ऑनेस्टी शॉप्स पर बिक्री के मामले में बूंदी पहले, कोटा दूसरे नंबर पर रहा। कोटा में छह और जोधपुर में पांच ऑनेस्टी शॉप्स लगाई गईं। ऑनेस्टी शॉप में पेन, पेंसिल, रबर, कटर, चिप्स, बिस्किट्स सहित खाने-पीने की चीजें भी रखी जा रही हैं। बूंदी में ऑनेस्टी शॉप्स लगाने में जेसीआई ऊर्जा की स्थानीय अध्यक्ष ख्याति भंडारी, श्वेता भंडारी, नंदिनी विजय, नितिका माथुर, पल्लवी गुप्ता, के अलावा अनुकृति विजय, रुचि दाधीच सोनल नवल आदि की सहभागिता रही।

ईमानदारी का पाठ पढ़ाने के लिए भारत में पहली बार खुलीं 19 ऑनेस्टी शॉप्स

चोरी की कमाई चार दिन

बहुत समय पहले की बात है कि नंदन गांव में एक चोर रहता था। वह ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए बहुत ही खतरनाक और चालाक चोर था। आज तक उसको कोई भी चोरी करते पकड़ नहीं पाया था। लोग और पुलिस वाले उससे इतने परेशान थे कि उसे पकड़ने वाले के लिए इनाम भी रखा गया था, लेकिन उसको कोई पकड़ नहीं पाया। उसका एक बेटा पलटन था। उसको पड़ने के लिए खर्चा दे जाता था ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए और जब बेटा अपने पापा से कुछ पूछता तो उसको हमेशा अपने बेटे को अच्छी बात बताता था और जब उसका बेटा पूछता था कि पापा सब लोग आप को चोर क्यों बोलते हैं, मुझे बहुत बुरा लगाता है जब लोग मेरे सामने कहते हैं कि पलटन के पापा तो चोर हैं तो वह बोलता था बेटा सब लोग गलत बोलते हैं में ऐसा नहीं हूं सब लोग हमारी हर चीज से जलते हैं। सब लोग यह नहीं चाहते हैं कि तुम अच्छे स्कूल में पढ़ो। और तुम अच्छे- अच्छे कपड़े लगाओ। तुम इन लोगों की बातों पर ध्यान मत दिया कर। उसके बाद वह खुश हो जाता और अपने दोस्तों के साथ खेलने चला जाता। टाइम बीतता चला गया और एक दिन उसका बेटा बड़ा हो गया और बारहवीं पास कर ली, लेकिन सामू चोर के पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने लड़के को और आगे पढ़ा सके। उसका लड़का बहुत जगह अप्लाई किया नौकरी के लिए, लेकिन कम पढ़ा होने की वजह से उसको कोई भी नौकरी नहीं देता। सामू को अपने बेटे को लेकर चिंता सताने लगी। वह बेटे के लिए कुछ करना चाह रहा था, लेकिन उसकी बात कोई नहीं मानता। क्योंकि छवि लोगों के सामने कैसी थी वह सामू को पता था। लास्ट में जब सामू को कोई रास्ता नहीं दिखा तो सामू ने अपने बेटे को चोर बनाने का सोच लिया। पर वह बेटे को कैसे बताए ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए कि मैं तुम्हें अपनी तरह चोर बनाने जा रहा हूं । एक दिन रात को उसको लेकर निकल पड़ा।

फरीदाबाद पुलिस के जवानों ने पेश की ईमानदारी की मिशाल, नोटों की गड्डी से भरा बैग वापस लौटाया

फरीदाबाद:- थाना सराय में तैनात सिपाही संजय और प्रवीण को थाना सराय प्रबंधक सुरेंद्र सिंह के दिशा निर्देश पर राइडर-1 पर एरिया में गश्त के लिए तैनात किया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों ने गश्त के दौरान मिले एक काले कलर के बैग में पैसे व अन्य कागजात को उसके मालिक को लौटाने का सराहनीय कार्य किया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि थाना सराय में तैनात पुलिसकर्मी राइडर पर गस्त ड्युटी कर रहा थे। उन्हें ड्युटी के दौरान गस्त करते हुए एक ब्लैक कलर का बैग मिला जो की लावारिस अवस्था में था जिसे उनके द्वारा चेक किया गया तो उसमें कुछ पहचान पत्र, अन्य जरूरी कागजात व ₹56200 नगद मिले। जिनको दोनों पुलिसकर्मियों ने थाने में ले जाकर एसएचओ साहब के हवाले किया जिस पर तुरंत कार्रवाई के ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए लिए थाने में मौजूद ड्यूटी अफसर मुख्य सिपाही शमशेर को पैसों को उसके मालिक तक पहुंचाने का कार्य सोंपा। जिस पर कार्रवाई करते हुए ड्यूटी अफसर ने आइडियो से प्राप्त हुए फोन नंबर से संपर्क किया जिस पर उत्तर प्रदेश के कोसी शहर के हरिओम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क हुआ। जिससे बात होने पर पता चला कि उसका बैग कहीं गिर गया है। जिस पर ड्यूटी अफसर ने अपने बैग को प्राप्त करने की बात कही। व्यक्ति हरिओम थाने में आया और बैग के संबंध में जानकारी ली जिस पर ड्यूटी अफसर ने बैग में मौजूद कागजात व पैसों के संबंध में पूछा जिसमें उसने बताया कि उसमें मेरी कुछ आईडी व कार्य से संबंधित कागजात तथा 56200/- नगद रुपए हैं।

गरीब लड़के को सड़क पर मिले 38 लाख रुपए से भरा बैग, मालिक को ढूंढ कर लौटाए पूरे पैसे, मिला ये इनाम

आज के जमाने में ईमानदार लोग बहुत कम देखने को मिलते हैं। 100-200 रुपए के लिए भी लोग बेईमानी पर उतर आते हैं। ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़के से मिलाने जा रहे हैं जिसने बेहद गरीब होने के बावजूद सड़क पर मिले 38 लाख रुपये उसके मालिक को लौटा दिए। इतने सारे पैसे देख लड़के का मन एक बार भी नहीं डोला। कई लोगों ने उसे पैसे रखने की सलाह भी दी। लेकिन उसने सिर्फ ईमानदार का रास्ता चुना। अंत में उसे अपनी ईमानदारी का शानदार इनाम भी मिला।

गरीब ने लौटाए 38 लाख रुपए

इमैनुएल टुलो 19 साल का है। वह पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइबेरिया में रहता है। पेट पालने के लिए मोटरबाइक टैक्सी ड्राइवर का काम करता है। इस काम से उसकी कमाई इतनी भी नहीं होती कि रोज का खर्चा उठा सके। एक दिन टुलो को सड़क किनारे पैसों से भरा बैग मिल गया। इस बैग में 38 लाख रुपये कीमत के लाइबेरियन और अमेरिकी नोट भरे थे।

अपनी गरीबी को देखते हुए टुलो ये पैसे रख सकता था। इससे उसकी जिंदगी पलट जाती। लाइफ की कई दिक्कतें दूर हो जाती। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए अपनी चाची से कहा कि यदि सरकारी रेडियो पर कोई इन पैसों की ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए अपील करता है तो वह इसे लौटा देगा। उसकी ईमानदारी देख लोगों ने खूब मजाक उड़ाया। उसे पैसे रखने के लिए भड़काया भी। लेकिन टुलो अपनी सच्चाई और ईमानदारी पर अड़ा रहा।

ईमानदारी का मिला बड़ा इनाम

हालांकि तब टुलो नहीं जानता था कि ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए उसकी ईमानदारी का एक बड़ा इनाम उसकी राह देख रहा है। जब उसने पैसे लौटाए तो वह दुनियाभर में फेमस हो गया। टुलो की ईमानदार से उनके देश के राष्ट्रपति जॉर्ज विया भी इंप्रेस हुए। उन्होंने टुलो को 8 लाख रुपये ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए का इनाम दिया। साथ ही उसका एडमिशन देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल में करवाया। वहीं टुलो की ईमानदारी देख अमेरिकी कॉलेज ने उसे ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए फुल स्कॉलरशिप का ऑफर दिया।

एक लोकल मीडिया के मालिक ने भी टूलो को कुछ कैश दिया। ये पैसे व्यूअर्स और लिसनर्स ने उसकी ईमानदारी से इंप्रेस होकर उसे भेजे थे। वहीं टूलो ने जिस शख्स को पैसे लौटाए उसने भी 1 लाख रुपए का इनाम दिया। इमैनुएल टूलो जब 9 साल का था तो उसके पिता का देहांत हो गया था। वह चाची के साथ रहता था। पेट पालने के लिए पढ़ाई छोड़ मोटरबाइक टैक्सी चलाने लगा।

फरीदाबाद पुलिस के जवानों ने पेश की ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए ईमानदारी की मिशाल, नोटों की गड्डी से भरा बैग वापस लौटाया

फरीदाबाद:- थाना सराय में तैनात सिपाही संजय और प्रवीण को थाना सराय प्रबंधक सुरेंद्र सिंह के दिशा ईमानदारी से बड़ा पैसा कैसे कमाए निर्देश पर राइडर-1 पर एरिया में गश्त के लिए तैनात किया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों ने गश्त के दौरान मिले एक काले कलर के बैग में पैसे व अन्य कागजात को उसके मालिक को लौटाने का सराहनीय कार्य किया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि थाना सराय में तैनात पुलिसकर्मी राइडर पर गस्त ड्युटी कर रहा थे। उन्हें ड्युटी के दौरान गस्त करते हुए एक ब्लैक कलर का बैग मिला जो की लावारिस अवस्था में था जिसे उनके द्वारा चेक किया गया तो उसमें कुछ पहचान पत्र, अन्य जरूरी कागजात व ₹56200 नगद मिले। जिनको दोनों पुलिसकर्मियों ने थाने में ले जाकर एसएचओ साहब के हवाले किया जिस पर तुरंत कार्रवाई के लिए थाने में मौजूद ड्यूटी अफसर मुख्य सिपाही शमशेर को पैसों को उसके मालिक तक पहुंचाने का कार्य सोंपा। जिस पर कार्रवाई करते हुए ड्यूटी अफसर ने आइडियो से प्राप्त हुए फोन नंबर से संपर्क किया जिस पर उत्तर प्रदेश के कोसी शहर के हरिओम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क हुआ। जिससे बात होने पर पता चला कि उसका बैग कहीं गिर गया है। जिस पर ड्यूटी अफसर ने अपने बैग को प्राप्त करने की बात कही। व्यक्ति हरिओम थाने में आया और बैग के संबंध में जानकारी ली जिस पर ड्यूटी अफसर ने बैग में मौजूद कागजात व पैसों के संबंध में पूछा जिसमें उसने बताया कि उसमें मेरी कुछ आईडी व कार्य से संबंधित कागजात तथा 56200/- नगद रुपए हैं।

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