मौलिक विश्लेषण क्या है (Fundamental Analysis kya hai ) – शेयर मार्केट में इसका महत्व
शेयर मार्केट के चर्चे आज हम हर जुबान पर सुन सकते है। जिस तरीके से शेयर मार्केट lockdown या कोरोना काल में जमीन फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? को छूकर सातवे आसमान पर पहुँचा है। यह देखकर लोगो का इस फील्ड में रुझान बढ़ने लगा है। अब हर आदमी शेयर मार्केट को पैसा कमाने का जरिया बनाना चाहता है। लेकिन शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले हमें उसे पूरा समझ कर, विश्लेषण करके निवेश करना चाहिए।
Fundamental Meaning In Hindi
अगर आप देखेंगे जिंदगी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विश्लेषण करना जरूरी है। जैसे बच्चा कॉलेज जाने से पहले कोर्स और कॉलेज का विश्लेषण करता है। उसी प्रकार हमें भी शेयर मार्केट में पैसे डालने से पहले अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए ताकि हमारे पैसे सुरक्षित रहें। अधिकतर लोगों के शेयर मार्केट में पैसे इसलिए डूब जाते है क्योंकि वह बिना सोचे-समझे और विश्लेषण किये बिना ही या किसी ओर के सुझाव पर स्टॉक खरीदते हैं। इससे आप समझ ही गए होंगे कि Fundamental Meaning In Hindi Kya Hai.
शेयर मार्केट के विशेषज्ञ मुख्य दो प्रकार से विश्लेषण करते हैं 1. टेक्निकल और 2. Fundamental या मौलिक विश्लेषण।
टेक्निकल विश्लेषण
टेक्निकल विश्लेषण में हम यह देखते हैं कि कंपनी के शेयर्स में कितना उतार-चढ़ाव हो रहा है। पिछले कई सालों में कंपनी के शेयर्स की क्या हालत है या हम यह भी देखते हैं कि वर्तमान समय में क्या यह शेयर खरीदना ठीक रहेगा? इसमें चार्ट, ग्राफ और lines बनाकर हम कंपनी के शेयरों का विश्लेषण करते हैं। कई बार यह Fundamental Analysis फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? For Small Investors के लिए किया जाता है या फिर उनके लिए किया जाता है जो थोड़े समय के लिए ही निवेश करना चाहते हैं। इसमें हमें कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है और risk भी ज्यादा हो सकता है।
Fundamental Analysis Kyo Karna Chye
कोई भी निवेशक अधिक समय तक किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करना चाहता है तो वह फंडामेंटल विश्लेषण जरूर करेगा। आमतौर पर फंडामेंटल विश्लेषण उन स्टॉक्स पर किया जाता है जिन्हें 1 साल या उससे अधिक समय तक पोर्टफोलियो में रखना है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम कंपनी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। फंडामेंटल विश्लेषण हमें कंपनी को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा शेयर मार्केट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। कई बड़े निवेशक Fundamental Analysis ce investment करके पैसे कमाते हैं।
फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम अच्छी क्वालिटी वाले शेयर को परखते हैं और उनमे अधिक समय के लिए निवेश करते हैं l फंडामेंटल विश्लेषण करने के लिए हमें कंपनी के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी होती है। हम कंपनी के भूतकाल और वर्तमान काल में किए गए परफॉर्मेंस के अनुसार भविष्य की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगाते हैं। जो कंपनी भविष्य में अच्छा परफॉर्म करने वाली है, हम उनमें निवेश करने की सोचते हैं। चीन कंपनी के शीर्ष पर हमें ज्यादा रिटर्न मिलने वाला होता है हम उन में इंटरेस्ट लेना शुरू करते हैं।
हर कंपनी के Share Price बढ़ते हैं या Share Price घटते भी हैं क्योंकि यह शेयर मार्केट का स्वभाव है l लेकिन क्वालिटी वाले शेयर्स लॉन्ग टर्म के लिए हमें अच्छा रिटर्न्स देते हैं। इन्हीं क्वालिटी वाले शेयर शेयर्स को पहचानने के लिए हम Fundamental Analysis Process करते हैं। इसीलिए Fundamental Analysis Process Important हो जाता है।
Fundamental Analysis Kaise Kare ??
फंडामेंटल विश्लेषण करना ज्यादा आसान भी नहीं है और ज्यादा मुश्किल भी नहीं है l
लेकिन इसे करने के लिए थोड़ी मेहनत जरूर लगती है। फंडामेंटल एनालिसिस में निम्न सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं। आइए जानते हैं Why We Use Fundamental Analysis
- कंपनी कौन सा प्रोडक्ट बेच रही फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? है या कौन सी सर्विस प्रोवाइड कर रही है?
- क्या उसका प्रोडक्ट या उसकी सर्विस मार्केट में डिमांड में है? क्या आप कंपनी प्रॉफिट में है या फिर loss में चल रही है?
- क्या कंपनी ने कोई कर्जा ले रखा है? अगर ले रखा है तो बड़ा है या छोटा?
- कंपनी जिस सेक्टर से है क्या वह सेक्टर अच्छा रिटर्न देता है?
- क्या कंपनी की मार्केट में अच्छी reputation है?
इन सब बातों का अच्छी तरीके से analysis करके हम उस कंपनी के shares को डिस्काउंट प्राइस में खरीद कर लंबे समय तक अपने पास रखते हैं। फिर हम उन शेयर्स को भविष्य में Premium प्राइस में बेच देते हैं। इससे हमें ज्यादा प्रॉफिट होता है।
Fundamental Analysis types
- गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative analysis)
गुणात्मक विश्लेषण में हम कंपनी के बिजनेस मॉडल को पर रखते हैं l उनके प्रोडक्ट ओर सर्विस को अच्छी तरह से जाने की कोशिश करते हैं l कंपनी का मैनेजमेंट विश्लेषण के बारे में भी हम जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके अलावा हम और भी कई गुणों (आर्थिक दृष्टि से) को परखते हैं।
- मात्रात्मक विश्लेषण (Quantitative analysis)
मात्रात्मक विश्लेषण में हम कंपनी में cash flow कैसे हो रहा है और sales growth कैसे चल रही है यह जानते हैं। इसमें हम कंपनी की बैलेंस sheet, प्रॉफिट और loss अकाउंट भी देखते हैं। इसी के साथ हम कंपनी आर्थिक दृष्टि से किस स्तर पर काम कर रही है यह जानने की कोशिश करते हैं।
फंडामेंटल विश्लेषण मैं हम यह भी देखते हैं कि global economy, local economy और sector growth आने वाले सालों में कैसी रहेगी। इसे हम top-down approach भी कह सकते है। इसमें हम कंपनी की आर्थिक स्थिति को ऊपर से नीचे तक पूरी तरीके से और अच्छे से स्कैन कर लेते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी के निम्न अकाउंट को देखा जाता है –
- Balance sheet
- Profit and loss account
- Cash flow rate
- Annual Report
- Sales growth
- Position of opponent company
- Sector analysis
- Financial ratio
- Management analysis and others as required
इसी के साथ हमने फंडामेंटल विश्लेषण को अच्छी तरह से समझ लिया है। आशा करते हैं कि आपको Fundamental Meaning In Hindi भी अच्छे से समझ आ गया होगा l यह आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ ही शेयर करना मत भूलना l धन्यवाद l
निवेश और जटिल होता जा रहा हैं .
एक समय था जब शेयर मार्केट (stock market) में निवेश करना या इसकी चाल को समझना आसान हुआ करती थीं। बाज़ार में पुराने अनुभवी विशेषज्ञों की मानें, तो स्टॉक मार्केट प्रतिवर्ष मानसून की पहली फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? बौछारों के साथ अथवा दिवाली के आस-पास में ऊपर चला जाता था। एवं साल के अंत में फिर नीचे की और रुख करता, जिसे शेयर बाजार की भाषा में मार्केट करेक्शन (market correction) कहा जाता हैं। लेकिन अब अर्थव्यवस्था में गतिशीलता एवं विस्तार से भारत की आर्थिक गति-विधि दुनियां के साथ जुड़ने लगा, जिससे जटिल कारक जैसे समय समय पर यू. एस. (U.S - United States of America) की अल्प अवधि ब्याज दरें बड़ने की फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? संकेत, यूरोपियों बाजार से उम्मीद अनुसार प्रदर्शन न मिल पाना, साथ हीं देश व्यापी एवं वैश्विक स्तरीय समाचार व राजनैतिक माहौल (political enviroments) में उथल-पुतल इसे दिन ब दिन जटिल बनाता जा रहा हैं।
stock market Secrets |
ऐसे में पिछले 2 साल (2019 की अंत से covid-19) कोरोना वाइरस (corona virus - pendamic) नामक महामारी के चलते दुनियां भर के साथ-साथ भारत में भी अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर देखने को मिला। जहां लोगों की नौकरी खत्म हो रहें, छोटे, मझौले स्तर के कारोबार ठप सा हो गए, बड़े बड़े उद्योगों पर भी अच्छे खासे असर देखने को मिल रहें। जिससे विकास दर यानी "GDP" की रफ्तार धीमी होती दिखाई पड़ रही हैं। ऐसे में inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर का लगातार बढ़ते रहना जिसका डायरेक्ट असर शेयर मार्केट पर भी पड़ा। इन सभी अनिश्चितता के कारण शेयर बाजार की चाल काफ़ी सुस्त दिखाई देने लगा। हालाकि इस कोरोना महामारी काल की शुरुवात से मार्च 2020 (march -2020) तक मार्केट में भरी गिरावट देखने के बाद भी, वर्तमान में बाज़ार की स्थिति को अगर देखें, जहां मार्च, 2020 में BSE के सेंसेक्स-30 इंडेक्स (BSE - SENSEX-30 indices) 29330.12 अंक था वहीं अभी जनवरी, 2022 लगभग 2 साल में सेंसेक्स 60,000 अंक के ऊपर कारोबार कर रहा हैं। वहीं इसमें रिटर्न प्रतिशत की बात करें तो तकरीबन +103% से भी ज्यादा की रिटर्न अब तक मार्च,2020 से जनवरी 2022 तक दर्ज की जा चुकी हैं।
Sensex-30 इंडेक्स |
शेयर बाजार में सफ़लता उपलब्धि प्राप्ति की राज (Secrets of Stock Market Success):-
- निवेश रणनीति : जैसे हीं आप शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हो, वैसे हीं आपके निवेश रणनीति, "प्रतिधारा" (Contrarian) अर्थात बाजार के बारे में आम धारणाओ से एकदम विपरीत नज़रिया रखना हैं। इस प्रकार के रणनीति कार निवेशक खास तौर पर उन क्षेत्रों या कंपनियों में निवेश करने पर जोर देता हैं, जिन पर निवेशकों की राय फिलहाल अनुकूल नहीं हैं। जितने भी मार्केट एक्सपर्ट आपको देखेंगे वे सब किसी भी समय कुछ खास सेक्टर ( और उनमें शामिल शेयरों ) के पक्ष में होते हैं। यह वर्तमान में चल रही भीड़ की मानसिकता हैं जो निवेशकों (investor's) को इन मार्केट एक्सपर्ट ने अपने बताए अनुसार सेक्टर या शेयरों की ओर आकर्षित करना चाहती हैं।
- प्रतिधरा निवेश का अर्थ हैं, फिलहाल चल रही निवेश प्रवृत्ति के विपरित ( शेयर मार्केट में जब हर कोई एक सा सेक्टर या शेयर में निवेश कि बात करता हों) अपनी नज़रिया रखना। यह नज़रिया उन शेयरों की पहचान करने में विश्वास करता हैं, जिनकी मजबूत बुनियादी होती हैं और साथ आगे अच्छी फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? बाट़त की संभावना होती हैं, लेकिन कुछ समय के लिए ऐसा प्रतीत होता हैं कि इन शेयर, अपनी सेक्टर बेसिस इंडेक्स या अन्यों शेयरों की तुलना में कुछ खास रिटर्न नहीं देता या नहीं चल-पता है, मानो इस तरह का शेयर कुछ समय के लिए बाजार को नजर अंदाज कर रहा हैं। "ऐसे समय में इस प्रकार की शेयर आम तौर पर अपने वास्तविक भाव (कीमत - price) से कम कीमत पर उपलब्ध होते है, जिससे "धैर्यबान प्रतिकूल निवेशक" उनका फायदा उठाता हैं।
क्या वास्तव में शेयर मार्केट की कुछ सीक्रेट्स होती हैं?
बैसे बता दे, कि शेयर मार्केट में सिक्रेक्ट (secrets) नाम का कुछ नही है, ये महज़ एक भ्रम एक मिथक धारणा हैं उन निवेशकों के जिन्हें लगता हैं की "शेयर बाजार में कुछ बहुत बड़ी राज छिपे हुए हैं जिसके जानकारी एक बार मिल जाए, तो फिर वो भी मोटे पैसा बनाने वाली हैं।"
"शेयर बाजार भविष्य में प्रदर्शन का वर्तमान मूल्य हैं (The present value of stock market performance in the future)." भारत के जाने माने निवेशक एवं बिग बुल (big - bull) के नाम से सुप्रसिद्ध श्री राकेश झुनझुनवाला ( invester - Rakesh Jhunjhunwala) हमेशा एक बात कहते हैं, की " मार्केट इस सुपरिटेंड और भाव भगवान हैं " (market is superintend and price is god.)" और यहीं सच है।
आपकी सोचने मात्र बाजार की चाल बदलने वाली नहीं हैं, लेकिन कुछ खास कारक है एवं यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो निम्नों सभी प्रकार की मार्केट स्ट्रेटर्जी को अपने निवेशित जीवन काल में उतर लेना है एक जीवन संगीनी की तरह. जैसे, आप जिस किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने वाले हैं उससे पहले उसके बारे में अनुसंधान (research) कर लेना अति आवश्यक होता हैं। स्वाभाविक रूप से जब आप किसी शॉपिंग मॉल अथवा सब्जी बाजार जाते है, कुछ खरीदने सबसे पहले आप चीजों को कई बार देखते है, क्या, कैसा है जांचते हों और फिर मोल-भाव इतने सारे तमाम छानबीन के बाद अंत में एक निर्णय लेते हैं, तो फिर शेयरों को खरीदते वक्त आप कैसे सोच सकते कि बगैर किसी जानकारी, बगैर किसी रिसर्च से आपको अपनी निवेश पर फायदा होगा? कभी कभार हो सकता हैं कि आपका बगैर किसी रिसर्च की निवेश से कुछ फायदा हो भी जाए लेकिन जब आपकी लंबी रेस की सफर में इस प्रकार की तुक्के से भारी भरकम नुकसानों का समाना करना पड़े तब क्या होगा? इसलिए यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो कभी किसी के टिप्स पर निर्भर न रहे कर अपनी आप रिसर्च करें हमेशा कुछ नया सीखते रहें। अपनी आसपास हो रहे छोटी छोटी घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करे इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। शेयरों की रिसर्च करने के लिए मूल-भूत दो प्रकार की रिसर्च एनालिसिस जैसे.
सदाबहार रिटर्न चाहिए तो चुनें मजबूत फंडामेंटल वाली ये 5 कंपनियां
आर्थिक सुस्ती की वजह से शेयर बाजार के दीर्घकालिक प्रदर्शन पर गहरी चोट लगी है। ऐसे में अच्छे रिटर्न के लिए हम ऐसी पांच कंपनियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
हमने फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? 2009-10 से पिछले 10 साल के लिए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली 700 कंपनियों के एडजस्टेड ईपीएस, नेटवर्थ और डेट टू इक्विटी के कंसॉलिडेटेड डेटा का एनालिसिस किया। हमने लगातार पॉजिटिव एडजस्टेड ईपीएस वाली कंपनियों को सैंपल से बाहर रखते हुए इसमें सिर्फ उन कंपनियों को शामिल किया जिनकी नेटवर्थ पिछले एक दशक में लगातार बढ़ी थी। कंपनियों की सॉल्वेंसी का पता करने के लिए सिर्फ जीरो या डेट टू इक्विटी रेशियो फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? में लगातार गिरावट वाली कंपनियों पर गौर किया गया।
कंपनी के फिल्टर से सिर्फ 24 कंपनियां आगे निकल सकीं और पिछले एक, पांच और दस साल में इनका औसत रिटर्न 16.3% (24 कंपनियां), 24% (22 कंपनियां), 99.5% (20 कंपनियां) और 720.5% (19 कंपनियां) रहा। पिछले एक, तीन, पांच और दस साल में BSE500 इंडेक्स का रिटर्न क्रमश: 7.1%, 22.2%, 43.1% और 126.2% रहा है। BSE500 के मुकाबले कंपनियों के शानदार आंकड़े बताते हैं कि इन्होंने पिछले पांच और 10 साल में मार्केट से 2.3 गुना और 5.7 गुना रिटर्न दिया है। हमने पाठकों के लिए ऐसी पांच दमदार कंपनियों का चुनाव किया है।
वोल्टएम्प ट्रांसफॉर्मर्स
कंपनी पावर और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर बनाती है और इसकी टोटल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 13,000 MVA सालाना है। एनालिस्ट कंपनी पर बुलिश हैं क्योंकि इसकी ऑर्डर बुक स्ट्रॉन्ग है, कंपनी डेट फ्री है और रिटर्न रेशियो शानदार है। हायर ऑपरेटिंग लीवरेज और सुपीरियर एग्जिक्यूशन कैपेबिलिटीज के चलते आनेवाले समय में कंपनी का मार्जिन बढ़ सकता है। इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी होने से कंपनी के ऑर्डर इनफ्लो में बढ़ोतरी हो सकती है, जो कंपनी के रेवेन्यू में इजाफा कर सकती है।
फिनोलेक्स
कंपनी केबल्स इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन केबल, लाइटिंग प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल एक्सेसरीज, स्विचगीयर, पंखे और वॉटर हीटर बनाती है। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज में कमी के साथ ही ऑटोमोबाइल और कम्युनिकेशन सेक्टर में सुस्ती के चलते हाल में कंपनी का परफॉर्मेंस कमजोर हुआ है। इस समय कंपनी का शेयर अट्रैक्टिव लेवल पर ट्रेड कर रहा है और इसने अपना स्ट्रॉन्ग EBITDA मार्जिन बनाए रखा है। वायर सेगमेंट में रिकवरी की उम्मीद, नए प्रॉडक्ट्स और ज्वाइंट वेंचर्स की परफॉर्मेंस में सुधार, स्ट्रॉन्ग बैलेंसशीट, स्ट्रॉन्ग डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और पावरफुल ब्रांडिंग से कंपनी को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।
नेस्को
इस डायवर्सिफाइड इंजिनियरिंग कंपनी का कारोबार एग्जिबिशन, इवेंट्स, हॉस्पिटैलिटी, MICE और रियल्टी स्पेस में फैला हुआ है। पॉजिटिव कैश फ्लो, हेल्दी बैलेंसशीट और कारोबारी विस्तार पर मैनेजमेंट के फोकस को देखते हुए इसके शेयरों से मीडियम से लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है। कंपनी के बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर और फूड सेगमेंट में इसकी ग्रोथ बढ़ सकती है, रेंटल इनकम में बढ़ोतरी होने से इसके EBITDA मार्जिन में इजाफा हो सकता है।
सन टीवी नेटवर्क
इस मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी का दखल कई भारतीय भाषाओं में मूवी, एंटरटेनमेंट, म्यूजिक, डॉक्युमेंट्री और न्यूज स्पेस में है। डोमेस्टिक सर्विस रेवेन्यू की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ और फेस्टिव सीजन में ऐड ग्रोथ में उम्मीद के मुताबिक रिकवरी होने से कंपनी की ग्रोथ तेज होगी। तमिलनाडु में डिजिटाइजेशन से जुड़ी संभावनाओं, नेशनल टैरिफ ऑर्डर के नेगेटिव असर में आ रही कमी के साथ OTT सेगमेंट पर फोकस से कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा। ब्लूमबर्ग के कवरेज वाले ब्रोकरेज फर्म्स के एस्टिमेट के मुताबिक इसके शेयरों में 12 महीने के ब्लेंडेड फॉरवर्ड P/E के लिहाज से BSE500 के मुकाबले 25% डिस्काउंट पर ट्रेड हो रहा है।
जुबिलेंट फूडवर्क्स
कंपनी और इसकी सब्सिडियरी डोमिनोज पिज्जा ब्रांड को ऑपरेट करती हैं। प्रॉडक्ट इनोवेशन, सुपीरियर टेक्नोलॉजिकल स्किल, विस्तार की नपी-तुली रणनीति, कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और हाई ऑपरेटिंग लीवरेज कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट देने वाले फैक्टर्स हैं। हालांकि एनालिस्टों का कहना है कि फूड डिलीवरी बिजनेस में ऐमजॉन और डुन्यो की एंट्री से कंपनी को डिलीवरी के मोर्चे पर कंपनी का कॉम्पिटिटिव एडवांटेज घट सकता है।
कैसे किसी कंपनी की मार्किट वैल्यू पता करें
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |
यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
यह आर्टिकल १३,४५५ बार देखा गया है।
अगर आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, या फिर अपनी कंपनी बेचना चाह रहे हैं, तो उसकी कीमत का जायजा लगाना फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको पता चलता है की आपको कितनी आमदनी होने की सम्भावना है | कंपनी की मार्किट वैल्यू इन्वेस्टर की उसकी भविष्य में होने वाली आमदनी का आंकलन होता है | [१] X रिसर्च सोर्स बदकिस्मती से, हम एक पूरे बिज़नेस को स्टॉक शेयर जैसे लिक्विड एसेट की तरह वैल्यू नहीं कर सकते हैं; लेकिन, कंपनी की मार्किट वैल्यू को सही से आंकने के लिए कई तरीके मोजूद हैं | इनमें से कुछ आसान तरीकों में आप कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन (उसकी स्टॉक वैल्यू और शेयर्स का बकाया) का जायजा ले सकते हैं, उसी प्रकार की कंपनी से तुलना का आंकलन, या पूरी इंडस्ट्री से जुड़े मल्टीप्लायरज़ की मदद से मार्किट वैल्यू पता कर सकते हैं |
- ध्यान रहे की ये तरीका सिर्फ पब्लिकली- ट्रेडेड (Publically- traded) कम्पनीज के लिए काम करता है, क्योंकि आप सिर्फ उनकी शेयर वैल्यू को आसानी से पता कर सकते हैं |
- इस तरीका की एक खामी ये है की वो कंपनी की वैल्यू को बाज़ार के उतार चड़ाव के हिसाब से आंकती है | अगर किसी बाहरी कारण की वजह से स्टॉक मार्किट गिर गया है, कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन भी गिर जाएगी हांलाकि उसकी आर्थिक स्थिति अभी भी मज़बूत है |
- मार्किट कैपिटलाइजेशन, क्योंकि इन्वेस्टर के विश्वास पर निर्भर होती है, कंपनी की सही वैल्यू को पता करने का ये एक अस्थिर और अविश्वसनीय तरीका है फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? | स्टॉक के शेयर की कीमत पता करने के लिए कई फैक्टर काम करते हैं, इसलिए एक कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन, की संख्या को भी थोड़ा बदला हुआ माना जाना चाहिए | लेकिन इसके बाद भी, कंपनी का कोई भी संभावित खरीदार को भी बाज़ार से ऐसी ही उम्मीदों होंगी और वो भी उसकी आमदनी पर उसी प्रकार की कीमत लगा सकते हैं |
कंपनी का मोजूदा शेयर प्राइस देखें: कंपनी का शेयर प्राइस कई वेबसाइट जैसे moneycontrol.com, economictimes.com, Yahoo! Finance, और Google Finance पर आपको मिल सकती है | कंपनी के नाम के बाद "stock" या स्टॉक का सिंबल (अगर आपको पता है) किसी सर्च इंजन में डाल कर स्टॉक कीमत पता करें | आप इस कैलकुलेशन के लिए जिस स्टॉक वैल्यू का प्रयोग करना चाहेंगे वो करंट मार्किट वैल्यू होनी चाहिए, जो की सभी प्रमुख फाइनेंश्यीयल वेबसाइट के स्टॉक रिपोर्ट पेज पर सामने ही दिख जानी चाहिए |
सदाबहार रिटर्न चाहिए तो चुनें मजबूत फंडामेंटल वाली ये 5 कंपनियां
आर्थिक सुस्ती की वजह से शेयर बाजार के दीर्घकालिक प्रदर्शन पर गहरी चोट लगी है। ऐसे में अच्छे रिटर्न के लिए हम ऐसी पांच कंपनियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
हमने 2009-10 से पिछले 10 साल के लिए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली 700 कंपनियों के एडजस्टेड ईपीएस, नेटवर्थ और डेट टू इक्विटी के कंसॉलिडेटेड डेटा का एनालिसिस किया। हमने लगातार पॉजिटिव एडजस्टेड ईपीएस वाली कंपनियों को सैंपल से बाहर रखते हुए इसमें सिर्फ उन कंपनियों को शामिल किया जिनकी नेटवर्थ पिछले एक दशक में लगातार बढ़ी थी। कंपनियों की सॉल्वेंसी का पता करने के लिए सिर्फ जीरो या डेट टू इक्विटी रेशियो में लगातार गिरावट वाली कंपनियों पर गौर किया गया।
कंपनी के फिल्टर से सिर्फ 24 कंपनियां आगे निकल सकीं और पिछले एक, पांच और दस साल में इनका औसत रिटर्न 16.3% (24 कंपनियां), 24% (22 कंपनियां), 99.5% (20 कंपनियां) और 720.5% (19 कंपनियां) रहा। पिछले एक, तीन, पांच और दस साल में BSE500 इंडेक्स का रिटर्न क्रमश: 7.1%, 22.2%, 43.1% और 126.2% रहा है। BSE500 के मुकाबले कंपनियों के शानदार आंकड़े बताते हैं कि इन्होंने पिछले पांच और 10 साल में मार्केट से 2.3 गुना और 5.7 गुना रिटर्न दिया है। हमने पाठकों के लिए ऐसी पांच दमदार कंपनियों का चुनाव किया है।
वोल्टएम्प ट्रांसफॉर्मर्स
कंपनी पावर और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर बनाती है और इसकी टोटल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 13,000 MVA सालाना है। एनालिस्ट कंपनी पर बुलिश हैं क्योंकि इसकी ऑर्डर बुक स्ट्रॉन्ग है, कंपनी डेट फ्री है और रिटर्न रेशियो शानदार है। हायर ऑपरेटिंग लीवरेज और सुपीरियर एग्जिक्यूशन कैपेबिलिटीज के चलते आनेवाले समय में कंपनी का मार्जिन बढ़ सकता है। इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी होने से कंपनी के ऑर्डर इनफ्लो में बढ़ोतरी हो सकती फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? है, जो कंपनी के रेवेन्यू में इजाफा कर सकती है।
फिनोलेक्स
कंपनी केबल्स इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन केबल, लाइटिंग प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल एक्सेसरीज, स्विचगीयर, पंखे और वॉटर हीटर बनाती है। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज में कमी के साथ ही ऑटोमोबाइल और कम्युनिकेशन सेक्टर में सुस्ती के चलते हाल में कंपनी का परफॉर्मेंस कमजोर हुआ है। इस समय कंपनी का शेयर अट्रैक्टिव लेवल पर ट्रेड कर रहा है और इसने अपना स्ट्रॉन्ग EBITDA मार्जिन बनाए रखा है। वायर सेगमेंट में रिकवरी की उम्मीद, नए प्रॉडक्ट्स और ज्वाइंट वेंचर्स की परफॉर्मेंस में सुधार, स्ट्रॉन्ग बैलेंसशीट, स्ट्रॉन्ग डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और पावरफुल ब्रांडिंग से कंपनी को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।
नेस्को
इस डायवर्सिफाइड इंजिनियरिंग कंपनी का कारोबार एग्जिबिशन, इवेंट्स, हॉस्पिटैलिटी, MICE और रियल्टी स्पेस में फैला हुआ है। पॉजिटिव कैश फ्लो, हेल्दी बैलेंसशीट और कारोबारी विस्तार पर मैनेजमेंट के फोकस को देखते हुए इसके शेयरों से मीडियम से लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है। कंपनी के बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर और फूड सेगमेंट में इसकी ग्रोथ बढ़ सकती है, रेंटल इनकम में बढ़ोतरी होने से इसके EBITDA मार्जिन में इजाफा हो सकता है।
सन टीवी नेटवर्क
इस मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी का दखल कई भारतीय भाषाओं में मूवी, एंटरटेनमेंट, म्यूजिक, डॉक्युमेंट्री और न्यूज स्पेस में है। डोमेस्टिक सर्विस रेवेन्यू की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ और फेस्टिव सीजन में ऐड ग्रोथ में उम्मीद के मुताबिक रिकवरी होने से कंपनी की ग्रोथ तेज होगी। तमिलनाडु में डिजिटाइजेशन से जुड़ी संभावनाओं, नेशनल टैरिफ ऑर्डर के नेगेटिव असर में आ रही कमी के साथ OTT सेगमेंट पर फोकस से कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा। ब्लूमबर्ग के कवरेज वाले ब्रोकरेज फर्म्स के एस्टिमेट के मुताबिक इसके शेयरों में 12 महीने के ब्लेंडेड फॉरवर्ड P/E के लिहाज से BSE500 के मुकाबले 25% डिस्काउंट पर ट्रेड हो रहा है।
जुबिलेंट फूडवर्क्स
कंपनी और इसकी सब्सिडियरी डोमिनोज पिज्जा ब्रांड को ऑपरेट करती हैं। प्रॉडक्ट इनोवेशन, सुपीरियर टेक्नोलॉजिकल स्किल, विस्तार की नपी-तुली रणनीति, कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और हाई ऑपरेटिंग लीवरेज कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट देने वाले फैक्टर्स हैं। हालांकि एनालिस्टों का कहना है कि फूड डिलीवरी बिजनेस में ऐमजॉन और डुन्यो की एंट्री से कंपनी को डिलीवरी के मोर्चे पर कंपनी का कॉम्पिटिटिव एडवांटेज घट सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 509