Best SIP for 5 Years Investment 2022: इस साल चुनें ये बेहतरीन एसआईपी, पांच साल में कमा सकते हैं बैंक एफडी से भी अधिक रिटर्न

पॉलीकार्बोनेट लेंस: फायदे और नुकसान

पॉली कार्बोनेट लेंस के साथ चश्मे की जोड़ी

पॉलीकार्बोनेट और ट्राइवेक्स लेंस, दोनों नियमित प्लास्टिक लेंस की तुलना में पतले और हल्के होते हैं। वे सूरज के हानिकारक यूवी प्रकाश से भी 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करते हैं और प्लास्टिक या कांच के लेंस की तुलना में 10 गुना अधिक आघात-प्रतिरोधी होते हैं।

हल्के होने का आराम, यूवी प्रोटेक्शन और आघात प्रतिरोध का यह संयोजन इन लेंसों को बच्चों के चश्मों और सुरक्षा के चश्मों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है।

पॉलीकार्बोनेट और ट्राइवेक्स लेंस, दोनों स्पष्ट, अधिक आरामदायक दृष्टि प्रदान करेंगे यदि लेंस पर एंटी-रिफ़्लेक्टिव (एआर) कोटिंग चढ़ी हो। एआर कोटिंग, विचलित करने वाले लेंस प्रतिबिंबों को समाप्त करती है जो दृष्टि में हस्तक्षेप कर सकते हैं, विशेषकर रात में ड्राइविंग करते समय या अन्य कम रोशनी की स्थितियों में, जब चमक पैदा करने वाले स्रोत मौजूद रहते हैं।

पॉलीकार्बोनेट लेंस

पॉलीकार्बोनेट को एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए 1970 के दशक में विकसित किया गया था और वर्तमान में अंतरिक्ष यात्रियों के हेलमेट के अग्रभाग और अंतरिक्ष यान के विंडस्क्रीन के लिए इसका उपयोग होता है।

हल्के, आघात-प्रतिरोधी लेंस की माँग के उत्तर में 1980 के दशक की शुरूआत में पॉलीकार्बोनेट से बने चश्मे के लेंस पेश किए गए थे।

तब से, पॉलीकार्बोनेट लेंस सुरक्षा के चश्मों, खेल के चश्मों और बच्चों के आईवियर के लिए मानक बन गए हैं।

चूंकि नियमित प्लास्टिक लेंस की तुलना में फ्रैक्चर की संभावना कम रहती है, पॉलीकार्बोनेट लेंस रिमलेस आईवियर डिज़ाइन के लिए भी एक अच्छा विकल्प हैं जिसमें लेंस ड्रिल माउंटिंग के साथ फ्रेम के घटकों से जुड़े रहते हैं।

अधिकांश अन्य प्लास्टिक लेंस एक कास्ट मोल्डिंग प्रक्रिया से बने होते हैं, जिसमें एक तरल प्लास्टिक सामग्री लेंस रूपों में लंबे समय तक बेक की जाती है, और तरल प्लास्टिक को ठोस बनाकर लेंस तैयार करती है।

ट्राइवेक्स लेंस

इसके अनेक लाभों के बावजूद, पॉलीकार्बोनेट एकमात्र लेंस सामग्री नहीं है जो सुरक्षा अनुप्रयोगों और बच्चों की आँखों के लिए उपयुक्त है।

ट्राइवेक्स लेंस 2001 में PPG इंडस्ट्रीज़ द्वारा पेश किए गए थे। पॉलीकार्बोनेट लेंस की तरह, ट्राइवेक्स से अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान बने लेंस नियमित प्लास्टिक या कांच के लेंस की तुलना में पतले, हल्के और बहुत अधिक आघात प्रतिरोधी होते हैं।

तथापि, ट्राइवेक्स लेंस एक यूरीथेन-आधारित मोनोमर के बने होते हैं और एक कास्ट मोल्डिंग अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान प्रक्रिया से बने होते हैं, जिस तरह नियमित प्लास्टिक लेंस बनते हैं। PPG के अनुसार, इंजेक्शन-मोल्डेड पॉलीकार्बोनेट लेंस की तुलना में ट्राइवेक्स लेंस अधिक स्पष्ट ऑप्टिक्स का लाभ देते हैं।

पॉलीकार्बोनेट बनाम ट्राइवेक्स लेंस: अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान एक संक्षिप्त तुलना

यहाँ पॉलीकार्बोनेट और ट्राइवेक्स लेंस की एक संक्षिप्त तुलना दी गई है जो आपको यह तय करने में मदद करती है कि कौन सा लेंस आपके लिए सबसे अच्छा हो सकता है:

मोटाई

पॉलीकार्बोनेट में ट्राइवेक्स की तुलना में रिफ्रैक्शन का सूचकांक अधिक होता है (1.58 बनाम 1.53), इसलिए पॉलीकार्बोनेट लेंस ट्राइवेक्स लेंस की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक पतले होते हैं।

वजन

ट्राइवेक्स में पॉलीकार्बोनेट की तुलना में कम विशिष्ट गुरुत्व होता है, जिससे ट्राइवेक्स लेंस पॉलीकार्बोनेट लेंस की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक हल्के होते हैं।

ऑप्टिकल स्पष्टता (केंद्रीय)

ट्राइवेक्स लेंस में आंतरिक तनाव कम होता है और यह पॉलीकार्बोनेट लेंस की तुलना में अधिक तीक्ष्ण केंद्रीय दृष्टि उत्पन्न कर सकता है।

Petrol and diesel price: पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के फायदे-नुकसान

Petrol and diesel price: Pros and cons of petrol price hike | Petrol and diesel price: पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के फायदे-नुकसान

Highlights पेट्रोल के दाम में वृद्धि का एक लाभ यह है कि आर्थिक संप्रभुता की रक्षा होती है मूल्य आज 76 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए हैं तेल के ऊंचे दाम का एक विशेष प्रभाव यह है अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान कि महंगाई में वृद्धि होती है.

वर्ष 2015 में विश्व बाजार में तेल के दाम उछल रहे थे और 111 अमेरिकी डालर प्रति बैरल के स्तर पर थे. इसके बाद 2020 में कोविड संकट के दौरान इनमें भारी गिरावट आई और दाम केवल 23 डालर प्रति बैरल रह गए.

वर्तमान में पुन: इसमें कुछ वृद्धि हुई है और ये मूल्य आज 76 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए हैं. इसी अवधि में देश के घरेलू बाजार में पेट्रोल के दाम की चाल बिल्कुल अलग रही है. 2015 में घरेलू बाजार में पेट्रोल के दाम 70 रुपए प्रति लीटर थे.

सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है मटर, नुकसान जानकर रह जाएंगे दंग

जनता से रिश्ता वबेडेस्क | सर्दियों का सीजन आते ही हमारे खानपान में भी बदलाव होने लगता है। ठंड के मौसम में लोग सीजनल सब्जियां और फल बेहद शौक से खाते हैं। सर्द हवाओं के साथ ही यह मौसम अपने साथ खाने-पीने के कई विकल्प भी लेकर आता है। मटर इन्हीं विकल्पों में से एक है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं। सर्दियां आते ही मटर हमारे खाने का एक अहम हिस्सा बन जाता है। लोग मटर की सब्जी, पराठे,पूरी और कई व्यंजनों में इसका इस्तेमाल करते हैं। सर्दियों में मटर खाने के अपने कई फायदे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा मटर खाना भी आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अगर नहीं, तो आज अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान हम आपको बताएंगे जरूरत से ज्यादा मटर खाने के नुकसानों के बारे में-

हरी मटर का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से आपको डायरिया की समस्या हो सकती है। दरअसल, मटर में प्रोटीन की काफी ज्यादा मात्रा पाई जाती है। ऐसे में इसके ज्यादा सेवन करने पाचन तंत्र खराब हो सकता है, जिससे उल्टी-दस्त आदि की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर आप भी मटर खाने के शौकीन हैं, तो इसका ज्यादा इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

क्या चाय या कॉफी पीने से बढ़ सकता है ब्लड शुगर? एक्सपर्ट्स से जानिए फायदे और नुकसान

क्या चाय या कॉफी पीने से बढ़ सकता है ब्लड शुगर? एक्सपर्ट्स से जानिए फायदे और नुकसान

सुबह खाली पेट कॉफ़ी आदि के सेवन से बचना चाहिए (Photo-Unsplash/Indian Express)

आमतौर पर लोगों की शुरुआत चाय या कॉफी से होती है। कई लोगों को इसके बिना दिन की शुरुआत करने में मुश्किलें आती हैं। अगर हाल ही में आपने गौर किया हो तो आजकल लोग पहले के मुकाबले ज्यादा कॉफी या चाय पीने लगे अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान हैं। लेकिन अगर आप एक डायबिटीक मरीज हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।

डायबिटीज वाले मरीजों को अपनी डाइट में उन फूड्स को शामिल करना चाहिए जो प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। कई फूड्स हैं जो आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं और डायबिटीज को कंट्रोल करना मुश्किल बना सकते हैं। कई अधय्यनों में ये बात सामने आई है कि एक कप कॉफी या चाय पीने से अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान तनाव और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही वजन घटाने में मदद मिलती है। आइये जानते हैं क्या कॉफी या चाय डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित हैं।

भारत की बजाय विदेश में भी खरीद सकते हैं प्रॉपर्टी, अमेरिका, इंग्लैंड में अच्छे ऑप्शन

भारत की बजाय विदेश में भी खरीद सकते हैं प्रॉपर्टी, अमेरिका, इंग्लैंड में अच्छे ऑप्शन

पिछले 5 सालों में भारतीय रियल स्टेट सेक्टर में सुस्ती.

Real Estate: अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं और सिर्फ इसलिए नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि इंडिया में अभी प्रॉपर्टी के रेट महंगे हैं या मार्केट कंडीशन अच्छी नहीं है तो चिंता मत कीजिए, आप विदेश में भी प्रॉपर्टी खरीद अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान सकते हैं. आज के समय में भारत के मुकाबले विदेशों यहां तक की अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में भी अच्छे विकल्प मौजूद हैं

विदेश में रहने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छा ऑप्शन

सच है कि विदेश में प्रॉपर्टी लेना कोई बच्चों का खेल नहीं. काफी सोच विचार करना पड़ता है, साथ ही अलग देश की अलग कंडीशन होती है. उन्हें भी पूरा करना पड़ता है. लेकिन ये उन लोगों के लिए सही है जो आने वाले समय में विदेश में बसना चाहते अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान है, या किसी का परिवार या रिश्तेदार पहले से ही विदेश में रह रहा है, या फिर विदेश में कोई बिजनेस हो या आगे करना चाहते हों. ऐसे लोग विदेश में कोई रहने के लिए या निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी खरीद सकते है.

इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि भारतीयों को फिर चाहे वो रेसिडेंट हो या नॉन रेसिडेंट, प्रॉपर्टी में निवेश करने की अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान खासी दिलचस्पी रहती है. हालांकि पिछले 20 सालों में भारतीय रियल स्टेट काफी बढ़ा है लेकिन पिछले 5 सालों में भारतीय बाजार में बहुत अच्छी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली. इसके अलावा रुपये के गिरते दाम और GST की वजह से भी निवेशकों को भारतीय रियल स्टेट सेक्टर आक​र्षित नहीं कर सका. .

प्रॉपर्टी की सही समय पर डिलीवरी ना करना बड़ी मुश्किल

नितेश पंजाबी, एसोसिएट डायरेक्टर, कैपिटल मार्केट और इंवेस्टमेंट सर्विजेस, कोलियर्स इंटरनेशनल इंडिया का कहना है कि “कुछ डेवलपर्स समय पर प्रॉपर्टी अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान की डिलीवरी नहीं कर रहे हैं, इसकी वजह से भी निवेशकों के मन में झिझक आई है. जबकि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों के मार्केट भारत के मुकाबले थाड़े स्टेबल है”.

विदेश में निवेश करने से आप खुद को रुपये की गिरती कीमतों से भी बचा सकते हैं. इसके भारत की तुलना में विदेश की बोरोइंग कॉस्ट भी रेंट से मिलने वाली कमाई के लगभग बराबर ही है. इन कारणों से भी विदेश में निवेश करना आज की तारीख में अच्छा ऑप्शन है.

Real Estate : निवेश से पहले जानकारी जरुरी

प्रशांत ठाकुर, हैड रिसर्चर, ANAROCK प्रॉपर्टी का कहना है कि विदेश जैसे न्यू यॉर्क, लंडन या सैन्ट्रल सिंगापुर में प्रॉपर्टी का दाम सेंट्रल दिल्ली या साउथ मुंबई की अच्छी प्रॉपर्टी के बराबर ही हैं. इन प्रॉपर्टी का दाम 15 से 25 करोड़ के आसपास है. वहीं हाल हीं में दुबई में लॉन्च हुए प्रोजेक्ट की कीमत भी बैंगलौर, पूणे, मुंबई या नवी मुंबई में 2 से 3 रुपये करोड़ में मिलने वाली प्रॉपर्टी के बराबर है.

ANAROCK प्रॉपर्टी कंसलटेन्ट्स की रिपोर्ट में कहा गया कि सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक व्यक्ति मेन शहर से दूर भी घर या कॉम्पेक्ट प्रोपर्टी जिसमें ऑफिस और घर दोनों होते हैं, खरीद सकते है. हालांकि निवेश करने से पहले मार्केट की जानकारी होनी चाहिए. मार्केट की जानकारी ना होने से बुरे नतीजे सामने आ सकते हैं.

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