निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

बस कुछ ही मिनटों में म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करें

बजाज फाइनेंस ने एक ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है - बजाज फिनसर्व ऐप, जहां आप कुछ ही क्लिक के साथ डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

Android यूज़र ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और नीचे दिए गए चरणों का पालन करके अपना म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं:

  1. 1 'ऐप प्राप्त करें' पर क्लिक करें’
  2. 2 अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके लॉग-इन करें
  3. 3 'इन्वेस्टमेंट बाजार' विजेट से 'म्यूचुअल फंड' आइकन पर क्लिक करें
  4. 4 अपना मूल विवरण जैसे पैन नंबर, बैंक अकाउंट का विवरण आदि दर्ज करें और मात्र 5 मिनट में इन्वेस्टमेंट के लिए तैयार हो जाएं
  5. 5 वे फंड चुनें जिनमें आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं और नेट बैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करके अपना पहला इन्वेस्टमेंट करें

आपको बजाज फाइनेंस के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए

बजाज फाइनेंस के साथ म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के कुछ कारण इस प्रकार हैं.

  • आप एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हम एक पेपरलेस और तेज़ ऑनलाइन अकाउंट खोलने की प्रक्रिया प्रदान करते हैं
  • 0% एजेंट/डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन के चलते आप ज़्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं
  • अकाउंट खोलने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता
  • आप हमारी मोबाइल ऐप के साथ आसानी से इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को ट्रैक कर सकते हैं
  • अपने सभी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को एक ही जगह पर देखें और ट्रैक करें

एमएफ संबंधी सामान्य प्रश्न

डिस्क्लेमर

म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं; स्कीम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें.

बजाज फाइनेंस लिमिटेड ('बीएफएल') आरबीआई के साथ डिपॉजिट स्वीकार करने वाले नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थान के रूप में रजिस्टर्ड है, और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ("एएमएफआई") के साथ थर्ड पार्टी म्यूचुअल फंड (जिसे संक्षेप में 'म्यूचुअल फंड' कहा जाता है) के डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में रजिस्टर्ड है.

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले कस्टमर निवेश या Investment क्यों किया जाता है बजाज फिनसर्व डायरेक्ट लिमिटेड ("बीएफडीएल") के माध्यम से अपना इन्वेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं, जो बजाज फिनसर्व लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और यह रजिस्ट्रेशन नंबर आईएनए000016083 के साथ इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र के रूप में सेबी के साथ रजिस्टर्ड है. बीएफडीएल प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड केवल निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं और ये भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं हैं. यहां पर यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बीएफएल केवल संभावित कस्टमर को रेफर कर रहा है जो बीएफडीएल की डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने में रुचि ले सकते हैं, इस मामले में बीएफएल स्वयं को सभी जोखिम और जिम्मेदारियों से मुक्त रखता है.

बीएफएल किसी भी तरीके से या किसी भी रूप में इन्वेस्टमेंट सलाहकार सर्विसेज़ प्रदान नहीं करता है. बीएफएल इन्वेस्टर की जोखिम प्रोफाइलिंग नहीं करता है और किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम या अन्य इन्वेस्टमेंट के लिए स्वतंत्र रिसर्च या विश्लेषण नहीं करता है. बीएफएल द्वारा कोई कस्टमाइज़्ड/पर्सनलाइज्ड उपयुक्तता मूल्यांकन नहीं किया जाता है. इसके अलावा, बीएफएल इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है. इसलिए, इन्वेस्टमेंट पर अंतिम निवेश या Investment क्यों किया जाता है निर्णय पूरी तरह से और हर समय केवल इन्वेस्टर का ही होगा और बीएफएल इसके किसी भी परिणाम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा न ही उत्तरदायी ठहराया जा सकेगा.

SIP पर निवेश या Investment क्यों किया जाता है ऐसे बढ़ रहा लोगों का भरोसा, 500 रुपये का निवेश भी बना सकता है करोड़पति

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशकों के बीच एक पसंदीदा ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है. अक्टूबर में SIP में रिकॉर्ड निवेश हुआ है. अक्टूबर में SIP फ्लो बढ़कर 13,041 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.

SIP पर ऐसे बढ़ रहा लोगों का भरोसा, 500 रुपये का निवेश भी बना सकता है करोड़पति

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशकों के बीच एक पसंदीदा ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है. अक्टूबर में SIP में रिकॉर्ड निवेश हुआ है. अक्टूबर में SIP फ्लो बढ़कर 13,041 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. इससे पिछले महीने यह 12,976 करोड़ रुपये रहा था. वहीं, इक्विटी स्कीम्स में निवेश गिरकर 9,390 करोड़ रुपये हो गया है. जबकि, सितंबर में यह 14,100 करोड़ रुपये रहा था. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा से यह जानकारी मिली है. अब सवाल यह उठता है कि लोग SIP में निवेश की ओर आकर्षित क्यों हो रहे हैं, आइए इसके बारे में जान लेते हैं.

SIP क्या है?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP निवेश का एक जरिया है, जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. इसमें एक तय राशि को समय-समय पर निवेश किया जा सकता है. यह समयावधि मासिक, तिमाही या सेमी-एनुअली आदि हो सकती है. जब इस तरीके से लगातार निवेश करते हैं, तो आपके लिए अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना आसान हो जाता है.

SIP कैसे काम करता है?

जब आप SIP के जरिए निवेश करते हैं, तो आप एक तय अवधि में तय राशि को लगाते हैं. इस राशि से आप कुछ फंड्स यूनिट को खरीदते हैं. अगर आप यह लंबे समय तक करना जारी रखते हैं, को आप फंड में उसके हाई और लो के दौरान भी पैसा लगाते हैं. यानी आपको बाजार का समय देखने की जरूरत नहीं पड़ती है. बाजार के समय को ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है. क्योंकि व्यक्ति गलत समय पर निवेश कर सकता है. SIP निवेश या Investment क्यों किया जाता है में अनिश्चित्ता की बात नहीं रहती है. इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि इसमें आप 500 रुपए का निवेश करके भी लंबी अवधि में करोड़ों का फंड बना सकते हैं.

SIP में निवेश के बेनेफिट्स

कम राशि से शुरू होगा निवेश

आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में केवल 500 रुपये प्रति महीने में निवेश शुरू कर सकते हैं. यह निवेश करने का एक बेहद किफायती तरीका है, जिसमें आपकी जेब को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. अपनी इनकम बढ़ने के साथ, आप SIP स्टेप अप फीचर के जरिए अपनी मासिक निवेश की राशि को बढ़ा सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स हाउस निवेशकों को अपनी एसआईपी को टॉप-अप करने की भी इजाजत देते हैं. तो, अगर आप 500 रुपये सा 1,000 रुपये प्रति महीने के साथ निवेश शुरू करते निवेश या Investment क्यों किया जाता है हैं, तो आप कई सालों में ज्यादा निवेश कर सकते हैं. इस तरीके से आप अपने निवेश के लक्ष्य पर जल्द पहुंच जाएंगे.

निवेश करने का आसान तरीका

SIP निवेश करने का एक आसान तरीका है. ज्यादातर निवेशकों की तरह, आपके पास ज्यादा मार्केट रिसर्च और एनालिसिस के लिए समय नहीं होता है. तो, केवल आपको इसमें एक अच्छा फंड चुनना है. आप बैंक को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन्स दे सकते हैं और SIP आपके मासिक निवेश का ध्यान रखेगा.

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्‍क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्‍क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्‍छा रिटर्न भी दिया जा रहा है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्‍की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।

अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

अगर कोई व्‍यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्‍क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है। फिक्‍स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्‍योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और पेंशन प्‍लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

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हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्‍प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्‍प उपब्‍ध हैं। कम जोखिम वाला व्‍यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्‍प चुनेगा तो वहीं रिस्‍क लेना वाला व्‍यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्‍प चुन सकता है।

ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।

आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

एक्‍सपर्ट के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्‍क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।

How to invest: निवेश करने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे

निवेश करते वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. अक्सर लोग निवेश तो करते हैं लेकिन उन्हें वैसे फायदा नहीं होता जिसकी वह उम्मीद करते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 19 Aug 2021 11:11 PM (IST)

How to invest: कोरोना संकट ने एक बार फिर बताया है कि जीवन अनिश्चितताओं से भरा है. मुश्किल वक्त कभी आ सकता है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां गईं और व्यापार धंधे चौपट हो गए. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम निवेश कर अपने भविष्य को सुरक्षित करें.

हमें निवेश जरूर करना चाहिए. मुश्किल वक्त में सेविंग ही काम आती है. निवेश करते वक्त कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. अक्सर लोग निवेश तो करते हैं लेकिन उन्हें वैसे फायदा नहीं होता जिसकी वह उम्मीद करते हैं. आज हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप फायदे में रहेंगे.

पहले कर्ज निपटाएं
सबसे पहले अपने सभी कर्जे निपटाने की कोशिश करें. नौकरी की शुरुआत में अगर आप पर कोई कर्ज हैं तो उसे जरूर निपटा दें. हो सकता है आप पर एजुकेशन लोन हो या फिर कोई अन्य लोन जो आपके माता-पिता ने आपकी पढ़ाई के निवेश या Investment क्यों किया जाता है लिए लिया हो. सबसे पहले कर्ज को निपटा दें. ऐसा करने से आप चिंता मुक्त होकर पूरी तरह निवेश पर ध्यान दे पाएंगे.

कम ही सही लेकिन निवेश जरूर करें
अगर आपको लगता है कि आपकी सैलरी कम है या आपके खर्चे ज्यादा हैं तो यह सोचकर निवेश नहीं टालना चाहिए. चाहें कम ही सही निवेश जरूर करना चाहिए.

निवेश अवधि का रखें ध्यान
पैसा निवेश करते वक्त समय निवेश अवधि का ध्यान जरूर रखें. मतलब आप कितने समय के लिए पैसा निवेश करना चाहते हैं यह तय कर लें. याद रखें कि कई सेविंग स्कीम और योजनाएं निवेश या Investment क्यों किया जाता है लॉक इन पीरियड के साथ आती हैं. यानी इस पीरियड में आप अपना निवेश किया हुआ पैसा नहीं निकाल सकेंगे. इसलिए किसी सेविंग स्कीम को चुनते वक्त लॉक इन पीरियड का ध्यान रखें.

निवेश के विकल्पों की तुलना करें
कहीं भी पैसा लगाने से पहले निवेश विकल्पों की तुलना ठीक से करनी चाहिए. आपको देखना चाहिए कि किस स्कीम या योजना ने बीते सालों में कितना रिटर्न दिया है और यहां निवेश करना सुरक्षित है या नहीं.

बड़े लक्ष्यों से बचें
निवेश का प्लान करते वक्त बड़े-बड़े लक्ष्य बनाने से बचें. बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटे. इसके दो फायदे होंगे- पहला आप अपने निवेश की सही से निगरानी कर सकेंगे. दूसरा- अगर आपका निवेश सही रिटर्न नहीं दे रहा है तो, आप कुछ समय बाद उसके मैच्योर होने पर उसे कहीं और निवेश कर सकते हैं.

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Published at : 19 Aug 2021 11:11 PM (IST) Tags: Money Investment Interest Debt financial Planning हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प.

म्यूचुअल फंड में निवेश आज की तारीख में सबसे बेहतर निवेश माना जा रहा है. कारण सिर्फ यह है कि अगर कोई भी नौकरीपेशा या बिजनेसमैन यह चाहता है कि वह अपने काम के साथ अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है और उस पर ज्यादा सोच विचार का समय नहीं है तब म्यूचुअल फंड का निवेश उसके सामने एक अच्छा विकल्प है. साथ ही ऐसे निवेशकों के लिए यह सबसे उपयोगी जो बाजार के उतार-चढ़ाव को तो समझते हैं मगर उससे सीधे जुड़े नहीं रह पाते हैं. नौकरी या बिजनेस उन्हें इतना वक्त नहीं देता कि वे बाजार की चाल के साथ निवेश कर सकें और अपना पैसा सही समय में निकाल सकें. ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड शानदार मौका उपलब्ध कराता है जिससे वे अपने पैसे का ज्यादा रिटर्न ले सकें.

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म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

चूंकि इनमें निवेश लॉकइन समय के साथ आता है. तो सरकार की ओर से आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह साफ करना भी जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत केवल 150000 रुपये सालाना ही टैक्स में छूट का दायरा है. क्योंकि यहां पर टैक्स में छूट के साथ कमाई भी हो रही है तभी इसे टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि आयकर के सेक्शन 80 सी के तहत कुछ अन्य निवेश और खर्च भी आते हैं. इनमें EPF, PPF, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, जीवन बीमा आदि भी सम्मिलित हैं. टैक्स की लिमिट में इन सभी को शामिल किया जाता है.

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या ELSS की मुख्य बातों को ऐसे समझें

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या कहें म्यूचुअल फंड एक प्रकार से कई लोगों के पैसे को इकट्ठा कर बाजार में निवेश किया जाता है. नाम से ही साफ हो जाता है कि जिस भी कंपनी के माध्यम से हम निवेश कर रहे हैं वह कंपनी पैसे एकत्र कर निवेश करती है. कंपनी के पास अपने फंड मैनेजर होते हैं जो हमेशा बाजार की चाल पर नजर रखते निवेश या Investment क्यों किया जाता है हैं और निवेश करने में बेहतर रिटर्न के साथ पैसे की सुरक्षा के दोनों पहलुओं पर गौर करते हैं. यहां यह भी साफ कर देना उतना ही जरूरी है जितना किसी बात की गारंटी देने के लिए जरूरी होता है. बाजार में किया गया निवेश हमेशा एक रिस्क या कहें जोखिम के साथ होता है. सो जो इस बात को रिस्क वहन करना जानते हैं तब आप बाजार से जुड़े किसी फंड में निवेश करें.
फंड मैनेजर ये निवेश सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के सावधि जमा, शेयर या फिर सोना आदि में करते हैं या कहें जैसे जरूरत और समय है उसमें निवेश किया जाता है. ये फंड मैनेजर की सूझबूज के साथ ही तय हो जाता है कि पैसा कितना बढ़ेगा. साथ ही यह वही तय करता है कि कब निवेश करना है और कब निकाल लेना है.

रिटर्न की संभावना कितनी है म्यूचुअल फंड में

इस सवाल का जवाब सटीक नहीं होता. इसके लिए कहा जा सकता है कि सड़क पर चलती गाड़ी की स्पीड कितनी होगी. कोई बता सकता है. नहीं. सड़क कैसी है, ड्राइवर कैस है और ट्रैफिक कैसा.. कई कारक सड़क पर गाड़ी की स्पीड तय करते हैं. वैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बनने की उम्मीद है. वैसे भी भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से लगातार प्रगति कर रही है. विदेशी निवेशकों से लेकर विदेशी कंपनियों ने यहा पर निवेश और विनिर्माण में रुचि दिखाई है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में आने निवेश या Investment क्यों किया जाता है वाले 20 सालों में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और निवेश का प्रतिफल लाभदायक ही होने की उम्मीद है. हम फिर एक बार गारंटी नहीं ले रहे हैं. याद रखें बाजार की अपनी चाल होती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कई म्यूचुअल फंड ने पिछले दो दशकों में 21 प्रतिशत सालाना का रिटर्न भी दिया है. कहा तो यह भी जाता है निवेश या Investment क्यों किया जाता है कि MF के सामने सोना भी फीका साबित हुआ है. कुछ तो यह भी कहते हैं कि प्रॉपर्टी का निवेश भी कमतर रहा है.

इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और SIP की सुविधा होती है. एसआईपी के जरिए आपको निवेश करने में सुविधा होती है. आप महीने की किसी एक तारीख में एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. अब इन एसआईपी के लिए बैंक खाते से हर महीने अपने आप पैसे कट जाते हैं. पैसे अलग अलग महीने में कटती है तो ऐसे में आपके म्यूचुअल फंड के खाते में भी निवेश या Investment क्यों किया जाता है अलग अलग समय पर यूनिट की खरीद होती है. इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार चढ़ाव को यह संभाल लेता है.

अंत में बस एक बात. अभी तक देखा गया है कि पिछले दो दशकों में शेयर बाजार वाले म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम से कम 11 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिला है वहीं टैक्स सेविंग में 18 प्रतिशत तक का रिटर्न प्राप्त हुआ है. बाजार ने पिछले दो दशकों में देश की तरक्की के साथ खासी मजबूती भी हासिल की है और निरंतर प्रगति के ओर बढ़ रहा है. यह अलग निवेश या Investment क्यों किया जाता है बात है कि बाजार हमेशा जोखिम से भरा होता है इसलिए बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में केवल उसी व्यक्ति को निवेश करना चाहिए जो यह रिस्क लेने को तैयार है.

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