बिटकॉइन के लिए फिर घाटे का सौदा साबित हुआ सितंबर, औंधे मुंह गिरी करंसी, हफ्ते की बड़ी गिरावट दर्ज

बिटकॉइन का ट्रेंड देखें तो इसके लिए सितंबर महीना हमेशा से घाटे का सौदा साबित होता रहा है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. पिछले एक दशक का इतिहास बताता है कि बिटकॉइन की चलती-फिरती तेजी सितंबर महीने में काफूर हो जाती है.

बिटकॉइन के लिए फिर घाटे का सौदा साबित हुआ सितंबर, औंधे मुंह गिरी करंसी, हफ्ते की बड़ी गिरावट दर्ज

बाजार में उतार-चढ़ाव की सनसनी फैलने के साथ ही बिटकॉइन औंधे मुंह गिर गया है. इस हफ्ते की यह सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है. मार्केट वैल्यू के लिहाज से बिटकॉइन को क्रिप्टोकरंसी का बादशाह माना जाता है लेकिन इस हफ्ते इसकी गिरावट ने ट्रेडर्स को सकते में डाल दिया है. यह गिरावट 3.2 परसेंट तक देखी गई. यह गिरावट 44,760 डॉलर तक देखी गई है. दूसरी ओर इथर भी बड़ी गिरावट में देखा गया और यह 6.5 प्रतिशत गिरावट के साथ 3,210 डॉलर पर दर्ज हुआ. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.

बिटकॉइन में 50 दिन और 200 दिन का एवरेज देखा जाता है जिसके दौरान इस करंसी में बढ़ोतरी की उम्मीद होती है. अगर दोनों एवरेज अच्छे न रहें तो बिटकॉइन में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है. एक्सपर्ट मान कर चल रहे हैं कि आगे कुछ भी गड़बड़ी हुई तो बिटकॉइन के दाम 40,000 डॉलर से नीचे जा सकते हैं. पिछले हफ्ते में 50 दिन के एवरेज ने बिटकॉइन को काफी मदद दी है जिसमें इसके दाम में बड़ी वृद्धि देखी गई है. 50 दिन के एवरेज के बाद बिटकॉइन की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. लेकिन आने वाले दिन क्रिप्टोकरंसी के हिसाब से ठीक न रहें तो बिटकॉइन के दाम गिर सकते हैं. इसे लेकर ट्रेडर्स और बिटकॉइन में निवेश करने वाले लोगों में चिंता देखी जा रही है.

क्यों गिरे दाम

बिटकॉइन के दाम में गिरावट के पीछे बिटकॉइन की वैल्यू अल-सल्वाडोर को कारण बताया जा रहा है. अल-सल्वाडोर ने अभी हाल में बिटकॉइन को अपनी लीगल टेंडर बनाया है. यानी बिटकॉइन में भी यहां के वित्तीय काम हो सकते हैं. लोग सब्जी-दूध खरीदने से लेकर बैंकिंग ट्रांजेक्शन में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं. अल-सल्वाडोर की सरकार ने इसे मंजूरी दी है. लेकिन मंगलवार को अल-सल्वाडोर के बिटकॉइन नेटवर्क में बड़ी टेक्निकल गड़बड़ी देखी गई. इस कारण यह क्रिप्टोकरंसी पूरी दुनिया में औंधे मुंह गिर गई. एक ही दिन में 17 परसेंट की गिरावट आई जिससे 336,000 ट्रेडर्स ने झटके में अपने बिटकॉइन बेचकर खाता खाली कर दिए.

ट्रेंड भी रहा है खतरनाक

बिटकॉइन का ट्रेंड देखें तो इसके लिए सितंबर महीना हमेशा से बिटकॉइन की वैल्यू घाटे का सौदा साबित होता रहा है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. पिछले एक दशक का इतिहास बताता है कि बिटकॉइन की चलती-फिरती तेजी सितंबर महीने में काफूर हो जाती है. सितंबर अकेला ऐसा महीना है जिसमें बिटकॉइन को कोई पॉजिटिन रिटर्न नहीं मिलता. हर सितंबर में महीने में 6 परसेंट एवरेज की हिसाब से बिटकॉइन में गिरावट देखी गई है.

उधर, अल-सल्वाडोर ने जब से क्रिप्टोकरंसी को अपना लीगल टेंडर बनाया है, तब से पूरी दुनिया की निगाहें उस पर टिकी हैं. अल-सल्वाडोर अभी ‘लिटमस टेस्ट’ का केंद्र बना हुआ है जिसकी निगरानी ट्रेडर्स बिटकॉइन की वैल्यू और विशेषज्ञ गंभीरता से कर रहे हैं. लोग देखना चाहते हैं कि अल-सल्वाडोर का प्रयोग क्रिप्टोकरंसी की दुनिया में क्या करामात करता है. या तो यह कामयाब होगा या फिर नाकाम होगा. उसी आधार पर अन्य देशों में भी बिटकॉइन की वैल्यू इसकी परंपरा शुरू की जाएगी. अल-सल्वाडोर में अमेरिकी डॉलर के साथ बिटकॉइन में भी ट्रांजेक्शन चल रहा है. इससे पता चलेगा कि यह देश को प्रगति की राह पर ले जाता है या अर्थव्यवस्था को चौपट करता है.

क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन बिटकॉइन की वैल्यू आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से इससे जुड़े तथ्य।

क्या है Bitcoin?

Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप बिटकॉइन की वैल्यू में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट बिटकॉइन की वैल्यू भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।

Bitcoin की ग्रोथ :

अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।

कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?

Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।

Bitcoin के लेन-देन बिटकॉइन की वैल्यू का लेज़र:

Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।

Bitcoin से लेनदेन :

कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।

Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:

दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।

देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।

Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।

कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।

Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।

हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।

Bitcoin से एक बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।

आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।

अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।

Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'

Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'

Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'

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बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है 1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है

दुनिया के हर देश में मुद्रा(Currency) का अपना अपना नाम और वैल्यू है जहा भी जाओ आप वहा पे आपको उस देश की मुद्रा (Currency) का नाम मिलेगा जैसे की इंडिया की मुद्रा(Currency) रुपए है और अमेरिका की डॉलर (डॉलर) इसी तरह इन्टरनेट में भी एक मुद्रा है जो की वर्चुअल है जिसके बारे में आजकल हर कोई जानना चाहता है जिसका नाम है बिटकॉइन(Bitcoin).बिटकॉइन की वैल्यू

bitcoin

बिटकॉइन के बारे में आपने जरुर सुना होगा, बिटकॉइन आज के टाइम में बहोत ही ज्यादा पोपुलर है ये एक ओपन पेमेंट नेटवर्क है जहा पे आप इंटरनेशनली पेमेंट यानि पैसो का लेन देन कर सकते है इसके सिवा इसके बहोत सारे और भी फायदे है तो चलिए अब जान लेते है की बिटकॉइन क्या है इसके क्या फायदे है ये कैसे काम करता है इत्यादि

बिटकॉइन(Bitcoin) क्या है

बिटकॉइन एक डिजिटल करन्सी या फिर वर्चुअल करन्सी (Virtual Currency) है बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है ये ओपन सोर्स है इसे कोई भी यूज़ कर सकता है वर्चुअल करन्सी का मतलब ये है की ये पैसा तो है इसका यूज़ हम हर जगह कर सकते है लेकिन इसे हम न तो छु सकते है और न ही देख सकते है या फिर आप मान सकते है की ये एक तरह का पॉइंट्स होता है जो हमें मिलता है जिसे हम बाद में अपने देश के मुद्रा के हिसाब से कन्वर्ट कर सकते है

अब आप सोच रहे होंगे की इसे हम न तो छु सकते है और न ही देख सकते है क्या ये हमेशा होगा तो यहाँ में आपको बताना बिटकॉइन की वैल्यू चाहूँगा की ऐसा कुछ नहीं है बस इसे एक वर्चुअल करन्सी नाम दिया गया है बाद में आप इसे अपने बैंक अकाउंट में भेज कर अपने देश का करन्सी बना सकते है

1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है ?
अब आप ने जान तो लिया है की बिटकॉइन क्या है लेकिन क्या आपको पता है की 1 बिटकॉइन की कीमत क्या है आप जान कर हैरान हो जायेंगे इंडिया में 1Bitcoin की कीमत करीब Rs 67712.20 रूपये है लेकिन हा ध्यान रहे बिटकॉइन की कीमत घटती बढती रहती है

नोट : फ़िलहाल की 1 बिटकॉइन की कीमत जानने के लिए गूगल में सर्च करे 1 Bitcoin to inr आपको जो फ़िलहाल रेट चल रहा है पता चल जायेगा

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