निवेश का नया विकल्प: क्रिप्टो FD में मिल सकता है तगड़ा रिटर्न, जानें ये कितना सुरक्षित और आम स्कीम्स से कैसे अलग?
बाजार में निवेशकों के लिए कई तरह की सेविंग स्कीम्स मौजूद है। इसमें सबसे कॉमन स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट है जो अब तक फिएट करेंसी में ही उपलब्ध थी। फिएट करेंसी यानी रुपए, डॉलर, यूरो जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल होता है। अब बाजार में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह निश्चित रिटर्न का वादा कर रहे हैं। कुछ एक्सचेंज अपने इसे प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट बता कर बेच रहे हैं तो कुछ इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट बता रहे हैं।
भारत में आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में जहां आपको 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है, तो वहीं किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में स्कीम के आधार पर 10-40% तक का एनुअल रिटर्न देने का वादा क्या Bytecoin सुरक्षित है? किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी जैसे वोलेटाइल (बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होना) एसेट में फिक्स्ड रिटर्न के वादे पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना कितना सुरक्षित है? इसके क्या रिस्क है? ये आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स से कैसे अलग है?
क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करने वाली एक कंपनी है बिटबन्स (Bitbns)। बिटबन्स के हेड गौरव दहाके बताते हैं कि एक्सचेंज पर पहले से ही ट्रेडर्स के लिए एक ऑप्शन मौजूद था जिसमें वो उधार ले सकते थे और अपने टोकन उधार दे सकते थे। उधार लेने वालों को अपेक्षित रिटर्न के आधार पर उधार देने वालों को निश्चित ब्याज का भुगतान करना पड़ता था। इसी प्रोडक्ट को अब सुविधाजनक बनाकर फिक्स्ड डिपॉजिट नाम दिया गया है। इस प्रोडक्ट के तहत कलेक्ट किए गए टोकन उन लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं जो उन्हें निश्चित ब्याज पर उधार लेना चाहते हैं।
एक्सचेंज ब्याज का भुगतान कैसे सुनिश्चित करता है?
दहाके ने कहा कि जो भी टोकन उधार लेता है उससे टोकन के बदले में कोलेटरल लिया जाता है। कोलेटरल यानी ऐसा एसेट जो उधार लेने वाले को सिक्योरिटी के रूप में देना होता है। बिटबन्स से टोकन उधार लेने वालों को 110% कोलेटरल मेंटेन करना होता है। कोलेटरल की वैल्यू 110% से नीचे आने पर प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सुनिश्चित करने के लिए एक्सचेंज इसे लिक्विडेट कर देता है। यानी उसे बेच देता है। इससे फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को समय पर ब्याज समेत उनके टोकन देने में परेशानी नहीं आती। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड भी इसी तरह का एक प्रोडक्ट ऑफर करता है। वॉल्ड से उधार लेने वालों को 150% का कोलेटरल मेंटेन करना होता है।
अगर क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम हो गई तो क्या होगा?
क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल है। रोजाना इसमें बड़ा उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम की जानकारी जरूरी है। क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या जोखिम है इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए की आपने एक बिटकॉइन का 30 दिनों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट किया। इस पर आपको 12% के एनुअल रिटर्न का वादा किया गया है। निवेश करते समय बिटकॉइन की वैल्यू रुपए में 50,00000 थी। यदि बिटकॉइन की कीमतें मैच्योरिटी तक 20% गिर जाती है तो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया बिटकॉइन और रिटर्न तो मिलेगा, लेकिन रुपए के हिसाब से कीमत कम हो जाएगी।
एक्सचेंज के पास आपके टोकन कितने सुरक्षित है?
क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में दूसरी चिंता टोकन की कस्टडी को लेकर है। यानी अगर कोई एक्सचेंज रातो-रात टोकन लेकर फरार हो गया तो क्या होगा? इसे लेकर दहाके ने कहा, 'बिटबन्स भारत में कस्टोडियन सर्विस के लिए फिडेलिटी डिजिटल एसेट्स के साथ बात कर रहा है। फिडेलिटी अमेरिका में ऐसी सर्विस प्रदान करती है। भारत में इस सर्विस के आने के बाद टोकन की सुरक्षा से जुड़ी चिंता कम हो जाएगी। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड बिटगो नाम के एक कस्टोडियन के साथ काम करता है। बिटगो टोकन की सुरक्षित कस्टडी के लिए ग्लोबल लेवल पर अपनी सर्विस ऑफर करता है।
क्या इस प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट कहना सही है?
वॉल्ड के को-फाउंडर दर्शन भटीजा इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट के रूप में देखते क्या Bytecoin सुरक्षित है? हैं। ये वैसा ही है जैसे पैसों को घर में रखने के बजाए यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाना। यील्ड का मतलब एक निश्चित अवधि के लिए किए निवेश पर मिला रिटर्न है। ये प्रतिशत में होता है। क्रिप्टो के मामले में भी आप अपने टोकन को वॉलेट में रखने के बजाय यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाते हैं। यहां जो आय अर्जित होती है वह पूरी तरह से बाजार में टोकन की मांग और आपूर्ति पर आधारित है। यह अलग-अलग टोकन के लिए अलग-अलग है। यानी ऐसा हो सकता है कि बिटकॉइन पर आपको ज्यादा डिमांड वाले टोकन की तुलना में कम यील्ड मिले।
फिएट करेंसी FD में आपको क्या Bytecoin सुरक्षित है? कितना ब्याज मिलता है?
अलग-अलग टर्म और स्कीम्स के हिसाब से बैंक और पोस्ट ऑफिस आपको FD पर अलग-अलग इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं। यहां आपको औसत 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है। इन स्कीम्स में सीनियर सिटीजन्स को ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाता है। जैसे पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में अभी 7.4% का ब्याज मिल रहा है।
वहीं अगर पोस्ट ऑफिस के 15 साल के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की बात करें तो इसमें फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है।
Bitcoin mining क्या होता है,और यह कितना सुरक्षित।
Bitcoin mining क्या है (what is Bitcoin mining in Hindi)बहुतों को ये जानकारी होगी कि किस प्रकार bitcoin हर दिन बढ़ती जा रही है।और अगर किसी व्यक्ति के पास ये bitcoin आ जाए तो वह मालामाल हो सकता है।अब सारी दुनिया को लगता होगा कि ये bitcoin आते कहा से है और यही नहीं कैसे इसे circulate किया जाता है।आइए जानते है पूरे विस्तार में की ये क्या है और कैसे काम करती है
Bitcoin mining क्या है (what is Bitcoin mining in Hindi)बहुतों को ये जानकारी होगी कि किस प्रकार bitcoin हर दिन बढ़ती जा रही है।और अगर किसी व्यक्ति के पास ये bitcoin आ जाए तो वह मालामाल हो सकता है।अब सारी दुनिया को लगता होगा कि ये bitcoin आते कहा से है और यही नहीं कैसे इसे circulate किया जाता है।आइए जानते है पूरे विस्तार में की ये क्या है और कैसे काम करती है।bitcoin mining हमारे बीच दो चीजे करता है जिसमे एक नई transaction को block chain me add karta hai और दूसरा नए तैयार block chain को रिलीज करता है।इसमें मुख्य तौर पर रीसेंट transaction को compile कर block तैयार करने के काम किया जाता हैं।computationally difficult puzzle को हाल करना भी इसमें शामिल है।जो पहले puzzle को अंजाम देता है उसे मौका मिलता है कि वह next block को place करे।इसके बाद वह block chain में अपना पुरस्कार claim करता है और उसे पुरस्कार के तौर पर bitcoin आते है।जो उन्हें transaction fees मिलती है।
Bitcoin mining क्या है और इसकी परिभाषा
Mining से यह लगता है कि जैसे कुछ खोद कर निकला जा रहा है या सोने की खदान में जिस तरह काम होते है ठीक उसी प्रकार से काम को कहते होंगे।परंतु यह अलग है इसमें ऐसा प्रोसेस जहा computing power का इस्तेमाल कर transaction को किया जाता है। नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है।और यही नहीं जितने लोग जोड़े हो सबको एक ही में synchronized किए जाते है।यह एक bitcoin data centre कि तरह है।लेकिन ये decentralized syestem है जिसे कोई एक आदमी नहीं अपितु दुनिया भर के miners control करते हैं।इसे decentralized इसलिए कहा जाता है क्यूंकि ये किसी एक इंसान का काम नहीं है अपितु यहां gold mining से जैसे transaction process करने से इनाम दिया जाता है।यहां जो जैसे काम करेगा वैसे इनाम मिलेगा।bitcoin mining सिर्फ नए bitcoin को तैयार करने में बल्कि bitcoin को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में भेजने में भी इसका प्रयोग होता है। लास्ट bitcoin को mining के बाद भी इसका mining चलता रहता है।
Bitcoin mining के काम
(How bitcoin mining works)
अब लोगो में इसको लेकर अटकलें होंगी की इसका काम कैसा होता हैं।और यह कैसे काम करता है।हर कोई जो bitcoin mining करना चाहता है। वो ये काम कर सकता है।उनको चाहिए specialized hardware और bitcoin mining software। mining software से हम इस transaction को process करते है।और उसे कन्फर्म भी किए जाता है।miners ने अगर इस transaction को पूरा कर दिया तो उन लोगों को transaction fees मिलती है।एक न्यू transaction को करने के लिए सबसे पहले उसे block में शामिल होना पड़ता है।साथ ही mathematical proof of work भी देना होता है।और इसे generate करना बहुत मुश्किल है।और उस transaction को पूरा करने के लिए syestem को billions of calculation per second लगते है।इसके लिए miners को चहिए की वो सभी calculation को block network के द्वारा accept करने से पहले कर ले।ताकि सही समय में उन्हें पुरस्कार दिया जा सके।समय के साथ ज्यादा लोग mine के लिए miners network में कनेक्ट होंगे तब valid block को खोजना कठिन होता हैं।इसी कारण क्या Bytecoin सुरक्षित है? से bitcoin mining को एक competetive business कहा जाता है।परंतु फीस या transaction process करने से या रिवॉर्ड से bitcoin minersकभी भी हमें धोखा नहीं दे सकते हैं।क्यूंकि ऐसा करने से bitcoin network को corrupt कर दिए जाएगा।invalid data से bitcoin nodes को रिजेक्ट कर देती है।इसलिए ये secure है।
क्या Bitcoin mining energy की बर्बादी है?
हमे यह बिल्कुल महसूस नहीं होता कि यह समय या energy की बर्बादी है क्यूंकि इसमें देख सकते है कि जैसे बैंक credit card इत्यादि ज्यादा service charge को लेते है।इसमें वैसे कोई परेशानी नहीं है।ज्यादा शक्ति की मात्रा भी नहीं लगती है।जहा specialized hardware से इसमें काम शक्ति लगती है। वही जानकारियों के मुताबिक रिसर्च चल रहा है कि mining के मामले में जिसमे कम शक्ति लगे उसके लिए energy efficient bitcoin mining syestem को बनाया जा सके।आपको बता दें bitcoin mining की डिमांड के अनुसार proportional होता हैं।
Mining कैसे bitcoin को सुरक्षित रखता है
Mining से competitive lottery तरह model बनता है।जिससे ये किसी के लिए असंभव है कि नए transaction के blocks को block chain में जोड़ पाए।इससे अपना किया हुआ transaction roll back भी नहीं किया जा सकता है।इससे ये अत्यधिक सावधान होता है।जिससे कोई इसमें हेर फेर नहीं कर सकता है।mining से कोई भी transaction को reverse भी नहीं कर सकता है।जिससे ये और भी अधिक सुरक्षित होता है।
Bitcoin mining की प्रक्रिया:
जब bitcoin को शुरू किया तब इसकी इतनी अच्छी जानकारी लोगो में नहीं था।जिसे तब पर्सनल कम्प्यूटर से नए block मिलते थे लेकिन समय के साथ bitcoin को सबने पहचान लिया और ये famous भी होता गया तब सभी ने mining शुरु कर दिया जिससे नए block मिलते नहीं थे और मुश्किल बढ़ गई।और आज के समय में advanced specialized hardware से हमें mining में आसानी हो गई है।इसलिए थोड़े दिमाग और थोड़े patience से इसमें जीत मिल सकती है।और आप जल्द ही मालामाल हो सकते है।
मूल्यांकन
इस लेख से what is mining और mining की सारे जरूरत information दिया गया है।जिससे आपको समझने में आसानी होगी।इस virtual money से जुड़ी हर पहलू को यहां रखा गया है जिससे इसके कार्य प्रणाली और इसके फायदे को समझा जा सके।
Tulip Mania और Bitcoin Cryptocurrency
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे Tulip Mania and Cryptocurrency के बारे में जब से RBI Governor ने cryptocurrency के बारे में कहा है की cryptocurrency की कीमत एक tulip के बराबर भी नहीं है। तब से लोगो के मन में ये सवाल आने लगे है की ये tulip क्या है ? RBI governor ने ऐसे क्यों कहा है ? क्या सच में Bitcoin को tulip से compare किया जा सकता है ?
Tulip Mania क्या है ?
Tulip एक फूल है इसे हिंदी में कंद पुष्प कहा जाता है। दुनिया में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन नेदरलैंड में होता है। नेदरलैंड हर साल 3 billion की इसकी निर्यात करता है। एक समय था जब इस फूल का भाव बहोत ज्यादा बढ़ गया था। इसका समयकाल १६३४ से १६३७ तक था। तब इसका price इतना बढ़ गया था की लोग इस से एक घर तक खरीद सकते थे। इसके बाद इसकी demand बहोत ज्यादा बढ़ गयी और farmers ने इसका उत्पादन बहोत ज्यादा करना शुरू कर दिया। उत्पादन ज्यादा होने से supply बहोत ज्यादा बढ़ गयी और अंत में १६३७ में सिर्फ एक सप्ताह में इसकी कीमत बहोत ज्यादा घट गयी थी। जिस Tulip फूलो की नीलामी कर के मोटी रक्कम कमाई जा सकती थी अब उनकी कोई कीमत नहीं रह गयी थी। इसे Tulip Mania के नाम से जाना जाता क्या Bytecoin सुरक्षित है? है। इसे दुनिया का सबसे पहला Financial Bubble माना जाता है। RBI governor ने इसी Tulip Mania को Cryptocurrency से compare किया है और कहा है की इसकी कीमत एक Tulip के बराबर भी नहीं है।
Bitcoin और Tulip की कोई तुलना नहीं हो सकती है। Tulip एक फूल है जिसका जीवनकाल सिमित है। उसे संभलकर रखने के लिए भी खर्च करना पड़ता है। फूल सुख सकते है या बहोत जल्दी मर सकते है। इसके छोटे छोटे टुकड़े कर के बाटने का कोई मतलब ही नहीं है। इसे बाज़ार से या फिर खेती से चुराया जा सकता है। इसके विपरीत Bitcoin एक Digital Currency है। यह Cryptography द्वारा सुरक्षित है। इसका design दुर्लभ है। इसे Copy या नष्ट नहीं किया जा सकता। इसे आसानी से दुनियाभर में transfer किया जा सकता है। इसको कई कई टुकड़ो में विभाजित किया जा सकता है जिससे यह सभी प्रकार के भुगतानों के लिए उपयुक्त हो जाता है। इसीलिए इतिहास का संदर्भ देकर Bitcoin की तुलना Tulip से करना तर्कहीन है।
क्या Bitcoin एक Bubble है? Bitcoin Bubble Meaning in Hindi
वैसे तो आप सब bubble का अर्थ जानते ही होंगे। लेकिन अगर आर्थिक यानी व्यापारिक दृष्टि से bubble का अर्थ होता है कि जिस चीज पर आपने पैसा लगाया है, वह चीज डूब जाए या उसकी कीमत एकदम से नीचे चली जाए और आपको खूब घाटा हो जाए उसको हम Bubble कहते हैं।
यह शब्द वित्तीय दुनिया में बहुत आम है। ऐसा तब होता है जब सट्टेबाज अपने मूल मूल्य से ऊपर के पूंजीगत लाभ (capital gain) की उम्मीद के साथ एक वित्तीय संपत्ति (financial instrument) खरीदते हैं। तो, इस संपत्ति की कीमत उसके वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक हो जाती है।
परिसंपत्ति (asset) पैसे जमा करती है, बहुत तेजी से फुलाती है और एक दिन यह फट जाती है, और उसकी कीमत स्थायी रूप से गिर जाती है।
Bubble, अर्थव्यवस्था की एक सामान्य घटना है। इंटरनेट कंपनियों के स्टॉक में 2000 में भारी वृद्धि देखी गई और कई विश्लेषकों और विशेषज्ञों ने दावा किया कि उनकी दर प्रासंगिक थी। उन्हीं लोगों ने 2006 में संयुक्त राज्य, अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन में अचल संपत्ति की कीमतों के बारे में बात की, जिससे आर्थिक संकट पैदा क्या Bytecoin सुरक्षित है? हो गया।
आर्थिक Bubble के example
2008 में अमेरिका में एक क्राइसिस देखने को मिली थी जिसकी वजह से कई अमेरिकी बैंक bankrupt हो गए थे।
दरसल मामला यह था कि 2000 के बाद अमेरिका में इन्वेस्टर IT कंपनियों में पैसा नहीं लगाना चाहते थे क्योंकि उनके दाम बेहद कम हो गए थे। तो इन्वेस्टर ने रियल स्टेट में पैसा लगाना उचित समझा। लोग भी घर खरीदने लगे और घर खरीदने के लिए तमाम क्या Bytecoin सुरक्षित है? बैंकों से लोन लेने लगे।
बैंक भी उनका क्रेडिट चेक किए बिना उन्हें घर खरीदने के लिए पूरा का पूरा पैसा दे दिया। लेकिन जब बैंक ने उस लोन पर इंटरेस्ट बढ़ा दिया तो लोगों ने किश्त देना बंद कर दिया और ऐसे में बैंक को लोन वसूलने के लिए उनके घर बेचने पड़े। लेकिन इतनी भारी मात्रा में बैंक ने लोगों को लोन दिए थे कि घरों की कीमत सबसे निम्न स्तर पर आ गई। जो घर 5000000 का था वह 2500000 का बिकने लगा। ऐसे में बैंकों को बहुत घाटा हुआ।
क्या Bitcoin Bubble है?
2013 में बहुत सारे वैज्ञानिकों ने कहना शुरू किया कि Bitcoin ( BTC) एक bubble की कुछ विशेषताओं को दिखा रहा था। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री जॉन क्विगिन ने “द बिटकॉइन बबल एंड ए बैड हाइपोथीसिस” नामक एक लेख लिखा और वॉरेन बफेट ने निवेशकों को बीटीसी से दूर रहने की सलाह दी।
दिसंबर 2017 में Bitcoin की कीमतें गिरने लगी थी। क्योंकि ढेर सारे लोगों ने बिटकॉइन में दिलचस्पी दिखाई थी और बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने लगे थे। और ऐसे में US$ 20000 से US$ 6000 तक बिटकॉइन के दाम गिरे।
लोगों को लगता है कि बिटकॉइन बबल है लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि क्रिप्टो करेंसी मुद्रा पर किसी भी सरकार का स्वामित्व नहीं होता यानी कोई भी देश क्रिप्टो करेंसी पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता। क्योंकि बिटकॉइन को कोई भी सरकार या कोई भी संस्था प्रिंट नहीं कर सकती। केवल इसकी mining करके ही नए Bitcoin बनाए जा सकते हैं जो कि लिमिटेड हैं। पूरे विश्व में 210,00000 Bitcoin ही बनाए जा सकते हैं। उसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा।
बिटकॉइन बनाने के लिए mining करते रहते हैं। एल्गोरिथ्म, और बड़े-बड़े गणित के फार्मूल को सॉल्व करके बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी प्राप्त की जाती है। इसके बदले mining करने वाले माईनरस को भी payment के रूप में कुछ Bitcoin मिलते हैं। यही उनकी फीस होती है।
तो आप निश्चिंत रहें bitcoin bubble नहीं है आपका पैसा सुरक्षित है।
जब तक आप अपना Bitcoin किसी को ट्रांसफर या किसी से भेजते नहीं तब तक वह Bitcoin आपके पास ही रहेगा आप जब चाहे उसको खरीदे या बेचे।
क्रिप्टोकरेंसी में कैसे होता है लेनदेन, फिजिकल करेंसी के मुकाबले क्यों है कम सेफ, समझें बिल्कुल आसान भाषा में
सवाल उठता है कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यक्ति ट्रांजैक्शन कैसे करता है. और इसे लेकर विवाद क्यों है कि इसमें ट्रांजैक्शन करना सुरक्षित नहीं है. आइए इन सवालों के जवाब आसान भाषा में जानते हैं.
सवाल उठता है कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यक्ति ट्रांजैक्शन कैसे करता है. और इसे लेकर विवाद क्यों है कि इसमें ट्रांजैक्शन करना सुरक्षित नहीं है.
Cryptocurrency Explained: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है. देश में केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन के लिए बिल लाने की तैयारी कर रही है. पिछले कुछ समय से देश में क्रिप्टोकरेंसी निवेश के तौर पर लोगों के बीच एक बेहद लोकप्रिय विकल्प बन गया है. देश में बहुत से लोगों ने पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की बड़ी संख्या को देखते हुए ही सरकार अब इसे रेगुलेट करने की तैयारी कर रही है.
अब सवाल उठता है कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यक्ति ट्रांजैक्शन कैसे करता है. और इसे लेकर विवाद क्यों है कि इसमें ट्रांजैक्शन करना सुरक्षित नहीं है. आइए इन सवालों के जवाब आसान भाषा में जानते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी होती क्या चीज है. क्रिप्टोकरेंसी कुछ अलग नहीं, बल्कि डिजिटल करेंसी होती है. इन डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोग्राफी सिक्योर करती है, इसलिए इनका नाम क्रिप्टोकरेंसी पड़ा है.
क्रिप्टोग्राफी की बात करें, तो यह डेटा को ऐसे तरीके से स्टोर और ट्रांसमिशन करना होता है, जिससे केवल वे लोग ही उसे पढ़ सकते हैं, जिनके लिए उसे बनाया गया है. क्रिप्टोग्राफी से डेटा को चोरी से बचाया जाता है. इसका इस्तेमाल यूजर ऑथेंटिकेशन के लिए भी किया जा सकता है.
कैसे होता है क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन?
अब क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन को समझ लेते हैं. डिजिटल करेंसी का ट्रांजैक्शन वॉलेट के जरिए किया जाता है, जैसा बैंक अकाउंट में होता है. हालांकि, उस मामले में वॉलेट कंट्रोल में रहता है. इस वॉलेट में दो एड्रेस होते हैं- पब्लिक एड्रेस और प्राइवेट एड्रेस. पब्लिक एड्रेस वह होता है, जिसमें आप फंड भेजते हैं. तो, एक वॉलेट से दूसरे में डिजिटल करेंसी को भेजते हुए, भेजने वाले को रिसीवर के वॉलेट का पब्लिक एड्रेस चाहिए होता है. वे उस पब्लिक एड्रेस को डालेंगे, और क्रिप्टोकरेंसी को उस एड्रेस को भेजेंगे.क्या Bytecoin सुरक्षित है?
फिर जब रिसीवर को उस वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी, तो उसे पासवर्ड या प्राइवेट key की जरूरत होती है. जब आप एक वॉलेट से दूसरे में ट्रांजैक्शन भेजते हैं, तो वह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी द्वारा सिक्योर होती है.
क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन फिजिकल करेंसी जितना सुरक्षित नहीं
जब हम फिजिकल करेंसी जैसे रुपये के साथ ट्रांजैक्शन करते हैं, और एक से दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजते हैं, तो बैंक यह चेक करता है कि क्या पैसे भेजने वाले के पास बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है या नहीं. इसके बाद ही बैंक उस ट्रांजैक्शन को मंजूरी देता है. बैंक केंद्रीय अथॉरिटी है. वह इस बात को सुनिश्चित करता है कि ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक पूरा हो जाए. इस ट्रांजैक्शन में हम बैंक पर पूरी तरह भरोसा करते हैं कि वह सही चीज करेगा.
क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा विश्वास नहीं रहता है. अगर व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी भेजना चाहता है, तो उस ट्रांजैक्शन का वेरिफिकेशन, यानी जिसमें यह देखा जाता है कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है, यह वेरिफिकेशन हजारों कंप्यूटर करते हैं, जो समान ऐलगोरिदम चला रहे हैं. इसलिए, दुनिया भर में मौजूद हजारों क्या Bytecoin सुरक्षित है? कंप्यूटर वही चीज को सुनिश्चित करते हैं, जो फिजिकल करेंसी में बैंक करता है.
क्योंकि इसमें हजारों कंप्यूटर शामिल हैं, इसे हम विकेंद्रित कहते हैं. न कि रुपये कि तरह, जिसमें बैंक ट्रांजैक्शन सफल तौर पर हो जाए, यह सुनिश्चित करता है. इसलिए, क्रिप्टोकरेंसी को विकेंद्रित करेंसी कहते हैं. और जो टेक्नोलॉजी ट्रांजैक्शन को सुनिश्चित करती है, उसे ब्लॉकचैन कहा जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय सतर्क रहना क्यों जरूरी है?
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय जिस बात के बारे में जानकारी रहना जरूरी है, वह है कि इसमें आपका निवेश शून्य हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ज्यादा जोखिम वाला, अनरेगुलेटेड निवेश होता है और भविष्ट में इसकी डिमांड अस्थायी तौर पर खत्म हो सकती है और आप अपने पूरे निवेश को खो सकते हैं.
दूसरी बात, आपको ऐसे ऑप्शन्स में ट्रेड उस समय तक नहीं करना चाहिए, जब तक आपको सही तौर पर यह नहीं पता है, कि उनका मतलब क्या है. अगर आप बाजार में नए निवेशक हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि इसमें काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है.
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