यह संस्था की वित्तीय नीतियों और वर्तमान रोकड़ स्थिति के मूल्यांकन में सहायक होता है। भावी अवधि के लिए तैयार किय जाने पर यह प्रबन्ध को संस्था के वित्तीय कार्यकलापों के नियोजन एवं समन्वय में भी सहायक होता है। इस विवरण की सहायता से संस्था का रोकड़ बजट भी तैयार किया जा सकता है।
विश्लेषण व निर्वचन की विधियां प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं - TECHNIQUES OF ANALYSIS AND INTERPRETATION
वित्तीय विवरण के विश्लेषण व निर्वचन का प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं इतिहास वर्तमान शताब्दी से प्रारम्भ हुआ है। पाश्चात्य देशों में इस पद्धति का प्रयोग साख विश्लेषण के लिए प्रारम्भ हुआ था। सन् 1914 तक साख प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं प्रदान करने वाले केवल वित्तीय विवरणों की वस्तु स्थिति पर विश्वास करके साख प्रदान करते थे। परन्तु धीरे-धीरे इन विवरणों के प्रदत्त समको का विश्लेषण महत्वपूर्ण माना जाने लगा और इनके लिए अनेक विधियों का विकास हुआ। वर्तमान में निर्वचन व विश्लेषण की मुख्य विधियां निम्न है :
(अ) अनुपात विश्लेषण ( Ratio Analysis),
(ब) तुलनात्मक विवरणों को तैयार करना (Preparation of Comparative Statements),
(स) कोष-बहाव विवरण (Fund Flow Statement),
(द) रोकड़ बहाव विवरण (Cash Flow Statement ).
(य) प्रवृत्ति विश्लेषण (Trend Analysis),
प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है?
रुझान विश्लेषण प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं - अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में सफल काम के मूलभूत तत्वों में से एक विदेशी मुद्रा यह तकनीकी विश्लेषण के बाद के आवेदन के साथ मूल्य चार्ट के विस्तृत अध्ययन पर प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं आधारित है। दूसरे शब्दों में, प्रवृत्ति प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं विश्लेषण यह है कि भविष्य में क्या हो रहा है, यह देखकर कि क्या हो रहा है और क्या हुआ, अतीत में क्या हो रहा प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं है। इस प्रकार के विश्लेषण के तरीकों का उपयोग सफलतापूर्वक वस्तुओं और सेवाओं की मांग का आकलन करने और बिक्री की भविष्यवाणी करने और कुछ वस्तुओं या सेवाओं की मांग का आकलन करने के लिए भी किया जाता है।
प्रवृत्ति प्रवृत्ति विश्लेषण के रूप में इस तरह के एक प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं साधन का आधार है। यह शब्द किसी भी दिशा में अपने चार्ट पर बाजार मूल्य के पाठ्यक्रम को संदर्भित करता है। इसे तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं तथाकथित "तेजी", या एक uptrend यह प्रवृत्ति कीमत में स्पष्ट वृद्धि दर्शाती प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं है।
वित्तीय विश्लेषण के कितने प्रकार है ? ( Type of Financial Analysis )
(i) आन्तरिक विश्लेषण ( Internal Analysis ) - आन्तरिक व बाह्य विश्लेषण में प्रमुख अन्तर विश्लेषण के लिए प्राप्त सूचना का होता है । आन्तरिक विश्लेषण साधारणतया प्रबन्धकीय उद्देश्य के लिए किया जाता है । यह विश्लेषण संस्था के ही कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें सभी आवश्यक विस्तृत सूचनाएँ प्राप्त होती हैं । अतः आन्तरिक विश्लेषण अधिक विश्वसनीय व पूर्ण होता है, लेकिन इसमें व्यक्तिगत पक्षपात का भय रहता है । आन्तरिक विश्लेषण प्रबन्धकों, संस्था के कर्मचारियों, सरकार या न्यायालय द्वारा करवाया जा सकता है ।
(ii) बाह्य वातावरण ( External Analysis ) - बाह्य विश्लेषण बाह्य पक्षों द्वारा किया जाता है । इस पक्षों की पहुँच संस्था के लेखों व विस्तृत सूचना तक नहीं होती है । ये पक्ष केवल प्रकाशित वार्षिक खातों व अन्य प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ही विश्लेषण करते हैं । बाह्य पक्षों प्रमुखतः विनियोजक, ऋणप्रदाय संथाएँ ( Credit Agencies ), श्रमिक, देनदार व अन्य शोधकर्ता सम्मिलित होते हैं । पूर्ण सूचना के अभाव में बाह्य पक्षों द्वारा किया गया विश्लेषण प्रायः अपूर्ण होता है, लेकिन यह विश्लेषण आन्तरिक विश्लेषण की अपेक्षा पक्षपात-रहित होता है, क्योंकि विश्लेषणकर्ता कम्पनी का कर्मचारी नहीं होने के कारण अपनी स्वतन्त्र राय व्यक्त कर सकता है ।
विदेशी मुद्रा रुझान: तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स
परिसंपत्ति मूल्यों प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं की प्रचलित दिशा के आधार पर तीन प्रकार के रुझान हैं:
तकनीकी विश्लेषण में लोस एंड हाई ट्रेंड के उनके उपयुक्त नामों द्वारा पहचाने जाते हैं , सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस स्तरों को क्रमश: जो कर रहे हैं . इन स्तरों पर कर रहे क्षेत्रों में जहां ज्यादातर व्यापारियों खरीदने या बेचने के लिए या तो तैयार हैं .
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