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क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

ये भी देखिए: बिटकॉइन कैसे काम करता है और यह किस काम आता है

क्रिप्टो करेंसी क्या है

प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |

इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |

क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?

Table of Contents

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)

वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-

बिटकाइन (Bitcoin)

बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|

सिया कॉइन (Sia Coin)

सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |

लाइटकॉइन (Lite Coin)

लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |

डैश (Dash)

यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |

रेड कॉइन (Red Coin)

रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।

एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स?

एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।

ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)

इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |

मोनेरो (Monero)

मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

Satoshi क्या है? समझिये Bitcoin की सबसे छोटी इकाई (यूनिट) को

एक बिटकॉइन में 100 मिलियन सातोशी होते हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक सातोशी का मूल्य 0.00000001 BTC है। एक Satoshi के लिए एक cent का मूल्य होना चाहिए, एक बिटकॉइन का मूल्य एक मिलियन डॉलर के बराबर होना चाहिए।

2022 की शुरुआत में, एक सतोशी (बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई) का मूल्य एक प्रतिशत के बीसवें हिस्से से कम है।

सबसे छोटी बिटकॉइन इकाई को सातोशी के रूप में जाना जाता है, लेकिन ऐसी छोटी इकाइयाँ हैं जिनका उपयोग लाइटनिंग नेटवर्क पर किया जा सकता है। मिलीसाटोशी एक सतोशी का एक हज़ारवाँ हिस्सा है और माइक्रोबिटकॉइन एक सतोशी का दस लाखवाँ हिस्सा है। इन छोटी इकाइयों का उपयोग लाइटनिंग नेटवर्क पर लेनदेन के लिए किया जा सकता है, लेकिन इन्हें बिटकॉइन नेटवर्क पर ही इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

Cryptocurrency की छोटी मात्रा के बारे में बात करते समय, पूर्ण इकाई के बजाय सतोशी जैसे शब्दों का उपयोग करना आम है।

कॉफी खरीदने जैसे सूक्ष्म लेनदेन क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? को सुविधाजनक बनाने के लिए बिटकॉइन को अंशों में विभाजित करना आवश्यक है। हालांकि, संपत्ति की उच्च अस्थिरता के कारण, इसे विनिमय का उपयुक्त माध्यम नहीं माना जाता है। सातोशी अत्यंत जरूरी हो गए हैं क्योंकि एक बिटकॉइन का मूल्य दसियों हज़ार डॉलर था। इसका अर्थ यह भी है कि संभावित निवेशक पूरे बिटकॉइन को खरीदने के बजाय $1 मूल्य के बीटीसी जितना कम खरीद सकते हैं।

भविष्य में किसी बिंदु पर, बिटकॉइन के लिए ब्लॉक रिवार्ड्स हर चार साल में आधे हो जाएंगे। इसका मतलब है कि हर 10 मिनट में बनने वाले नए टोकन अंततः बिटकॉइन के बजाय सतोषियों में गिने जाएंगे। नए बिटकॉइन की minting को अंततः अगली शताब्दी में रोकना होगा क्योंकि सतोशी मौजूद हैं। छोटे और छोटे मात्रा में नए bitcoins को अनिश्चित काल तक जारी रखना संभव नहीं होगा।

सातोशी नाकामोटो, बिटकॉइन के छद्म नाम के निर्माता हैं और उन्होंने अपने नाम पर Satoshi (सातोशी) नाम रखा। उन्होंने 2010 के बाद से उस नाम के तहत काम नहीं किया है और वे कौन हो सकते हैं इसके बारे में कुछ सुराग छोड़ गए हैं।

एक बिटकॉइन 10 करोड़ Satoshi से मिलकर बना होता है।

सातोशी बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई है और यह अन्य मुद्राओं की तुलना में एक प्रतिशत के बराबर है। जब आप बिटकॉइन खरीदते हैं, तो आपको एक पूरी यूनिट खरीदने की ज़रूरत नहीं होती – आप बिटकॉइन का एक अंश खरीद सकते हैं। सतोशी इकाई इस लचीलेपन की अनुमति देती है और इसलिए यह बिटकॉइन मुद्रा का एक प्रमुख घटक है।

आज, ग्रह पर अधिकांश लोगों के लिए एक ही खरीद में पूरे बिटकॉइन को हासिल करना आसान नहीं है। हालाँकि, हम बिटकॉइन का एक अंश प्राप्त कर सकते हैं, और प्रत्येक बिटकॉइन की विभाजन क्षमता के लिए बराबर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।

Satoshi से Bitcoin कैलकुलेशन का उदाहरण

सातोशी से ฿ Bitcoin में बदलने के लिए, 100,000,000 से विभाजित करें। उदाहरण के लिए, 25,000,000 सतोशी 0.25 ฿ के बराबर होगा। ฿ को सातोशी में बदलने के लिए, 100,000,000 से गुणा करें। तो 0.5 ฿ 50,000,000 सतोशी के बराबर होगा।

उदाहरण: आप बिटकॉइन को ₹2000 में खरीद सकते हैं, जो बिटकॉइन / INR मार्केट (1 बिटकॉइन = X INR) पर उस समय के उदाहरण के अनुसार सातोशी के अनुरूप होगा।

यदि 1 बिटकॉइन की कीमत ₹14,00,000 है, तो ₹2000 की खरीद के लिए आपको 0.00142857 बिटकॉइन प्राप्त होंगे।

चूंकि बिटकॉइन सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोक्यूरेंसी है, इसका मूल्य अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है। इसलिए, क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? बिटकॉइन सातोशी का मूल्य कितना है, यह समझने से हमें अन्य क्रिप्टोकरेंसी (चाहे बाजार, व्यक्ति या कंपनी द्वारा निर्धारित किया गया हो) के मूल्य को समझने में मदद मिलेगी।

Q. 1 Satoshi की कीमत कितनी है?
A. बिटकॉइन मुद्रा की सबसे छोटी इकाई सतोशी है। 1 Satoshi = 0.00000001 Bitcoin.

Q. 1 Satoshi में कितने BTC है?
A.क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? 0.00000001 बीटीसी

Q. क्या सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) अभी भी जीवित हैं?
A. बहुत से लोगों ने Bitcoin के आविष्कारक Satoshi Nakamoto की पहचान जानने की कोशिश की है। हालांकि, यह संभावना है कि सातोशी नाकामोतो मर चुके हैं, और कई कारण हैं कि लोग मानते हैं कि आविष्कारक अब जीवित नहीं है।

Q. कौन है बिटकॉइन का असली मालिक?
A. बिटकॉइन के निर्माता को केवल “सातोशी नाकामोतो” के नाम से जाना जाता है। 2009 में बिटकॉइन के निर्माण के बाद से उनकी व्यक्तिगत संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है। बिटकॉइन की पहली उपस्थिति के बाद से इसमें उतार-चढ़ाव आया है।

Q. सतोशी नाकामोटो ने बिटकॉइन क्यों बनाया?
A. बिटकॉइन क्यों बनाया गया था? सातोशी नाकामोटो एक “भरोसेमंद” कैश सिस्टम बनाना चाहते थे। सतोशी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस डिजिटल भुगतान प्रणाली को बनाने का कारण तीसरे पक्ष के मध्यस्थों को हटाना है जो पारंपरिक रूप से डिजिटल मनी ट्रांसफर करने के लिए आवश्यक हैं।

Author

रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।

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इसमें कोई शक नहीं है कि क्रेडिट कार्ड आज के दौर में सबसे पॅापुलर पेमेंट ऑप्शन में से एक है. क्रेडिट कार्ड आपको कई तरह की फैसेलिटी देता है. क्रेडिट कार्ड एक तरह की क्रेडिट फैसिलिटी है, जो बैंक देते हैं. ये कस्टमर को प्री अप्रूव्ड क्रेडिट लिमिट के भीतर पैसे उधार पर देते हैं. ये कस्टमर को खरीदारी करने के लिए बढ़ावा भी देते हैं. क्रेडिट कार्ड की लिमिट क्रेडिट कार्ड इश्युअर तय करता है. इसके लिए आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर को ध्यान में रखा जाता है. इसके साथ ही आप दिए गए फायदे को बढ़ा भी सकते हैं. आपको क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? अपना क्रेडिट कार्ड अपनी जरुरतों के मुताबिक सिलेक्ट करना चाहिए. आपको सबसे पहले ये ध्यान रखना चाहिए कि आपके पास कौन से ऑप्शन मौजूद हैं. आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि क्या आपके पास पहले से क्रेडिट कार्ड है. इसके साथ ही कुछ क्रेडिट कार्ड एनुअल फीस के साथ भी आते हैं. साथ ही अगर आप किसी ब्रांड को पसंद करते हैं तो क्रेडिट कार्ड लेते समय इसका भी ध्यान रखें. क्रेडिट कार्ड को सिलेक्ट करते समय आपको अपने खर्च करने की आदत के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए.

क्रेडिट कार्ड कितने तरह के होते हैं

बैंक कई तरह के क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं. इनको आप अपनी जरुरतों के मुताबिक सिलेक्ट कर सकते हैं. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड सात तरह के होते हैं. इनमें शॅापिंग क्रेडिट कार्ड, ट्रेवल क्रेडिट कार्ड, फ्यूल क्रेडिट कार्ड, रिवार्ड क्रेडिट कार्ड, एनटरटेनमेंट क्रेडिट कार्ड, लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड और को ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड आते हैं.

क्या है एलिजिबिलिटी क्रेडिट कार्ड लेने के लिए

क्रेडिट कार्ड लेने के लिए मिनिमम एज 18 साल और मैक्सिमम 60 साल है. इसके लिए आपकी सेलरी कम से कम 20,000 रुपए मंथली होनी चाहिए. वहीं सेल्फ इम्प्लॅाइड पर्सन की इनकम 3 लाख रुपए सालाना होनी चाहिए. इसके साथ ही आपका क्रेडिट स्कोर 700 या इससे ज्यादा होना जरुरी है. क्रेडिट कार्ड के बनवाने के लिए आपके पास आईडी प्रूफ और सिग्नेचर प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड में से कोई एक डॅाक्यूमेंट होना जरुरी है. वहीं एड्रेस प्रूफ के लिए आपके पास बैंक स्टेटमेंट, रेंट एग्रीमेंट, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और टेलीफोन,बिजली या पानी के बिल में से कोई एक डॅाक्यूमेंट होना जरुरी है. इनकम प्रूफ के लिए आप सेलरी स्लिप या 6 महीने का अपना बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं.

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