कुछ सप्ताह पहले तक ये निवेशक इक्विटी फंड्स को तुरतफुरत पैस बनाने के जरिए निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर के रूप में देख रहे थे। उनमें से कई ने चढ़ते बाजार के आधार पर या तो निवेश के फैसले किए होंगे या पोर्टफोलियो एलोकेशन तय किए होंगे। कुछ ने हो सकता है कि नए एसआईपी शुरू किए हों या किसी खास इक्विटी स्कीम में पिछले सालभर के दौरान एकमुश्त रकम पिछली अवधि के रटर्न को देखते हुए लगाई हो और इस बात पर ध्यान न दिया हो कि उनके इनवेस्टमेंट गोल्स के मुताबिक ये स्कीमें हैं या नहीं। बाजार में हाल में हुए उतार-चढ़ाव ने ऐसे कई निवेशकों को चिंता में डाल दिया होगा। उन्हें अहसास हुआ ही होगा कि उनके पोर्टफोलियो की मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है। हाल के समय में किए गए निवेश के कई निर्णय हो सकता है कि रिस्क बर्दाश्त करने की क्षमता को ठीक से समझकर न किए गए हों। एस्सेल वेल्थ सर्विसेज के सीईओ बृजेश परनामी ने कहा, 'जोखिम को अगर ठीक से समझा न जाए और फिर निवेश कर दिया जाए तो ऐसा जोखिम उन लक्ष्यों को खतरे में डाल सकता है, जिनके लिए आप निवेश कर रहे होंगे।' उदाहरण के लिए, कई रिटायर्ड लोगों ने बड़ी कम पिछले सालभर में बैलेंस्ड फंड्स में लगाई थी, लेकिन अब उन्हें पता चल रहा है कि रेगुलर इनकम के निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर लिए यह फंड कैटेगरी उपयुक्त नहीं है।

निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर

जब कोई निवेश की पहल करता है तो वह इससे जुड़े जोखिम का भी विश्लेषण करता है। लेकिन जोखिम के मुकाबले प्रतिफल की तुलना करना लोग अक्सर भूल जाते हैं। अगर कोई निवेशक तुलना करता है तो भविष्य में प्रतिफल और निवेश से संबंधित फैसले कर पाने में सफल होता है। जोखिम-प्रतिफल की संकल्पना सभी प्रकार के निवेश के लिए समान होती है। लेकिन कई ऐसे निवेशक हैं जो यह नहीं समझ पाते कि अपने पोर्टफोलियो में जोखिम-प्रतिफल की संकल्पना को किस तरह लागू करें।

अगर आप भी उन निवेशकों की श्रेणी में शामिल हैं तो निम्रलिखित बातों पर ध्यान दें। निवेश पर आपको अपेक्षित प्रतिफल नहीं मिलने की भी आशंका होती है। निवेश करने पर आप जो जोखिम निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर उठाते हैं उससे प्रतिफल की भी उम्मीद जरूर करते हैं। आम तौर पर आप जितना अधिक जोखिम लेते हैं उसी हिसाब से आपको प्रतिफल भी मिलना चाहिए। इसी तरह, अगर जोखिम कम है तो प्रतिफल भी उसी हिसाब से कम रहना चाहिए।

निवेश से जुड़े जोखिम को कम करने को लिए अपनाएं ये तरीके रहेंगे खुश

अगर आप इक्विटी और इक्विटी से जुड़े निवेश विकल्पों में पैसे लगाकर बिना जोखिम का आकलन किए हाई रिटर्न हासिल कर रहे हैं तो आप सही रास्त पर नहीं हैं। इस तरह के हर निवेश के साथ कुछ जोखिम जरूर जुड़ा रहता है और किसी निवेशक की सबसे बड़ी भूल होती है इस तरह के जोखिमों की तरफ ध्यान न देना। जब आप अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में अलग-अलग निवेश विकल्पों में निश्चित अनुपात में अपने पैसे लगाते हैं तो आपके पूरे पोर्टफोलियो पर जोखिम कम होता है।

सही तरह से करें एसेट एलोकेशन

सामान्यतौर पर आपके portfolio का एसेट एलोकेशन इक्विटी, डेट और कैश सेगमेंट में बंटा होता निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर है। लेकिन ये कई व्यक्तिगत कारकों पर भी निर्भर करता है जिसमें आपकी उम्र, जोखिम लेने की क्षमता, आपकी बचत और वित्तीय लक्ष्य शामिल होते हैं। इससे साफ होता हो कि निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर एसेट एलोकेशन का मतलब सिर्फ equity और debt इंस्ट्रूमेंट से न होकर आपकी वित्तीय स्थित से भी होता है जो इसमें बड़ी भूमिका अदा करता है। उदाहरण के लिए जब एसेट एलोकेशन की बात होती है तो कोई फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह 25 साल के किसी युवा के लिए अलग होती है जबकि 50 साल के किसी व्यक्ति के लिए उसकी सलाह अलग होती है। इसी तरह किसी किसी शादी शुदा और बच्चों वाले व्यक्ति के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह कुछ दूसरी होगी जबकि किसी कुंवारे व्यक्ति के लिए वह दूसरी तरह की सलाह देगा।

रिस्क प्रोफाइल पर नए सिरे से नजर डालने का वक्त!

बुल मार्केट में जोखिम बर्दाश्त करने की अपनी क्षमता का सही आकलन किए बिना निवेश करने वालों को हो सकती है मुश्किल

CEO, एस्सेल वेल्थ निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर सर्विसेज

जोखिम को अगर ठीक से समझा न जाए और फिर निवेश कर दिया जाए तो ऐसा जोखिम उन लक्ष्यों को खतरे में डाल सकता है, जिनके लिए आप निवेश कर रहे होंगे। रिस्क प्रोफाइल ठीक से पता हो तो निवेश का सही निर्णय करने की राह में बाधा बनने वाली भावनाओं पर काबू भी पाया जा सकता है

CEO, मिराए एसेट ग्लोबल इनवेस्टमेंट्स (इंडिया)

रिस्क प्रोफाइलिंग प्राय: संबंधित व्यक्ति से जुड़ी स्थितियों का नतीजा होती है। जीवनशैली और स्थितियों में बदलाव के साथ जोखिम बर्दाश्त करने की क्षमता के बारे में धारणा भी बदलेगी

रेटिंग: 4.81
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 153