जयपुर। पंचमहाभूत यानि पंचतत्व भारतीय दर्शन में सभी पदार्थों के मूल माने गए हैं। मुख्यतया अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश और वायु ये पंचमहाभूत माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। इनमें से वायु ऐसा तत्व है जो दिखाई नहीं देता है, जिसका स्पर्श मात्र से ही अहसास होता है। वायु की विकृति के कारण ही समय-समय पर ना ना प्रकार की रोगों की उत्पति होती है। यह कहना है पं. केदारनाथ दाधीच का। पं. दाधीच का कहना कि शास्त्रों में 84 प्रकार की वायु का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि जब हनुमानजी ने लंका के लिए प्रस्थान किया था तो तुलसीदास द्बारा रचित आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए सुंदरकांड की चौपाई 'हरिप्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास’ में 49 प्रकार की वायु का प्रमाण मिलता है। इसी प्रकार बाकी 35 प्रकार की वायु समुद्र में घुली हुई हैं। जिसके कारण समय-समय पर समुद्र में भूचाल आता रहता है। पं. केदारनाथ दाधीच ने बताया कि 35 प्रकार की वायु में से 10 प्रकार की वायु मनुष्य शरीर में निवास करती हैं। आयुर्वेद में इन आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए दस वायु का विषद वर्णन हैं जिसमें - प्राण, अपाना, व्यान, समान, उदान, नाग, कूर्म, कृकल, देवदत्त और धनंजय वायु है। पं. दाधीच आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए ने बताया कि महाशिवरात्रि के 13 दिन पहले 'रूद्र वायु’ चलती है।

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COVID-19: भारतीय अर्थव्यवस्था में Economic revival जनवरी 2021 से शुरू

जालन्धर (धवन): पूरा विश्व कोरोना आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए महामारी से जंग लड़ने में व्यस्त है। इसे देखते हुए देशों ने लॉकडाऊन की स्थिति अपनाई हुई है। जबकि कुछ ने प्रतिबंध व कुछ ने कर्फ्यू लगाया हुआ है। सामान्य हालात पैदा करने के लिए अब कई देशों ने धीरे-धीरे लॉकडाऊन में भारी राहत देनी शुरू कर दी है। कोरोना वायरस संकट कब तक चलेगा तथा अंतत: लोगों को इससे कब राहत मिलेगी इस संबंध में देश के प्रमुख ज्योतिषी संजय चौधरी के अनुसार राहू आद्र्रा नक्षत्र में 11 सितम्बर 2019 को प्रविष्ट हुए थे तथा 22 मई 2020 को राहू आद्र्रा नक्षत्र से बाहर निकलेंगे। उसके बाद विश्व में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएंगे। प्रमुख देशों पर राहू के प्रभाव निम्रलिखित रहेंगे :


संयुक्त राज्य अमरीका
अमरीका को इस समय राहू की महादशा चल रही है जोकि 12वें घर में बैठा है। 12वां घर नुक्सान व खर्चों का होता है। शनि एक आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए क्रूर ग्रह है जोकि अमरीका की कुंडली में छठे घर के ऊपर से संचार कर रहा है। छठा घर ऋण व लम्बी बीमारी से संबंधित होता है। अमरीका शनि की साढ़ेसाती से भी गुजर रहा है इसलिए इन सभी ग्रहों के प्रभाव के चलते मौजूदा परिस्थितियों से निकलने व सामान्य आर्थिक हालात पैदा करने में अमरीका को लगभग 2 वर्षों का समय लग सकता है। 12वां घर खर्चों तथा युद्ध से भी संबंधित होता है इसलिए अमरीका का चीन के साथ लम्बे समय के लिए व्यापार युद्ध भी शुरू हो सकता है।
भारत
भारत को चंद्रमा में शनि की अंतर्दशा सितम्बर 2019 से शुरू हुई है जोकि जुलाई 2021 तक चलनी है। गोचर के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था जनवरी 2021 से उबरनी शुरू होगी। इस वर्ष देश को सीमाओं पर अप्रत्याशित टकरवाओं का सामना करना पड़ सकता है। किसी बड़े नेता को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पेश आ सकती हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था उभरेगी तो सही परन्तु धीरे-धीरे व अप्रत्याशित झटकों के साथ।

PunjabKesari COVID-19 Economic revival in Indian economy starts from January 2021

इंगलैंड
इंगलैंड को शनि महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जोकि उसकी कुंडली में मार्केश है। इंगलैंड के लिए खुशकिस्मती की बात यह है कि यह स्थिति 12 जून 2020 को खत्म हो रही है तथा अगली दशा सूर्य की होगी जोकि आत्मकारक ग्रह है। उसके बाद चंद्रमा की महादशा आएगी जोकि गजकेसरी योग में बैठा हुआ है इसलिए शेष विश्व की तुलना में इंगलैंड में रिकवरी तेजी से आएगी।

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चीन
चीन इस समय साढ़ेसाती के प्रभाव से चल रहा है तथा उसे बुध की महादशा सितम्बर 2019 से शुरू हुई है। जोकि चीन की कुंडली में वक्री, अस्त तथा पापकर्तरी योग में बैठा हुआ है। जिससे लगता है कि चीन लम्बे समय के लिए व्यापार युद्ध में फंसने आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए जा रहा है तथा उसके लिए आर्थिक रिकवरी आसान नहीं है। उसे कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिए वृद्धि की रफ्तार तेज करने की जरूरत: दास

मुंबईः अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार को मजबूत करने और तेजी से कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचने के लिए वृद्धि की रफ्तार को तेज करने की जरूरत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की वकालत करते हुए यह बात कही। बैठक के सोमवार को जारी ब्योरे से यह जानकारी मिली है।

एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने तीन फरवरी को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में रेपो दर को चार प्रतिशत पर यथावत रखने के पक्ष में मत दिया। सभी सदस्यों ने इसके लिए समान कारण बताए। बैठक के ब्योरे के अनुसार, दास ने कहा, ‘‘हालांकि, वृद्धि अभी असमतल है, लेकिन यह रफ्तार पकड़ रही है। इसके अलावा देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के साथ परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।''

गवर्नर ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिए वृद्धि की रफ्तार को और मजबूत करने की जरूरत है, जिससे उत्पादन को जल्द कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचाया जा सके।'' दास ने कहा कि मुद्रास्फीति में भारी गिरावट तथा निकट भविष्य के स्थिर परिदृश्य के मद्देनजर मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रखने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुनरुद्धार व्यापक हो सके। रिजर्व बैंक ने पांच फरवरी को पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ने जब तक आवश्यक हो, नरम रुख को जारी रखने का फैसला किया था।

रिजर्व बैंक ने मध्यम अवधि में खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। एमपीसी के अन्य सदस्यों में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च के वरिष्ठ सलाहकार शशांक भिड़े, इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान-मुंबई की प्रोफेसर अशिमा गोयल, आईआईएम-अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा, रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मृदुल के सग्गर और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर देवव्रत पात्रा शामिल हैं।

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महाशिवरात्रि के 13 दिन पहले 'रूद्र वायु’ चलती है

जयपुर। पंचमहाभूत यानि पंचतत्व भारतीय दर्शन में सभी पदार्थों के मूल माने गए हैं। मुख्यतया अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश और वायु ये पंचमहाभूत माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। इनमें से वायु ऐसा तत्व है जो दिखाई नहीं देता है, जिसका स्पर्श मात्र से ही अहसास होता है। वायु की विकृति के कारण ही समय-समय पर ना ना प्रकार की रोगों की उत्पति होती है। यह कहना है पं. केदारनाथ दाधीच का। पं. दाधीच का कहना कि शास्त्रों में 84 प्रकार की वायु का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि जब हनुमानजी ने लंका के लिए प्रस्थान किया था तो तुलसीदास द्बारा रचित सुंदरकांड की चौपाई 'हरिप्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास’ में 49 प्रकार की वायु का प्रमाण मिलता है। इसी प्रकार बाकी 35 प्रकार की वायु समुद्र में घुली हुई हैं। जिसके कारण समय-समय पर समुद्र में भूचाल आता रहता है। पं. केदारनाथ दाधीच ने बताया कि 35 प्रकार की वायु में से 10 प्रकार की वायु मनुष्य शरीर में निवास करती हैं। आयुर्वेद में इन दस वायु का विषद वर्णन हैं जिसमें - प्राण, अपाना, व्यान, समान, उदान, नाग, कूर्म, कृकल, देवदत्त और धनंजय वायु है। पं. दाधीच ने बताया कि महाशिवरात्रि के 13 दिन पहले 'रूद्र वायु’ चलती है।

मौसमी बीमारियों का बढ़ता है प्रकोप

माना जाता है कि 'रूद्र वायु’ के चलने के कारण विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। प्रमाणित है कि बसंत ऋतु में 13 दिन 'रूद्र वायु’ का प्रकोप रहता है। इस दौरान द्बादश आदित्य का भ्रमण अलग-अलग प्रकार की वायु का सृजन करता है। 'रूद्र वायु’ के समय काल में झंझावात या तेज हवा नहीं चलती है तो इससे आने वाला वर्षाकाल प्रभावित हो जाता है। इसका उल्ल्ोख शास्त्रों में भी मिलता है- 'फाल्गुन वृद्धि ताप की, भावी वर्षा अल्प’ अर्थात फाल्गुन माह में यदि गर्मी अधिक पड़ जाए या फिर बारिश हो जाए तो यह आने वाले वर्षा काल को अवरूद्ध करने के संकेत हैं।

कौन है लक्षिता सोनी, राजस्थान में इस कारण प्रसिद्ध हुआ है लक्षिता सोनी का नाम, जानें/Who is Lakshita Soni, this is why Lakshita Soni's name has become famous in Rajasthan, know

स्वर्णकार समाज के लिए गौरव बनी lakshita soni जैसलमेर

राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित मरु महोत्सव में जीता "मिस मूमल" का खिताब

राजस्थान की बेटी लक्षिता सोनी ने स्वर्णकार समाज का मान बढ़ाया है। आपको जानकर खुशी होगी कि लक्षिता ने मारवाड़ के जैसलमेर जिले में चल रहे मरु महोत्सव के मुख्य आकर्षण मिस मूमल और मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में खिताब जीता है।

स्थानीय परिधान आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए में सजधज कर पहुंचे युवक युवतियों में खिताब पर कब्जा जमाने की होड़ मची थी। इन सभी के बीच लक्षिता सोनी मिस मूमल और कुष्ण कुमार पारीक मिस्टर डेजर्ट चुने गए।

गत दिनों मरु महोत्सव के दौरान साफा बांध, मूमल महेन्द्रा, मूंछ प्रतियोगिता, मिस आपको Bitcoin Revival के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए मूमल व मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। जिसमें से एक प्रतियोगिता में लक्षिता सोनी ने भी भाग लिया था। जिसमें उन्होंने अवार्ड जीत कर स्वर्णकार समाज का नाम गर्व से ऊंचा किया है। मिस मूमल प्रतियोगिता में जैसलमेर में ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली लक्षिता सोनी ने बाजी मारी है।

डॉ. अनुपमा सोनी ने भी जीता था अवार्ड

थाइलैंड के रेयोंग शहर में आयोजित मिसेज एशिया इंटरनेशनल सौंदर्य प्रतियोगिता में जयपुर की डा. अनुपमा सोनी ने मिसेज एशिया इंटरनेशनल (आल नेशंस टाइटिल) खिताब जीता था। सोनी ने आल नेशंस टाइटिल और मिसेज फोटोजेनिक सबटाइटिल जीता था। इससे पहले अनुपमा सोनी ने मिसेज इंडिया 2018 का क्राउन अपने नाम किया था। 30 जुलाई को चेन्नई में आयोजित मिसेज इंडिया के ग्रांड फिनाले राउंड में उन्हें इस क्राउन से नवाजा गया था अनुपमा प्रोफेशन से एक डॉक्टर हैं।

Chandra Grahan or Surya Grahan 2021 : नए साल के दिखेंगे 4 ग्रहण, भूल से भी ना करें ये काम

2021 में दो Chandra Grahan or दो Surya Grahan दिखाई देंगे

Chandra Grahan or Surya Grahan 2021. नए साल में कुल चार ग्रहण लगेंगे जिनमें से दो चंद्र ग्रहण और दो ही सूर्य ग्रहण लगेंगे। भारत में केवल 3 ग्रहण दिखाई देंगे। साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगेगा। भारत में ​य​​ह उपछाया ग्रहण होगा, जबकि बाकी जगहों पर पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा।

Chandra Grahan or Surya Grahan 2021. का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत, उत्तरी यूरोप, अमेरिका, प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।

जून और दिसंबर में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 2021 में जून और दिसंबर में दिखेगा। आपको बता दें कि 10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत, कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में दिखाई देगा। वहीं दूूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को नजर आएगा। यह दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। भारत में यह दृश्य नहीं होगा।

ग्रहण काल में क्या करें

आपको बता दें कि ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं ग्रहण की समाप्ति के बाद पवित्र नदियों में या फिर घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। ग्रहण काल में मंत्र जप का विधान है।

आपको बता दें, सूतक काल से मंदिर और धार्मिक स्थल बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण काल में गर्भवती महिला को भी खुद का और अपने बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए। मान्यताओ के अनुसार गर्भवती महिला हो कुछ सब्जी काटना, कपडे सिलना नहीं चाहिए। इससे होने वाले बच्चे को शारीरक दोष होने के संभावना होती हैं।ग्रहण के समय तेल लगाना, जल पीना, केश बनाना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित हैं।

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