Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: November 08, 2022 9:41 IST

2021 में 5000% से ज्यादा का रिटर्न, चौंकिए मत! यहां पढ़िए क्यों स्टॉक करा रहा है शानदार कमाई

इस साल अप्रैल में लिस्ट हुआ था छोटी सी कंपनी का स्टॉक, साल में ज्यादातर दिन शेयर में लगा रहा 5 फीसदी का अपर सर्किट

स्टॉक बाजार में दमदार प्रदर्शन करने वाले ऐसे कई छोटे स्टॉक होते हैं, जिन पर छोटे इनवेस्टर की नजर नहीं पड़ती है

एक साल और 5,192 फीसदी का रिटर्न। चौंकिए मत, जी हां 2021 में एक स्टॉक ने इतना शानदर रिटर्न दिया है। अगर आप सोच रहे हैं कि क्या यह एक पेनी स्टॉक (penny stock) है तो आप गलत नहीं है।

2021 में किसी भी तरह के शेयर में इतनी बड़ी तेजी अविश्वसनीय है। लेकिन आप यह जानकर और भी चौंक जाएंगे कि इस स्टॉक ने इतना तगड़ा रिटर्न अप्रैल, 2021 से अभी तक दिया है।

हम यहां बात कर रहे हैं ईकेआई एनर्जी (EKI Energy) की। 2011 में स्थापित यह कंपनी भारत में कार्बन क्रेडिट इंडस्ट्री की लीडिंग कंपनियों में से एक है।

अप्रैल, 2021 में लिस्ट हुई थी कंपनी

यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंजेस में अप्रैल, 2021 में 147 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुई थी। इसने आईपीओ के माध्यम से महज 18 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाई थी। तब से यह शेयर 5,000 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है और इसकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि लगभग हर दिन इसमें 5 फीसदी का अपर सर्किट लग रहा है।

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वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में ईकेआई एनर्जी का रेवेन्यू बढ़कर 6.4 अरब रुपये हो गया, जबकि 2021 में पूरे साल का टर्नओवर 1.9 अरब रुपये रहा था। इसी अवधि में उसका नेट प्रॉफिट 18.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.2 अरब रुपये हो गया है।

बड़े देशों से मिल रही डिमांड

इतने मजबूत आंकड़ों की मुख्य वजह बाजार में नेट जीरो इमिशन के प्रति जागरूकता में बढ़ोतरी, अमेरिका व यूरोप जैसे बड़े बाजारों से डिमांड बढ़ना और कार्बन क्रेडिट्स की प्राइसिंग में सुधार पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे रही हैं।

कंपनी मार्च, 2021 तक डेट फ्री है। इसके अलावा, 75.1 के रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) 98.2 के रिटर्न ऑन कैपिटल इम्प्लॉयड (आरओसीई) के साथ इसका रिटर्न रेश्यो खासा मजबूत है। कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 73.5 फीसदी है और उसका कोई भी शेयर गिरवी नहीं है।

ईकेआई एनर्जी सर्विसेज की आगे की राह

ईकेआई एनर्जी सर्विसेज की चालू पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे वित्त वर्ष में 15 अरब डॉलर के टर्नओवर पर नजर है वह 2022-23 में इसमें 50 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद कर रही है।

ईकेआई के चेयरमैन एवं एमडी और सीईओ मनीष दबकरा ने कहा कि वह बीते साल के 55 एम की तुलना में इस साल 150 एम कार्बन क्रेडिट की ट्रेडिंग की उम्मीद कर रहे हैं।

अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए, कंपनी ने एक मल्टी-डिसीप्लिनरी एडवाजयरी और कंसल्टैंसी फर्म सस्टेनप्लस राइस में 51 फीसदी स्टेक खरीदी है, जिसे क्लाइमेट रिसाइलेंस सर्विसेज में विशेषज्ञता हासिल है।

हाल में, उसने हाल में रॉयल डच शेल की एक यूनिट शेल ओवरसीज इनवेस्टमेंट्स (Shell Overseas Investments) के साथ एक ज्वाइंट वेंचर का भी ऐलान किया है। इस कंपनी का जोर भारत में कार्बन कैप्चर के लिए नेचर बेस्ड सॉल्यूशंस (एनबीएस) के विकास पर है। जेवी फॉरेस्ट, एग्रीकल्चर, ग्रासलैंड्स, वेस्टलैंड्स और ब्लू कार्बन जैसे नेचुरल इकोसिस्टम के संरक्षण, विस्तार और बहाल करने पर काम करेगी।

क्यों आगे और भाग सकता है स्टॉक?

पहले कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स के लिए ‘सर्टिफाइड इमिशन रिडक्शंस’ या सीईआर हासिल करते थे। जिस एक फ्रेमवर्क के तहत ये जारी होते थे, उन्हें क्लाइमेट वार्ताकार ‘क्वोटो प्रोटोकॉल’ कहते थे। हालांकि, बाद में इसकी जगह पेरिस एग्रीमेंट ने ले ली।

दिसंबर, 2015 में, 196 देशों ने कार्बन इमीशन में कमी लाने के लिए पेरिस में एक इंटरनेशनल ट्रीटी पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे पर दस्तखत किए, जिसे पेरिस एग्रीमेंट नाम दिया गया।

भले ही ट्रीटी के सभी नियम लागू हो गए हैं, लेकिन कार्बन मार्केट्स के लिए नियम अभी तक नियम नहीं बनाए जा सके हैं। नवंबर, 2021 में ग्लासगो में हुई यूएनएफसीसी की 26वीं कान्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (सीओपी26) में नियमों को अंतिम रूप देने और कार्बन मार्केट खोलने को अंतिम रूप देने में सफलता मिली थी। नियमों के लागू होने के साथ ज्यादातर विकसित देशों के क्रेडिट्स की खरीद शुरू करने का अनुमान है।

भारत का कार्बन मार्केट दुनिया में तेजी से उभरते मार्केट्स में से एक है और यहां लाखों कार्बन क्रेडिट जेनरेट हो चुके हैं। एमसीएक्स पर भी अब कार्बन की ट्रेडिंग हो रही है। यह कार्बन क्रेडिट्स की ट्रेडिंग शुरू करने वाला एशिया का पहला एक्सचेंज है। इतने व्यापक बदलाव के साथ भारत में इसके लिए खासी संभावनाएं हैं।

मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे अरबपति पहले ही रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश की योजना का ऐलान कर चुके हैं, जिससे भारत को नेट जीरो टारगेट की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।

Share Market: कम पैसे निवेश कर बनाए ज्यादा पैसे, ज्यादा फायदे के लिए अपनाए ये तरीका, बैंक से बहुत ज्यादा मिलेगा रिटर्न

अगर आपके पास पैसे कम है और आप सोचते हैं कि आप शेयर मार्केट से पैसा नहीं बना सकते तो आप गलत हैं। ज्यादातर लोगों का यही सोचना रहता है कि शेयर से पैसा बनाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है बस आपको धैर्य और अनुशासन के साथ निवेश करना पड़ेगा। पिछले कुछ दिन में छोटे निवेशको की रूचि शेयर मार्केट में बढ़ी है। आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर अच्छा रिटर्न ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड में वह लोग भी निवेश कर सकते हैं जिन्हे इसके बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं होता है। आइए जानते हैं कि आप किस प्रकार कम पैसे में भी कम रिस्क के साथ ज्यादा पैसे बना सकते हैं।

एसआईपी (systematic investment plan) के द्वारा करें निवेश

किसी भी म्यूचुअल फंड में आप एक डिसाइड डेट को एसआईपी (SIP) के द्वारा निवेश कर सकते हैं। इसमें आप अपने हिसाब से महीने, 3 महीने, 6 महीने या फिर हफ्ते के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। इसमें आप 100 रुपए से लेकर जितना निवेश करना चाहते हैं उतना कर सकते हैं। आपके पास जितना भी पैसा बचे उस हिसाब से आप निवेश कर सकते हैं।

SIP में निवेश करने के फायदे

SIP के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आप कम रिस्क के साथ ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। इसमें गिरते मार्केट और चढ़ते मार्केट में निवेश करने का फायदा होता है। कम पैसे के बाद भी SIP के द्वारा निवेश करने पर आप अच्छा अमांउट एकत्रित कर पाते हैं। इसी के साथ कम से कम 12% से 14% का रिटर्न भी ले सकते हैं। SIP उन लोगों को लिए ज्यादा फायादेमंद है जिनके पास एक बार में निवेश करने के लिए पैसे एकत्रित नहीं हो पाते हैं।

ज्यादा फायदे के लिए अपनाए ये तरीका
SIP में निवेश करते हुए जब भी आपके पास पैसे बचे तो आप उन बचे हुए पैसों को मार्केट में गिरावट के समय उसमें निवेश कर दीजिए। मार्केट में गिरावट का इसके द्वारा ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है। कभी भी मार्केट में गिरावट के कारण अपना पैसा निकले नहीं क्योंकि लंबे समय में मार्केट अच्छा रिटर्न देता ही है। शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव लगा ही रहता है। जब भी गिरावट होती है तो वह समय निवेश के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

निवेश नॉलेज: बच्चों को स्टॉक इनवेस्टमेंट के रिटर्न-रिस्क के बारे में बताएं, थोड़े पैसों से ज्यादा पैसा पैदा करने का कॉन्सेप्ट समझाएं

पिछले महीने यह खबर वायरल हुई थी कि 10 साल के बच्चे के स्टॉक इनवेस्टमेंट की वैल्यू लगभग एक साल में 50 गुना हो गई है। बच्चे की मां ने स्टॉक इनवेस्टमेंट के बारे में समझाने के लिए वीडियो गेम के प्रति उसकी दीवानगी का सहारा लिया था। उसको गिफ्ट दिलाने के लिए मां ने उसके नाम डिस्काउंट वीडियो गेम स्टोर गेमस्टॉप के 10 शेयर खरीदे थे। उस बच्चे की मां की तरह आप अपने बच्चे को शेयरों में निवेश के बारे में समझाने के लिए क्या कर सकते हैं, आइए हम उसके बारे में बात करते हैं।

बताएं कि लोग क्यों और कैसे निवेश करते हैं

बच्चों को शेयरों में निवेश के बारे में बताने की शुरुआत बुनियादी जानकारी से करनी चाहिए। उन्हें आसान शब्दों में और मिसाल देकर समझाना चाहिए। उनको बताना चाहिए कि लोग क्यों और कैसे निवेश करते हैं। निवेश के बारे में समझाने के लिए कह सकते हैं कि इसके जरिए थोड़े पैसों से ज्यादा पैसा पैदा किया जा सकता है। निवेश के बारे में समझने और समझाने के लिए ऐप, वेबसाइट, किताबों का सहारा लिया जा सकता है। ऐडम स्ट्रैमवैसर की A Kids Book About Money अच्छी किताब है। आप https://www.schwabmoneywise.com/ चेक कर सकते हैं।

बच्चे समझ जाएं तो निवेश की प्रैक्टिस कराएं

जब आपको लगे कि बच्चे को निवेश की जरूरी जानकारी हो गई है तो उन्हें पहले उसकी प्रैक्टिस कराएं। इसके लिए निवेश के बारे में बताने वाले ऐप या गेम का सहारा ले सकते हैं। उनको लॉन्ग टर्म यानी 10 से 20 साल के निवेश के फायदे के बारे में समझाना चाहिए। बच्चों को उनकी पसंद के शेयर चुनने और वर्चुअल करेंसी से उनकी चाल पर नजर रखने के लिए ऐप की मदद ले सकते हैं।

निवेश के फैसले लेने का तरीका बताएं

बच्चों को बैलेंसशीट, प्राइस टू अर्निंग रेशियो या मुश्किल चीजों के बारे में बताने की जरूरत नहीं। उन्हें बस इतना बताना है कि निवेश के फैसले लेने के लिए किस तरह सोचना चाहिए। जैसे अगर आप किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करते तो उसे बनाने वाली कंपनी में निवेश क्यों करें। ऐसे में आपको बताना होगा कि कंपनी क्या करती है और आने वाले समय में उसका कारोबार किस वजह से बढ़ सकता है। कंपनी में निवेश सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए कि किसी ने बताया है या आपको ब्रांड पसंद है।

रिटर्न के साथ रिस्क के बारे में भी बताएं

बच्चों को शेयरों में निवेश से मिलने वाले रिटर्न के साथ ही आपको रिस्क के बारे में भी बताना होगा। वीडियो गेम रिटेलर गेमस्टॉप की मिसाल ले लेते हैं। बताया जाता है कि कंपनी से नाउम्मीद कुछ हेज फंड और बड़े निवेशकों ने शॉर्ट सेलिंग की थी। यानी उन्होंने बाजार से कंपनी के शेयर उधार लेकर बेचे ताकि बाद में सस्ते भाव पर वापस खरीदकर मुनाफा कमा सकें। उनसे थोड़े छोटे निवेशकों ने कंपनी के शेयरों में खरीदारी शुरू करके खेल पलट दिया।

गेमस्टॉक में शॉर्ट सेलिंग का क्या था गेम?

दरअसल, जैसे ही शॉर्ट सेलिंग वाले शेयरों का दाम चढ़ना शुरू होता है, शॉर्ट सेल करने वाले लोग अपना मुनाफा बचाने या लॉस से बचने के लिए अपनी पोजिशन कवर करना शुरू कर देते हैं। यानी उधार लेकर बेचे गए शेयरों को बाजार से खरीदना शुरू कर देते हैं। इससे शेयरों का भाव चढ़ने लगता है, जिसको देख दूसरे निवेशक भी पीछे पड़ जाते हैं।

गेमस्टॉक में थोड़ी तेजी आने पर छोटे निवेशकों और पहली बार निवेश करने वालों ने ऑनलाइन फोरम का यूज करके उसके शेयरों को चढ़ाना शुरू कर दिया। इसके चलते 2019 में 10 डॉलर से कम का शेयर पिछले महीने 480 डॉलर पर पहुंच गया था। गुरुवार को यह 40 डॉलर के आसपास पर आ गया था।

चंद दिनों में पीक के दसवें हिस्से से कम रह गया

गेमस्टॉक का 10 डॉलर का शेयर एक साल में 48 गुना बढ़ा और फिर चंद दिनों में पीक के दसवें हिस्से से भी कम रह गया। यह रिस्क था, जिसमें बहुत से लोगों की शर्ट उतर गई होगी और कुछ लोगों को मुनाफा हुआ होगा। इसलिए बच्चों को बताना होगा कि किस तरह के निवेश में किस तरह का रिस्क होता है।

जिस निवेश में ज्यादा रिस्क होता है, उसमें प्रॉफिट और लॉस दोनों ही ज्यादा होते हैं। गेमस्टॉक में मोटी कमाई देख बच्चे फटाफट कमाने के चक्कर में न फंसें, इसलिए उनको लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के जरिए संपत्ति बनाने के बारे में बताने की जरूरत है।

रिस्की एसेट में उतना लगाएं, जितना डूबने पर गम न हो

अगर बच्चा ज्यादा रिटर्न चाहता है तो उसे बताएं कि जितने पैसे जाने पर दुख नहीं होगा, रिस्की एसेट में उतना पैसा ही लगाना चाहिए। उनको बताया जा सकता है कि नौसिखिया निवेशक कम जोखिम लेकर अच्छा रिटर्न कमा सकता है, लेकिन ज्यादा लालच करने पर बड़ा लॉस उठाना पड़ सकता है।

बच्चों को यह भी बताना जरूरी है कि निवेश का फैसला लेने के लिए किस तरह की जानकारी सही हो सकती है। बच्चों, खासतौर पर किशोरों को गेमस्टॉप के बारे में जानकारी सोशल मीडिया पर मिली थी। ऐसे में उन्हें यह बताना सही रहेगा कि हर तरह की ऑनलाइन जानकारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

Money Guide: लंबी अवधि के लिए फायदे का सौदा है जीवन बीमा पॉलिसी, ऐसे करें प्‍लानिंग

जीवन बीमा आपके जीवन के रिस्क को कवर करता है और लंबे समय की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरी करता है।

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Published on: November 08, 2022 9:41 IST

जीवन बीमा - India TV Hindi

Photo:FILE जीवन बीमा

Money Guide: भविष्‍य की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम सब अपने-अपने तरीके से फाइनेंशियल प्‍लानिंग करते हैं। मार्केट में फाइनेंशियल प्‍लानिंग के ढेर सारे टूल्‍स उपलब्‍ध हैं, जिनमें से एक महत्‍वपूर्ण टूल जीवन बीमा पॉलिसी भी है। जीवन बीमा पॉलिसी लंबे समय के फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में सबसे महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीवन बीमा न सिर्फ आपके जीवन के रिस्‍क को कवर देता है बल्कि भविष्‍य की आवश्‍यकताओं के लिए बचत करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका भी निभाता है।

कैसे करें सही बीमा पॉलिसी का चुनाव

बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन बीमा पॉलिसी लेने से पहले लेने वाले को सबसे पहले अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए। भविष्‍य की आवश्‍यकताओ का अनुमान करते हुए पॉलिसी का चुनाव करना चाहिए। पॉलिसी की मेच्‍योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न और पॉलिसी के रिस्‍क कवर को समझते हुए जीवन बीमा कवर लेना चाहिए। यह समझना बहुत जरूरी है कि छोटी और बड़ी जरूरतों के लिए अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे का चयन करें। जीवन बीमा पॉलिसी हमेशा लंबे समय की जरूरतों को पूरी करने के लिए लें।

समय-समय पर करें बीमा की समीक्षा

जीवन बीमा आपके जीवन के रिस्क को कवर करता है और लंबे समय की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरी करता है। आप अपने बच्‍चों को पढ़ाने-लिखाने, रिटायरमेंट के बाद पैसों की जरूरत को पूरी करने के लिए अलग-अलग पॉलिसी का चुनाव करते हैं। पॉलिसी लेने के बाद भी समय-समय पर रिव्यू करना चाहिए क्‍योंकि आपकी जरूरत समय के अनुसार बदलती रहती है। अगर, आपका बच्‍चा छोटा है तो आपको चाइल्‍ड इंश्‍योरेंस प्‍लान में निवेश करना चाहिए।

फाइनेंशियल प्‍लानिंग में मददगार

जीवन बीमा पॉलिसी को डिजाइन ऐसे किया जाता है कि वह पॉलिसी होल्‍डर को अधिकतम लाभ दे। आमतौर यह देखा गया है कि सही जानकारी के अभाव में पॉलिसी धारक पांच साल के बाद ही जीवन बीमा पॉलिसी से अधिकतम लाभ पाना चाहता है। निवेश में अनुशासन बहुत जरूरी है। जब आप नियमित निवेश करते हैं तो आप अपने फाइनेंशियल गोल तक आसानी से पहुंच जाते हैं। जीवन बीमा में भी यह नियम लागू होता है। जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान सही समय पर करना चाहिए। पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान तय समय पर नहीं करने से पॉलिसी लैप्स हो सकती है और इसके साथ ही रिस्क कवर भी समाप्‍त हो जाता है। इससे आपको अपने फाइनेंशियल गोल तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है।

राइडर्स का लाभ उठाएं

राइडर्स आपको लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर अतिरिक्‍त लाभ देते हैं। उदाहरण के तौर पर आपके पास पारंपरिक इंश्योरेंस प्‍लान है और आप इसके साथ दुर्घटना मृत्‍यु का दोगुना लाभ लेना चाहते हैं तो एक्‍सीडेंटल डेथ एंड डिस्‍मेंबरमेंट राइडर का चयन कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको अतिरिक्‍त प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यह ध्‍यान रखें कि राइडर्स चुनने की आजादी पॉलिसी लेने के शुरुआती कुछ सालों तक ही होती है लेकिन कुछ इंश्योरेंस कंपनियां यह सेवा बाद में भी उपलब्‍ध कराती है। राइडर्स कम खर्च में अधिक फाइनेंशियल रिस्क करने का आसान जरिया है।

What is Penny Stocks: क्या होते हैं भंगार शेयर, जो किसी को मालामाल कर देते हैं तो किसी को बना देते हैं कंगाल!

What is Penny Stocks: जिन शेयरों की कीमत बहुत ही कम (Low Price Share) होती है, उन्हें पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) कहते हैं। शेयर बाजार में जब कोई निवेश शुरू करता है, तो उसे ये शेयर खूब लुभाते हैं। ध्यान रहे कि पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करना बहुत ही आसान होता है। ऐसे में पेनी स्टॉक्स में आपका फायदा (should we invest in penny stocks?) भी तेजी से होता है और नुकसान भी अधिक झेलना पड़ता है।

what is penny stocks? should we invest in these share? here are some amazing tips for beginners

What is Penny Stocks: क्या होते हैं भंगार शेयर, जो किसी को मालामाल कर देते हैं तो किसी को बना देते हैं कंगाल!

सबसे पहले समझिए क्या होते हैं पेनी स्टॉक्स

उन शेयरों को पेनी शेयर कहते हैं, जिनकी बहुत कम होती हैं। इन शेयरों में लिक्विडिटी काफी कम होती है। इन शेयरों को भंगार शेयर भी कहा जाता है। कई बार किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है। फिर उसकी गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है। ऐसे शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं। अमूमम मान लिया जाता है कि जिनकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वह पेनी स्टॉक है।

पेनी स्टॉक्स कितने भरोसेमंद?

पेनी शेयरों में निवेश करने में जोखिम काफी ज्यादा होता है। ऐसे शेयर काफी कम समय में भारी उतार-चढ़ाव दिखा सकते हैं। ऐसे में निवेशक मालामाल भी हो सकते हैं और उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। कई बार ये भी देखा गया है कि सिर्फ निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए प्रमोटर्स ही इन स्टॉक्स के दाम बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में अगर पेनी स्टॉक्स में निवेश करना है तो सजग रहें और हर बारीकी को समझें, तभी तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।

पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट करना होता है आसान

जिसने भी हर्षद मेहता के घोटाले वाली स्कैम 1992 देखी है, वह समझ ही गया होगा कि शेयर ऑपरेट कैसे होते हैं। पेनी स्टॉक्स की कीमत बहुत कम होती है, इसलिए कुछ पैसे वाले लोग मिलकर इनकी कीमत अपने हिसाब से कम-ज्यादा कर सकते हैं। शेयर को ऑपरेट करने में पहले ये लोग अपने ही शेयर में पैसे लगा-लगा कर उसकी कीमत बढ़ा देते हैं। जब शानदार रिटर्न देखकर और लोग इन शेयरों में भारी निवेश कर देते हैं तो कीमतें और बढ़ जाती हैं, जिसके बाद शेयर को ऑपरेट करने वाले अपना मुनाफा लेकर उससे बाहर निकल जाते हैं।

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