श्री कर्नाटक ने कहा कि दिसम्बर का महीना खत्म होने की ओर से और अभी तक विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।सेवा पुस्तिका व अन्य अभिलेख का डिजिटाइजेशन जिला मुख्यालय में नहीं कर देहरादून राजधानी में बुलाया जा रहा है इससे भी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।सरकार द्वारा एक एक करके उन सुविधाओं को छीना जा रहा है जो पूर्व में कर्मचारियों ने आंदोलन के द्वारा प्राप्त किये थे।
वाराणसी: GST छापेमारी के खिलाफ व्यापारियों का अनोखा प्रदर्शन, दफ्तर पर शव बनकर किया विरोध
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated : December 14, 2022, 16:50 IST
रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. यूपी में जीएसटी विभाग (GST Department) के ताबड़तोड़ छापेमारी के बीच अब व्यापारी इसको सड़क पर दिख रहे हैं. वाराणसी में इस छापेमारी के खिलाफ छोटे व्यापारियों ने अब मोर्चा खोल दिया है और व्यापारी इसको लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वाराणसी के चेंतगंज स्थित सेल टैक्स ऑफिस में व्यापारियों ने खुद की अर्थी सजाकर शव रूप में लेट के नारेबाजी की. व्यपारियों के अनोखे प्रदर्शन की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसके साथ ही इसकी चर्चा भी पूरे शहर में है.
वहीं, वाराणसी के व्यापारी नेता अजीत सिंह बग्ग ने बताया कि पूरे प्रदेश में जीएसटी छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है. इसके खिलाफ हमलोग विरोध कर रहे हैं.व्यापारियों ने बताया कि सर्वे ऑनलाइन भी होते हैं उसके बावजूद व्यपारियों के उत्पीड़न के लिए प्रतिष्ठानों और छोटे दुकानों पर जीएसटी विभाग द्वारा छापे मारे जा रहे हैं.
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ट्रक ऑपरेटरों के सब्र का टूटने लगा बांध, कहा- उग्र आंदोलन को ना करें विवश
Update: Saturday, December 17, 2022 @ 8:06 PM
बिलासपुर। हिमाचल में सीमेंट कंपनियों (Cement Companies) पर लगे ताले का मुद्दा गहराने लगा है। इन सीमेंट कंपनियों के सहारे चल रहा सैंकड़ों लोगों का रोजगार भी खतरे में पड़ गया है। यही हाल ट्रक ऑपरेटरों (Truck Operator) का भी है। बरमाणा में स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट को अनिश्चित काल के लिए बंद करने के आदेश से ट्रक ऑपरेटरों चिंता में डूब गए हैं। पिछले चार दिन से सीमेंट फैक्टरी में ताला लगा हुआ है। जिससे ट्रक ऑपरेटरों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। समस्या के समाधान को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है, लेकिन अभी कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया है। वहीं, समस्या का हल ना होता देख ट्रक ऑपरेटरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शनिवार को सैंकड़ों ट्रक ऑपरेटरों ने बीडीटीएस के पुकार हॉल में एकत्रित होकर एसीसी बाजार आंदोलन का प्रभाव प्रबंधन (ACC Management) के खिलाफ आवाज बुलंद की। यहां से एसीसी प्लांट के गेट तक विशाल रोष रैली (Rally) भी निकाली गई। जिसमें कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
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इस रैली में महिलाओं व बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। गेट के बाहर विभिन्न वक्ताओं ने ट्रक ऑपरेटरों को संबोधित करते हुए कंपनी व सरकार के समक्ष मांग रखी कि जल्द से जल्द समस्या का हल निकाला जाए। साथ ही ट्रक ऑपरेटर्स ने चेतावनी (Warning) दी है कि यदि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो ट्रक ऑपरेटर उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। उधर, तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद रही। बता दें कि शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने यहां 100 पुलिस कर्मियों की तैनाती की है।
उत्तराखंड के राज्य कार्मिकों की मांगों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी: बिट्टू कर्नाटक
अल्मोड़ा। पूर्व दर्जा मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने जारी एक बयान में कहा कि उत्तराखंड सरकार व विभागों द्वारा वर्तमान में कार्मिकों की मांगों को पूरा करने के बजाय कुचलने का कार्य किया जा रहा है, जिससे राज्य कार्मिकों में सरकार के खिलाफ असंतोष व्याप्त है,उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एक बाजार आंदोलन का प्रभाव एक करके पूर्व की सरकारों द्वारा दी गई सुविधाएं को छीनने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानांतरण एक्ट के तहत सरकार द्वारा केवल दस फीसदी स्थानांतरण किये गये और तीन साल से एक स्थान पर कार्यरत सदस्यों के जबरन स्थानांतरण के लिए सूचनाएं मांगी जा रही है। एक तरफ पारदर्शिता की बात की जाती है वहीं दूसरी तरफ कार्मिकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। वर्तमान उत्तराखंड शासन में मनमानी चरम पर पहुंच गई है, कर्मचारियों से कोई संवाद कायम नहीं किया जा रहा है। जहां राज्य में पुरानी पेंशन बहाली प्रमुख मुद्दा है लेकिन उस संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है।
संसद में गूंजा एमएसपी गारंटी और केस वापसी का मुद्दा
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शुक्रवार को संसद में किसान आंदोलन के दौरान किसान संगठनों और सरकार के बीच हुए समझौते को लागू करने की मांग उठाई। सरकार से सीधा सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को एमएसपी गारंटी कब तक लागू करेगी। इस पर जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कमेटी इस पर विचार कर रही है।
सांसद ने कहा कि जिस कमेटी में किसान ही नहीं, उस पर किसान कैसे विश्वास करें। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर सरकार द्वारा गठित कमेटी में सदस्य वे हैं, जो 3 कृषि कानूनों के सार्वजनिक रूप से समर्थक थे। इसके चेयरमैन तो खुद तीन कृषि कानून बनाने वाले थे और अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) में कार्यरत हैं। दीपेंद्र ने कहा कि एमएसपी गारंटी के लिए विचार करने में कितना समय लगेगा, सरकार इसका जवाब दे। किसान आंदोलन के समय सरकार व किसान संगठनों के बीच हुई सहमति के मुताबिक एमएसपी गारंटी लागू हो और किसानों पर दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लिया जाए।
राजगढ़ःनियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल शुरू,स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित
राजगढ़,15 दिसम्बर . नियमितीकरण और निष्काषित साथियों की बहाली की मांग को लेकर जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गुरुवार (Thursday) से अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल शुरू की है. लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय स्थित खिलचीपुर नाका पर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया, जिसमें फार्मासिस्ट, नर्स, पैरामेडीकल स्टाफ सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जिले भर में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं. मरीज दवा, जांच सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशान होते नजर आए. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि नियमितीकरण सहित निष्काषित साथियों की बहाली की मांग को लेकर पूर्व में कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन शासन ने लंबित मांगों पर ध्यान नहीं दिया. इन्हीं मांगों को लेकर चरणबद्व आंदोलन करते हुए अनिश्चिितकालीन हड़ताल शुरु की गई है. जब तक मांगें पूरी नही की जाती हैं तब तक कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी.
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