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निवेश क्या है? Investment in Hindi| निवेश के उद्देश्य, कारण|

😊✍निवेश का अर्थ है की अपने पैसो या अन्य संसाधनों को ऐसी चीज़ पर लगाए जिसके रिटर्न में आपको निवेश से अधिक पैसे प्राप्त हो या कोई सकरात्मक लाभ प्राप्त हो. जब आप किसी भी चीज़ निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है या सम्पति को खरीदते है तो उसे खरीदने के पीछे का उदेश आपका यही होता है की आपको कुछ पैसे प्राप्त हो जिससे आपकी कमाई में वृद्धि में हो सकते।

निवेश भी एक तरह निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है का पौधा है जिसके बीज को उगाने के लिए आप सबसे पहले एक सही मिटटी में लगाते है. फिर उसे उतना ही पानी, धुप और पोषक तत्व देते है जितने की उसे जरुरत होती है. एक दिन आपको उसके अंदर से छोटा तना दिखाई देते है अउ उसके कुछ पत्तिया भी निकली हुई होती है.

एक दिन आता है की यह तना बड़ा हो जाता है और उसमे पहल और फूल खिलने लगते है. वह पेड़ जो एक समय बीज था फिर तना बना और उसके बाद पेड़ बनकर आपको और आपसे जुड़े लोगो को छाया प्रदान करता है यही कहानी एक निवेश की भी होती है.

निवेश क्या है?

निवेश का अर्थ है की आप ऐसे सम्पन्ति या प्रॉपर्टी को खरीदते है जिनपर आपको उम्मीद(भरोसा) होता है की भविष्य में इन प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने वाली है और आपको इन प्रॉपटी को खरीदने पर लाभ होने वाला है. यह लाभ आपको प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने पर हो सकता है या फिर एक नियमित आय के रूप में भी हो सकता है.

  • Stocks
  • Bonds
  • Real estate
  • Mutual funds and EFTs

निवेश की श्रेणियां

निवेश क्या है जानने की आपको यह जरूर जानना चाहिए की निवेश की श्रेणियाँ निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है क्या है और कितनी है. निवेश की श्रेणियों को मुख्यतः तीन भागो में बाटा गया है:

स्वामित्व निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है निवेश(Ownership Investments)

इस श्रेणी में निवेशक के द्वारा खरीदी गयी और स्वामित्व वाली कंपनी होती है जैसे की स्टॉक,बूलियन,रियल एस्टेट और आदि. यदि आप किसी व्यवसाय को फंड(निधि) देते है तो यह एक प्रकार का स्वामित्व निवेश होता है.

उधार निवेश(Lending Investments)

कॉरपोरेट बांड ,सरकारी बांड और बचत खाते में निवेश करना भी एक उधार निवेश ही कहलाता है. जब आप इन बांड्स को खरीदते है या बचत खाते में पैसे को जमा करते है तो एक प्रकार से इन्हे उधार प्रदान करते है.

नकद समकक्ष(Cash Equivalents)

नकद समकक्ष एक निवेश है जिसमे आप आसानी से कैश या पैसे में बदल सकते है. मुद्रा बाजार के साधन नकद समकक्ष के श्रेणी में आते है.

निवेश करने के कारण

निवेश के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

1.पैसो को बढ़ाने के लिए

पैसो को बढ़ाने के लिए सभी लोगो के जीवन में छोटे और बड़े लक्ष्य होते है जिनको आप पूरा करने के लिए अपने पैसो को जोड़ कर रखना चाहते है. अपने पैसो को जोड़ने के लिए निवेश एक बहुत ही अच्छा तरीका है बस आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता होनीं चाहिए।

2.अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए

अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए अभी लोग निवेश करना शुरू करते है. उदहारण के लिए जैसे आप फिक्स्ड डिपोसिट में पैसे को निवेश करते है जिसका आपको हर महीने ब्याज मिलता है और आपकी बचत आय में वृद्धि भी होती है. इसलिए नियमित आय प्राप्त करने के लिए आप म्यूच्यूअल फण्ड के सिस्टेमेटिक विथड्रावल प्लान में निवेश कर सकते है.

3.टेक्स कम देना पड़ता है

जब आप किसी प्रॉपर्टी में निवेश करते है तो आपको कम टेक्स देना पड़ता है. आयकर अधिनियम 1961 के धाराओं के तहत आपको यह सुविधा प्राप्त होती है.उदाहरण के लिए जाने, equity-linked savings scheme, public provident fund (PPF), national savings certificate, और आदि.

Investment Tips: हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करने से भी बन सकते हैं धनवान, जानिए तरीका

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नई दिल्ली: लोगों के पास जब पैसा आने लगता है तब वे निवेश के कई विकल्पों को तलाशते हैं. बचत के बारे में सोचते हैं, लक्ष्य भी निर्धारित करते निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है हैं और हर महीने बड़ा अमाउंट निवेश करने का मंथली गोल भी निर्धारित करते हैं. यहां वे जोश-जोश में खुद को मुश्किल में डालकर अपने वेतन का बड़ा रूप तो निवेश करने लगते हैं, लेकिन कुछ महीने बाद वे राशि जमा नहीं कर पाते.

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ये निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है ठीक वैसे ही होता है जब जोश-जोश में हम रोज एक या दो घंटे एक्सरसाइज करने का निर्धारति करते हैं और कुछ समय बाद ही अपने उस फैसले पर टिके नहीं रहते हैं. या तो आप समय कम कर देते हैं या फिर एक्सरसाइज करना ही बंद कर देते हैं. ऐसा निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है ही कुछ निवेश के साथ भी होता है. इसीलिए जरुरी यह नहीं कि आपकी शुरुआत निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है ही बड़ी हो. आप छोटी बचत करके भी कुछ समय बाद धनवान बन सकते हैं.

Mutual Funds: मौजूदा समय में क्या म्यूचुअल फंड में निवेश है बेहतर विकल्प? कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न? एक्सपर्ट्स की राय

Mutual Funds: मौजूदा समय में क्या म्यूचुअल फंड में निवेश है बेहतर विकल्प? कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न? एक्सपर्ट्स की राय

म्यूचुअल फंड के मामले में ज्यादातर एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत होते हैं कि इनमें निवेश करने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं है.

Mutual Funds SIP: 2022 निवेशकों के लिए एक कठिन वर्ष रहा है. हाई इन्फ्लेशन और मंदी की आशंका के चलते कई निवेशक इस उलझन में रहे कि मार्केट बेस्ड प्रोडक्ट्स जैसे स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है लिए यह समय अच्छा है या नहीं. हालांकि, म्यूचुअल फंड के मामले में ज्यादातर एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत होते हैं कि इनमें निवेश करने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूचुअल फंड हमेशा निवेश के लायक होते हैं क्योंकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लंबे समय में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद करते हैं.

SIP है बेहतर विकल्प

ज्यादातर एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड में कभी भी निवेश किया जा सकता है. इसके सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लंबे समय में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद करते हैं. MarketsMojo के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सुनील दमानिया कहत हैं, “एसआईपी सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव को दूर करता है और निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी निवेश गति को बनाए रखते हैं. समय के साथ, म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न देते हैं. इसलिए, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए टाइमिंग जरूरी नहीं है. बल्कि निवेश के बाद इसे टाइम देना ज्यादा जरूरी है.” जब म्यूचुअल फंड में निवेश करने की बात आती है तो 3-5 साल की निवेश टाइम फ्रेम को बेहतर माना जाता है.

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क्या करें निवेशक

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इक्विटी बाजार में नए निवेशक जो अपने पोर्टफोलियो में अंडरपरफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड स्कीम का निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, वे डिसीप्लीन निवेश अपनाने और संपत्ति बनाने के लिए एसआईपी के माध्यम से Nifty 50 ETF पर विचार कर सकते हैं. Mastertrust की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पालका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि मौजूदा परिदृश्य में जब केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई और कमोडिटी की ऊंची कीमतों के कारण दरें बढ़ा रहे हैं, निवेशकों को अपना एसआईपी जारी रखना चाहिए. अरोड़ा कहते हैं, “अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो वैल्यूएशन हिस्टोरिकल एवरेज से नीचे गिरने के साथ, उन्हें धीरे-धीरे अपने इक्विटी एलोकेशन को नियंत्रित तरीके से बढ़ाना चाहिए. एक निवेशक जो इक्विटी में कम निवेश करता है, उसे मौजूदा बाजार करेक्शन का फायदा उठाना चाहिए और अधिक इक्विटी को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को री-बैलेंस करना शुरू करना चाहिए.” मौजूदा और इच्छुक म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए पेशेवर वित्तीय सलाहकारों से मार्गदर्शन लेना चाहिए.

Investment Tips: पहली बार SIP में करने जा रहे हैं निवेश, तो यहां जान लें इसकी ABCD

SIP में आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में आपको निवेश की गई राशि के अलावा रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है. अगर आप पहली बार एसआईपी में निवेश कर रहे हैं, तो यहां जानिए इसे शुरू करने का तरीका.

पहली बार SIP में करने जा रहे हैं निवेश, तो यहां जान लें इसकी ABCD (Zee Biz)

SIP के जरिए आप आसानी से म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. SIP के जरिए बहुत तेजी से पैसा बनाया जा सकता है. अगर आप किसी रकम को फिक्‍स्‍ड डिपोजिट में निवेश करते हैं, तो आप सिर्फ उस पर निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है रिटर्न पाते हैं, लेकिन SIP से आप पूंजी बना पाते हैं, वो ऐसे कि एसआईपी में आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में आपको निवेश की गई राशि के अलावा रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है. यही वजह है कि SIP को आप जितने लंबे समय के लिए चलाते हैं, उतना बेहतर मुनाफा प्राप्‍त करते हैं. लेकिन अगर आपने कभी SIP में निवेश नहीं किया है, तो यहां इसकी ABCD जान लें, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी न हो.

Low Investment Fund: ऐसे म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने पर 1 साल में मिलेगा 18% रिटर्न, देखें इन्वेस्ट

By: निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है ABP Live | Updated at : 20 Aug 2022 08:03 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Short Term Maturity Investment : म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट शॉर्ट और लॉन्ग दोनों टर्म के लिए हो रहा है. इसमें शॉर्ट टर्म का चलन ज्यादा बढ़ गया है. वैसे सभी म्‍यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाता है. एक्‍सपर्ट की माने तो निवेशकों को शॉर्ट या अल्‍ट्रा लो ड्यूरेशन फंड (Short or Ultra Low Duration Funds) में निवेश की सलाह दी जाती है.

क्या है एक्सपर्ट की राय
आपको बता दे कि ब्‍याज दरें बढ़ने से लॉन्‍ग टर्म वाले बॉन्‍ड (Long Term Bonds) में रिस्‍क बढ़ जाता है. ऐसे में निवेशकों को शॉर्ट मैच्‍योरिटी वाले फंड में ही पैसा लगाना चाहिए. वही डेट फंड की एक कैटेगरी शॉर्ट ड्यूरेशन फंड या लो ड्यूरेशन फंड है. इनकी मैच्‍योरिटी 1 साल की होती है. ये फंड शॉर्ट टर्म इन्‍वेस्‍टमेंट को बढ़ावा देते हैं. बेहतर शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड वे फंड हैं जो निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रहे हैं;

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