बीएफएसएल पूरी इंडस्ट्री में सबसे कम ब्रोकरेज प्रदान करता है.

लेवरेज और पे-ऑफ (Leverage & Payoff)

पिछले अध्याय में TCS के उदाहरण से हमने सीखा कि फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करती है। उस उदाहरण में हमने इस उम्मीद पर TCS के शेयर खरीदे डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? थे कि आगे जा कर उनकी कीमत बढ़ेगी। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट करने के अगले ही दिन हमने मुनाफे के लिए उस पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर दिया था।

वहां पर हमने एक सवाल भी पूछा था। डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? सवाल यह था कि मैंने फ्यूचर्स में वह सौदा करने का फैसला क्यों किया और TCS का शेयर स्पॉट बाजार में क्यों नहीं खरीदा?

आपको पता ही है कि फ्यूचर ट्रेड करते समय हम एक शेयर के लिए एक निश्चित समय के लिए एग्रीमेंट करते हैं। अगर उस समय अवधि में आपकी राय सही नहीं निकली और शेयर की कीमत उल्टी दिशा में चली गई तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि स्पॉट बाजार में आप सीधे शेयर खरीदकर उसको अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं। वहां पर समय की कोई सीमा नहीं होती और ना ही किसी एग्रीमेंट को पूरा करने का कोई दबाव होता है। तो फिर स्पॉट बाजार के बजाय फ्यूचर बाजार में शेयर क्यों खरीदा जाए?

4.2- लेवरेज क्या है?

हम अपनी जिंदगी के बहुत सारे हिस्सों में लेवरेज का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उस समय हम यह नहीं जानते कि यह लेवरेज है। खासकर जब इसे आंकड़ों के नजरिए से नहीं देखा जाए तो इसे समझना थोड़ा मुश्किल भी होता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मेरा एक दोस्त रियल स्टेट का कारोबार करता है। फ्लैट, बिल्डिंग और ऐसी तमाम चीजें खरीदता है, कुछ समय उन्हें अपने पास रखता है और बाद में मुनाफे पर बेच देता है।

पिछले दिनों यानी नवंबर 2013 में उसने एक फ्लैट खरीदा। यह फ्लैट उसने बेंगलुरु के एक मशहूर बिल्डर – प्रेस्टीज बिल्डर से खरीदा। प्रेस्टीज बिल्डर ने दक्षिण बेंगलुरू के एक हिस्से में एक लग्जरी अपार्टमेंट बनाने का ऐलान किया था। यह फ्लैट इसी में 9वें फ्लोर पर था। दो बेडरूम के इस फ्लैट की कीमत थी 10 , 000 ,000 रुपए। इस प्रोजेक्ट की बस अभी घोषणा ही डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? हुई थी। इसे 2018 में पूरा होना था। इस पर कोई काम भी नहीं शुरू हुआ था। इसलिए खरीदार को सिर्फ 10% बुकिंग अमाउंट देना था बाकी 90% पैसा काम शुरू होने के बाद दिया जाना था।

Derivative Trading In Hindi

Derivative Trading एक प्रकार का Finacial Contract होता है, जिसकी value उसके Underlying Assets पर निर्धारित करती है ! जिसके चलते Derivative Trading में किसी भी प्रकार के Stocks, Bonds व् Commodities आदि को ख़रीदा और बेचा जा सकता है ! इसी कारन इस Derivative Trading की काफी लोकप्रियता बढती जा रही है !

यदि हम इसको आसान भाषा में समझे तो Derivative Trading में आपके ख़रीदे हुए शेयर आपके demat account में नही आते है बल्कि ये सीधे तोर पर आपके ख़रीदे हुए शेयर, कमोडिटी व् बांड्स की कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुए सीधे फायदा उठाने के लिए Derivative Trading की जाती है !

Derivatives Trading Meaning in Hindi

Derivative Trading एक ऐसा फाइनेंसियल कॉन्ट्रैक्ट है जोकि शेयर मार्किट का ही एक हिस्सा डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? है और ये सभी Stock exchange द्वारा ही क्रियावंत किये जाते है ! जिसके चलते किसी भी प्रकार Stocks, Bonds को ख़रीदा व् बेचा जाता है, जिसे हम Derivative Trading के नाम से जानते है !

  • व्युत्पन्न व्यापार शेयर बाजार में डेरिवेटिव की खरीद या बिक्री है।
  • डेरिवेटिव में व्यापार एक पूर्व निर्धारित मूल्य के लिए भविष्य में डेरिवेटिव का व्यापार करने के लिए व्यापारिक दलों के बीच समझौते के चारों ओर घूमता है।
  • व्युत्पन्न व्यापार आमतौर पर शेयर बाजार के व्यावसायिक घंटों के अनुसार होता है।

डेरीवेटिव ट्रेडिंग की बुनियादी जानकारी

DerivativeTrading को Future Trading या F&O Trading भी कहा जाता है। भारत में Derivatives Trading की शुरुआत सन 2000 में हुई थी। Derivative सबसे जटिल फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में से एक हैं, लेकिन यहाँ Returns की संभावना भी ज्यादा है। और यही कारण Derivatives Trading के Popular होने का प्रमुख कारक बना।

यह एक सामान्य रूप से Assets को ख़रीदने और बेचने की प्रक्रिया है। यहाँ कॉन्ट्रैक्ट के समय पूरे पैसों का भुगतान एक साथ करने के बजाय केवल शुरूआती मार्जिन राशि का भुगतान किया जा सकता है और शेष राशि का भुगतान कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने पर किया जा सकता है।

DerivativeTrading Long Term और Short Term Investors दोनों के लिए लाभ कमाने का अवसर देता है। DerivativeTrading एक ऐसी Trading Type है जिसमें ट्रेडरों को भविष्य की कोई भी तारिख या किसी निश्चित मूल्य पर ट्रेड करने के लिए एक समझौते पर वैध रूप से सहमत होना होता है, लेकिन यह सब डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? डेरिवेटिवस की अंतर्निहित संपत्ति का भविष्य में मूल्यों का आकलन करने के बाद किया जाता है।

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पारदर्शिता और विश्वास के साथ, वैल्यू-आधारित प्रोडक्ट डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? प्रदान किए जाते हैं.

डीमैट अकाउंट डिजिटल मोड पर ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है. यह स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का पहला कदम है, विशेषकर अगर आप बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ट्रेड करना चाहते हैं. डीमैट अकाउंट के साथ, आप कमोडिटी, इक्विटी और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करके फाइनेंशियल वेरिएबल के दौरान भी पैसे बना सकते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं.

बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड आपको मुफ्त में अकाउंट खोलने की सुविधा देता है और किफायती सब्सक्रिप्शन प्लान में उपलब्ध कई ट्रेडिंग विकल्प प्रदान करता है. बीएफएसएल सुविधाजनक ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए पेपरलेस और डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? आसान अकाउंट रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करता है.

डीमैट अकाउंट में डिजिटल मोड में शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) आदि जैसी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ होती हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पहला चरण है. समय के साथ, महंगाई निवेशित पैसे की कीमत को कम करती है. स्टॉक डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? मार्केट में इन्वेस्ट करने से आपको अपने पैसे को काम पर लगाने का और उसे सही तरीके से बढ़ाने का अनुकूल अवसर मिलता है. बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ आप ऑनलाइन मुफ्त* डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं.

डेली न्यूज़

  • 21 Dec 2021
  • 11 min read
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कैपिटल मार्केट, डेरिवेटिव ट्रेडिंग, इन्फ्लेशन, ऑप्शंस, फ्यूचर्स, फॉरवर्ड्स, स्वैप्स

डेरिवेटिव ट्रेडिंग निलंबन के कारण और इसके प्रभाव, महत्त्व और डेरिवेटिव ट्रेडिंग से संबंधित चिंताएँ।

पुट और कॉल ऑप्शन का इस्तेमाल कहां होता है?डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है?

investment

पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है.

2. कॉल और पुट ऑप्शन क्या हैं?
कॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग (जिनकी कीमतों के घटने बढ़ने पर कॉल पर असर होगा) स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है.

यह डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? प्रीमियम चुकाकर खरीदे जाते हैं. यह कुल कीमत का एक हिस्सा होता है. इसी तरह पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम डेरीवेटिव ट्रेडिंग का अर्थ तथा इसके प्रकार क्या है? मिलता है. इसे कॉन्ट्रैक्ट के मूल्य पर खरीदार को शेयर देने होते हैं. इसी प्रकार पुट विक्रेता को शेयरों को बेचना होता है.

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