है। चूंकि भू-राजनीतिक पर्यावरण परिवर्तन का हाइड्रोकार्बन क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है और भारत के तेल और गैस सोर्सिंग के लिए मध्य पूर्व क्षेत्र पर निर्भरता को देखते हुए, सोर्सिंग विकल्पों में विविधता लाने के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है।
वर्तमान में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। ऊर्जा क्षेत्र इस विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सदी में पहले से ही, भारत की ऊर्जा मांग वैश्विक कुल के 4% से बढ़कर 7% से अधिक हो गई है। 2030 के दशक तक, जैसा कि भारत की अर्थव्यवस्था के 7% प्रति वर्ष की दर से बढ़ने की उम्मीद है, यह अनुमान है कि भारत प्रति वर्ष दुनिया की 10% से अधिक ऊर्जा की खपत करेगा। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, भारत की प्राथमिक ऊर्जा मांग 2040 तक दोगुनी हो जाएगी।
ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों को हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में विदेशी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ाव बनाए रखने और बढ़ावा देने के द्वारा विदेशों में इक्विटी तेल और गैस के अवसरों को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत सक्रिय रूप से विदेशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग में लगा हुआ है। मंत्रालय तेल कूटनीति में लगा हुआ है और देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पीएसयू को विदेशों में हाइड्रोकार्बन परिसंपत्तियों की खोज में वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) प्रभाग की भूमिका तेल और गैस क्षेत्र में विदेशी देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ाव को बनाए रखने और बढ़ावा देने के द्वारा भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है। आईसी डिवीजन भारतीय तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को विदेशों में गुणवत्तापूर्ण तेल और गैस संपत्ति प्राप्त करने के अवसरों का आक्रामक रूप से पीछा करने की सुविधा भी देता है।
यह प्रभाग कंपनियों को संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखने के लिए तेल और गैस स्रोतों में विविधता लाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। प्रभाग, जहां भी आवश्यक हो, मंत्रालय के मंत्री, सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर के दौरों और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों सहित भारतीय कंपनियों की विदेशी संपत्ति से संबंधित मुद्दों को संबंधित सरकारों के साथ उठाता है। इस संदर्भ में, महत्वपूर्ण भागीदार देशों के साथ संयुक्त कार्य समूह की बैठकें, ऊर्जा संवाद और संयुक्त आयोग की बैठकें / अंतर-सरकारी आयोग की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं।
Cryptocurrency Index:भारत का पहला Crypto currency Index लॉन्च,कैसे काम करेगा जानिए ?
Cryptocurrency Index:IC15 इंडेक्स क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को Cryptocurrency बाजार की स्थितियों, वास्तविकताओं और अहम तथ्यों की जानकारी देगा ताकि निवेशक सही निवेश निर्णय ले पायें और जोखिमों को कम कर सके.
दुनियाभर में किप्टोकरेंसी का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. क्रिप्टो में बढ़ते निवेश को देखते हुए क्रिप्टो सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) IC15 लॉन्च किया है.
IC15 इंडेक्स दुनियाभर के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज पर कारोबार करने वाली बड़ी क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखेगा. इसके लिए कारोबारियों, डोमेन एक्सपर्ट और शिक्षाविदों को शामिल कर एक कमेटी (Index Governance Committee) बनाई गई है. ये कमेटी टॉप आईसी बाजारों की समीक्षा 15 क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगी और उनके बारे में गहराई से जानकारियां जुटायेगी.
कैसे काम करेगा क्रिप्टो इंडेक्स IC15?
आईसी15 इंडेक्स में बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Ethereum), एक्सआरपी, लाइटकॉइन (Litecoin), बिनांस कॉइन (Binance Coin), सोलाना (Solana), टेरा (Terra) आईसी बाजारों की समीक्षा और चेनलिंक (ChainLink) जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज़ शामिल हैं. कमेटी (Index Governance Committee) मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में पहले आईसी बाजारों की समीक्षा टॉप 400 कॉइन्स को चुनेंगी. इनमें से फिर टॉप 15 कॉइन्स का चुनाव होगा.विज्ञापन
करेंसी चयन करने के कड़े मानक
400 कॉइन्स की लिस्ट में शामिल होने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कम-से-कम 90 प्रतिशत होना चाहिए. साथ ही ट्रेडिंग वैल्यू के मामले में 100 शीर्ष करेंसी में इसका स्थान होना चाहिए. सर्कुलेटिंग मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के मामले में योग्य क्रिप्टोकरेंसी शीर्ष 50 में भी होनी चाहिए. फिर समिति शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगी. सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 तय किया गया है और आधार तिथि एक अप्रैल 2018 है.
क्रिप्टो बाजार पर गहरी नजर
आईसी 15 इंडेक्स 80 प्रतिशत से अधिक क्रिप्टो बाजार गतिविधियों की निगरानी करेगा. बाजार के सभी पैमानों की समीक्षा कर वास्तविक स्थिति निवेशक के सामने रखेगा. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी. क्रिप्टोवायर की समिति हर तिमाही में टॉप 400 कॉइन्स की समीक्षा करेगी.
क्रिप्टो इन्वेस्टर्स की ऐसे करेगा मदद
क्रिप्टोवायर के प्रबंध निदेशक जिगीश सोनागारा का कहना है कि आईसी 15 लॉन्च करने का मकसद निवेशक को सीखने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है. यह न केवल निवेशकों का क्रिप्टो बाजार के बारे में ज्ञान बढ़ायेगा, बल्कि उन्हें अपने बिजनेस लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करेगा. आईसी 15 से इस करोबार में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा. निवेशक को सही और सटीक जानकारी हासिल होगी. इससे जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी.
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