2015 में बाजार में रही गिरावट
2015 में जब जेटली ने 28 फरवरी को बजट पेश किया तो सेंसेक्स 29,361 पर बंद हुआ था। 3 महीने बाद इसमें 5.22% की गिरावट आई। एक महीने में यह 6% से ज्यादा गिरा था। 2016 में भी अरुण जेटली ने ही बजट पेश किया। उस दिन 29 फरवरी को 23,002 पर सेंसेक्स बंद हुआ था और 3 महीने में इसमें 16.19% की तेजी आई थी।

बजट 2017: FDI नीति को उदार करने पर विचार

बजट 2017: FDI नीति को उदार करने पर विचार

नई दिल्ली। बुधवार को पेश किए गए आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एफआईपीबी (FIPB) को समाप्त करने की घोषणा की है। आपको बता दें कि एफआईपीबी 5,000 करोड़ रुपए तक विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने वाला निकाय है। इसके अलावा इस बजट के माध्यम से एफडीआई नीतियों को और उदार बनाए जाने के संकेत भी दिए गए हैं।

क्या कहा वित्त मंत्री ने:

जेटली ने कहा, “एफआईपीबी ने ई-फाइलिंग और एफडीआई आवेदनों के आनलाइन प्रसंस्करण का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। हम अब ऐसी अवस्था में पहुंच गए हैं जहां एफआईपीबी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है। इसीलिए हमने 2017-18 में एफआईपीबी को समाप्त करने का फैसला किया है। इस बारे में रूपरेखा अगले कुछ महीनों में घोषणा की जाएगी। इस बीच, एफडीआई नीति को और उदार बनाने के लिये विचार किया जा रहा है और उपयुक्त समय पर जरूरी घोषणाएं की जाएगी।”

नीतीश कुमार ने RJD के साथ जाने के दिए संकेत, बैकफुट पर BJP, 2024 और 25 में JDU के साथ चुनाव लड़ने का एलान

Nitish Kumar, Amit Shah & JP Nadda

नई दिल्लीः बिहार (Bihar) की राजनीति के दिग्गज और चाणक्य नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जाल में BJP फंस गई है. आपको अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? बात दें कि पिछले कुछ दिनों से बिहार NDA में खटपट खबरें आने लगी थी और अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी BJP का साथ छोड़ अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? RJD के साथ जाने के संकेत दे रहे थे इस बीच नीतीश का रुख़ देख BJP ने खुद को बैकफुट पर खड़ा कर दिया है. बता दें कि BJP की संयुक्त मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में ये फ़ैसला हुआ कि आगामी चुनावों में BJP JDU के साथ चुनाव में उतरेगी.

National logistics index 2021 : लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में गुजरात टॉप पर कायम

National logistics index 2021

National logistics index 2021 : वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार है। यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। इस सूची में गुजरात अब भी शीर्ष पर कायम है।

आपको बता दें कि गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। वहीं, उत्तर प्रदेश अब 13वें स्थान से 6ठे स्थान पर आ गया है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी।

सूचकांक का उद्देश्य

सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है।

पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है।

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट साल 2018 में जारी की गयी थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गयी थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही साल रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था।

इस बार टॉप 10 की सूची में गुजरात पहले स्थान पर, हरियाणा दूसरे, पंजाब तीसरे, तमिलनाडु चौथे, महाराष्ट्र पांचवे, उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना दसवें स्थान पर है।

यह सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित

वहीं पश्चिम बंगाल 15वें, राजस्थान 16वें, मध्य प्रदेश 17वें, गोवा 18वें, बिहार 19वें, हिमाचल प्रदेश 20वें और असम 21वें स्थान पर हैं। समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है। सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? था। पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1,405 लोगों से 3,771 प्रतिक्रियाएं मिलीं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है। अनुमान के अनुसार, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 13-14 प्रतिशत है।

लोगों की इनकम में आई कमी: जानिए बजट के बाद कब-कब बाजार ने दिया है फायदा, 2020 में सबसे ज्यादा घाटा

आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं। पिछले 9 बार के बजट में 2020 में सबसे ज्यादा शेयर बाजार ने घाटा दिया है। हालांकि, इस बार वैसी उम्मीद नहीं है, फिर भी अगर उम्मीद के मुताबिक घोषणाएं नहीं हुई तो इसका असर दिख सकता है।

सोमवार को अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? बाजार में रही तेजी
बजट से पहले सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 814 पॉइंट्स बढ़कर बंद हुआ। इससे संकेत है कि बजट में अच्छी घोषणाएं हो सकती हैं। इससे बाजार में तेजी दिख सकती है। हालांकि, इकोनॉमिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश की प्रति व्यक्ति की आय जरूर कम हुई है। यह 1.31 लाख रुपए से घट कर 1.27 लाख रुपए रह गई है।

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