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डॉलर के अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी मुकाबले रुपया आज: शुरुआती कारोबार में रुपया 18 पैसे कमजोर
गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 27 पैसे की गिरावट के साथ 69.06 पर बंद हुआ था.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला करने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई. केन्द्रीय बैंक ने कहा कि दरों में कटौती नीतिगत बदलाव का नहीं बल्कि नीतिगत समायोजन का एक कदम है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेड के कदमों की आलोचना की. उन्होंने दरों में ज्यादा कटौती नहीं करने के लिए केंद्रीय बैंक पर हमला किया. अमेरिका और चीन के प्रतिनिधिओं के बीच व्यापार वार्ता इस सप्ताह की शुरुआत में समाप्त अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी हो गई थी. यह वार्ता सकारात्मक नहीं रही है.
गुरुवार को ट्रंप ने कहा कि अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी वह अगले महीने से बाकी 300 अरब डॉलर मूल्य की चीनी वस्तुओं पर 10 फीसदी की दर से टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप के इस कदम से ट्रेड वॉर और बढ़ने का अंदेशा है. बाजार की नजर अमेरिका में आज जारी होने वाले नान-फॉर्म पेरोल के आंकड़ों पर रहेगी. उम्मीद से कमजोर आंकड़ों से रुपये में गिरावट बढ़ सकती है. मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "आज, डॉलर और रुपये की जोड़ी 69.05 और 69.50 की रेंज में रहने की उम्मीद है."
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Rupee Hits All Time Low: रुपया 46 पैसे गिरकर 78.83 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड लो पर पहुंचा, जानें वजह
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.53 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला था।
Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 28, 2022 18:51 IST
Photo:FILE
Rupee Hits All Time Low: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा लग रहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपया गिरावट के नये रिकॉर्ड बनाने में लगा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 46 पैसे औंधे मुंह गिरकर 78.83 प्रति डॉलर (अस्थायी) के नए सर्वकालिक निचले स्तर तक लुढ़क गया। गिरावट का कारण विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी है।
कमजोर खुला था रुपया
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.53 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 46 पैसे गिरकर 78.83 रुपये प्रति डॉलर के अपने नये सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपया 78.85 प्रति डॉलर के नये ऐतिहासिक निचले स्तर तक गया। रुपये में कमजोरी कच्चे तेल में तेजी और विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार से पैसा निकालने से आ रही है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.89 प्रतिशत बढ़कर 117.26 डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 1,278.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
डॉलर हो रहा मजबूत
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा, कमजोर घरेलू शेयर बाजार और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी रुपये पर दबाव डाला।" इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की तेजी के साथ 103.95 पर आ गया।
रुपये में कमजोरी का क्या असर होगा
भारत तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स आयात करता है। अगर रुपया कमजोर होगा तो आयात करने के लिए अधिक पैसे देने होंगे। इसके चलते भारतीय बाजार में इन वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी होगी। वहीं, कच्चे तेल का आयात भी भारत करता है। इससे कच्चा तेल का आयात भी महंगा होगा। यानी आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। इसका भुगतान भी डॉलर में होता है और डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। इससे माल ढुलाई महंगी होगी, इसके असर से हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी।
29 मई - 2 जून, 2017 के लिए EURUSD, GBPUSD, USDJPY और USDCHF के लिए विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान
कई विश्लेषक ऐसा सोचते हुए लगते हैं कि 2017 के पूरे दौर में किसी भी सामान्य आर्थिक शक्ति के बजाय, डोनाल्ड ट्रम्प के संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति होने के आस-पास होने वाली अनिश्चितता के चलते विदेशी मुद्रा बाजार का आकार छोटा हो जाएगा।
कई बैंकों और दलाली कंपनियों के विश्लेषकों के विचारों का सारांश निकालते हुए, साथ ही साथ तकनीकी और ग्राफिकल विश्लेषण के विभिन्न तरीकों के आधार पर किए गए पूर्वानुमान करते हुए, जैसाकि आने वाले सप्ताह के पूर्वानुमान के लिए, हम निम्नलिखित कह सकते हैं:
US Dollar Photos: भारत में सिर्फ गांधी, लेकिन अमेरिका में हर नोट की अलग कहानी, देखें हर डॉलर की तस्वीर
भारत में नोट अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी चाहे 10 का हो या 2000 का, लेकिन उस पर एक चीज जो समान रहती है, वह है राष्ट्रपति महात्मा गांधी की तस्वीर. लेकिन अगर अमेरकी डॉलर की बात करें, तो कहानी थोड़ी अलग है. यहां नोट पर छपी तस्वीर देखकर ही पता चल सकता है कि वह कितने डॉलर का नोट है.
सबसे पहले बात एक डॉलर के नोट की. इस नोट पर अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन की तस्वीर छपी है. वह 1789 से 1797 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे. यह अमेरिका का सबसे पुराना डिजाइन है, जिसे 1928 में तैयार किया गया था. इसके पीछे अमेरिका की ग्रेट सील का चिह्न है. साथ ही इस पर संदेश लिखा है, 'in god we trust' यानी हमें भगवान में विश्वास है. Photo Credit: uscurrency.gov
दो डॉलर के नोट पर अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन की तस्वीर छपी है. जबकि इसके पीछे 1818 की 'Declaration of Independence' (आजादी की घोषणा) की तस्वीर छपी है. 1862 में शुरू हुए इस नोट को 1966 में बंद कर दिया गया था, लेकिन 1976 में इसे नए डिजाइन के साथ फिर से शुरू कर दिया गया. Photo Credit: uscurrency.gov
अब बात पांच डॉलर के नोट की. इस पर अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन की तस्वीर है. जबकि पिछले हिस्से पर लिंकन मेमोरियल की तस्वीर छपी है. इस नोट को अक्सर 'फिन' भी कहा जाता है. 2007 में अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी इसे फिर से डिजाइन किया गया और 13 मार्च, 2008 को नए रूप में लॉन्च किया गया. Photo Credit: uscurrency.gov
10 डॉलर के नोट पर अमेरिकी ट्रेजरी के पहले सचिव एलेक्जेंडर हेमिल्टन की तस्वीर है जबकि पिछले हिस्से पर अमेरिकी ट्रेजरी बिल्डिंग की तस्वीर है. 2006 में इसके डिजाइन में आखिरी बार बदलाव किया गया था और स्टेचू ऑफ लिबर्टी की तस्वीर भी जोड़ी गई. Photo Credit: uscurrency.gov
20 डॉलर के नोट पर अमेरिका के सातवें राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन की तस्वीर है. यह नोट 1928 से चला आ रहा है. इस नोट के पिछले हिस्से पर व्हाइट हाउस की तस्वीर है. आखिरी बार 2003 में अमरीकी डालर मुद्रा जोड़ी इसके डिजाइन में बदलाव किया गया था. Photo Credit: uscurrency.gov
50 डॉलर के नोट पर 18वें अमेरिकी राष्ट्रपति उलिसिस एस ग्रांट (Ulysses S Grant) की तस्वीर है. जबकि इसके पिछले हिस्से पर अमेरिकी संसद US Capitol है. Photo Credit: uscurrency.gov
100 डॉलर का नोट अमेरिका का सबसे बड़ा नोट है. पहली बार इसे 1862 में लॉन्च किया गया था जबकि फेडरल रिजर्व नोट 1914 में आया. इस पर अमेरिका के संस्थापकों में से एक बेंजामिन फ्रेंकलिन की तस्वीर है. जबकि पिछले हिस्से पर Independence Hall की तस्वीर है. Photo Credit: uscurrency.gov
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