Currency: अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए मोदी सरकार का मास्टर प्लान, बाइडेन भी भारत के इस फैसले से हैरान!

International Trade: मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

Indian Currency: वर्तमान में अमेरिकी डॉलर (Dollar) की कीमत काफी महंगी है तो वहीं भारतीय रुपये की कीमत काफी सस्ती है. लेकिन अब भारतीय रुपया डॉलर से टक्कर लेने के लिए तैयार है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड (International Trade) विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार का फैसला भी लिया गया है.

जताई सहमति
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है. हालांकि अब मोदी सरकार ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है. इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है. इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है.

श्रीलंका सहमत
वहीं भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है. इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

भारतीय रुपये का इस्तेमाल
श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है. इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं.


अवसर तलाश रहा भारत
वहीं रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे. इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है. वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी.

Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका से भी बुरे हालात में फंसा पाकिस्तान

Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका जैसा आर्थिक संकट अब पाकिस्तान को अपने शिकंजे में ले चुका है। पाकिस्तान के पास नकदी की भारी कमी है। वहीं, विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार भंडार खाली हो चला है।

Neel Mani Lal

Pakistan Economic Crisis

Pakistan Economic Crisis। (Social Media)

Pakistan Economic Crisis: श्रीलंका जैसा आर्थिक संकट अब पाकिस्तान को अपने शिकंजे में ले चुका है। पाकिस्तान के पास नकदी की भारी कमी है, तेल खरीदने का पैसा नहीं है, विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चला है। ऊपर से विदेश से कामगारों द्वारा भेजे जाने वाले धन में कमी आ गई है, धान, गेहूँ, कपास जैसी महत्वपूर्ण फसलें काफी प्रभावित हुईं हैं। आलम ये है कि पाकिस्तान पर 78,319 मिलियन डॉलर का विदेशी कर्जा है और वर्तमान स्थिति उसे और भी कर्जा लेने की ओर धकेल रही है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के लिए कर रही संघर्ष

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2022 सप्लीमेंट' में भविष्यवाणी की है कि जून 2023 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य भारी बाढ़ के कारण बहुत खराब हो गया है जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की अभूतपूर्व बाढ़ का पाकिस्तान के स्थानीय उद्योगों - विशेष रूप से कपड़ा और फ़ूड प्रोसेसिंग पर पड़ा है। यही नहीं, थोक व्यापार, परिवहन और सर्विस सेक्टर भी प्रभावित है।

पाकिस्तान के राजनयिक मिशन कर रहा गंभीर वित्तीय संकट का सामना

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा रखा गया विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार विदेशी मुद्रा भंडार 2 दिसंबर को 1 अरब अमेरिकी डॉलर के सुकुक बांड के भुगतान के बाद 784 मिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 6.715 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर आ गया। यह जनवरी 2019 के बाद से सबसे निचला स्तर है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, एसबीपी और वित्त मंत्रालय द्वारा साख पत्र सहित सभी भुगतान रोक दिए जाने के बाद कई देशों में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। यूरोपीय संघ और दुनिया भर में पाकिस्तान के मिशनों ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द वेतन और भत्ते जारी करें।

नवंबर में विदेश से भेजे जाने वाले धन में 14 फीसदी की आई गिरावट

दूसरी ओर, इस साल नवंबर में विदेश से भेजे जाने वाले धन में 14 फीसदी की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान पैसे के फ्लो में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। एसबीपी ने एक नया डेटा जारी किया है जो बताता है कि विदेश से भेजा जाने वाली रकम नवंबर में गिरकर 2.1 अरब डॉलर हो गई जो पिछले साल इसी महीने के दौरान 2.5 अरब डॉलर थी। पाकिस्तान में डॉलर की कीमत 224.71 विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार पाकिस्तानी रुपया हो गई है।

पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट की ओर बढ़ने की संभावना बढ़ गई: पूर्व वित्त मंत्री

पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट की ओर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। जाहिर है, पाकिस्तान की समस्याओं का कोई तत्काल समाधान नहीं है। इसके अतिरिक्त, वर्तमान ऊर्जा संकट और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का पाकिस्तान में स्थानीय आबादी, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। पाकिस्तान पर आने वाले महीनों में आम चुनाव कराने का वित्तीय बोझ पड़ने वाला है। देश की आर्थिक स्थिति के लिए जहां इमरान खान वर्तमान सरकार को कोस रहे हैं वहीं शाहबाज़ शरीफ सरकार और उनकी पार्टी इमरान खान के शासन को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसके अलावा सरकार यूक्रेन युद्ध और बाढ़ को भी दोष दे रही है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कहानी उसके कर्ज के चरित्र के बिना अधूरी

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की कहानी उसके कर्ज के चरित्र के बिना अधूरी है। पाकिस्तान की आर्थिक चुनौती अगस्त 1947 में आजादी के बाद ही शुरू हो गई थी। लेकिन 1958 में पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रम में प्रवेश करने के बाद से पाकिस्तान कर्ज के जाल से बाहर नहीं आ सका। कुल 22 आईएमएफ कार्यक्रमों के साथ, पाकिस्तान बहुपक्षीय ऋणदाता के तले रहा है। इसके विपरीत, भारत और बांग्लादेश क्रमशः सात और 10 अवसरों पर ही आईएमएफ तक पहुंचे हैं। पाकिस्तान अभी भी अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहरी ऋण पर निर्भर करता है। पिछले 75 वर्षों में, पाकिस्तान ने अक्सर संकट देखे हैं जहाँ उसे राजकोषीय असंतुलन और अपने भुगतान संतुलन पर भारी दबाव का सामना करना पड़ा है। बार-बार, आईएमएफ ने उसे सहायता प्रदान की है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्था में अल्पकालिक स्थिरता लाने के लिए किया है। आज पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट और कर्जे में डूबा हुआ है और इससे उबरने के कोई संकेत फिलहाल तो दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।

विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार

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रूस-चीन सोचते रह गए लेकिन भारत ने कर दिखाया, अमेरिका डॉलर को पछाड़कर भारतीय रुपया बनने जा रहा इंटरनेशल करेंसी; जानें कैसे

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण संकट में है, तब भारत ने एक ऐसा बड़ा काम शुरू किया है, जो आगे चलकर सही मायने में दुनिया की दूसरी महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने की पहल शुरू की है, जिसे अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलना शुरू हो गया है। अगर यह पहल सफल होती है तो अमेरिकी डॉलर के अलावा रुपया दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन जाएगा। जिसके बाद आप भारतीय रुपये से दुनिया में कहीं भी खरीदारी कर सकेंगे। सहयोगी वेबसाइट WION के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर की किल्लत से जूझ रहे श्रीलंका ने यहां स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट शुरू किया है ऐसे खातों को वोस्त्रो खाते भी कहा जाता है। इस खाते को खोलने के बाद श्रीलंका के सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से श्रीलंका में भारतीय रुपये को विदेशी मुद्रा के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है। श्रीलंका ने आरबीआई से श्रीलंका सहित सार्क देशों में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार देने का भी आग्रह किया है।

श्रीलंका की इस गुजारिश को आप इस तरह समझ सकते हैं कि कोई भी श्रीलंकाई नागरिक आरबीआई की अनुमति के बाद अपने पास 8 लाख 26 हजार 823 रुपये यानी 10 हजार अमेरिकी डॉलर नकद रख सकता है. इसका दूसरा अर्थ यह है कि भारत और श्रीलंका के व्यापारी और आम नागरिक अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रुपये में आसानी से व्यापार और खरीदारी कर सकेंगे। भारत सरकार ने अमेरिकी डॉलर की कमी का सामना कर रहे देशों को एक वैकल्पिक लेनदेन प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से इस साल जुलाई में इस महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की थी। ऐसे देशों को विशेष वोस्ट्रो खाते खोलकर रुपये निपटान प्रणाली के तहत लाना होता है, जिसके बाद भारतीय रुपये में लेनदेन सीधे भारत और उन देशों के बीच शुरू किया जा सकता है। अब समझते हैं कि श्रीलंका ने भारत की यह पहल फौरन क्यों की है। दरअसल, पिछले 2 साल से आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को अमेरिकी डॉलर की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वह दुनिया के दूसरे देशों से अपनी जरूरत की अन्य चीजें नहीं खरीद पा रहा है। इसकी अपनी मुद्रा श्रीलंकाई रुपये की अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा कीमत नहीं है। इसलिए उसे ऐसी करेंसी की जरूरत है, जिसकी विश्व में विश्वसनीयता हो और जो उसे आसानी से उपलब्ध भी हो।

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