उनका आखिरी ट्वीट 14 अगस्त का है जब उन्होंने दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के निधन पर शोक जाहिर किया था |

Indian Business Mind

New Year से पहले डिवाइसेज पर कंपनियों ने तगड़ा डिस्काउंट देने का मन बना लिया है, कंपनियां अपने ग्राहकों को New Year के मौके पर भारी बचत करवाना चाहती हैं | लैपटॉप पर भी ये डिस्काउंट शामिल किया गया है, अगर आप भी इस डिस्काउंट का लाभ लेना चाहते हैं, तो हम आपको उस लैपटॉप के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर सबसे ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा है और ग्राहक इसे 7 हजार रुपये से कम कीमत में घर ले जा सकते हैं | लैपटॉप पर मिलने वाले डिस्काउंट की बात करे तो ग्राहकों को ये डिस्काउंट Flipkart पर दिया जा रहा है, फ्लिपकार्ट पर एक ऐसा डिस्काउंट या ऑफर है जो शायद अभी तक किसी लैपटॉप पर नहीं मिल रहा है, जिस लैपटॉप के बारे में हम बात कर रहे हैं वो ASUS Chromebook Celeron Dual Core है | 4 GB/64 GB EMMC Storage/Chrome OS लैपटॉप फ्लिपकार्ट पर सबसे कम कीमत में मिल रहा है और इसकी असल कीमत 25,990 रुपये है, फ्लिपकार्ट पर इस लैपटॉप पर 28% डिस्काउंट है,जिसके बाद इस लैपटॉप की कीमत सिर्फ 18,490 रुपये रह जाती है, लेकिन यह ऑफर यहीं खत्म नहीं होता है | अगर आप चाहें तो इस लैपटॉप को महज 6 हजार रुपये में खरीद सकते हैं क्योंकि इस

Ratan Tata के बर्थडे पर जानते है की वह की 27 लोगों को Twitter पर Follow करते हैं

On Ratan Tata's birthday, know that he follows 27 people on Twitter.

भारतीय उद्योग जगत के सबसे चहेते एवं लोकप्रिय नामों में रतन टाटा का नाम शामिल है, वह आज 28 दिसंबर 2022 को अपना 85 जन्मदिन मना रहे हैं |

रतन टाटा ने अपने पिता द्वारा सौंपी गई विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है, उन्होंने Air India एयरलाइंस जो 1950 के दशक में टाटा के एंपायर से सरकार के पास जा चुकी थी उसे वापस अपने एंपायर में शामिल किया है। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा और दुनिया के सबसे बड़े टी मैन्युफैक्चरर टेटली का भी अधिग्रहण किया तथा यूरोप के स्टील उत्पादक कोरस को भी खरीदा।

दुनिया का सबसे अजीब मोबाइल कवर नहीं टूटेगा गिर ने से आपका स्मार्टफोन

हममें से लगभग हर किसी ने उस स्थिति का सामना किया होगा जब हमारे हाथों से स्मार्टफोन छूटकर जमीन पर गिरता है। उस समय दिल की जो हालत होती है वह हम सबको पता है, और सबसे पहले मन में जो सवाल आता है वह भी हम सभी को मालूम है, 'कहीं फोन की स्क्रीन टूट तो नहीं गई।' हालांकि अब ऐसा होने पर आपको डरने की जरा भी जरूरत नहीं है क्योंकि जर्मनी की आलेन यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने स्मार्टफोन का एक ऐसा एयरबैग’ बनाया है जो आपके फोन को भरपूर सुरक्षा देगा।

mobila ka airbag
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Mobile ka airbag

कैसे काम करेगा ये मोबाइल कवर स्मार्टफोन को टूटने से

इस कवर में मकड़ी की तरह पैर लगे हैं जो स्मार्टफोन के गिरने से जो असर पड़ता है उसे बर्दाश्त कर लेते हैं और फोन की स्क्रीन को टूटने से बचाते हैं। इस स्मार्टफोन कवर की खासियतें देखकर आप भी बेशक हैरान रह जाएंगे।


एक और खास बात, फिलिप का बनाया यह कवर बाजार में उपलब्ध सामान्य कवरों से अलग नहीं दिखता, लेकिन जब फोन जमीन पर गिरता है तो इसके अंदर लगे अब्जॉर्बर चारों कोनों पर निकलकर फोन को नुकसान पहुंचाने से बचा लेते हैं। हालांकि अभी इस कवर का व्यावसायिक तौर पर उत्पादन शुरू नहीं किया गया है। हो सकता है फिलिप क्राउडफंडिंग का इंतजार कर रहे हों ताकि इस कवर को वह और बेहतर रूप में बना सकें और इसका व्यावसायिक उत्पादन कर सकें।



Mobile Airbag Features

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NDTV के ज़्यादातर शेयर हमने अडानी समूह को बेच दिए- प्रणय और राधिका रॉय का ऐलान, कहा- बड़ी अच्छी रही गौतम अडानी से मुलाक़ात, मान ली अधिकतर बात

NDTV के ज़्यादातर शेयर हमने अडानी समूह को बेच दिए- प्रणय और राधिका रॉय का ऐलान, कहा- बड़ी अच्छी रही गौतम अडानी से मुलाक़ात, मान ली अधिकतर बात

Prannoy Roy Sold his Share to Adani Group: प्रणय रॉय ने NDTV के शेयर अडानी ग्रुप को बेचे (Photo- File)

NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय (NDTV Founder Prannoy Roy) एवं राधिका रॉय (Radhika Roy) ने अपने अधिकांश शेयर अडानी समूह (Adani Group) को बेच दिये हैं। एक रिलीज में दोनों ने कहा कि ओपन ऑफर (Open Offer) आने के बाद उनकी गौतम अडानी से बातचीत चल रही थी। ये सकारात्मक रही। उसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो शेयर उनको बेच देंगे। दोनों ने कहा कि उन्हें यकीन है कि अडानी ग्रुप के हाथ में जाने के बाद NDTV ब्रांड और ज्यादा तरक्की करेगा। इसकी टीम बेहतरीन है।

AMG मीडिया नेटवर्क अब NDTV का सबसे बड़ा शेयर धारक

एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने NDTV मीडिया कंपनी में अपनी बची हुई 32.26 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 27.26 प्रतिशत हिस्सा अडानी समूह को बेच दिया। एनडीटीवी में दोनों की कुल हिस्सेदारी 32.26 प्रतिशत है जबकि अडानी समूह के पास अब कंपनी में हिस्सा 37.44 प्रतिशत हो चुकी है। इस बयान के मुताबिक, प्रणय रॉय और राधिका रॉय एनडीटीवी में पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी बनाए रखी है।

प्रणय रॉय ने बताया कि हमने साल 1988 में एनडीटीवी की शुरुआत इस विश्वास के साथ की थी कि भारत में पत्रकारिता विश्वस्तरीय है, लेकिन इसे बढ़ने और चमकने के लिए अभी एक मजबूत और प्रभावी प्रसारण मंच की जरूरत है। 34 साल बाद हम मानते हैं कि एनडीटीवी एक ऐसी संस्था है जिसने हमारी बहुत सारी उम्मीदों और आदर्शों को पूरा किया है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत और एशिया सहित दुनिया भर में एनडीटीवी को सबसे विश्वसनीय न्यूज चैनल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

अब AMG मीडिया नेटवर्क NDTV का सबसे बड़ा शेयर धारक

रॉय ने आगे कहा कि एएमजी मीडिया नेटवर्क हालिया ओपन ऑफर के बाद अब एनडीटीवी में सबसे बड़ा शेयर धारक है। जिसके तहत निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज हमने आपसी समझौते से एनडीटीवी में अपने अधिकांश शेयरों को एएमजी मीडिया नेटवर्क को बेचने का फैसला किया है। ओपन ऑफर लॉन्च होने के बाद से, श्री गौतम अडानी के साथ हमारी चर्चा पॉजीटिव रही अडानी ग्रुप ने हमारे द्वारा दिए गए सभी सुझावों को सकारात्मकता से स्वीकार किया। अडानी ने निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज एक ऐसे ब्रांड में निवेश किया है जो भरोसे, विश्वसनीयता और स्वतंत्रता का पर्याय है।

प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने साल 1988 में एनडीटीवी की स्थापना की थी। शुरुआत में प्रणव रॉय दूरदर्शन पर ‘द वर्ल्ड दिस वीक’ (The World This Week) के नाम से एक कार्यक्रम लेकर आते थे जो उन दिनों खूब सुर्खियां बटोरता था। इसके एक दशक के बाद 1998 में एनडीटीवी ने स्टार न्यूज के साथ मिलकर भारत के पहले 24×7 न्यूज चैनल की शुरुआत की लेकिन आगे चलकर स्टार न्यूज एनडीटीवी से अलग हो गया एनडीटीवी स्टार न्यूज के प्रोडक्शन का काम देखता था।

वीडियोकॉन क़र्ज़ मामला: सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ़्तार किया

सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है. अदालत ने उन्हें सोमवार तक की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. The post वीडियोकॉन क़र्ज़ मामला: सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ़्तार किया appeared first on The Wire - Hindi.

सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है. अदालत ने उन्हें सोमवार तक की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया.

अधिकारियों ने बताया कि चंदा कोचर और उनके पति को एजेंसी मुख्यालय बुलाया गया था और संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वे जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

दवा उद्योग के दर्द

दवा उद्योग के दर्द

एक महामारी हमारे जीवन के कितने आयामों को पंगु बना सकती है, कोरोना संकट ने हमें यही बताया है। कोरोना से मुक्त हो हमारे हिस्से सुकून के कुछ पल आए ही थे कि चीन समेत दुनिया के कई देशों में संक्रमण का भयावह मंजर नजर आने लगा है। महामारी की पहली लहरों तथा रूस व यूक्रेन युद्ध के चलते पहले से ही वैश्विक खाद्य आपूर्ति बाधित रही है। जिसकी वजह से वस्तुओं की कीमतें कुलांचें भर रही हैं। फलत: पूरी दुनिया महंगाई की मार झेल रही है। वहीं दूसरी ओर चीन में कोविड संक्रमण की विकट स्थिति से दवा उद्योग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, भारत चीन से विभिन्न दवाओं में इस्तेमाल होने वाली रासायनिक सामग्री का आयात करता है। जाहिर है चीन में गहराते संकट से यह आपूर्ति बाधित होगी। आशंका जतायी जा रही है कि हिमाचल, उत्तराखंड व हरियाणा के दवा उद्योग को इसकी कमी से जूझना पड़ सकता है। निश्चित तौर पर जब अन्य देशों से दवाओं में इस्तेमाल होने वाली सहायक सामग्री मंगाई जाती है तो वह महंगी पड़ेगी। यह तय है कि उसका खमियाजा पहले से विभिन्न रोगों से पीड़ित लोगों को महंगाई की बीमारी से जूझने के रूप में भुगतना पड़ेगा। वैसे तो फिलहाल एशिया के बड़े दवा उद्योग केंद्र बद्दी-बरोटीवाल-नालागढ़ के फार्मास्युटिकल हब के साथ ही पांवटा साहिब-काला अंब बेल्ट पर दवाओं में इस्तेमाल होने वाली कच्ची सामग्री की कीमतों पर तत्काल असर तो नजर नहीं आता है। लेकिन भविष्य की आशंकाओं को लेकर दवा निर्माता चिंतित हैं। जिसकी वजह यह है कि पिछली कोविड की विभिन्न लहरों के बीच चीन से दवा निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री के आयात में कटौती ने दवा उद्योग को पंगु बना दिया था। दवा निवेश की दुनिया का हमारा कवरेज उद्यमी चिंतित हैं कि आने वाले दो सप्ताह में चीन से आपूर्ति बाधित होने के कारण उद्योग पर असर नजर आने लगेगा। निस्संदेह, इसका असर दवा उद्योग व उससे जुड़े रोजगारों पर जल्दी नजर आयेगा।

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