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What is the difference between Demat and Trading Account? What is the use of both?

Demat Account में ये काम करना हुआ जरूरी, 30 सितंबर आखिरी तारीख

नई दिल्ली. अगर आप शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 30 सितंबर तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्रोसेस को पूरा करना होगा वरना आप डीमैट खाते में लॉग इन नहीं कर पाएंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जून में इस बारे में सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार मेंबर्स को अपने डीमैट अकाउंट में लॉगिन करने के लिए एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर के तौर पर बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना होगा. वहीं दूसरा ऑथेंटिकेशन नॉलेज फैक्टर हो सकता है.

बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन में फिंगरप्रिंट स्कैनिंग, चेहरे की पहचान या आवाज की पहचान का उपयोग किया जाता है. जबकि नॉलेज फैक्टर में पासवर्ड, पिन या कोई डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? पजेशन फैक्टर हो सकता है जिनकी जानकारी सिर्फ यूजर को होती है. क्लाइंट्स को SMS डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? और ई-मेल दोनों के जरिए ओटीपी हासिल करना होगा.

डीमैट खातों की संख्या 3 करोड़ के पार, शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए आकर्षित हो रहे हैं लोग

Written by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: December 06, 2017 13:48 IST

Demat Account File Photo- India TV Hindi

Demat Account File Photo

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों में मजबूती की वजह से शेयरों सक्रियता से सीधे निवेश करने या ट्रेडिंग का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है और इसके लिए तेजी से डीमैट खातों की संख्या बढ़ी है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) के आंकड़ों के मुताबिक देश में डीमैट खातों की संख्या 3 करोड़ के पार पहुंच गई है।

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नवंबर अंत में कुल सक्रिय डीमैट खातों की संख्या 3,03,02,586 दर्ज की गई है। अकेले नवंबर में ही 3,92,880 ने लोगों ने डीमैट खाते खुलवाए हैं। नवंबर में ज्यादा खाते खुलने की वजह से ही डीमैट खातों डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? का आंकड़ा 3 करोड़ के पार पहुंचा है। पिछले महीने जो खाते खुले हैं उनमें 2,54,708 खाते CDSL के साथ खुले हैं और बाकी 1,38,172 खाते NSDL के साथ खोले गए हैं।

हालांकि देश की आबादी और देश में कुल बैंक खातों की संख्या को देखें तो उस लिहाज से डीमैट खातों की संख्या बहुत कम है, देश की आबादी करीब 132 करोड़ और बैंक खाते करीब 110 करोड़ हैं, ऐसे में सिर्फ 3 करोड़ डीमैट खाते बहुत कम है। हालांकि देश की आबादी का बहुत बड़ा वर्ग शेयर बाजार में पैसा म्यूचुअल फंड्स के जरिए लगाता है, 31 अक्टूबर तक देश में करीब 6.32 करोड़ म्यूचुअल फंड खाते दर्ज किए गए हैं।

डीमैट खाता क्या है?

डीमैट खाता (Demat account) वह खाता है जिसके माध्यम से आप इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी रखते हैं। डीमैट खाता भौतिक शेयरों (Physical Shares) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करता है।

डीमैट खाता खोलने पर आपको एक डीमैट खाता संख्या दी जाती है जहां आप अपने इक्विटी शेयर रखते हैं। डीमैट अकाउंट काफी हद तक बैंक अकाउंट की तरह काम करता है।

यहां से आप इक्विटी मार्केट में किए गए अपने निवेश को जमा और निकाल सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि डीमैट खाता खोलने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? के लिए आपके पास कोई शेयर हो। खाते में जीरो बैलेंस होने पर भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

यदि आप इक्विटी शेयरों को खाते में रखने के बजाय व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है।

अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

जहां एक डीमैट खाता (Demat Account) आपके शेयरों या प्रतिभूतियों को डीमैटरियलाइज्ड तरीके से रखने वाला खाता है, वहीं दूसरी ओर, एक ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी है।

डीमैट खाते में शेयरों को डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? सुरक्षित रखा जाता है, इसमें कोई लेन-देन नहीं है। ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का इस्तेमाल शेयरों की ट्रेडिंग के लिए किया जाता है।

निवेशकों को डीमैट खाते पर सालाना कुछ शुल्क (Some Annual Fee) देना पड़ता है। लेकिन ट्रेडिंग खाता आमतौर पर मुफ्त होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता आपसे शुल्क लेगा या नहीं।

क्या मैं केवल डीमैट या ट्रेडिंग खाता रख सकता हूँ?

आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें लंबे समय तक रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता होती है।

दूसरी ओर, यदि आप केवल शेयरों का व्यापार करना चाहते हैं तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है। यदि आप केवल इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग (Intraday Share Trading, Futures Trading, Options Trading and Currency Trading) करना चाहते हैं तो आपको केवल एक डीमैट खाता चाहिए। आप चाहें तो एक दूसरे के बिना भी दोनों तरह के अकाउंट रख सकते हैं।

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

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Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

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