विदेशी महिला ने राजधानी के सबसे बड़े स्टेशन को बताया सबसे बेकार किया रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट

BJP बोली- दलाल भंडारी को नहीं मिली राफेल डील इसलिए कांग्रेस कर रही है विरोध

संबित पात्रा ने कहा है कि राफेल डील में सिर्फ और सिर्फ रोबर्ट वाड्रा को दलाली नहीं मिलने के कारण कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील को पूरा नहीं होने दिया.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 25 Sep 2018 05:06 PM (IST)

नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर संग्राम जारी है. बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि रॉबर्ट वाड्रा के मित्र संजय भंडारी की कंपनी को राफेल डील नहीं मिली इसलिए कांग्रेस मोदी सरकार का विरोध कर रही है. बीजेपी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए प्रवक्ता संबित पात्रा ने यह भी कहा कि दलाल संजय भंडारी ने रॉबर्ट वाड्रा को 19 करोड़ रुपए का गिफ्ट भी दिया था.

संबित पात्रा ने कहा, ‘’राफेल खरीद में कांग्रेस पार्टी को कमीशन खाने को नहीं मिला इसीलिए कांग्रेस पार्टी छटपटा रही है. रॉबर्ट वाड्रा के मित्र संजय भंडारी की कंपनी 'Offsets India Solutions' जो कांग्रेस की सरकार के समय रक्षा सौदों में दलाली करकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का काम करती थी, उसको साल 2014 में मोदी सरकार की तरफ से Red flag कर दिया गया.’’

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संबित पात्रा ने पूछा, ‘’राफेल खरीद से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज जो सिर्फ रखा मंत्रालय में होने चाहिए थे रॉबर्ट वाड्रा के अभिन्न मित्र संजय भंडारी के घर से निकले है, ये कागज़ वहां तक कैसे पहुंचे?’’ उन्होंने कहा, ‘’हथियारों के दलाल संजय भंडारी की तरफ से रॉबर्ट वाड्रा के लिए लंदन में 19 करोड़ रुपये का फ्लैट ख़रीदा गया था.’’ संबित पात्रा ने आगे कहा, ‘’राफेल डील में सिर्फ और सिर्फ रॉबर्ट वाड्रा को दलाली नहीं मिलने के कारण कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील को पूरा नहीं होने दिया.’’

'जीजा' को फायदा पहुंचाने के लिए सौदा कैंसिल किया गया- BJP

इससे पहले बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल समझौता इसलिए कैंसिल कर दिया था, क्योंकि इसे बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को 'बिचौलिए' के तौर पर स्वीकार नहीं किया. बीजेपी का ये हमला कांग्रेस अध्यक्ष के उस ट्वीट के बाद आया जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में पीएम मोदी को "भारत का कमांडर इन थीफ" बता दिया था. बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी इसलिए राफेल सौदा रद्द करना चाहते थे क्योंकि वो अपनी बहन प्रियंका के पति वाड्रा से जुड़ी एक कंपनी को फायदा पहुंचाना चाहते थे.

बिना कमीशन जिंदा नहीं रह सकता गांधी परिवार: रवि शंकर प्रसाद

आज राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उन्हें बेशर्म कह दिया. रविशंकर प्रसाद ने कहा गांधी परिवार बिना कमीशन के जिंदा नहीं रह सकता. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''राहुल गांधी बेशर्म हैं, गैर जिम्मेदाराना हरकत कर रहे हैं. आजाद भारत में किसी पार्टी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया. प्रधानमंत्री की व्यक्तित्व दीपक की तरह ईमानदार है.'' प्रसाद ने कहा, ''राहुल गांधी की परेशानी मैं समझता हूं. फ्रांस्वां ओलांद ने अपने बयान को वापस ले लिया लेकिन राहुल गांधी उनके साथ काम कर रहे थे. जब उन्हें (ओलांद को) लगा कि वो फंस जाएंगे तो पीछे हट गए.''

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Published at : 25 Sep 2018 04:55 PM (IST) Tags: Sanjay Bhandari Robert Vadra Rafale deal Rahul Gandhi BJP Narendra Modi Congress हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

वेरीफिकेशन में वेटिंग 10 हजार से ऊपर

सीसीएसयू में इन दिनों वेरीफिकेशन में वेटिंग 10 हजार से ऊपर चल रही है। नवंबर से शुरू हुई वेटिंग जनवरी तक खत्म नहीं हुई है। 200-250 वेरीफिकेशन प्रतिदिन आ रहे हैं, लेकिन जिस रफ्तार से इन्हें निपटाया जा रहा है, उससे करीब दो महीने लगेंगे।

प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति और अन्य शिक्षकों की नियुक्ति दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं होने के बाद सबसे अधिक वेरीफिकेशन के केस सीसीएसयू के पास आ रहे हैं। ज्यादातर चयनित अभ्यर्थियों ने सीसीएसयू से बीएड की है। जानकारों के मुताबिक इनमें 20 हजार से अधिक छात्र सीसीएसयू के चयनित हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक बीएड कॉलेज दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं सीसीएसयू से संबद्ध हैं। वेरीफिकेशन का लॉट नवंबर से आना शुरू हुआ। फिलहाल 10 हजार से अधिक वेरीफिकेशन आए हुए हैं। करीब इतने ही का सत्यापन हो चुका है। रोजाना 200 से 250 छात्रों का वेरीफिकेशन किया जा रहा है।

दलाल सक्रिय, तुरंत होगा काम
वेरीफिकेशन तुरंत कराने के लिए दलाल सक्रिय हैं। वह पैसे लेकर उसी दिन वेरीफिकेशन करा रहे हैं। दूसरे जिलों से आने वाले छात्र उनके चंगुल में फंस रहे हैं। वेटिंग और कई चक्कर लगाने से अच्छा वह पैसे देेकर अपना काम कर रहे हैं। हालांकि विजिलेंस ऑफिसर ने पैसे मांगने वालों की शिकायत करने के लिए कार्यालय पर अपना नंबर चस्पा कराया है।

रिजल्ट सुधरवाने की भीड़
विवि में इन दिनों रिजल्ट सुधरवाने की भी भीड़ लग रही है। पीएचडी एंट्रेंस फार्म भरने के लिए मार्कशीट की गड़बड़ी सही कराने और एग्जाम फार्म के लिए इन दिनों मार्कशीट सुधार कराने वालों की भीड़ कैंपस पहुंच रही है।

सीसीएसयू में इन दिनों वेरीफिकेशन में वेटिंग 10 हजार से ऊपर चल रही है। नवंबर से शुरू हुई वेटिंग जनवरी तक खत्म नहीं हुई है। 200-250 वेरीफिकेशन प्रतिदिन आ रहे हैं, लेकिन जिस रफ्तार से इन्हें निपटाया जा रहा है, उससे करीब दो महीने लगेंगे।

प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति और अन्य शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद सबसे अधिक वेरीफिकेशन के केस सीसीएसयू के पास आ रहे हैं। ज्यादातर चयनित अभ्यर्थियों ने सीसीएसयू से बीएड की है। जानकारों के मुताबिक इनमें 20 हजार से अधिक छात्र सीसीएसयू के चयनित हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक बीएड कॉलेज सीसीएसयू से संबद्ध हैं। वेरीफिकेशन का लॉट नवंबर से आना शुरू हुआ। फिलहाल 10 हजार से अधिक वेरीफिकेशन आए हुए हैं। करीब इतने ही का सत्यापन हो चुका है। रोजाना 200 से 250 छात्रों का वेरीफिकेशन किया जा रहा है।

दलाल सक्रिय, तुरंत होगा काम
वेरीफिकेशन तुरंत कराने के लिए दलाल सक्रिय हैं। वह पैसे लेकर उसी दिन वेरीफिकेशन करा रहे हैं। दूसरे जिलों से आने वाले छात्र उनके चंगुल में फंस रहे हैं। वेटिंग और कई चक्कर लगाने से अच्छा वह पैसे देेकर अपना काम कर रहे हैं। हालांकि विजिलेंस ऑफिसर ने पैसे मांगने वालों की शिकायत करने के लिए कार्यालय पर अपना नंबर चस्पा कराया है।

रिजल्ट सुधरवाने की भीड़
विवि में इन दिनों रिजल्ट सुधरवाने की भी भीड़ लग रही है। पीएचडी एंट्रेंस फार्म भरने के लिए मार्कशीट की गड़बड़ी सही कराने और एग्जाम फार्म के लिए इन दिनों मार्कशीट सुधार कराने वालों की भीड़ कैंपस पहुंच रही है।

दलालों के कब्जे में आरटीओ

0 लाइसेंस बनवाने छूट जाते हैं पसीने, देना पड़ता है कमीशन रायगढ़ (दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं निप्र)। आरटीओ में आम आदमी या अधिकारियों की नहीं चलती, बल्कि विभाग के सारे कामों पर एजेंटों का दबदबा है। लाइसेंस बनाना हो, रजिस्ट्रेशन कराना हो या नामांतरण। यदि आम आदमी खुद से ये काम करा ले तो एवरेस्ट की चोटी फतह करने जैसा है। लेकिन यदि काम बिना दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं किसी समस्या से कराना

दलालों के कब्जे में आरटीओ

0 लाइसेंस बनवाने छूट जाते हैं पसीने, देना पड़ता है कमीशन

रायगढ़ (निप्र)। आरटीओ में आम आदमी या अधिकारियों की नहीं चलती, बल्कि विभाग के सारे कामों पर एजेंटों का दबदबा है। लाइसेंस बनाना हो, रजिस्ट्रेशन कराना हो या नामांतरण। यदि आम आदमी खुद से ये काम करा ले तो एवरेस्ट की चोटी फतह करने जैसा है। लेकिन यदि काम बिना किसी समस्या से कराना हो कार्यालय में घूमने वाले दलालों के पास जाएं, काम फटाफट हो जाएगा। क्योंकि यहां के एजेंटों को मालूम है कि किस अधिकारी-कर्मचारी से कैसे काम लेना है।

आरटीओ में कोई भी काम कराना सबसे जटिल माना जाता है। यहां स्वयं से लाइसेंस बनाने में लोगों को दिन में तारे दिखने लगते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में इतनी पेचिदगियां हैं कि उसे फुलफिल कर पाना हर किसी के बस में नहीं होता है। इन सबसे बचने के लिए दलाल रूपी एजेंट को पकड़ना ही पड़ता है। स्वयं से लाइसेंस बनवाने पहुंचने पर हर बार कोई न कोई खामी निकाल ही दी जाती है। कई बार तो अधिकारी दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं जानबूझकर परेशान करते हैं। लेकिन जो आदमी जिद्द पर आ जाता है कि काम तो वो खुद कराएगा, तब उसे दो दिन का काम करवाने में दो माह लग जाता है। तमाम शिकायतों के बाद भी न तो विभाग के लोग बदले और न ही यहां का तौर तरीका। लिहाजा अब लोगों ने भी सिस्टम के साथ समझौता करना शुरू कर दिया है।

ऐसे में लोग बार-बार चक्कर काटने से ज्यादा अच्छा दलालों के मार्फत लाइसेंस बनवाना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कई प्रारूप में फार्म होते हैं। जिसे सामान्य तौर पर पूरा कम्प्लीट करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसमें आंखों की फिटनेस चेकिंग से लेकर ड्राइविंग की परीक्षा देना तक कई तरह की पेचिदगियों से गुजरना पड़ता है। स्वयं का लाइसेंस बनाने के लिए बार-बार आरटीओ के चक्कर काटने की मजबूरी होती है। बावजूद फार्म पूरी तरह दुरूस्त नहीं हो पाता है। यदि किसी तरह फार्म को पूरा कर लिया गया तो लाइसेंस के लिए ड्राइविंग परीक्षण में पास होना टेढ़ी खीर साबित होता है। चार दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं चक्का वाहन के लाइसेंस की बात तो दूर दो चक्का वाहन भी फेल कर दिया जाता है।

ऐसा ही नवीनीकरण कराने के लिए भी विभिन्न तरह के प्रारूप में फार्म भरना, आई टेस्ट सहित कई तरह की पेचिदगियों से बचने लोग एजेंटों के माध्यम से बिना किसी झंझट के नवीनीकरण कराते हैं। आरटीओ दफ्तर बनाम भ्रष्टाचार का अड्डा है। यहां कोई भी काम आसानी से नहीं कराया जा सकता है। बिना दलाल के काम करवाना चाहे वह लाइसेंस बनवाना हो या नवीनीकरण, चक्कर काटने से अच्छा लोग एजेंट की तयशुदा फीस देकर झंझट से मुक्ति पाना चाहते हैं।

वाहन चालन परीक्षण टेस्ट क्लीयर करना चुनौती

आरटीओ दफ्तर किसी भी तरह का ड्राइविंग लाइसेंस बनाना बड़ा चुनौती के सामना है। दूसरी सबसे बड़ी बाधा वाहन चालन परीक्षण टेस्ट क्लीयर करना होता है। किसी न किसी बहाने परीक्षण टेस्ट में फेल कर दूसरी तिथि दे दी जाती है। इस तरह एक लाइसेंस के स्वयं बनवाने के लिए महिनों तक आरटीओ दफ्तर के चक्कर काटने के बाद भी नहीं बन पाते हैं।

15 सौ दो, सप्ताह भर में लाइसेंस ले जाओ

आरटीओ के दलालों के पास ड्राइविंग लाइसेंस की फीस तय है। तयशुदा फीस दो आपको कुछ करने की जरूरत नहीं। न ही आंखों का फिटनेस सर्टिफिकेट के भटकना पड़ेगा और न ही ड्राइविंग परीक्षण टेस्ट पास करने आने की जरूरत। दो पहिया वाहन के लिए 15 सौ चार पहिया और हैवी लाइसेंस के लिए 2 से ढाई हजार रुपए फिक्स है। सप्ताह 15 दिन के अंदर बिना किसी झंझट लाइसेंस प्राप्त हो जाता है। इस दौरान सिर्फ एक बार फोटो खिचवाने जाने की जरूरत पड़ती है।

संसाधनों की कमी व इच्छाशक्ति का अभाव

संसाधनों की कमी क ा विभाग हालांकि हमेशा रोना रोती है, पर जब पूछा जाता है कि किन संसाधनों की कमी है और क्या चाहिए। तो आरटीओ अधिकारी अ ब स द करने लग जाते हैं। कुछ स्टॉफ की कमी जरूर है पर बाकी के संशोधन या तो अधिकारी अर्जित कर लेते हैं या उनको मिल जाती है। लेकिन इसके लिए भ्रष्टाचार को प्रश्रय देना पड़ता है और आम आदमी परेशान होता है।

ऑफिस जाने पर कहते हैं फोन करेंगे और फोन हो जाता है बंद

जब इस आरटीओ अधिकारी से बात करने नईदुनिया प्रतिनिधि कार्यालय गए तो वहां आरटीओ अधिकारी एचआर ठाकुर ने ज्यादा काम का हवाला देते हुए बाद में फोन करने कहा। लेकिन जब तय समय पर फोन किया गया तब उनका फोन बंद मिला। हमने शाम को 5.30 बजे फिर से जब उनके मोबाइल नंबर 9755637133 पर कॉल किया तब उन्होंने नहीं उठाया। जाहिर है वे ऐसे सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं जिनका जबाव उनके पास नहीं है।

विदेशी महिला ने राजधानी के सबसे बड़े स्टेशन को बताया सबसे बेकार किया रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट

एक विदेशी महिला ने रेल मंत्रालय और रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर स्टेशन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए। मेरिलेन वार्ड ने अपने ट्वीट दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं में लिखा है, 'दलाल लोगों को बुरी तरह परेशान करते हैं। कुली ज्यादा पैसे मांगते हैं। प्री-पेड टैक्सी बूथ पर अच्छा व्यवहार नहीं होता।'

विदेशी महिला ने राजधानी के सबसे बड़े स्टेशन को बताया सबसे बेकार किया रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट

विदेशी महिला ने राजधानी के सबसे बड़े स्टेशन को बताया सबसे बेकार किया रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट

DRM को एक्शन का निर्देश
रेल मंत्रालय ने ट्वीट की शिकायत पर ऐक्शन लेने के लिए डीआरएम दिल्ली को कहा, लेकिन ऐक्शन लेने की जगह उन्होंने महिला से पहले पीएनआर नंबर मांगा जबकि इन गतिविधियों को रोकने के लिए पीएनआर नंबर की खासी जरूरत नहीं है। पीएनआर मांगने की कंडीशन उसके लिए रखी गई हैं, जब चलती ट्रेन में अपनी शिकायत दर्ज करानी हो। लेकिन रेलवे हर तरह की शिकायत पर ट्विटर पर रटे रटाए सवाल और जवाब ही लिखता है।

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दलाल काट रहे चांदी, पांच सौ के बदले दे रहे चार सौ

बड़े नोट बन्द करने से क्षेत्र में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आदिवासी ग्रामीण सबसे ज्यादा लुट रहे हैं। रोजाना कस्बे में आने वाले महिला व पुरुष शाम को मजदूरी कर रुपए लेकर घर पहुंचते हैं। इसमें ज्यादातर पांच सौ के नोट होते हैं। बैंकों से लेन-देन के बारे में सही जानकारी तक नहीं होने व मनरेगा मजदूरी के रुपए लेने के लिए भी उन्हें बैंक में स्लिप भरने के लिए दलालों को दस-बीस रुपए देने पड़ते हैं। दिहाड़ी मजदूरी भी छोडऩी पड़ती है।
इन हालात में क्षेत्र में कुछ दलाल सक्रिय हो गए हैं। वे ऐसे लोगों से सम्पर्क कर उन्हें पांच सौ नोट के बदले चार सौ व हजार के बदले आठ सौ रुपए दे रहे हैं। कई किराणा दुकानदार पांच सौ का सामान दे रहे हैं।
भोले भाले आदिवासी दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं इन दलालों की बातों में आकर यह माने लेते हैं कि एक दिन की दिहाड़ी का नुकसान करने से अच्छा है कुछ रुपए काटकर नोट बदल दिए जाएं। ऐसे में दलाल इन दिनों आदिवासी क्षेत्र में चांदी काट रहे हैं। दम्पती ने बताया कि वे साथ में मजदूरी करते हैं। ऐसे में शाम को मिलने वाली मजदूरी में एक नोट तो पांच सौ का लेना ही पड़ता था जो घर पर ही रख देते थे। ऐसे श्रमिकों में सवलीदेवी व उसका पति मोटाराम गरासिया, अजलीदेवी व पति जगाराम भी हैं।
उन्हें मत बताना
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं दलालों का सबसे अच्छा कर रहे हैं महिला ने बताया कि पति शराब का आदी है। ऐसे में उसने छुपाकर कुछ रकम जमा कर रखी थी लेकिन अचानक बड़े नोट बंद हो गए। ऐसे में मजबूरन पैसे बाहर निकाल कर बदलवाने पड़ रहे हैं। शराबी पति को पैसों की भनक लग गई तो रकम बर्बाद हो जाएगी। इसलिए उनसे छुपकर पैसे जमा करवाने आई हूं। कई महिलाओं ने पतियों को इस शर्त पर रुपए बदलवाने के लिए दिए कि वापस पूरी रकम देंगे।

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