फिक्स्ड प्राइस IPO को इश्यू प्राइस के रूप में संदर्भित किया जा सकता है जो कुछ कंपनियां अपने शेयरों की प्रारंभिक बिक्री के लिए निर्धारित करती हैं.
शेयर बाजार के फायदे और नुकसान को जान लें ! अगर इसमें निवेश की सोंच रहे हैं
शेयर बाजार के फायदे और नुकसान कई सारे हैं लेकिन यदि आप सही रणनीति के साथ इसकी शुरुआत करें तो आपको फायदे अधिक मिलेगें और नुकसान कम होगा। 80 प्रतिशत लोग, केवल शेयर बाजार की लुभावनी कहानी सुनकर इसमें शामिल हो जाते हैं जैसे कि किसी के दादा ने कोई शेयर खरीदा था और खरीदकर भूल गये थे।
आज अचानक उनके पोते को कहीं से कागजात मिल गये। पता करने पर पता चलता है कि, इन शेयर की कीमत आज 50 से 60 करोड़ की हो चुकी है।
आश्चर्य की बात ये है कि, ये कहानी सही होती है। शेयर बाजार में लोग रातों-रात अमीर बन जाते हैं लेकिन साथ ही साथ लोग कंगाल भी हो जाते हैं।
रातों रात अमीर बनने की बजाय, अगर आप निवेश करने के मूड से इसमें शामिल होते हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म साबित होगा।
अब आप शेयर बाजार के फायदे और नुकसान को समझ लें जिससे जब आप इसमें पैसा लगायें तो अधिक से अधिक लाभ कमां पायें।
शेयर बाजार के फायदे और नुकसान
शेयर बाजार के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं !
शेयर बाजार का सबसे बड़ा नुकसान है कि, इसमें पैसा डूबने का खतरा सबसे ज्यादा होता है अर्थात शेयर खरीदना सबसे जोखिम भरा कार्य हो सकता है।
शेयर बाजार का दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है कि, एक अच्छी कंपनी चुनने के लिए ( जिसमें आप पैसा लगायेगें ) आपको बहुत अधिक रिसर्च करनी पड़ेगी।
इस कार्य में अन्य कोई आपकी मदद भी नहीं कर सकता है जो आपको सही-सही ये बता दे कि, कौन सी कंपनी चुनना आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
शेयर मार्केट का तीसरा सबसे बड़ा नुकसान है कि, एक छोटी सी खबर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकती है।
कहने का तात्पर्य है कि, यह हमेशा अनिश्चित रहता है कि, कल शेयर बाजार बढ़ेगा या बाजार गिरेगा, इसलिए अधिकतर लोगों के लिए यह जुआँ साबित होता है।
शेयर बाजार का चौथा नुकसान है कि, कोई भी कंपनी अपना गलत डेटा दिखाकर लोगों को मूर्ख बना सकती है।
शेयर बाजार के फायदे
शेयर बाजार का सबसे बड़ा फायदा है कि, आपके निवेश की ग्रोथ सबसे श्रेणी से होती है अर्थात आपका पैसा इतना तेजी से बढ़ सकता है जिसकी आपने उम्मीद भी नहीं की होगी।
शेयर बाजार का दूसरा बड़ा फायदा है कि, इसमें आपको एक कंपनी की हिस्सेदारी मिलती है। अगर कंपनी अच्छे से चलती है तो आपको डिवीडेंट के तौर पर, हर साल अच्छी खासी रकम भी मिलेगी।
शेयर बाजार का तीसरा सबसे बड़ा फायदा है कि, इसमें जब आप चाहें तो शेयर बेंच कर अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं। जबकि बीमा और FD में ऐसा नहीं हैं। वहाँ पर आपको संपूर्ण लाभ नहीं मिलेगा।
शेयर बाजार का चौथा सबसे बड़ा फायदा है कि, इसमें आप निवेश के साथ ट्रेडिंग भी कर सकते हैं। ट्रेंडिंग से आप रेगुलर इनकम भी बना सकते हैं।
ये कुछ शेयर बाजार के फायदे और नुकसान आपके सामने रखे हैं। आप कमेंट के माध्यम से हमें बता सकते है कि, आपको इसमें फायदा दिखता है नुकसान !
क्या है आईपीओ IPO ? उद्देश्य, निवेश और फायदे, जानें पूरी जानकारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : शेयर मार्केट हो या स्टॉक शेयर मार्केट के फायदे बाजार आज यह दोनों आम आदमी के हाथों में आसानी से आ चुके है, पहले बाजार में एक निवेशक के तौर पर एजेंट की मदद ली जाती है बल्कि आज भी कई लोग निवेश एजेंट को भी करियर के रूप में चुनते है
इस प्रक्रिया में कंपनियां अपने शेयर आम लोगो को ऑफर करती है और यह प्राइमरी मार्केट के अंतर्गत होता है.
अगर ज्यादा साधारण तरह से जानना है तो कहेगें कि आईपीओ के जरिए कंपनी फंड इकट्ठा करती है और उस फंड को कंपनी की तरक्की में खर्च करती है.
बदले में आईपीओ खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है. मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं.
IPO मार्केट या प्राइमरी मार्केट में कई बार ऐसी कंपनियां भी आ जाती हैं जिन्होंने पहले कभी कहीं और से पैसा उठाया ही नहीं। I
शेयरों में निवेश के कुछ महत्वपूर्ण फायदे, न करें इन्हें नजरअंदाज
निवेश करते समय, अगर आप जितना जोखिम उठा सकते हैं उससे अधिक जोखिम लेते हैं, तो आपको हानि हो सकती है और अगर आप जोखिम बिलकुल ही नहीं उठाना चाहते हैं, तो आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न इतने पर्याप्त नहीं हो सकते है जिससे शेयर मार्केट के फायदे समय पर आपके वित्तीय लक्ष्य पूरा हो सके। इसलिए, निवेश करते समय संतुलित मात्रा में जोखिम उठाना बहुत जरूरी होता है। आपकी आयु और रिटर्न की उम्मीद के आधार पर, एक नपातुला जोखिम उठाने से आपको सही समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। अब, इक्विटी उन कुछ एसेट क्लासेज में से एक है जिससे आपको अपने रिटर्न को अधिकतम करने के लिए एक बहुत ही शानदार अवसर मिलता है, बशर्ते कि आप जरूरी मात्रा में जोखिम उठाने के लिए तैयार हों और यह जोखिम अधिकांश मामलों में मध्यम से उच्च हो सकता है।
ज्यादा रिटर्न पाने के लिए
जब आप शेयरों में निवेश करते हैं तो आप दो प्रकार के रिटर्न प्राप्त करते हैं- पूंजी में बढ़ोतरी और लाभांश आय। फंडामेंटली मजबूत फाइनेंशियल्स वाले शेयरों में निवेश करने से, आप नियमित लाभांश आय अर्जित कर सकते हैं। इक्विटी से भी ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है, जिसमें लंबी अवधि में आपको ज्यादा कैपिटल एप्रिसिएशन मिलता है। उदाहरण के लिए, सेंसेक्स ने पिछले 5, 10 और 15 साल में क्रमशः 15.71%, 11% और 10.96% का सीएजीआर पेश किया है, जबकि प्रोविडेंट फंड ब्याज दरें, जो आमतौर पर सरकार द्वारा समर्थित डेट बचत स्कीमों में सबसे अधिक होती हैं, वे पिछले 15 वर्षों में 8.25% - 9.5% की रेंज में बनी रही हैं।
भारत ने वर्ष 2024-25 तक $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का विजन तय किया है। इतने बड़े टास्क को प्राप्त करने में इक्विटी मार्केट द्वारा महत्वपूर्ण योगदान किए जाने की आशा है। 2020 में कोविड-19 सेटबैक के बावजूद इक्विटी मार्केट अभी तक के सबसे उंचे स्तर पर है। 2021 में स्टॉक मार्केट में अभूतपूर्व रिटर्न मिल सकते हैं। सही स्टॉक के चयन और सही स्ट्रेटेजी से आप आने वाले वर्षों में इक्विटी में निवेश करके ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं।
इन्फ्लेशन (महंगाई) से बचना और वेल्थ क्रिएशन को अधिकतम करना
क्या आप जानते हैं कि लंबे समय में इन्फ्लेशन एक मुख्य बाधा है जिससे वेल्थ क्रिएशन नहीं हो पाती है? अगर आप निवेश अवधि के दौरान इन्फ्लेशन रेट से कम निवेश शेयर मार्केट के फायदे रिटर्न प्राप्त करते हैं, तो इससे आपकी वेल्थ में कमी हो जाएगी। आप ऐसा नहीं होने देना चाहेंगे? उदाहरण के लिए, मौजूदा समय में 3 से 5 वर्ष की अवधि की एफडी पर बैंक आजकल 5.5% प्रतिवर्ष के आसपास ब्याज की दर ऑफर कर रहे हैं। अगर आप उच्चतम टैक्स दायरे में आते हैं, तो (टैक्स के बाद) आपके नेट रिटर्न में 3.85% प्रतिवर्ष की गिरावट हो जाएगी। इसके मायने हैं कि अगर निवेश अवधि के दौरान इन्फ्लेशन 4% है, तो वेल्थ क्रिएशन की बजाए, आपकी वेल्थ में हर वर्ष 0.15% की कमी होती चली जाएगी। इक्विटी में निवेश करने से आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं, जिससे बहुत ही अच्छे मार्जिन से इन्फ्लेशन को हराया जा सकता है और लंबे समय में आप वेल्थ क्रिएशन को भी अधिकतम कर पाएंगे। अगर आप पिछले समय पर विचार करते हैं, तो स्टॉक इंडेक्स में डेट और अधिकांश अन्य निवेशों पर दीर्घावधि में बेहतर रिटर्न मिला है।
आप शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के बदले में लोन ले सकते हैं
कोविड-19 महामारी के बाद, अनेक लोग वित्तीय सेटबैक से रिकवर हो रहे हैं। इसलिए, निवेश इंस्ट्रुमेंट्स का लिक्विड (तरल) होना आवश्यक है ताकि आप हर प्रकार की वित्तीय आपातस्थितियों से निपट सकें। यदि आप शेयर या इक्विटी फंड्स में निवेश करते हैं, तो आप उन्हें किसी भी ट्रेडिंग दिन में बेच सकते हैं तथा कुछ ही दिनों में अपने बैंक अकाउंट में पैसे पा सकते हैं। आपके पास एक और विकल्प है अगर आप अपने निवेश को अलग नहीं करना चाहते हैं। क्वालिफाइड (योग्य) शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आप अपने निवेश को बैंक में गिरवी रख कर उसपर लोन ले सकते हैं। आप गिरवी को छुड़ाने के लिए भविष्य में लोन चुका सकते हैं। आमतौर पर, बैंक पात्र शेयरों / इक्विटी म्यूचुअल फंड के मूल्य का 50% तक लोन देते हैं।
यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि आपकी अपनी पूरी पूंजी को इक्विटी में निवेश करने से बचना चाहिए। आपकी आयु, जोखिम उठाने की क्षमता, रिटर्न की उम्मीद, और निवेश की अवधि पर निर्भर करते हुए, आप यह फैसला शेयर मार्केट के फायदे कर सकते हैं कि आपको कितनी राशि इक्विटी में निवेश करनी है। आपको विभिन्न एसेट क्लासेज और अलग-अलग शेयर्स और इक्विटी फंड्स में अपने निवेश को डायवर्सिफाई जरूर करना चाहिए ताकि आप उतार-चढ़ाव के जोखिम से बच सकें। आपको इस बात की भी सलाह दी जाती है कि स्टॉक-टिप्स या अपंजीकृत इक्विटी सलाहकारों की सिफारिशों से भी बचना चाहिए तथा एसआईपी (SIP) या स्टैग्जर्ड तरीके से इक्विटी में निवेश करना चाहिए ताकि आप मार्केट जोखिम से बच सकें। अगर आप अनुभवी हैं और सीधे इक्विटीज में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तो आपको पहले खुद को शिक्षित करने पर विचार करना चाहिए और ऐसा आप निवेश से जुड़ी किताबों को पढ़कर और लेख या ऑनलाइन कोर्स करके कर सकते हैं। मूल बात यह है कि, इक्विटी में बेशक सबसे अधिक रिटर्न देने की क्षमता हैं; लेकिन आपको उनमें समझदारी से निवेश करना चाहिए- और यह तथ्यों, न कि भावनाओं के आधार पर किया जाना चाहिए- ताकि प्रभावी रूप से जोखिम को कम से कम किया जा सके और मनचाहे रिटर्न पाए जा सकें।
कम्पाउंडिंग की शक्ति
कम्पाउंडिंग की शक्ति निवेश को तेज गति से बढ़ने में सहायक होती है। यदि आप बाजार के ऊँच नीच को भुला कर हर महीने नियमित निवेश करते हैं तो अपने निवेश को कम्पाउंडिंग की शक्ति से बढ़ता देख सकते हैं।
शेयर बाजार में निवेशक दो निर्णय नहीं कर पाता, कहां निवेश करें और कब निवेश करें। SIP में निवेश आपको यह दोनों निर्णय करने में सहायक हो जाता है। यह तो आप निर्धारित कर ही चुके हैं कि आपको म्यूचूअल फंड में निवेश करना है, आपका नियमित निवेश, कब निवेश करना है यह भी निर्धारित कर देता है। यदि आप SIP चालू रखते हैं तो हर गिरावट पर भी उसी तरह निवेश कर पाएंगे जैसे तेजी में किया था। ऊपर नीचे होते बाजार में कब निवेश करना है इसकी चिंता नहीं होती।
कितने समय तक जारी रखें SIP
विशेषज्ञों का मानना है कि SIP की समय अवधि 3,5,7 या 10 वर्ष तक रखें। या जिस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आप निवेश कर रहे हैं उस लक्ष्य की प्राप्ति पर अपना SIP बंद कर सकते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक वित्तीय लक्ष्य हैं तो सभी लक्ष्यों के लिए अलग अलग SIP शुरू करें और निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति पर उस SIP को बंद करवा दें।
इस योजना में जिसमें आप एसआईपी चला रहे हैं एकमुश्त राशि जोड़ना लम्बे समय के लिए अच्छा हो सकता है। खासकर जब बाजार सुधारात्मक यानी करेक्शन के चरण में होते हैं। इससे आप कम एनएवी में अधिक यूनिट प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी निवेश को टॉप अप कहा जाता है।
आपको समझ आ गया होगा गिरते बाजार में SIP चालू रखने के फायदे क्या हो सकते हैं और बाजार में ज्यादा जरूरी है नियमित और अनुशशित निवेश।
# 4.महँगाई कम होती है
Nifty ke fayde – रुपये के मजबूत होने पर रुपिये की वैल्यू बढ़ जाती है जिससे हम उतने ही रुपिये में पहले की अपेक्षा विदेशों से ज्यादा आयात कर सकते हैं ज्यादा चीजें खरीद सकते हैं
इस प्रकार पहले के मुकाबले कम रुपये में ज्यादा वस्तुएं खरीद पाने के कारण हमारे देश मे भी वे वस्तुएं कम कीमत पर उपलब्ध हो सकेंगी
इस प्रकार शेयर बाज़ार और Nifty के बढ़ने से देश मे महंगाई में कमी आती है
# 5. अर्थव्यवस्था और GDP मजबूत होती है
जब कंपनिया अच्छा Perform करती हैं और मुनाफा अर्जित करती हैं तो उनके शेयर प्राइस बढ़ने लगते हैं और ऐसे Bullish मार्किट में FII , DII और Mutual fund बहुत Attract होते हैं Nifty ke fayde
घरेलु संस्थागत निवेशक – DII और विदेशी संस्थागत निवेशक Foreign Institutiinal Investors और Mutual funds बहुत ज्यादा धनराशि के साथ शेयर बाजार में निवेश करते हैं
जब कंपनियो के पास बहुत सारा पैसा आता है तो वे Expand होती है जिससे उनका बिजनेस और बड़ा हो जाता है साथ ही मुनाफा भी और ज्यादा बढ़ जाता है
इस प्रकार कंपनियों के Capital gain होने से सरकार को कंपनियो से पहले के मुकाबले और ज्यादा कैपिटल गैन tax यानी कर प्राप्त होता है यानी सरकार की earnings कमाई बढ़ जाती है और
परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था और GDP मजबूत होती है और देश विकसित देशों की श्रेणी की और अग्रसर होता है
Conclusion – Nifty ke fayde
इस पोस्ट में आपने Nifty ke 5 fayde जाने वैसे तो Nifty ke fayde में सबसे बड़ा फायदा ये ही है कि Nifty के मूवमेंट को देखकर आप Share Market में अपने पैसे ठीक प्रकार से Invest निवेश कर सकते हैं
लेकिन Indirect रूप से Nifty के और भी बहुत फायदे होते हैं जैसा ऊपर बताये गए हैं
आशा करते हैं आपको Nifty कैसे काम करती है और Nifty ke fayde अच्छे से समझ आ गए होंगे
यदि अभी भी आपके कुछ सवाल हैं या Nifty ke 5 fayde के अलावा आप Nifty के और भी फायदे जानते हैं तो कमेंट में जरूर बताएं
मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े
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