Investment Plan: पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम की मैच्योरिटी पर मिलते हैं तीन ऑप्शन, अपनी जरूरत के अनुसार करें एक का चुनाव
PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी स्कीम है जिसमें निवेश करके आपको 15 साल की अवधि में अच्छा रिटर्न प्राप्स कर सकते हैं. इसके साथ ही मैच्योरिटी पर आप एकमुश्त पैसे भी निकाल सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 12 Dec 2022 11:30 AM (IST)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
Public Provident Fund Investment Tips: आजकल लोगों के पास इंवेस्टमेंट के कई ऑप्शन (Investment Options) हो चुके हैं. अगर आप छोटे वक्त में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो स्टॉक मार्केट में निवेश करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. मगर इसमें मार्केट रिस्क भी ज्यादा शामिल होता है. आज भी देश में बड़ी संख्या में लोग बिना निवेश को जोखिम की निवेश स्कीम में पैसे लगाना पसंद करते हैं. अगर आप भी छोटा निवेश करके लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो पीपीएफ (PPF) यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम (Public Provident Fund) आपके लिए निवेश का एक शानदार ऑप्शन है.
इस स्कीम में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की सालाना छूट मिलती है. इस स्कीम के तहत हर साल 7.1 फीसदी के कंपाउंडिंग के आधार पर ब्याज दर मिलता है. इस स्कीम में आपको 15 साल तक निवेश करने की सुविधा मिलती है. इसके साथ ही मैच्योरिटी पर पैसे निकालने में 3 तरह के ऑप्शन मिलते हैं. आइए जानते है इस बारे में-
मैच्योरिटी पर निकाल सकते पूरे पैसे
आपको बता दें कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम के तहत आप इस स्कीम में 15 साल के लिए पैसे निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम में 15 साल तक पैसे निवेश करने के बाद आप मैच्योरिटी पर पूरे पैसे निकाल सकते हैं. इस स्कीम के तहत मैच्योरिटी पर मिलने वाले सारे पैसे टैक्स फ्री (Tax Free Benefit) हैं. इस स्कीम के तहत विड्रॉल करने के लिए आपको पोस्ट ऑफिस में जाकर एक फॉर्म फिल करना होगा. इसके साथ ही अपनी एक आईडी देनी होगी. इसके बाद आप खाते से पैसे निकाल सकते हैं.
PPF निवेश को 5 साल के लिए बढ़ा भी सकते हैं
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम (PPF Investment) में निवेशकों को सरकार 5 साल तक अपने निवेश को बढ़ाने की सुविधा भी देती है. ऐसे में आप 15 साल पूरे होने के बाद अपने निवेश की सीमा को 5 साल तक के लिए बढ़ा सकते हैं. इसमें जमा पैसों में आप आगे भी निवेश जारी रख सकते हैं. निवेश को आगे बढ़ाने के लिए आपको मैच्योरिटी फॉर्म जमा करना होगा. इसके साथ ही इन बढ़े 5 सालों में चाहें तो पैसे भी निकाल सकते हैं.
News Reels
केवल अकाउंट की अवधि को बढ़ाने का भी मिलता है ऑप्शन
आपको बता दें कि मैच्योरिटी के बाद भी PPF अकाउंट डीएक्टिवेट नहीं होता है. इसका मतलब है कि पैसे न निकलने और डिपॉजिट करने पर भी किसी तरह की कोई पेनाल्टी नहीं लगती है. इसके साथ ही आपके निवेश को 5 साल के लिए बढ़ा दिया जाता है. इसमें आपको किसी तरह के निवेश की जरूरत नहीं पड़ती है. आपको खाते में जमा पैसों पर ब्याज मिलता रहता है.
ये भी पढ़ें-
Published at : 12 Dec 2022 11:30 AM (IST) Tags: Public Provident Fund PPF account PPF हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
व्यापार
अमेरिकी राष्ट्रपति केल्विन कूलिज ने वर्ष 1925 में कहा था कि “अमेरिकी लोगों का मुख्य कारोबार व्यापार है” और यह 21वीं सदी में भी सत्य प्रतीत होता है। आज अमेरिकी उद्यमी लघु, मध्यम और बड़ी कंपनियों के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से विश्वभर में भागीदारों के साथ व्यापार कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत दोनों ही जीवंत बिनेंस पर व्यापार कैसे करें लोकतंत्र हैं और दोनों के बीच मजबूत वाणिज्यिक साझेदारी है। भारत अब विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिसके पास युवा जनसंख्या है, बड़ा और विकसित होता मध्यम वर्ग है और यहां विशाल बुनियादी ढांचे की जरूरत है।
American companies have tremendous business बिनेंस पर व्यापार कैसे करें opportunities to develop India’s ambitious infrastructure and become partners in sustainable overall development schemes. Through the Embassy, we have the pleasure of helping American companies find opportunities to do business in India. The US is always open for business and we are always welcome to show interest and investment in Indian companies by the Indian companies, thereby creating opportunities for employment and prosperity for both countries.
The development of our two-way business will benefit both the countries. Opportunities for talented people are created by exchange of products and ideas, which result in new applications and improve the quality of our lives. We have seen this in the areas of innovation, information and communication technology, pharmaceuticals (medical), medical equipment, renewable energy, agriculture and infrastructure. Many of these developments have resulted from joint ventures and co-operation from business to business and from person to person level.
Like Secretary Kerry has said that we are working closely with India to promote “shared prosperity”. He said, “friendship between the world’s oldest and largest democracies is very important and America has invested heavily in our strategic relationships.”
We support the accumulated growth in the embassy and make continuous efforts to open doors for more extensive business between our two countries. As you look at these pages of business and you still have some questions, please feel free to talk to our economic, commercial and agricultural officials. We are here to help open up the dialogue and help American companies to do business in India.
क्या है NPS स्कीम. जिसमें छोटे से इन्वेस्टमेंट पर रिटायरमेंट बाद हर महीने मिलेगी 50,000 रुपये की पेंशन
रिटायरमेंट के बाद लोगों की मदद करने के लिए सरकार ने एक योजना शुरू की थी जिसका नाम नेशनल पेंशन स्कीम है. इस योजना के तहत, व्यक्ति प्रति दिन 200 रुपये एक कोष में निवेश कर सकते हैं जो रिटायरमेंट के बाद उन्हें हर माह उन्हें 50,000 रुपये तक की सेवा प्रदान करेगा.
NPS Scheme
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 20 दिसंबर 2022,
- (Updated 20 दिसंबर 2022, 12:18 PM IST)
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक सरकार समर्थित पेंशन योजना है जो व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने और काम करना बंद करने के बाद नियमित आय प्राप्त करने में मदद करती है. एनपीएस योजना के तहत, व्यक्ति प्रति दिन 200 रुपये के रूप में एक सेवानिवृत्ति कोष बनाने के लिए निवेश कर सकते हैं जो प्रति माह 50,000 रुपये तक की पेंशन प्रदान कर सकता है.
कैसे करें अप्लाई?
एनपीएस योजना के लिए आवेदन करने के लिए, व्यक्तियों बिनेंस पर व्यापार कैसे करें को नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएस ट्रस्ट) की वेबसाइट पर जाना होगा और एनपीएस खाते के लिए पंजीकरण करना होगा. पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कस्टमर प्वाइंट ऑफ प्रीजेंस (पीओपी) या प्वाइंट ऑफ प्रीजेंस - सर्विस प्रोवाइडर (पीओपी-एसपी) पर भी जा सकते हैं. पीओपी और पीओपी-एसपी मध्यस्थ हैं जो निवेशकों को एनपीएस से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं.
एक बार जब कोई व्यक्ति एनपीएस खाते के लिए रजिस्टर हो जाता है, तो वे पेंशन फंड और निवेश विकल्प चुनकर योजना में निवेश शुरू कर सकते हैं. एनपीएस दो प्रकार के निवेश विकल्प प्रदान करता है: टीयर I विकल्प और टीयर II विकल्प. टीयर I विकल्प एक अनिवार्य खाता है जिसे व्यक्तियों को एनपीएस योजना में भाग लेने के लिए खोलना होता है. यह एक दीर्घकालिक निवेश खाता है जिसे व्यक्ति के 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले वापस नहीं लिया जा सकता है. टीयर II विकल्प एक स्वैच्छिक खाता है जिसे व्यक्ति टीयर I विकल्प के अतिरिक्त खोल सकते हैं. यह एक लचीला खाता है जो व्यक्तियों को किसी भी समय अपना धन निकालने की अनुमति देता है.
जानिए एनपीएस स्कीम के फायदे
एनपीएस योजना के लाभों में कर लाभ, फ्लेक्सीबिलीटी और प्रोफेशनल मैनेजमेंट ऑफ फंड्स शामिल है. NPS योजना के तहत, व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के तहत प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं. वे अपने इम्पलॉयर द्वारा एनपीएस योजना में किए गए योगदान के लिए धारा 80CCD (1C) के तहत प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कर कटौती का दावा भी कर सकते हैं.
एनपीएस योजना निवेशकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप पेंशन फंड और निवेश विकल्प चुनने की अनुमति देकर उन्हें लचीलापन भी प्रदान करती है. एनपीएस योजना के तहत कई पेंशन फंड उपलब्ध हैं, जिनमें सरकारी क्षेत्र का पेंशन फंड, कॉर्पोरेट क्षेत्र का पेंशन फंड और वैकल्पिक निवेश कोष शामिल हैं. प्रत्येक पेंशन फंड की एक अलग निवेश रणनीति होती है, और व्यक्ति वह चुन सकते हैं जो उनके जोखिम टालरेंस और निवेश लक्ष्यों के साथ एलाइन हो.
एनपीएस योजना भी पेशेवर रूप से प्रबंधित की जाती है, जिसमें पेंशन फंड अनुभवी फंड मैनेजरों द्वारा देखे जाते हैं. फंड मैनेजर रिटर्न को अधिकतम करने और जोखिम को कम करने के लिए फंड को संपत्ति के विविध पोर्टफोलियो, जैसे स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट में निवेश करते हैं.
कौन कर सकता है आवेदन?
एनपीएस योजना स्व-नियोजित व्यक्तियों, वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यापार मालिकों सहित भारत के सभी नागरिकों के लिए खुली है. यह अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी नागरिकों के लिए भी खुला है जो भारत में काम कर रहे हैं. एनपीएस योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है, और अधिकतम आयु सीमा नहीं बिनेंस पर व्यापार कैसे करें है.
Benefit Of Technology in Business: जाने नई टेक्नोलॉजी से कैसे बदल रही है व्यापार जगत की तस्वीर
नई दिल्ली : - इस बदलते आधुनिक युग में बिनेंस पर व्यापार कैसे करें Technology मानव जीवन का एक अहम हिस्सा बन गई है, फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो. बिना Technology के किसी भी कार्य को करना लगभग असंभव सा हो गया है. लोग आज के दौर में बिज़नेस में एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़ में रहते हैं और यह सिर्फ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से ही संभव हो सकता है. टेक्नोलॉजी ने बिज़नेस करने का पूरा तरीका ही बदल दिया है, आज सब कुछ हमारे मोबाइल पर आ गया है. आप कोई भी बिज़नेस करना चाहे उसे अपने एक छोटे से मोबाइल से भी शुरु कर सकते हैं. आइए जानते है Technology आपके छोटे से बिजनेस को कम समय में कैसे बना सकती है बड़ा
E-commerce प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है
आज के समय में ज्यादातर लोग बिज़नेस करने के लिए E-commerce Platform का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्योंकि इसकी सहायता से आप घर बैठे-बैठे अपना बिज़नेस आसानी से शुरू और उसका विस्तार कर सकते हैं, Food Delivery App जैसे Swiggy, Zomato इत्यादि के आने से बहुत सी महिलाएं अब फूड लाइसेंस लेकर घर से ही खाना बनाकर बिज़नेस कर रही हैं. यह संभव हुआ है तो सिर्फ टेक्नोलॉजी की वजह से.
बिज़नेस को कई गुणा बढ़ाने में मदद
आप अपने बिज़नेस को Technology की मदद से एक अच्छे मुकाम तक ले जा सकते है. बिज़नेस को बढ़ाने के लिए Technology का इस्तेमाल अब हर क्षेत्र में किया जा रहा है, चाहे वह मार्केटिंग हो या उत्पादन हर जगह आपको Technology की भूमिका नज़र आएगी.
डाटा मैनेजमेंट करने में आसानी
आज के समय में बिना Technology अपने DataBase को मैनेंज करना आसान नहीं है. डाटा किसी भी बिज़नेस के लिए रीढ़ की हड्डी के बिनेंस पर व्यापार कैसे करें समान होता है. डाटा के माध्यम से ही आप अपने बिज़नेस की ग्रोथ रेट का पता कर सकते हैं.आज के दौर में जो बिज़नेस Technology के साथ-साथ इनोवेशन पर ज्यादा ध्यान दे रहा है,वहीं इस दौड़ में आगे निकल रहे है. लगातार Technology एडवांस हो रही है, क्योंकि इसका सिर्फ एक ही लक्ष्य है मानव जीवन को तेज़ और आसान बनाना.
मिट्टी के 75 लाख सैंपल की जांच करवाएगी हरियाणा सरकार, किसानों को मिलेगा फायदा
Soil Health Card: लर्निंग के साथ अर्निंग के लिए विद्यार्थियों से भी स्वायल टेस्टिंग करवा रही है हरियाणा सरकार. एक सैंपल के टेस्ट पर दिए जा रहे हैं 40 रुपये. किसानों के लिए फायदे का सौदा है स्वायल टेस्टिंग करवाना.
स्वायल टेस्टिंंग पर जोर दे रही है सरकार.
- New Delhi ,
- Dec 19, 2022,
- Updated Dec 19, 2022, 7:02 PM IST
हरियाणा सरकार ’हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत अगले चार साल में 75 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण करवाएगी. प्रत्येक एकड़ जमीन के लिए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) दिए जाएंगे. ताकि वो मिट्टी की सेहत को देखते हुए उसमें उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकें. स्वायल हेल्थ कार्ड में खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों संबंधी जानकारी होगी. इसमें नाईट्रोजन, ऑर्गेनिक कार्बन, जिंक और फास्फोरस आदि का ब्यौरा होगा. इस जानकारी से खाद पर किसानों का खर्च कम हो सकता है.
स्वायल टेस्टिंग के काम को राज्य सरकार ने कॉलेजों और स्कूलों से जोड़ दिया है. विद्यार्थी टेस्टिंग कर रहे हैं. जिससे लर्निंग के साथ उनकी अर्निंग भी हो रही है. एक सरकारी प्रवक्ता ने दावा किया कि इसी रणनीति से राज्य ने वर्ष 2022-23 में 30 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र किए हैं, जो पिछले वर्षों (2015-2020) की तुलना में आठ गुना अधिक है. किसान सहायकों और विज्ञान के छात्रों को प्रति मिट्टी नमूना 40 रुपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है. जिस गांव से सैंपल लिया जा रहा है उसकी जांच उसी गांव के विद्यार्थी को मिल रही है. सरकार हर गांव का स्वायल फर्टिलिटी मैप भी तैयार करवा रही है.
सूबे में 95 सरकारी लैब
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का बड़ा नेटवर्क है. जहां किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा सकते हैं. दावा है कि 20-25 किलोमीटर की परिधि में स्वायल टेस्टिंग लैब की उपलब्धता है. अब सरकार के पास 95 लैब हैं, जिनमें सालाना 30 लाख मिट्टी के नमूनों की जांच हो सकती है.
किसान बना सकते हैं निजी लैब
विद्यार्थियों से स्वायल टेस्टिंग करवाने की योजना अलग है. एक अन्य स्कीम के मुताबिक युवा किसान गांवों में अपनी निजी स्वायल टेस्टिंग लैब बनाकर भी कमाई कर सकते हैं. लैब स्थापित करने में 5 लाख रुपये का खर्च बिनेंस पर व्यापार कैसे करें आ जाता है. जिसमें से 3.75 लाख रुपये की सरकारी मदद मिलती है. इसमें 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र और 40 परसेंट राज्य सरकार का होता है. लैब बनाने के इच्छुक किसान जिले के कृषि उप निदेशक को आवेदन दे सकते हैं. इसके तहत नमूना लेने, परिक्षण करने एवं स्वायल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने के लिए प्रति नमूना 300 रुपये मिलते हैं.
100 पैक हाउस बनाने की तैयारी
यह तो रही मिट्टी के जांच की बात. राज्य सरकार कहा है कि हरियाणा सेंट्रल पूल में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला सूबा है. प्रदेश ने बागवानी की दिशा में विविधीकरण और कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत पहल की है. लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की गई है. यही नहीं 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन भी किया गया है.कृषि क्षेत्र की तरक्की के लिए प्रदेश में अब तक 33 इंटीग्रेटेड पैक-हाउस स्थापित किए जा चुके हैं और 35 प्रगति पर हैं. चालू वित्त वर्ष के अंत तक ऐसे कुल 100 पैक हाउस स्थापित करने का टारगेट है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 233