FTX के Sam Bankman-Fried को 150 साल की हो सकती है जेल, अमेरिका ने लगाए हैं ये चार्जेज, लेकिन प्रत्यर्पण में इस कारण हो सकती है देरी
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) के पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) को 150 वर्षों की जेल हो सकती है। अमेरिका में उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उसके लिए सैम को अधिकतम इतनी सजा हो सकती है। सैम को बहामास की पुलिस ने अमेरिका के अनुरोध पर बहामास में गिरफ्तार किया था
FTX के फाउंडर और पूर्व सीईओ Sam Bankman-Fried के खिलाफ अमेरिका ने मंगलवार को वित्तीय अपराधों और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) के पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड (Sam Bankman-Fried) को 150 वर्षों की जेल हो सकती है। अमेरिका में उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उसके लिए सैम को अधिकतम इतनी सजा हो सकती है। सैम को बहामास की पुलिस ने अमेरिका के अनुरोध पर बहामास में गिरफ्तार किया था। वहां के अटार्नी जनरल ने ऐलान किया था कि उन्हें जल्द ही अमेरिका को सौंपा जा सकता है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एफटीएक्स का संचालन बहामास से होता था और यह दुनिया भर के बडे़ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में शुमार था। एफटीएक्स के ढहने पर बैंकमैन-फ्रायड की दौलत महज एक ही दिन में 94 फीसदी घट गई थी और उन्होंने रातोरात अपना अरबपति का दर्जा खो दिया था। एफटीएक्स ने 11 नवंबर को दिवालिया होने के लिए आवेदन किया था।
अमेरिका ने क्या आरोप लगाए हैं Sam Bankman-Fried पर
FTX के फाउंडर और पूर्व सीईओ सैम बैंकमैन-फ्रायड के खिलाफ अमेरिका ने मंगलवार को वित्तीय अपराधों और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। सैम पर आरोप है कि एफटीएक्स के ढहने के पीछे उनकी सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने निवेशकों समेत सभी से इसकी दिक्कतों को साझा भी नहीं किया। सैम ने वर्ष 2019 की शुरुआत से ग्राहकों और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए इरादतन अपने फायदे की योजना लाई। योजना के तहत पैसे को उन्होंने अपने क्रिप्टो हेज फंड अलामेडा रिसर्च (Alameda Research) के खर्चों और कर्जों का भुगतान किया।
Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 22 जनवरी 2022,
- अपडेटेड 7:17 PM IST
शेयर स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं मार्केट में सफल निवेशक बनना आसान नहीं है पर इन बातों का ध्यान रखकर आप शुरूआत कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर! अब फिक्स्ड रेट से ज्यादा ब्रोकरेज नहीं लेंगे ब्रोकर, एक्सचेंज ने जारी किया नया नियम
ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.
31 दिसंबर तक ब्रोकर्स को सर्कुलर पर अमल करना होगा. (File Photo)
Transparency in Brokerage Plan: ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.
तय रेट से ज्यादा न लें ब्रोकरेज
निवेशकों ने शिकायत की थी कि कई बार ब्रोकर उनसे पहले से तय रकम से ज्यादा ब्रोकरेज वसूलते हैं. एक्सचेंजेज ने इस मामले पर सर्कुलर जारी कर कहा है कि ब्रोकरेज तय रेट से अधिक रेट न लें. अभी ऑनलाइन सौदा डालते समय शेयर स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं खरीद की ही रकम दिखती है. ब्रेक अप नहीं दिखता. हालांकि बाद में कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर खरीद की रकम के साथ बाकी सारे चार्जेज का ब्यौरा मिलता है, लेकिन सौदा डालते समय एकमुश्त रकम ही दिखती है.
सौदा डालने से पहले बताएं ब्रोकरेज फीस
इस मामले पर एक्सचेंजेज ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) से सलाह के बाद ये निर्देश जारी किया है कि ब्रोकरेज और अन्य खर्चों को सौदा डालने से पहले ही प्रमुखता से निवेशकों को बताया जाए.
ब्रोकरेज निवेशकों की जरूरत के मुताबिक ब्रोकरेज के अलग-अलग प्लान लेकर आते हैं. ये प्लान दोनों पक्षों की सहमति से होते हैं. कई बार निवेशकों को शेयर खरीद का औसत भाव काफी महंगा लगने लगता है. क्योंकि सौदा डालते समय जो भाव होता है वो केवल शेयरों का ही दिखता है. बाद में ब्रोकरेज और बाकी खर्चे जुड़ते हैं. फिर निवेशकों की शिकायत होती है कि उनसे ज्यादा रकम वसूली गई.
शेयर बाजार में आज से शुरू हो जाएगी T+1 साइकिल, जानिए कैसे होगा निवेशकों का फायदा
Share Market: 2002 स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं की शुरुआत में सेटलमेंट साइकिल को T+5 से घटाकर T+3, फिर 2003 में T+3 से घटाकर T2 कर दिया गया था।
चीन के बाद T+1 लागू करने वाला भारत दूसरा देश है। (एक्सप्रेस फोटो : गणेश शिर्सेकर)
भारतीय शेयर बाजार में आज 25 फरवरी से कारोबार करने का तरीका बदल गया है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू करने का फैसला किया है। जिससे निवेशकों को पहले के मुकाबले पैसा जल्दी मिलेगा। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां पर T+1 सेटेलमेंट को लागू किया गया है।
क्या होता है T+1 सेटलमेंट साइकिल?: शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री का एक सेटलमेंट साइकिल होता है। यह सेटलमेंट साइकिल तभी पूरा होता है जब खरीददार को शेयर मिल जाते हैं और बेचने वाले को उसकी राशि। 2002 की शुरुआत में सेटलमेंट साइकिल को T+5 से घटाकर T+3, फिर 2003 में T+3 से स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं घटाकर T2 कर दिया गया था।
आखिरी के 100 शेयरों से होगी शुरुआत: नवंबर में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के संयुक्त बयान के मुताबिक 25 फरवरी से बाजार पूंजीकरण के हिसाब से एनएसई और बीएसई के आखरी के 100 शेयरों में T+1 सेटेलमेंट साइकिल लागू हो जाएगा। जिसके बाद मार्च के आखिरी शुक्रवार को फिर बाजार पूंजीकरण के हिसाब से आखिरी के 500 शेयरों में T+1 सेटेलमेंट साइकिल को लागू किया जाएगा। इसी तरह हर महीने 500 शेयरों को जोड़ा जाएगा। T+1 सेटेलमेंट साइकिल को सेबी चरणबद्ध तरीके से लागू कर रहा है जिससे ब्रोकर्स और एक्सचेंज को भी अपने सिस्टम अपग्रेड करने के लिए समय मिल सके।
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निवेशकों को कैसे होगा फायदा?: जिन शेयरों में T+1 सेटेलमेंट साइकिल लागू हो जाएगा। निवेशकों को उन शेयरों की डिलीवरी शेयर खरीदने के 24 घंटे में उनके डीमैट खातों में मिल जाएगी। जबकि T+2 सेटलमेंट साइकिल में यह प्रक्रिया 48 घंटे में पूरी होती है। उदाहरण के लिए यदि आपने बुधवार को किसी कंपनी के शेयर खरीदे हैं तो T+1 सेटलमेंट साइकिल मैं आपको शेयरों की डिलीवरी गुरुवार को मिल जाएगी। जबकि T+2 सेटलमेंट साइकिल में शेयरों की डिलीवरी शुक्रवार को मिलेगी।T+1 सेटलमेंट साइकिल वाले शेयरों की लिस्ट बीएसई और एनएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
यह देश भी कतार में: सिंगापुर, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया जापान और साउथ कोरिया के एक्सचेंज भी T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू करने पर काम कर रहे हैं।
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