भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाएगा जापान, चीन का पुरजोर विरोध करेगा, सुरक्षा नीति दस्तावेज में दिया ब्योरा

नई दिल्ली। चीन जैसे देश का मुकाबला करने के लिए जापान भारत के साथ अपना रक्षा सहयोग बढ़ाएगा। शनिवार को जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक राष्ट्र के रूप में जापान मुक्त प्रयासों को बढ़ावा देगा।

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जापान की ओर से कहा गया है कि वह अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-भारत (क्वाड) साझेदारी जैसे प्रयासों के माध्यम से समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोग को और मजूबत करेगा। जापान का कहना है कि वह ऑस्ट्रेलिया, भारत, कोरिया गणराज्य, यूरोपीय देशों, आसियान देशों के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाएगा।

इसके अलावा जापान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समान विचारधारा वाले देशों और अन्य लोगों के साथ संबंधों को भी मजबूत करने का प्रयास करेगा। वहीं जापान ने चीन की नीतियों का भी विरोध किया है। कहा गया है कि जापान चीन के बढ़ते प्रयासों और बलपूर्वक यथास्थिति को एकतरफा बदलने की नीति का पुरजोर विरोध करेगा। जापान ऐसे प्रयासों का शांत और दृढ़ तरीके से जवाब भी देगा।

अपनी “जबरन वसूली” की रणनीति की वजह से NCPCR की रडार पर आ ही गया BYJUs

BYJUs ने अपनी छवि चमकाने, विज्ञापनों और ब्रांड एंबेसडरों पर इतना पैसा खर्च करने और लोगों का पैसा लूटने की जगह बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने पर काम किया होता तो आज उसका ये हाल नहीं होता।

BYJU's with its border line extorsion tactics invited the wrath of NCPCR

वो कहते हैं न पाप का घड़ा धीरे ही सही लेकिन निश्चित रूप से भरता अवश्य है और जब ये भरता है तो सभी पापों का पूरा हिसाब होता है। हम बात कर रहे हैं BYJU’S की, लगता है मानो उसके पापों का घड़ा अब पूरी तरह से भर चुका है और BYJUs की उल्टी गिनती भी शुरू हो गयी है। जैसा कि हम आप सभी जानते हैं कि पिछले कई महीनो से बर्बादी की कगार पर पहुंच रहा BYJUs पर धोखेबाज़ी, कर्मचारियों का शोषण करने के कई आरोप लगे गए है। यहां तक कि हाल ही में आई एक सार्वजनिक रेटिंग से भी कंपनी का पर्दाफाश हुआ था। वहीं इन सबके बाद BYJUs के लिए एक और नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है।

NCPCR का BYJUs को समन

दरअसल, अब BYJUs अब सरकार की जांच के घेरे में भी आ गया है। जी हां, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने BYJUs के सीईओ बायजू रवींद्रन को एक समन जारी किया है। आयोग के द्वारा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान में लिया गया है, जिसमें ये आरोप लगाया गया कि कंपनी अपने पाठ्यक्रमों को गलत तरह से बेचकर छात्रों का शोषण कर रही है। बायजू रवींद्रन को 23 दिसंबर को दोपहर 2 बजे तक सभी दस्तावेजों के साथ आयोग के सामने पेश होना है।

आयोग के अनुसार, मीडिया रिपोर्ट में कुछ माता-पिता ने ऐसा दावा किया है कि BYJUs के द्वारा उनका शोषण करके उनको धोखा दिया गया है। BYJUs पर आरोप ये लगे है कि वो अपने कोर्सों को गलत तरीके से बच्चों को बेचकर उनका घोषण कर रही है। BYJUs के खिलाफ ऐसी कई शिकायतें मिली, जिसमें लोगों का कहना है कि BYJUs के कारण उन्होंने अपनी बचत खो दी और बच्चों को भविष्य को भी खतरे में डाल दिया। तरीके और व्यापार रणनीतियों यही नहीं रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया है कि BYJUs ग्राहकों को पाठ्यक्रमों के लिए ऋण-आधारित समझौतों में प्रवेश करने के लिए ‘बरगलाने’ का भी प्रयास करता रहा है।

गरीब परिवारों को निशाना बनाता है BYJUs

अभी हाल ही में BYJUs की एक सार्वजनिक रेटिंग सामने आई थी, जिसमें समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने BYJUs के 22 ग्राहकों से एक ख़ास बातचीत की थी। इस बातचीत से पता चला था कि BYJUs ने बड़ी ही चालाकी से गरीब परिवारों को निशाना बनाया था। इसमें अधिकतर कम आय वाले परिवार शामिल थे, जिनका कहना था कि सेल्स के लोगों ने बहुत आक्रामकता से उन्हें कोर्स को खरीदने के लिए मजबूर किया और उनसे पैसे लेकर चले गए। वहीं अधिकतर लोगों का ये भी कहना है कि कंपनी के सेल्समेन ने उनकी अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध कराने की इच्छा का लाभ उठाया और उन्हें कर्जदार बनाकर रख दिया।

BYJUs को लेकर कुछ माता-पिता का ऐसा कहना था कि यहां से रिफंड लेना बहुत ही मुश्किल है। ConsumerComplaints.in वेबसाइट पर BYJUs के खिलाफ 3,759 शिकायतें मौजूद हैं जिनमें से 1,397 का समाधान किया जा चुका है। वहीं अन्य शिक्षा-तकनीकी कंपनियों जैसे सिंपलीलर्न, वेदांतु, अनएकेडमी और अब दिवालिया हो चुकी लीडो लर्निंग के खिलाफ शिकायतों की संख्या केवल 350 ही है। इसका सीधा और स्पष्ट मतलब तो यही दिखता है कि ये एक धोखाधड़ी भरा बिजनेस मॉडल है जिसमें कमजोर लोगों को शिकार बनाकर केवल अपना लाभ देखा जाता है। बच्चों के साथ-साथ BYJUs के द्वारा उनके माता-पिता पर दबाव बनाकर उनको भी प्रताड़ित किया गया है। लेकिन अब प्रतीत होता है मानो BYJUs की इन सभी घोटालों को जनता के साथ-साथ सरकार ने भी भांप लिया है और वो इसकी तह तक जाकर BYJUs की खटिया खड़ी करने वाली है।

घाटे से उभर नहीं पा रहा BYJUs

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि BYJUs की हालत काफी ज्यादा खराब चल रही है। कोरोना के बाद से ही कंपनी लगातार घाटे में तरीके और व्यापार रणनीतियों चल रही है। कुछ समय पहले आयी एक रिपोर्ट को देखें तो कंपनी के घाटे में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2020-21 में BYJUs का घाटा 17 गुना तक बढ़ गया था। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इसके अलावा कंपनी के राजस्व में भी भारी कमी देखने को मिली थी। लेकिन इसके बाद भी BYJUs के द्वारा यही कहा गया कि कंपनी एकदम सही चल रही है।

इतना ही नहीं कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी सामने आई है जहाँ पता चला है कि BYJUs पर कंपनी के द्वारा कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है. कॉन्टेक्स्ट ने BYJUs के 26 कर्मचारियों से बातचीत की। इनमें से 18 अभी भी वहीं पर काम कर रहे है। इनके अनुसार, बहुत ही कठिन हालात में वे लोग काम कर रहे हैं। उनसे काफी बुरा व्यवहार किया जाता है। साथ ही सेल्स टारगेट को पाने के लिए लोगों को किसी भी तरह कोर्स खरीदने के लिए जबरदस्ती मजबूर करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

वैसे BYJUs ने अपनी डूबी हुई नाव को किनारा लगाने तरीके और व्यापार रणनीतियों और अपने कर्मों को छुपाने का काफी प्रयास किया। फिर चाहे वो कंपनी के संस्थापक के द्वारा TFI की रिपोर्ट का मजाक बनाकर कंपनी की तुलना ‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्म के कलेक्शन से करनी हो या फिर अपने कंपनी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कभी शाहरुख खान तो कभी फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को चुनना हो, लेकिन किसी का कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ा और अब सच धीरे-धीरे जनता और सरकार के सामने आ गया। काश BYJUs ने अपनी छवि चमकाने, विज्ञापनों और ब्रांड एंबेसडरों पर इतना पैसा खर्च करने और लोगों का पैसा लूटने की जगह बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने पर काम किया होता तो आज उसका ये हाल नहीं होता।

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Small Business Ideas : नौकरी के अलावा शुरू करें ये छोटे बिज़नेस, घर बैठे होगी लाखों की कमाई

5 Small Business Ideas अगर आप भी अपना छोटा व्यवसाय स्टार्ट करने की योजना बना रहे है तो हम यहां आपके लिए छोटे बिज़नेस से जुड़ी जानकारी लेकर आए है की कैसे आप कम इन्वेस्टमेंट में छोटे व्यवसाय को स्टार्ट कर सकते है। तो आइये जानते है की आप कौन से Small Business से शुरुआत करके अच्छी कमाई कर सकते है। Small Business में लाभ प्राप्त करके व्यक्ति के द्वारा अपने व्यवसाय को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है और हर महीने आप लाखों की आय भी अर्जित कर सकते है।

नीचे दी गई जानकारी के मुताबिक कोई भी व्यक्ति बिना किसी डिग्री के Small Business की स्टार्टिंग कर सकते है। यह बिज़नेस शुरू करके वह हर महीने में लाखो रूपए में आमदनी अर्जित कर सकते है। साथ ही अपना व्यवसाय शुरू करके व्यक्ति के द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन को पूरा किया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत आंदोलन के अनुसार व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन की सुविधा भी प्राप्त करवाई जाती है।

5 Small Business Ideas

ब्रेड बनाने का व्यवसाय

5 Small Business Ideas

कम क़ीमत में ब्रेड बनाने का बिज़नेस शुरू करने के लिए एक सबसे बेहतर साधन है। इस बिज़नेस को स्टार्ट करके व्यक्ति एक महीने में अच्छी कमाई कर सकते है। यह बिज़नेस आप अपने घर से ही प्रारंभ कर सकते है। ना ही ब्रेड बनाने में ज्यादा वक़्त लगता है। 10 हजार रूपये की राशि से यह बिज़नेस प्रारम्भ किया जा सकता है। ब्रेड बिज़नेस प्रारंभ करने के बाद व्यक्ति के द्वारा या तो खुद की बेकरी स्थापित की जा सकती है या फिर बाजार में ब्रेड की सप्लाई कर सकते है। ब्रेड बनाने के लिए मैदा या फिर गेहूं का आटा, नमक ,चीनी ,पानी बेकिंग पाउडर ,ईस्ट ड्राई फ्रूट्स मिल्क पाउडर की जरूरत होगी।

मोमबत्ती का बिज़नेस

मोमबत्ती के बिज़नेस को भी व्यक्ति के द्वारा 10 या 20 हजार रूपए की कीमत से शुरू किया जा सकता है। आज के समय में कैंडिल का प्रयोग सजावट करने के लिए किया जाता है। होटल रेस्टोरेंट ,घरों आदि अनेकों जगह इसका इस्तेमाल अधिकतर किया जाता है। इसीलिए आज के समय में मोमबत्ती का प्रचलन काफी बढ़ गया है। पहले सिर्फ लाइट चले जाने पर ही इसका यूज़ होता था, मगर आज के समय में तरह तरह के डेकोरेशन के लिए मोमबत्ती का प्रयोग किया जाता है। इस बिज़नेस को शुरू करके व्यक्ति के द्वारा अच्छी कमाई तरीके और व्यापार रणनीतियों की जा सकती है। आप ख़ुशबूदार कैंडिल और सुंदर दिखने वाली कैंडिल से लाखों में कमाई कर सकते है। कैंडिल के व्यवसाय को शुरू करके आप अपने उत्पाद को ऑनलाइन भी बेच सकते है।

चॉक बनाने का बिज़नेस

घर बैठे शुरू करें ये छोटे बिज़नेस, हर महीने होगी लाखों की कमाई

चॉक का बिज़नेस शुरू करने के लिए भी अधिक इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता नहीं है। यह व्यवसाय भी सरलता से घर बैठे शुरू किया जा सकता है। जैसे की आपको पता है की स्कूल कॉलेज में चॉक की आवश्यकता होती ही है। इस व्यवसाय को भी शुरू करके अच्छी खासी आय कमा सकते हैं चॉक तैयार करने के लिए व्यक्ति को ज्यादा सामग्री की भी आवश्यकता नहीं है यह कम कीमत में व्यापार शुरू करने के लिए यह एक अच्छा साधन हैं। सफ़ेद चॉक बनाने के आलावा भी आप इसके साथ-साथ कलरफुल चॉक भी बना सकते हैं. चॉक बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का प्रयोग किया जाता है। यह एक प्रकार की मिटटी है जिसे जिप्सम के पत्थर से तैयार किया जाता है।

लिफाफे का व्यवसाय

लिफ़ाफ़े का व्यापार शुरू करने के लिए व्यक्ति को अधिक निवेश करने कआवश्यकता नहीं हैं. स्टार्टअप के समय में यह व्यापार घर से ही शुरू किया जा सकता है। यह एक साधारण और कम कीमत वाला बिजनेस है जिसे व्यक्ति आसानी से 10 या 20 हजार रूपए में शुरू कर सकता है। लिफाफे को कागज ,कार्ड बोर्ड आदि से तैयार किया जा सकता है। लिफाफे का उपयोग किसी चीज की पैकेजिंग ,ग्रीटिंग्स कार्ड ,डाक्यूमेंट्स आदि के लिए उपयोग किया जाता है। इस व्यापार को शुरू करके भी अच्छी कमाई की जा सकती है। यदि आप लिफाफे का बिजनेस शुरू करके मोटी कमाई करना चाहते है तो इसके लिए आपको कम से कम 2 से 5 लाख रूपए तक निवेश करना होगा। इसके बाद मशीनों के उपयोग से यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।

होम कैंटीन

5 Small Business Ideas

घर से व्यवसाय शुरू करने के लिए एक सबसे बेहतर साधन है होम कैंटीन का व्यापार ,इस व्यवसाय को स्टॉर्ट करके भी व्यक्ति के द्वारा ज्यादा लाभ उठाया जा सकता है। शुरूआती समय में इसके लिए अधिक निवेश करने की जरुरत नहीं है। आज के समय में कैंटीन की डिमांड बढ़ती ही जा रही है ऐसे में अगर आप होम कैंटीन का व्यवसाय शुरू करते है तो हर महीने अच्छी कमाई कर सकते है। शादी और पार्टी के लिए कैंटीन को ही ज्यादातर आर्डर मिलते है ,इस व्यवसाय को कम इन्वेस्ट में शुरू किया जा सकता है। बिजनेस में मुनाफे के बाद व्यक्ति इस बिज़नेस को बढ़ा भी सकते है। आज के समय में खाने का अधिक ट्रेंड हो गया है। यह एक अच्छी कमाई करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

How to Start A Business

अपना व्यापार शुरू करने के लिए आपको सर्वप्रथम इन बातों को ध्यान में रखना होगा।है क्यूंकि बिना योजना बनाए आप अपना बिज़नेस सही तरीके से शुरू नहीं कर पाएंगे। आपको अपना बिजनेस /व्यापार ऐसे शुरू करना चाहिए, आपको इन बातों का विशेष ख्याल रखना होगा

1 व्यापर का लक्ष्य
2 व्यापार का क्षेत्र
3 व्यापार की रणनीति
4 व्यापार में लगने वाला खर्च
5 व्यवसाय का प्रकार

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सेना चीन को एलएसी पर ‘एकतरफा’ यथास्थिति नहीं बदलने देगी: जयशंकर

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई सरकार की आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘एकतरफा’’ तरीके से यथास्थिति नहीं बदलने देगी। जयशंकर ने कहा कि सेना की तैनाती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर की गई और सेना सीमावर्ती क्षेत्र में इसलिए नहीं गई कि गांधी ने इसके लिए उनसे कहा था। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज चीन की सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती है, जो पहले कभी नहीं थी। यह चीन

जयशंकर ने कहा कि सेना की तैनाती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर की गई और सेना सीमावर्ती क्षेत्र में इसलिए नहीं गई कि गांधी ने इसके लिए उनसे कहा था। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज चीन की सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती है, जो पहले कभी नहीं थी। यह चीन द्वारा सेना की तैनाती का मुकाबला करने के लिए किया गया है, जिसे 2020 के बाद से बड़े पैमाने पर बढ़ाया गया है।’’

जयशंकर ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका के ‘इंडिया-जापान कॉन्क्लेव’ के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे। गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर हम इनकार करते तो वहां सेना कैसे है? सेना वहां इसलिए नहीं गई कि राहुल गांधी ने उन्हें जाने के लिए कहा था। सेना इसलिये वहां गई, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें जाने का आदेश दिया।’’ गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार इस तथ्य को छिपा रही कि चीन ने एलएसी से लगे भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया है।

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में झड़प हुई थी। यह घटना पूर्वी लद्दाख में 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच हुई।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘लोग बातें कहेंगे, वो विश्वसनीय नहीं हो सकती हैं, वे कभी-कभी अपने ही रुख, अपने व्यवहार का खंडन कर सकते हैं। यह सब हो सकता है। लेकिन तथ्य यह है कि एलएसी में एकतरफा बदलाव के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए आज भारतीय सेना तैनात है।’’

जयशंकर ने कहा कि यह भारतीय सेना की प्रतिबद्धता है कि वह चीन को एलएसी में एकतरफा बदलाव नहीं करने देगी। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कह रहा हूं कि यह राष्ट्र का दायित्व है और यह भारतीय सेना का कर्तव्य और प्रतिबद्धता है कि हम किसी भी देश को और इस मामले में चीन को एलएसी को एकतरफा बदलने नहीं देंगे।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह काफी स्पष्ट है और देश में ज्यादातर लोग इसे देखते हैं। आप विवाद पर अपना नजरिया बना सकते हैं। मुझे लगता है कि लोग इसे राजनीति ही मानेंगे।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीमा विवाद के बावजूद चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि भारत उस देश से आयात करना जारी रखे है, क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र पर पूर्व में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था।

जयशंकर ने कहा कि 1991 में भारत द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने के बाद भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र और आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। जयशंकर ने कहा, ‘‘जब कोई कहता है कि चीन से आयात क्यों हो रहा है, तो यह इसलिए हो रहा है क्योंकि 30 साल तक आपने अपने उद्योग को उस तरह का सहयोग और संरक्षण नहीं दिया, जैसा आपको मिलना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में आपने इसे करना शुरू किया है। आपने जो 30 वर्षों में किया है, उसे आप पांच या 10 वर्षों में नहीं बदल सकते।’’

‘कॉन्क्लेव’ में जयशंकर ने भारत-जापान संबंधों के बारे में 12 बिंदुओं का उल्लेख किया और कहा कि दोनों देशों का एक ‘‘सकारात्मक इतिहास’’ है, जो आने वाले समय में मूल्यवान होगा।

उन्होंने कहा कि जापान को भारत में आधुनिकता और परंपरा के सामंजस्य के एक मॉडल के रूप में माना जाता है, उस देश के साथ संबंधों को विकसित करने पर भारत में एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘परंपरागत रूप से, यह एक आर्थिक संबंध था। अतीत में, वैश्विक रणनीति का भारत-जापान संबंधों पर बहुत कम प्रभाव पड़ा।’’

जयशंकर ने कहा कि जापान ‘‘परिवर्तन’’ का उत्प्रेरक रहा है और मारुति की वजह से जीवनशैली में बदलाव तथा मेट्रो नेटवर्क से शहरीकरण में सुगमता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन से बड़े बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच समुद्री क्षेत्र में तालमेल विशेष रूप से मजबूत है और आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा।

सेना चीन को एलएसी पर ‘एकतरफा’ यथास्थिति नहीं बदलने देगी: जयशंकर

नयी दिल्ली, 19 तरीके और व्यापार रणनीतियों तरीके और व्यापार रणनीतियों दिसंबर (भाषा) चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई सरकार की आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘एकतरफा’’ तरीके से यथास्थिति नहीं बदलने देगी।

जयशंकर ने कहा कि सेना की तैनाती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर की गई और सेना सीमावर्ती क्षेत्र में इसलिए नहीं गई कि गांधी ने इसके लिए उनसे कहा था। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज चीन की सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती है, जो पहले कभी नहीं थी। यह चीन द्वारा सेना की तैनाती का मुकाबला करने के लिए किया गया है, जिसे 2020 के बाद से बड़े पैमाने पर बढ़ाया गया है।’’

जयशंकर ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका के ‘इंडिया-जापान कॉन्क्लेव’ के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे। गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर हम इनकार करते तो वहां सेना कैसे है? सेना वहां इसलिए नहीं गई कि राहुल गांधी ने उन्हें जाने के लिए कहा था। सेना इसलिये वहां गई, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें जाने का आदेश दिया।’’ गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार इस तथ्य को छिपा रही कि चीन ने एलएसी से लगे भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया है।

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में झड़प हुई थी। यह घटना पूर्वी लद्दाख में 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच हुई।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘लोग बातें कहेंगे, वो विश्वसनीय नहीं हो सकती हैं, वे कभी-कभी अपने ही रुख, अपने व्यवहार का खंडन कर सकते हैं। यह सब हो सकता है। लेकिन तथ्य यह है कि एलएसी में एकतरफा बदलाव के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए आज भारतीय सेना तैनात है।’’

जयशंकर ने कहा कि यह भारतीय सेना की प्रतिबद्धता है कि वह चीन को एलएसी में एकतरफा बदलाव नहीं करने देगी। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कह रहा हूं कि यह राष्ट्र का दायित्व है और यह भारतीय सेना का कर्तव्य और प्रतिबद्धता है कि हम किसी भी देश को और इस मामले में चीन को एलएसी को एकतरफा बदलने नहीं देंगे।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह काफी स्पष्ट है और देश में ज्यादातर लोग इसे देखते हैं। आप विवाद पर अपना नजरिया बना सकते हैं। मुझे लगता है कि लोग इसे राजनीति ही मानेंगे।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीमा विवाद के बावजूद चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि भारत उस देश से आयात करना जारी रखे है, क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र पर पूर्व में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था।

जयशंकर ने कहा कि 1991 में भारत द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने के बाद भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र और आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। जयशंकर ने कहा, ‘‘जब कोई कहता है कि चीन से आयात क्यों हो रहा है, तो यह इसलिए हो रहा है क्योंकि 30 साल तक आपने अपने उद्योग को उस तरह का सहयोग और संरक्षण नहीं दिया, जैसा आपको मिलना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में आपने इसे करना शुरू किया है। आपने जो 30 वर्षों में किया है, उसे आप पांच या 10 वर्षों में नहीं बदल सकते।’’

‘कॉन्क्लेव’ में जयशंकर ने भारत-जापान संबंधों के बारे में 12 बिंदुओं का उल्लेख किया और कहा कि दोनों देशों का एक ‘‘सकारात्मक इतिहास’’ है, जो आने वाले समय में मूल्यवान होगा।

उन्होंने कहा कि जापान को भारत में आधुनिकता और परंपरा के सामंजस्य के एक मॉडल के रूप में माना जाता है, उस देश के साथ संबंधों को विकसित करने पर भारत में एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘परंपरागत रूप से, यह एक आर्थिक संबंध था। अतीत में, वैश्विक रणनीति का भारत-जापान संबंधों पर बहुत कम प्रभाव पड़ा।’’

जयशंकर ने कहा कि जापान ‘‘परिवर्तन’’ का उत्प्रेरक रहा है और मारुति की वजह से जीवनशैली में बदलाव तथा मेट्रो नेटवर्क से शहरीकरण में सुगमता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन से बड़े बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच समुद्री क्षेत्र में तालमेल विशेष रूप से मजबूत है और आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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