SIP क्या हैं?
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित एक ऐसा निवेश का जरिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के किसी स्कीम में – जैसे मासिक या त्रैमासिक, बजाय एक मुश्त रकम की अदायगी के, निवेश कर सकता है| यह किश्त ५०० रुपये प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है जो बहुत कुछ रेकरिंग डिपाजिट (आवर्ती जमा) से मिलती-जुलती है| ये इसलिए भी आसान है क्योंकि आप अपने बैंक को ये स्थाई अनुदेश दे सकते हैं कि आपके खाते से ये रकम हर माह डेबिट (निकासी) होता रहे|
SIP भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चला है, इसलिए कि ये निवेशक को बाज़ारों के उथल-पुथल और समय गणना की चिंता से अलग रख एक अनुशाशित तरीके से निवेश में सहायता करता है| लम्बी अवधि के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP निवेश की दुनिया में क़दम रखने का यकीनन सबसे बढ़िया रास्ता हैं|
निवेश से सर्वाधिक और श्रेष्ठ प्राप्ति के लिए, बेहद ज़रूरी है लम्बी अवधि के लिए निवेश हो, जिसका सीधा अर्थ यह कि आप जल्द से जल्द निवेश आरम्भ करें ताकि आपके लक्ष्य लाभ अधिकतम हों|
SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्लीयर हो जाएगा!
ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए?
SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्लीयर हो जाएगा ! (Zee News)
आजकल SIP (Systematic Investment Plan) को लेकर क्रेज काफी बढ़ रहा है. अगर आप किसी से निवेश के मामले में सलाह लेंगे तो आपको एसआईपी में निवेश करने के लिए जरूर कहा जाएगा. दरअसल SIP के जरिए आप किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और मोटी रकम जुटा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि SIP को आप 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए? आइए आपको बताते हैं इन सवालों के जवाब.
समझिए कैसे बड़ी पूंजी कम समय में होती है तैयार
जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको कुछ यूनिट्स अलॉट किए जाते हैं. उदाहरण से समझिए कि किसी एक म्यूचुअल फंड का NAV यानी Net Asset Value अगर 20 रुपए है और आपने उस म्युचुअल इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? फंड में 1000 रुपए का निवेश किया, तो आपको 50 यूनिट्स अलॉट हो जाएंगे. अब जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की NAV बढ़ेगी, वैसे-वैसे आपका निवेश किया हुआ पैसा भी बढ़ेगा. अगर म्यूचुअल फंड की NAV 35 रुपए इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? की हो जाती है, तो आपके 50 यूनिट्स की कीमत बढ़कर 1750 रुपए हो जाएगी. इस तरह SIP के जरिए कम समय में ज्यादा पूंजी तैयार की जा सकती है.
Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान
SIP Mutual Fund: इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? Article Body- Systematic Investment Plan (SIP) Investment: SIP के तहत, आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं.
इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है.
Systematic Investment Plan (SIP): इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है. इसमें आप या तो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) चुन सकते हैं. SIP में आप नियमित अंतराल में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं. पहली बार निवेश करने वालों के लिए SIP सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें आप कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं.
पहली बार निवेश करने वाले निवेशक अक्सर म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम जमा करने से हिचकिचाते हैं, लेकिन SIP में निवेश के लिए बड़ी राशि की जरूरत नहीं होती है, आप 500 रुपये से कम से एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं. अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करके अपने निवेश की सावधानीपूर्वक योजना बनाएं. पहली बार SIP में निवेश करते समय इन पांच बातों का ध्यान जरूर रखें.
अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स को पहचानें
अपना निवेश शुरू करने के लिए आपके पास शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह का लक्ष्य होना चाहिए. एसआईपी शुरू करने से पहले इस निवेश के जरिए हासिल किए जाने वाले लक्ष्य को समझना जरूरी है. यह आसान कदम आपको यह तय करने में मदद करेगा कि आप कितनी राशि कितने समय तक के लिए निवेश करना चाहते हैं. आपके पास अलग-अलग वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं जैसे कि कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चे की शिक्षा, शादी आदि. इसलिए एक SIP आपके सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है. फाइनेंशियल गोल्स की संख्या के आधार पर आप इनमें से प्रत्येक लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई एसआईपी में निवेश कर सकते हैं.
महंगाई के आधार पर करें निवेश
निवेश के जरूरी नियमों में से एक निवेश करते समय महंगाई को ध्यान में रखना है. एसआईपी चुनते समय आपको मौजूदा और भविष्य की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना चाहिए. हो सकता है कि आप अभी निवेश कर रहे हों, लेकिन आपके भविष्य के लक्ष्य बदल सकते हैं और आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक राशि की जरूरत पड़ सकती है. यह अक्सर देखा जाता है कि लोगों को कई निवेशों के बावजूद पैसे कम पड़ जाते हैं क्योंकि वे मुद्रास्फीति को ध्यान में नहीं रखते. यह सलाह दी जाती है कि निवेश अवधि में अनुमानित मुद्रास्फीति को इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? देखते हुए आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए फंड तय करना चाहिए और उसी के अनुसार एसआईपी राशि तय करनी चाहिए.
सावधानी से चुनें इन्वेस्टमेंट स्कीम
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बाजार विकल्पों से भरा है. आप इक्विटी फंड, डेट फंड या हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं. जोखिम लेने की क्षमता, रिटर्न की उम्मीदों और आपके वित्तीय लक्ष्य के आधार पर म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपकी जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है और आप उच्च रिटर्न की उम्मीद करते हैं और लंबी अवधि के निवेश करना चाहते हैं, तो आप इक्विटी एसेट क्लास का विकल्प चुन सकते हैं. कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? निवेशक डेट फंड में निवेश कर सकते हैं. औसत रिटर्न की तलाश में मध्यम जोखिम लेने वाले निवेशक हाइब्रिड फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
डायवर्सिफिकेशन जरूरी
अपने निवेश में विविधता लाना एक अच्छी निवेश रणनीति है. जैसा कि पहले भी कहा गया है कि आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और रिटर्न की उम्मीदों के अनुसार निवेश करना चाहिए. उम्र, वित्तीय जिम्मेदारियां, निवेश की अवधि, आय, देनदारी जैसी चीजें निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. डायवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. डायवर्सिफिकेशन के लिए, आपको अलग-अलग एसेट क्लास, स्कीम और म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश करना चाहिए.
SIP इन्वेस्टमेंट को चेक करते रहें
निवेश का मतलब यह नहीं है कि आप अपना पैसा कुछ प्रोडक्ट्स में लगा दें और इसे भूल जाएं. आपको नियमित अंतराल पर अपने निवेश प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए. कई बार आपका निवेश उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करता है. यह गलत स्कीम या मार्केट में नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण हो सकता है. अगर आप नियमित रूप से अपने फंड के प्रदर्शन को चेक कर रहे हैं, तो उम्मीद के मुताबिक रिटर्न हासिल करने के लिए आप जरूरी कदम उठा सकते हैं. आप खराब प्रदर्शन करने वाली स्कीम को हटा सकते हैं और निवेश को किसी अन्य फंड में स्विच कर सकते हैं. जितना अधिक समय तक आप एसआईपी के माध्यम से निवेश करते हैं, उतना ही अधिक रिटर्न अर्जित करने की संभावना बेहतर होती है.
SIP में निवेश का क्या है तरीका और क्या हैं इसके फायदे?
SIP का सबसे पहला फायदा तो यह है कि इस प्लान में इन्वेस्ट करने के लिए आपको किसी बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती और आप थोड़े पैसों में भी अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। अब अगर निवेश की रकम कम है तो रिस्क भी कम होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में निवेश के कई तरीकों में से एक है SIP जो आज के समय में अधिकतर निवेशकों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। SIP यानी कि Systematic Investment Plan स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने का एक चर्चित तरीका है जिसे ज़्यादातर लोग Mutual Funds में निवेश करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। SIP में निवेशक एक ही बार में सारे पैसे निवेश नहीं करता, बल्कि निवेश के एक सिस्टमेटिक तरीके को फॉलो करते हुए एक निश्चित समयांतराल पर एक निश्चित अमाउंट निवेश करता है। यह निवेश का एक सुरक्षित और चर्चित तरीका है जिसके जरिये निवेशक अच्छा लाभ कमाते हैं।
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SIP में इन्वेस्ट करने के फायदे
SIP का सबसे पहला फायदा तो यह है कि इस प्लान में इन्वेस्ट करने के लिए आपको किसी बड़ी रकम की ज़रुरत नहीं होती और आप थोड़े पैसों में भी अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। जैसे कि अगर आप SIP के जरिये हर महीने सिर्फ 1000 रुपये भी इन्वेस्ट करते हैं तो वो 10 साल में ये पैसे आपको अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। ऐसा रिटर्न कम्पाउंडिंग की वजह से होता है।
कम रिस्क
अब अगर निवेश की रकम कम है तो रिस्क भी कम होगा, जो कि है SIP का दूसरा फायदा। इसके अलावा SIP में आपको इन्वेस्टिंग प्रोसेस में आसानी दिखेगी क्योंकि इसमें आपको सिर्फ एक बार प्लान चुनना होता है उसके बाद आपके अपने बैंक अकाउंट से खुद निश्चित समय पर पैसे इस प्लान में जमा इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? होते रहते हैं। इसका एक और बड़ा फायदा ये है कि SIP में इन्वेस्ट कर के आप Income Tax Act के Section 80C के तहत अपने taxes में भी रियायत पा सकते हैं।
क्या मै ₹. 500 से शुरु करके इसे बढ़ा सकता हूँ?
इस यात्रा में चलते हुए निवेश राशि को बढ़ाने के कई तरीके हैं। किसी म्यूचुअल फंड योजना में आप उसी फंड/खाते में अतिरिक्त खरीदारी कर सकते हैं। अनेक फंड हाउसों में यह राशि रु.100 जितनी कम है या एक से दूसरी योजना में पैसे को स्थानांतरित किया जा सकता है। आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरु कर सकते हैं जो आवर्ती जमा की तरह से किसी योजना में नियमित निवेश संभव करता है। साथ ही अनेक AMC अपने निवेशकों को उनके SIP योगदान को हर साल धीरे-धीरे बढ़ाने की अनुमति देते हैं, जिससे कि वार्षिक वेतन वृद्धि या आय वृद्धि को शामिल किया जा सके।
आज की दुनिया में म्यूचुअल फंड, अपने लचीलेपन और सुविधाजनक गुणों के साथ आदर्श निवेश वाहन हैं।
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