व्यापार पर अब धीरे-धीरे चीन का एकाधिकार ख़त्म हो रहा है। चीन के साथ व्यापार करने में IFC बाजार के साथ व्यापार सीखना भारत हमेशा ही बड़े व्यापार घाटा में रहता है। इसके पीछे एक मुख्य वज़ह यह है कि चीन, निर्यात ज्यादा करता है- आयात बहुत कम करता है। ऐसे में भारत का व्यापार घटता हर वर्ष बढ़ता जा रहा है।
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बैंक ने मंगलवार को ‘एसबीआई स्टार्टअप शाखा’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह सुविधा राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक सरकार और एसबीआई के बीच एक समझौते के तहत है. बैंक ने कहा कि कर्नाटक को स्टार्टअप कंपनियों के लिए बेहद अनुकूल राज्य माना जाता है.
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने स्टार्टअप के लिए खास तौर पर समर्पित अपनी पहली शाखा बेंगलुरु में खोली है. एसबीआई के अनुसार, बेंगलुरु के कोरमंगला में स्थित यह शाखा शेयर बाजारों में लिस्टेड होने तक स्टार्टअप कंपनियों की स्थापना के शुरुआती चरण में इंडस्ट्रीज को फाइनेंशियल सपोर्ट देगी.
बाजार में तत्परता
कई महिला निवेशकों ने सफल ट्रेडर्स के रूप में अपनी एक खास जगह या प्रतिष्ठा बनाई है. आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर उनकी सफलता के क्या राज हैं. बाजार में तत्परता दिखाकर, इन महिला निवेशकों ने लगातार बाजार का अध्ययन किया, और अपने ट्रेडिंग अनुभव से सफलता हासिल की. बाजार में तत्परता दिखाने का मतलब है कि एक व्यक्तिगत निवेशक के रूप में, आपके पास अपने कई गुना वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक निवेश नीति होनी चाहिए. मसलन रिटायरमेंट प्लानिंग से प्लान एक्सपेंडिचर्स के लिए फंड बनाना, और दौलत कमाने से लेकर संपत्ति बनाने तक.
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लगातार सीखना
इसका मतलब है कि आप न केवल दिन-प्रतिदिन के आधार पर ट्रेडिंग के बारे में सीखते हैं, बल्कि जो बातें सीखते हैं, उन्हें ट्रेडिंग के दौरान अप्लाई भी करते हैं. लगातार सीखना सफलता की पहचान है, चाहे आप किसी इन्वेस्टमेंट ड्राइवेट एन्वायरनमेंट में काम कर रहे हों. अपने दैनिक कामों के साथ शेयर बाजार के बारे में भी थोड़ा-बहुत सीखते रहें, इससे समय के साथ आप सफल निवेशकों की सूची में भी शामिल हो सकते हैं. जैसा कि सफल महिला निवेशकों ने दिखाया है.
निरंतर सीखने का मतलब अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाना भी है. ध्यान रहे कि शेयर बाजार आपको डाइवर्सिफिकेशन का लाभ देते हैं, जहां आप स्टॉक, कमोडिटीज, फ्यूचर्स और ऑप्शंस और करंसी में निवेश कर सकते हैं. इसके साथ-साथ, आपको मैक्रोइकॉनॉमिक इंडिकेटर्स पर लगातार ध्यान देना होगा, जिसका बाजार पर काफी IFC बाजार के साथ व्यापार सीखना प्रभाव पड़ता है.
धैर्य बनाए रखना
महिलाओं का एक गुण धैर्य भी है. प्रॉफिटेबल और कॉम्पिटीटिव रिटर्न पाने के लिए दीर्घकालिक निवेश नीति रखने के साथ, आपको हर कीमत पर भावनाओं पर आधारित निवेश से बचना है. सफल महिला निवेशकों के अनुसार, ट्रेडिंग को बाजार की चाल और कंपनी की रिपोर्ट जैसे व्यावहारिक विचारों से प्रासंगिक होना चाहिए. अगर बाजार अचानक ही गिरने लगता है, तो यह आपके धैर्य और भावनात्मक बुद्धिमत्ता की परीक्षा का समय होगा.
परीक्षा के इस समय पर, कई निवेशक खरीद और बिक्री से घबराते हैं. यह सफल निवेशक की खूबी नहीं है. याद रखें, बाजार एक निश्चित अवधि के बाद रीबाउंड कर सकता है. कई बार, जब बाजार में गिरावट होती है, तो सफल निवेशक अपनी निवेश नीति पर कायम रहते हैं. बाजार के बेसिक्स का पालन का ही पालन करने, अनुभवी निवेशकों/करते हें.
New Income Tax Portal: आज नया इनकम टैक्स पोर्टल होगा लॉन्च, इस नए पोर्टल के बारे में यहां जानिए सबकुछ
Published: June 7, 2021 9:50 AM IST
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New Income Tax Portal: वित्त मंत्रालय आज इनटैक्स का नया पोर्टल www.incometax.gov.in लॉन्च करने जा रहा है. ऐसा माना IFC बाजार के साथ व्यापार सीखना जा रहा है कि यह नया पोर्टल अत्याधुनिक और इनकम टैक्स पेयर्स के लिए ज्यादा आसान बनाया गया है. जिससे आयकरदाताओं को रिटर्न फाइल करना अब ज्यादा आसान हो जाएगा. फिलहाल, आयकरदाता इनकम टैक्स रिटर्न आदि www.incometaxindiafiling.gov.in पर रिटर्न आदि फाइल कर रहे थे. इसके साथ, ऑडिट रिपोर्ट और कई अन्य फॉर्म भी भरे जा रहे थे. पिछले कुछ वर्षों में, फेसलेस असेसमेंट के लिए कई अन्य तरह के मोड्यूल जोड़े गए हैं. ये सब इसके कांप्लायंस सेक्शन के अंतर्गत आते हैं.
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जानिए- क्या आ रही थीं समस्याएं
पहले का पोर्टल फिलहाल अच्छी तरह से काम कर रहा है. लेकिन जब रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख आती थी, तो उस समय भीड़ बढ़ने पर इसमें दिक्कतें आने लगती थीं. इसके अलावा, इनकम टैक्स जमा करने वाले लोगों को डॉक्यूमेंट्स जमा करने में कठिनाइयां आती थी. इसके अलावा कई आयकरदाता इसमें कन्फ्यूज हो जाते थे.
जानिए- अब नए पोर्टल में क्या होगा सुधार?
1- अब इस नए पोर्टल से आयकरदाता आसानी से रिटर्न फाइल कर सकता है. इससे रिफंड जल्दी के प्रॉसेस हो जाएगा.
2- सबकुछ एकल विंडो में देखा जा सकता है. ताकि आयकरदाता उसे पूरा कर सकें.
3- फ्री आईटीआर ऑपरेशन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध होगा. इसमें इंटरैक्टिव सवाल भी होंगे ताकि टैक्सपेयर्स आसानी से आईटीआर फॉर्म भरकर जमा कर सकें. इसमें, सूचनाएं पहले से ही भरी गई होंगी. इससे टैक्सपेयर्स को डेटा एंट्री नहीं करनी होगी.
सही कम्पनी का चुनाव करे (Choose the right company )
दोस्तों निवेश करते समय आपको सही कंपनी का चयन करना चाहिए , इससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा !
सही कम्पनी के चुनाव के लिए आपको विभिन्न कंपनियों की Balance Sheet और उसके बिज़नेस प्लान को समझना होगा , तभी आप एक अच्छी कंपनी का चुनाव कर सकते है !
4. सही ब्रोकर का चयन (Choose the right broker )
निवेश करने से पहले यह जरुरी है कि आप एक सही और विश्वसनीय ब्रोकर को चुने ! ब्रोकर वह होता है जिसके साथ आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमेट अकाउंट ओपन करते है !
किसी ब्रोकर के चुनाव से पहले आपको यह देखना चाहिए कि उसके ब्रोकरेज charges क्या होंगे और हमें वह क्या – क्या अतिरिक्त सुविधाए देगा !
निगरानी और समीक्षा (Monitoring and review )
अपने द्वारा निवेश किये गए शेयरों की समय – समय पर निगरानी और समीक्षा करते रहे ! आपको लिए गए शेयरों के तिमाही के परिणामो की घोषणा पर भी नजर रखना चाहिए ! और अपने पोर्टफोलियो में होने वाले परिवर्तनों को एक नोट बुक में समय – समय पर नोट करते रहना चाहिए ! ऐसा करने से आप शेयरों की सही तरीके से निगरानी और समीक्षा कर पाएंगे !
आपको शेयर बाजार में निवेश के शुरुआती में हमेशा Long – Term में ही निवेश करना चाहिए , क्योंकि long-term में निवेश करने से जोखिम बहुत ही कम हो जाती है !
शुरुआत में Intra – day ट्रेडिंग करने से बचना चाहिए , क्योंकि इसमें रिस्क की अधिक सम्भावना है और आपको लोस भी अधिक हो सकता है ! Intra – day ट्रेडिंग आप तभी करे जब आपको शेयर मार्केट में अधिक समय हो जाए !
Planning के साथ Research जरुर करे
जब आप किसी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदना चाहते है तो कम से कम एक सप्ताह तक उस कम्पनी के shares पर नजर रखे ! उस कंपनी के पीछे के रिकार्ड्स और बैलेंस शीट आदि को देखे !
दोसो हमें हमारे सारे पैसो को एक ही सेक्टर या कंपनी में इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए ! यदि हम पूरी कैपिटल को एक ही कंपनी में निवेश करते है तो इससे हमें अधिक लोस होने की सम्भावना रहती है वही यदि हम कैपिटल को छोटे – छोटे टुकडो में बांटकर निवेश करते है तो यह हमारे लिए एक समझदारी भरा निर्णय होता है !
अमेरिका ने चीन को पछाड़ा
अब भारत सरकार ने इसका एक अच्छा तोड़ ढूंढ लिया है। सरकार की रणनीति अब आंकड़ों में दिखाई देती है। वित्त वर्ष 2021-22 की बात करें तो आंकड़े कहते हैं कि अब अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 80.51 बिलियन डॉलर से बढ़कर 119.42 बिलियन डॉलर पहुँच गया।
भारत से अमेरिका को निर्यात 2021-22 में बढ़कर 76.11 बिलियन डॉलर हो गया, जो IFC बाजार के साथ व्यापार सीखना पिछले वित्त वर्ष में 51.62 बिलियन डॉलर था। इस दौरान अमेरिका से भारत को आयात लगभग 29 बिलियन डॉलर से बढ़कर 43.31 बिलियन डॉलर हो गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 के दौरान, चीन के साथ भारत का दोतरफा व्यापार 115.42 बिलियन डॉलर था, जबकि 2020-21 में यह 86.4 बिलियन डॉलर था।
चीन को निर्यात 2020-21 में 21.18 बिलियन डॉलर से पिछले वित्त वर्ष में मामूली रूप से बढ़कर 21.25 बिलियन डॉलर हुआ है, जबकि आयात 2020-21 में लगभग 65.21 बिलियन डॉलर से बढ़कर 94.16 बिलियन डॉलर हो गया। व्यापार अंतर 2021-22 में बढ़कर 72.91 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 44 अरब डॉलर था।
‘आर्थिक रिश्तों को मिलेगी मजबूती’
व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक विश्वसनीय व्यापारिक भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां अपनी आपूर्ति के लिए केवल चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं और भारत जैसे अन्य देशों में कारोबार का विस्तार कर रही हैं।
खालिद खान आगे कहते हैं, “आने वाले वर्षों में, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ता रहेगा। भारत एक इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) स्थापित करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाली पहल में शामिल हो गया है और इस कदम से आर्थिक संबंधों को और बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।”
भारत तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार
भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), बैंगलोर के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि भारत 1.39 अरब लोगों का घर है और इतनी बड़ी जनसँख्या के साथ यह देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते भारत और अमेरिका की कंपनियों के पास टेक्नोलॉजी लेन-देन, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के बहुत अवसर हैं।
राकेश मोहन जोशी आगे बताते हैं, “भारत से अमेरिका को पेट्रोलियम, पॉलिश किए गए हीरे, दवा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल, जमे हुए झींगा आदि निर्यात किए जाते हैं। जबकि अमेरिका से भारत में प्रमुख तौर पर पेट्रोलियम, कच्चे हीरे, तरल प्राकृतिक गैस, सोना, कोयला, बादाम आदि का आयात होता है।”
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। 2021-22 में भारत का अमेरिका के साथ 32.8 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष था।
‘भारत आयात निर्भरता करे कम’
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) इंदौर और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया द्वारा नीति आयोग द्वारा समर्थित शोध पत्र ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और कदम में व्हार्टन स्कूल ने चीनी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत सरकार के लिए छह रणनीतियों का सुझाव दिया है।
चीनी आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में छह चरणों में उत्पाद विभाजन, देश के मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करना, प्रमुख व्यापार समझौतों का सदस्य बनना और भारत सरकार (भारत सरकार) की कार्य प्रक्रियाओं और संगठनात्मक डिजाइन को संशोधित करना शामिल है।
यदि भारत एक विनिर्माण (Manufacturing destination) के रूप में परिपक्व होता है तो यह न केवल भारत की चीन से आयात पर IFC बाजार के साथ व्यापार सीखना निर्भरता कम करेगा बल्कि भारत अन्य देशों के लिए निर्यात कर सकेगा। ऐसे कई देश हैं जो चीन से आयात पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं और उनके लिए भारत से बेहतर विकल्प और हो ही नहीं सकता।
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