अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) अंदरूनी सूत्रों को “प्रबंधन, अधिकारियों या किसी कंपनी के सुरक्षा के 10% से अधिक वर्ग के साथ लाभकारी मालिकों” के रूप में परिभाषित करता है।

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सेबी क्या है (इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं What is SEBI in Hindi)

SEBI का अंग्रेजी में मतलब Securities And Exchange Board Of India होता है। यह एक ऐसी संस्थान है जो भारत में शेयर बाजार के ऊपर निगरानी रखती है। सेबी शेयर की लेन – देन, म्यूच्यूअल फण्ड को नियंत्रित करती है। सेबी निवेशकों के लिए समय समय पर नए नियमों को लागू करके शेयर बाजार को विकसित और सुरक्षित रखती है। अगर निवेशक किसी भी कम्पनी के शेयर को निकलता है तो सबसे पहले सेबी के पास पंजीकरण करवाना होता है जिससे कि निवेशक के साथ फ्रॉड न हो सके।

भारत में शेयर बाजार पर नियंत्रण करने के लिए सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को किया गया था। लेकिन 30 जनवरी 1992 को भारत सरकार द्वारा सेबी को संवैधानिक दर्जा मिला। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है इसके अलावा सेबी के मुख्यालय दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद में भी हैं।

सेबी के स्थापना का उद्देश्य – सेबी की आवश्यकता क्यों हुई

शेयर बाजार में भारत के बड़े बड़े इन्वेस्टर शामिल है। अतः शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रण तथा निगरानी के लिए सेबी की स्थापना की गई। सेबी के इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं स्थापना से पहले शेयर बाजार में फ्रॉड बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी जिससे इन्वेस्टर को बहुत नुकसान होता है।

इसी चीज को देखते हुए शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी की जरूरत पड़ी। सेबी शेयर बाजार में होने वाली गतिविधियों पर अपनी नजर रखती है और समय समय पर नए कानून स्थापित करती है जिससे शेयर बाजार की वृद्धि हो और इन्वेस्टर के साथ किसी भी तरह का फ्रॉड ना हो। जो भी कंपनी अपने शेयर निकालती है उसे भी सेबी के नियमों की पालन करना होता है। अगर शेयर बाजार के नियमो को कोई उलंघन करता है तो सेबी उसके खिलाफ सख्त करवाई करती है।

सेबी के इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं सदस्य (Member in SEBI)

सेबी में कुल 9 सदस्यों की एक टीम होती है जिनमें से एक सदस्य अध्यक्ष होता है जो सेबी के सभी सदस्यों को ऑर्डर देता है। सेबी के अध्यक्ष का नामांकन भारत सरकार करती है। इसके अलाव सेबी के सदस्यों में दो सदस्य वित्त मंत्रालय के जानकार होते है और बाकी 2 सदस्य कानून के जानकार होते हैं। इसके अलावा इन सभी सदस्यों में एक सदस्य RBI का भी होता है जिसका चयन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है। आपके जानकारी के लिए बता देता ही वर्तमान में सेबी के अध्यक्ष श्री अजय त्यागी जी हैं। सेबी अध्यक्ष का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है।

  1. सेबी की स्थापना शेयर बाजार में निवेशकों के हित के रक्षा के लिए की गई है।
  2. शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी हमेशा नए नियम बनाती है।
  3. सेबी शेयर बाजार के विकास इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं को बढ़ावा देता है।
  4. सेबी शेयर बाजार में सभी गतिविधियों के ऊपर नजर रखता है।
  5. सेबी शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगो को जागरूक रखता है जिससे कि वे किसी फ्रॉड का शिकार न हो जाए।
  6. सेबी म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश योजनाओं को पंजीकृत करता है।
  7. सेबी स्टॉक एक्सचेंज को विनियमित करता है।
  8. सेबी शेयर के ब्रोकर को प्रशिक्षण देने का कार्य करता है।

सेबी की शक्तियां (Power of SEBI in Hindi)

शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रण करने के लिए सेबी के पास मुख्य रूप से तीन शक्तियां होती है –

1 – अर्ध – न्यायिक शक्ति (Quasi-Judicial)

सेबी के पास धोखाधड़ी और अन्य अनैतिक प्रथाओं से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार है। सेबी के पास पूंजी बाजार में निष्पक्षता कारवाही करने का पूर्ण अधिकार है।

2 – अर्ध – कार्यकारी शक्ति (Quasi-Executive)

पूंजी बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी के पास नए नियमों को लागू करने का अधिकार प्राप्त है। और यदि सेबी द्वारा स्थापित नियमो का कोई उलंघन करता है तो सेबी के पास कारवाही करने का पूर्ण अधिकार है। इसके अलावा सेबी के पास नियमों के उल्लंघन के इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं मामले में अकाउंट बुक और अन्य दस्तावेजों को जांच करने का भी अधिकार है।

3 – अर्ध – विधायी शक्ति (Quasi-Legislative)

पूंजी बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी के पास नियम और कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। जिसके अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग, Listing Obligations, Disclosure Requirements शामिल हैं।

इस सवाल की सोच से बनेंगे शिकार

यह हफ्ता खबरों और उम्मीदों का है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली मौद्रिक नीति मंगलवार को आएगी। पांच राज्यों के चुनाव शुरू हो रहे हैं। इसलिए हम खबरों तक सीमित रहेंगे। लेकिन बड़े से लेकर छोटे शहरों तक आम ट्रेडरों में फैली यह धारणा तोड़नी ज़रूरी है कि कोई दूसरा उन्हें कमाकर दे सकता है। लोगबाग अक्सर पूछते हैं कि इंट्रा-डे में कितना कमाकर दे सकते हो? इस सोच में बुनियादी खोट है। अब सोमवार का व्योम…और और भी

अपने दिलो-दिमाग में कहीं गहरे बैठा लीजिए कि वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग सटीकता का नहीं, प्रायिकता का खेल है। यहां कुछ भी 100% पक्का नहीं। हो सकता है कि किसी शेयर में 80% बढ़ने का चांस हो और कहीं मामला 50-50% पर अटका हो। प्रायिकता का हिसाब ही बता सकेगा कि किसमें बिकवाली के आसार 60% या ज्यादा हैं और कौन-सा शेयर कुछ दिन में रपट सकता है। अब वित्त वर्ष 2016-17 के पहले दिन का अभ्यास…और और भी

उनकी है डीलिंग-सेटिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं आपकी नहीं

जो आपकी भावनाओं के दम पर शिकार करने निकले हैं, उनके शिकार बन गए तो आपका भला कभी नहीं हो सकता। स्टॉक एक्सचेंज जितनी जानकारी दे देते हैं, ट्रेडिंग के लिए उससे ज्यादा सूचना की ज़रूरत कभी नहीं होती। फिर भी बिजनेस चैनलों को सुबह से रात तक छुनछुना बजाना है तो वे कोई न कोई नाटक करते ही रहते हैं। उनके मालिकों व एंकरों के धंधे अलग हैं, डीलिंग-सेटिंग तगड़ी होती है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…और और भी

कोई भी बिजनेस दिन में सपने देखने से नहीं चलता। उसके लिए सारा कुछ जोड़-घटाकर देखना पड़ता है कि कितनी लागत पर कितनी मुनाफा कमाया जा सकता है। जोखिम है तो कितना और उसे कैसे कम से कम किया जा सकता है। जो मछलियां आसान चारे की लालच में फंसती हैं वे फौरन किसी का शिकार बन जाती हैं। इसलिए उचित होगा कि बाज़ार का स्वभाव समझें और उसके हिसाब से ट्रेड करें। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

दिवास्वप्न कहीं और देखो, यहां नहीं

जहां लाखों लोगों की भावनाएं चल रही हों, करोड़ों के सौदे पूरा हिसाब-किताब लगाकर किए जा रहे हों, इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं वहां बाज़ार या किसी शेयर के भाव कहां जाएंगे, इसकी सटीक गिनती करना नामुमकिन है। ऐसे में शेखचिल्ली की तरह दिवास्वप्न देखना निरी मूर्खता है कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही होगा। कोई दूसरा आपको बताता है कि उसके पास भविष्य में झांकने का पक्का फॉर्मूला है वो आपको उल्लू बना रहा होता है। अब मंगल की दृष्टि…और और भी

जिसे जानना मुश्किल ही नहीं, असंभव है उसे जानने का दावा करना वित्तीय बाज़ार का धंधा बन चुका है। हम सभी सिर उठाए पूछते रहते हैं कि कच्चा तेल कहां तक गिरने के बाद कितना उठेगा? फलानां शेयर कितना और गिर सकता है? बाज़ार कहां पर टॉप बनाएगा और इसका बॉटम क्या है? निवेशकों व ट्रेडरों की इसी मूढ़ता व अतार्किक जिज्ञासा पर तमाम विश्लेषकों और बिजनेस चैनलों का धंधा चलता है। अब देखें सोम का व्योम…और और भी

सस्ते अमेरिकी धन ने फुलाया गुब्बारा

अमेरिका इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं में पचास लाख करोड़ डॉलर ईमानदार मेहनत और बचत से आए होते तो आज दुनिया के हालात कुछ और ही होते। तब, फेडरल रिजर्व को ब्याज दर को असहज तरीके से शून्य या उसके पास रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। पिछले दस सालों में उसकी इस नीति के कारण अमेरिका के बचतकर्ताओं को करीब आठ लाख करोड़ डॉलर गंवाने पड़े हैं। ऊपर से सस्ता अमेरिकी धन वैश्विक बाजारों को फुलाए पड़ा है। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

निवेश – तथास्तु

दुनिया में निवेश के भांति-भांति के तरीके और शैलियां हैं। लेकिन अच्छी व संभावनामय कंपनियों के शेयर समय रहते कम भाव पर खरीद लेने की शैली ‘वैल्यू इन्वेस्टिंग’ का कोई तोड़ नहीं है। यह बात ‘अर्थकाम’ खुद करीब साढ़े बारह साल के अपने अनुभव से दावे के साथ कह सकता है। मसलन, हमने अपने लॉन्च के करीब साल भर बाद 18 अप्रैल 2011 को इसी कॉलम में (तब यह कॉलम सबके लिए खुला था) एक स्मॉल-कैप कंपनी […]

अमेरिका में अंदरूनी ख़रीदना

सार्वजनिक कंपनियों के लिए, एसईसी को आवश्यकता होती है कि सभी छोटे माइक्रोकैप्स जो ओवर-द-काउंटर बोर्डों पर व्यापार करते हैं, उन्हें दो व्यावसायिक दिनों के भीतर अंदरूनी लेनदेन की सूचना देनी होती है।जब भी कोई परिवर्तन होता है, तो उन्हें SEC के फॉर्म -3 को SEC के फॉर्म -3, SEC फॉर्म -4 में और किसी भी बदलाव के लिए SEC फॉर्म -5 दाखिल करना चाहिए, जो पहले सूचित नहीं किया गया था या वे टालने इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं के पात्र थे।

फॉर्म -4 फाइलिंग की एक सूची SEC के EDGAR डेटाबेस पर पाई जा सकती है, जो इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं वर्तमान में सार्वजनिक रूप से किसी भी अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हर कंपनी के लिए विशिष्ट कानूनी फाइलिंग का संग्रह है। यदि EDGAR डेटाबेस के माध्यम से कंघी बहुत समय लेने वाली है, तो आप भाग्य में हैं। कई वित्तीय समाचार वेबसाइटें अंदरूनी लेनदेन को ट्रैक और प्रकाशित करती हैं। नीचे कुछ साइटें हैं जिनमें डेटाबेस के साथ-साथ अंदरूनी लेनदेन पर रिपोर्ट भी हैं।

कनाडा में अंदरूनी ख़रीदना

कनाडा में, अंदरूनी लेन-देन को प्रांतीय नियामकों द्वारा विनियमित किया जाता है और अंदरूनी सूत्रों की रिपोर्टपाँच कैलेंडर दिनों के भीतरअंदरूनी सूत्रों (SEDI )द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्रकटीकरण के लिए सिस्टम पर दर्ज कीजाती है।

उस जानकारी तक आसानी से पहुंचने के लिए, Canadianinsider.com जैसी साइटें हैं जो TSX और TSX वेंचर पर कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए SEDI डेटा सूचीबद्ध करती हैं।

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