राशन डीलर कैसे बने ? राशन डीलर बनने के लिए प्रोसेस
How to Become Dealer Full Information in Hindi : - हमारे देश की सरकारों द्वारा ज्यादातर योजनाएं ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए निकाली जाती है वो इसलिए क्योंकि देश के ज्यादातर गरीब और किसान लोग ग्रामीण इलाकों में ही निवास करते हैं। इसीलिए सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं शुरू की जाती है।
ऐसी ही एक सरकारी योजना हमारे देश की केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई जिसके तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों को मुफ्त में खाद्य सामग्री वितरण एक आधिकारिक डीलर क्या है करना शुरू किया गया हैं। इस योजना के तहत हमारे देश के जितने भी ऐसे परिवार हैं जो कि गरीबी रेखा के नीचे आते हैं। उनको बिल्कुल फ्री में या ₹1 रुपए किलो या ₹2 किलो के भाव से खाद्य सामग्री जैसे कि गेहूं, चावल, दाल, मिट्टी का तेल आदि वितरित किए जाते हैं। इस कार्य को करने के लिए हर एक गांव और शहर में एक राशन डीलर को नियुक्त किया गया है जिसका कार्य अपने एरिया के गरीब लोगों को राशन सामग्री वितरण करना होता है।
अगर आपका परिवार भी गरीबी रेखा के नीचे आता है या आप ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं तब आप राशन डीलर के बारे में काफी अच्छे से जानते होंगे। इसके बारे में आपको विस्तार से बताने की आवश्यकता नहीं है। इस लेख में बस हम यही जानेंगे कि हमारे देश में राशन डीलर बनने की प्रोसेस क्या है ? राशन डीलर कैसे बने ? सबसे पहले एक आधिकारिक डीलर क्या है हम आपको यह बताएंगे कि राशन डीलर बनने के लिए योग्यता क्या है ? उसके बाद हम आगे की जानकारी जानेगे।
राशन डीलर बनने के लिए योग्यता क्या है ?
1. आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए
2. आवेदक की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन आवेदक की उम्र अलग-अलग राज्यों में भिन्न भिन्न हो सकती है।
3. आवेदक का दसवीं क्लास पास होना चाहिए।
4. आवेदन करने वाला व्यक्ति कंप्यूटर से संबंधित कोई कोर्स किया हुआ होना चाहिए।
5. आवेदन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय में कोई अपराध रजिस्टर्ड नहीं होना चाहिए।
6. आवेदन करने वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए।
7. राशन डीलर बनने के लिए सबसे जरूरी है कि उसके बैंक अकाउंट में ₹40000 की राशि जमा होनी चाहिए।
8. आवेदक या आवेदक के परिवार में किसी भी सदस्य के पास राशन की दुकान आवंटित नहीं होनी चाहिए।
9. इसके अलावा राशन डीलर बनने के लिए उम्मीदवार के पास एक अच्छा सा गोदाम भी होना चाहिए। इसी के साथ ही राशन को तोलने और अन्य सभी काम को करने के लिए उपकरण भी होने चाहिए।
10. आप अपनी ग्राम पंचायत के अलावा किसी दूसरी पंचायत में राशन डीलर बनने के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
राशन डीलर बनने के लिए दस्तावेज क्या है ?
1. आवेदक का ओरिजिनल आधार कार्ड
2. मूल निवास प्रमाण पत्र
3. दसवीं की मार्कशीट
4. रिजर्वेशन क्लास सर्टिफिकेट (आरक्षण वर्ग का प्रमाण पत्र)
5. आवेदन करने वाले उम्मीदवार के परिवार का किसी भी सदस्य के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में अभियोग पंजीकृत ना होने का प्रमाण पत्र
6. उम्मीदवार के परिवार में किसी भी सदस्य के नाम पर राशन दुकान नहीं होनी चाहिए।
7. जिला अधिकारी द्वारा प्रमाणित चरित्र प्रमाण पत्र
8. पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रमाणित चरित्र प्रमाण पत्र
राशन डीलर कैसे बने ? How To Become Ration Dealer In Hindi
ऐसा तो बिल्कुल भी नहीं है कि आप राशन डीलर खुद ही बन जाएंगे बल्कि उसके लिए भी आपको अलग प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा। सबसे पहले तो आप यह पता कर ले कि आपकी ग्राम पंचायत में जो राशन डीलर है वह काम कर रहा है या नहीं या उसने काम करना छोड़ दिया है या फिर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है तो ऐसी स्थिति में आप अपनी ग्राम पंचायत में राशन डीलर बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जब आपको यह विश्वास हो जाए कि आपकी ग्राम पंचायत में कोई भी राशन डीलर मौजूद नहीं है तो उसके बाद आप राशन डीलर के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन सरकार के द्वारा राशन डीलर नियुक्त करने के लिए समय समय पर भर्तियां निकाली जाती है जिनमें आप आवेदन कर सकते हैं।
राशन डीलर बनने के लिए सरकार के द्वारा ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रकार से आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर यही देखा गया है कि राशन डीलर बनने के लिए ऑफलाइन आवेदन ही किए जाते हैं तो हम यहां पर आपको राशन डीलर बनने के लिए ऑफलाइन आवेदन कैसे करें ? इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।
Note : - यहां पर हम आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि आप जिस भी राज्य में रहते हो उस राज्य में राशन डीलर बनने से संबंधित सारी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें क्योंकि अलग-अलग राज्यों में राशन डीलर बनने के लिए अलग तरह से प्रोसेस होता है।
राशन डीलर बनने के लिए प्रोसेस : -
1. सबसे पहले आप राशन कार्ड डीलर बनने से संबंधित आवेदन फॉर्म प्राप्त करें। यह आवेदन फॉर्म आपको अपने जिले के खाद्य विभाग से मिल जाएगा।
2. इसके बाद इस फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां सही तरीके से भर लें।
3. आवेदन फॉर्म को कंप्लीट रूप से भर लेने के बाद आवश्यक सभी दस्तावेजों को साथ में अटैच कर ले।
4. आवेदन फॉर्म को कंप्लीट रूप से तैयार कर लेने के बाद फॉर्म को आप अनुमंडल पदाधिकारी या खंड विकास अधिकारी के पास जाकर के जमा कर दीजिए।
5. फिर आपके आवेदन फॉर्म की जांच जिला स्तरीय चयन समिति के द्वारा की जाएगी। अगर जांच में आपका आवेदन फॉर्म अप्रूव हो जाता है तो फिर आपको राशन डीलर बनने से संबंधित लाइसेंस उपलब्ध करवा दिया जाता है।
राशन डीलर की सैलरी कितनी होती है ?
आपको बता दें कि राशन डीलर की कोई सैलरी नहीं होती है यानि राशन डीलर को किसी भी प्रकार की सैलरी नहीं दी जाती है बल्कि उसको एक फिक्स कमीशन मिलता है। अब यह सवाल आता है कि राशन कार्ड डीलर को कितना कमीशन मिलता होगा ? अगर बात की जाए राशन डीलर को कमीशन मिलने से संबंधित जानकारी की तो यह कमीशन राशन सामग्री के हिसाब से 75 पैसे प्रति किलो से लेके ₹2 रुपये प्रति किलो तक मिलता हैं। यह कमीशन भी भारत के अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न हो सकता है। इसके अलावा डीलर को बचे हुए राशन देने पर भी कुछ आय मिल जाती हैं। इस प्रकार से राशन एक आधिकारिक डीलर क्या है डीलर की कमाई होती है।
तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको राशन डीलर कैसे बने ? राशन डीलर बनने के लिए योग्यता क्या है ? राशन डीलर की सैलरी कितनी होती है ? राशन डीलर बनने के लिए दस्तावेज क्या है ? अतः हम उम्मीद करते हैं कि आपको राशन कार्ड डीलर बनने से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आती है तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा।
कार्ड धारकों को देना पड़ता है राशन डीलर को टैक्स, जानें क्या है ये टैक्स, कितना देना होता है
Card holders pay tax to ration dealer राशन कार्ड धारकों को फ्री में राशन लेने के लिए राशन डीलर को एक टैक्स देना पड़ रहा है। ये कोई शासन की ओर से लगाया टैक्स नहीं बल्कि राशन डीलरों की मनमानी का टैक्स है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Card holders pay tax to ration dealer : राशन कार्ड धारकों को फ्री में राशन लेने के लिए राशन डीलर को एक टैक्स देना पड़ रहा है। ये कोई शासन की ओर से लगाया टैक्स नहीं बल्कि राशन डीलरों की मनमानी का टैक्स है। इसके तहत कार्ड धारक को प्रत्येक यूनिट पर आधा किलो खाद्यान्न टैक्स के रूप में देना पड़ता है। मुरादाबाद में ऐसा ही हो रहा है। इसके अलावा मुरादाबाद में नमक की आपूर्ति नहीं होने से तीसरे दिन भी जिले के 630 राशन दुकानों पर खाद्यान्न वितरण नहीं हो पाया।
प्रदेश सरकार ने दिसंबर से मार्च तक राशन कार्ड धारकों को एक यूनिट पर तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल के साथ एक कार्ड पर एक किलो चना, एक किलो नमक, एक लीटर तेल नि:शुल्क दिया जाएगा। 12 दिसंबर से राशन का वितरण शुरू हो गया है। नमक की आपूर्ति नहीं होने से सभी राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न नहीं मिल पाया था। मंगलवार को नमक नहीं होने से जिले में 630 राशन दुकानों में खाद्यान्न वितरण नहीं हो पाया है। गोदाम में लगातार नमक पहुंच रहा है और दुकानदारों को नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। आपूर्ति विभाग की टीम आवंटित नमक की सूचना लगातार सर्वर में फीड कर रहा है।
जागरण की टीम राशन वितरण की व्यवस्था को देखने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर गए। शहर के अधिकांश दुकानों पर नमक पहुंच गया था और राशन का वितरण किया जा रहा था। राशन लेने वालों की सभी दुकानों पर भीड़ थी। सभी स्थान पर एक शिकायत मिली कि राशन दुकानदार राशन देने के बदले एक यूनिट पर आधा किलो खाद्यान्न की कटौती कर रहा है। कार्ड धारकों से पूछने पर राशन दुकानदारों कहना था कि गोदाम से राशन कम मिलता है।
इसलिए राशन उसकी भरपाई के लिए आधा किलो कम राशन दिया जा रहा है। यह एक तरह का टैक्स है, जिसके कम राशन की भरपाई किया जा रहा है।जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि राशन काम देने की शिकायत की जानकारी नहीं हैं, अब मामला संज्ञान में आया है बुधवार से राशन दुकानों की जांच कराया जाएगा। गोदाम के किसी भी राशन दुकानदारों को खाद्यान्न कम नहीं दिया जा रहा है।
बंगला गांव चौराहे के पासः कार्ड धारक मनीषा ने बताया कि राशन कार्ड में तीन यूनिट है, जिसमें नौ किलो गेहूं व छह किलो चावल यानी 15 किलो खाद्यान्न मिलना चाहिए था। राशन दुकानदार ने 13.500 किलो राशन दिया है। पूछने पर दुकानदार ने कहा कि यह टैक्स है, गोदाम से कम खाद्यान्न मिला है, उसकी भरपाई की जाएगी।
पुलिस लाइन के पासः विमला का कहना है कि राशन कार्ड में छह यूनिट है, गेहूं व चावल मिलाकर तीस किलो राशन मिलना चाहिए था, दुकानदार 27 किलो राशन दिया है। पूछने पर कहा जाता है कि ऊपर से इतना ही देने का आदेश है। कई बार आपूर्ति विभाग में शिकायत कर चुके हैं, कोई कार्रवाई नहीं किया जाता है।
चक्कर की मिलकः शाहजहां के अनुसार राशन कार्ड में छह यूनिट है, तीस किलो के बजाय 25 किलो गेहूं व चावल दिया गया है। राशन दुकानदार कम खाद्यान्न दिया जाता है, पूछने पर राशन दुकानदार कहता है कि सरकार नि:शुल्क राशन वितरण का कोई राशि नहीं देता है, वह अपना परिवार कैसे पालेंगे। इस लिए शिकायत नहीं करते हैं।
जीएसटी सीएमपी 05 06 और 07 फॉर्म के बारे में जानिए?
वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत आने वाले जीएसटी सीएमपी 05 06 और 07 फॉर्म एक प्रकार का नोटिस होता है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति एक अंतिम उत्तर और एक रचना डीलर को कारण बताओ नोटिस के रूप में अंतिम आदेश पर चर्चा करने के लिए उत्तेजित कर सकता है। इस अंतिम आदेश पर चर्चा करने हेतु जीएसटी नियमों में तीन रूपों को निर्दिष्ट किया गया है।
- जीएसटी सीएमपी -05:- जीएसटी अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस
- जीएसटी सीएमपी -06:- करदाता द्वारा नोटिस का जवाब
- जीएसटी सीएमपी 07:- अधिकारी द्वारा स्वीकृति या अस्वीकृति का आदेश
इन तीनों (सीएमपी 05 06 और 07 फॉर्म) रूपों को इस लेख में एक-एक करके विस्तार से चर्चा करने वाले है। तो चलिए शुरू करते है!
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
सीएमपी 05 फॉर्म क्या है?
वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत आने वाला जीएसटी सीएमपी 05 फॉर्म वह प्रारूप होता है जिसमें कोई भी जीएसटी अधिकारी द्वारा रचना योजना के तहत एक कंपोजिशन डीलर को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। कारण बताओ नोटिस किसी भी जीएसटी अधिकारी के द्वारा तब दायर किया जाता है, जब वे चाहते हैं कि डीलर यह बताएं कि उन्हें कंपोजिशन स्कीम का लाभ उठाने की अनुमति क्यों एक आधिकारिक डीलर क्या है एक आधिकारिक डीलर क्या है दी जानी चाहिए।
जीएसटी अधिकारी द्वारा निम्नलिखित मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है:-
- जब पात्र नहीं है, तो विक्रेता ने कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना।
- जब किसी डीलर ने योजना के नियमों को तोड़ा हो।
विक्रेता पर अधिकार क्षेत्र वाले जीएसटी अधिकारी को नोटिस जारी करना चाहिए। चूंकि कंपोजिशन स्कीम एक एकल पैन नंबर के साथ सभी जीएसटीआईएन संख्याओं को कवर करने वाली एक चंदवा होती है, इसलिए जीएसटीआईएन नंम्बर के संबंध में जारी कोई भी नोटिस उसी पैन के तहत पंजीकृत सभी जीएसटीआईएन पर लागू होगा। इसी तरह, जीएसटीआईएन के साथ किसी व्यवसाय को जारी किया गया कोई भी आदेश अपने आप उसी पैन के साथ पंजीकृत अन्य जीएसटीआईएन पर लागू होगा।
1. CMP-05 फॉर्म कैसे भरें?
गुड्स एन्ड सर्विसेज टैक्स सिस्टम के तहत आने वाली रचना योजना के अंदर आने वाला फॉर्म जीएसटी सीएमपी 05 फॉर्म को भरने के लिए निम्न बिंदुओं से होकर के गुजरना होता है। आइये इन बिंदुओं को नीचे एक-एक करके जानते है:-
- इस नोटिस (सीएमपी 05 फॉर्म ) में उन कारणों का उल्लेख करना होगा जिनके लिए रचना योजना करदाता को नकार रही है।
- इसके बाद, नोटिस का जवाब जीएसटी सीएमपी 06 फॉर्म में करदाता द्वारा प्रदान किया जाना है।
- इतना करने के बाद, अधिकारी निर्धारित तिथि पर करदाता को इसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दे सकता है।
नीचे जीएसटी सीएमपी 05 फॉर्म के अनुसार जीएसटी नियम के अनुसार फॉर्म दिया गया है:-
सीएमपी 05 फॉर्म क्या है?
सीएमपी 06 फॉर्म क्या है?
सीएमपी 05 फॉर्म में उन कारणों का उल्लेख करना होता है, जिनके लिए रचना योजना करदाता को नकार रही है।इसके बाद, नोटिस का जवाब जीएसटी सीएमपी 06 फॉर्म में करदाता द्वारा प्रदान किया जाना है। यह नोटिस जीएसटी पोर्टल पर जीएसटी अधिकारी को देना होता है। जोकि किसी विक्रेता द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जो कारण बताओ नोटिस प्राप्त करता है। इसके बाद फॉर्म में सभी शर्तो का एक आधिकारिक डीलर क्या है उल्लेख होना चाहिए। अंत में उत्तर प्रस्तुत करने की समय सीमा CMP-05 फॉर्म में सूचना प्राप्त होने की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
उत्तर पुस्तिकाओं में निम्नलिखित विवरण शामिल होना चाहिए:-
- जिस व्यवसाय को नोटिस जारी किया गया था उसका जीएसटीआईएन संख्या।
- फॉर को भरे जाने की सूचना संदर्भ तिथि और तारीख।
- करदाता के व्यवसाय का व्यावसायिक नाम।
- करदाता व्यवसाय का पता।
- विस्तृत विवरण के साथ उत्तर दें कि डीलर कंपोजीशन स्कीम का लाभ उठा सकता है।
- प्रपत्र के साथ पीडीएफ के रूप में संलग्न दस्तावेजों की सूची।
अगर आपका उत्तर 500 शब्दों से अधिक है, तो आपको अलग से इसे अपलोड करना होता है। अंत में, करदाता को यह सत्यापित करना होगा कि घोषित विवरण सही और सही हैं। आप नीचे सीएमपी 06 फॉर्म की एक छवि देख सकते है।
सीएमपी 06 फॉर्म क्या है?
एक बार जीएसटी सीएमपी 06 फॉर्म प्राप्त होने पर, जीएसटी अधिकारी को जीएसटी सीएमपी 07 फॉर्म में डीलर को एक आदेश जारी करना होता है।
सीएमपी 07 फॉर्म क्या है?
रचना योजना के तहत आने वाला फॉर्म जीएसटी सीएमपी 05 में जीएसटी अधिकारी की सहायता से किसी भी विक्रेता की शिकायत दर्ज करने के बाद, विक्रेता को CMP 06 फॉर्म में उत्तर दर्ज करने के बाद, उस उत्तर की स्वीकृति या अस्वीकृति का आदेश जीएसटी सीएमपी 07 फॉर्म में दिया जाता है।
यह डीलर के जवाब की जाँच के बाद जीएसटी अधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। अथवा उन्हें व्यक्तिगत रूप से समझाने का मौका देता है। यदि अधिकारी उत्तर को संतोषजनक पाता है, तो वह एक आदेश जारी करके उत्तर स्वीकार कर सकता है कि करदाता को योजना के तहत जारी रखने की अनुमति है। यदि अधिकारी को जवाब नहीं मिलता है, तो वह सीएमपी 07 फॉर्म जारी कर सकता है और करदाता को संगीतकार डीलर बनने से रोक सकता है।
जीएसटी अधिकारी को सीएमपी 06 फॉर्म प्राप्त करने के तीस दिनों के भीतर आदेश जारी करना करना होता है।अगर विक्रेता की तरफ से कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो कारण बताओ नोटिस जारी करने की तिथि से पंद्रह दिनों की समय सीमा समाप्त होने की तिथि से तीस दिनों के भीतर आदेश जारी किया किया जाता है। ऊपर चित्र की सहायता से आप सीएमपी 07 फॉर्म का प्रारूप देख सकते है।
Property Dealer Kaise Bane : प्रोपर्टी डीलर बनने के लिए क्या करें
नमस्कार मित्रो आज हम आपको Property Dealer Kaise Bane इसके बारे में बताने वाले है अक्सर आपने कई बार प्रोपर्टी डीलर के बारे में सुना होगा यह एक बेहद ही अच्छा बिजनेस माना जाता है व जो लोग कम समय में अच्छा पैसा कमाना चाहते है उनके लिए प्रोपर्टी डीलर की जॉब काफी अच्छी साबित हो सकती है व इससे जुडी जानकारी के लिए आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े.
आज के समय में दुनिया काफी मुश्किल समय से गुजर रही है एक आधिकारिक डीलर क्या है व भारत में युवाओ को नौकरी की बेहद ही अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में लोग कई तरह के कोर्स आदि करते है ताकि वो अपना बेहतरीन भविष्य बना सके व अगर आपको बिजनेस आदि में रूचि है तो ऐसे में प्रॉपर्टी डीलर से जुड़े क्षेत्र में आप अपना भविष्य बना सकते है व Property Dealer Kaise Bane इसकी पूरी जानकारी हम आपको यहाँ बताने वाले है.
Property Dealer Kaise Bane
आप प्रोपर्टी डीलर बनना चाहते है तो इससे आपको इसके बारे में पता होना चाहिए की आखिर यह प्रोपर्टी डीलर होता क्या है तो जो व्यक्ति किसी भी मकान, दूकान, फ़्लैट, जमीन आदि चीजो का सौदा करवाते है उन्ही को प्रोपर्टी डीलर कहा जाता है.
यह व्यक्ति बेचने वाली पार्टी और खरीददार के बिच में एक कड़ी के रूप में कार्य करते है व इसके लिए उन्हें कमीशन दिया जाता है ये एक बिचौलिए होते है व इनके द्वारा कोई भी डील करवाई जाती है तो यह खरीददार पार्टी और बेचने वाली पार्टी दोनों से अलग अलग कमीशन लेते है जो की इनकी कमाई होती है.
प्रोपर्टी डीलर के काम क्या होते है
जैसा की आप सब जानते है की किसी भी प्रोपर्टी की डील करवाना इनका मुख्य काम होता है व इसके साथ ही इन्हें अन्य कई तरह के कार्य भी करने होते है जैसे की ग्राहक को ढूंढना, दोनों पार्टियों को जरुरी जानकारी देना, ग्राहक को प्रोपर्टी दिखाना, किसी प्रोपर्टी को खरीदना, प्रोपर्टी के कागजाद बनाना, किरायेदार का एग्रीमेंट बनाना, प्रोपर्टी पर लोन दिलाने में सहायता करना, मकान में पानी और बिजली आदि की सुविधा करवाना, टैक्स जमा करवाना आदि निम्न तरह के कई अलग अलग कार्य इन्हें करने होते है.
प्रोपर्टी डीलर बनने के लिए योग्यता
आपको प्रोपर्टी डीलर बनना है तो इसके लिए आपको किसी भी शैक्षिक योग्यता की जरुरत नहीं पड़ती अगर आपको बिजनेस में रूचि है और आपका दिमाग तेज एवं आपके बोलने और समझाने का तरीके बेहतर है तो ऐसे में आप इस काम को कर सकते है यह कार्य पूर्ण रूप से आपके टेलेंट के ऊपर निर्भर करता है.
प्रोपर्टी डीलर बनने के लिए क्या करें
आपको सबसे पहले तो इसके अनुभव की जरुरत होती है इसलिए आपको पहले किसी भी रियल स्टेट कंपनी या किसी लीडर आदि के साथ रहकर कम से कम 1 साल तक इस कार्य के अनुभव को प्राप्त करना है जब आपको इस काम का अच्छा अनुभव हो जाता है तो इसके बाद आप इस काम को आसानी से कर पायेगे.
आप इस काम को बारीकी से सिखने की कोशिश करें आप जितना ध्यान से और बारीकी से इस काम को सीखेगे आप उतने ही बेहतर तरीके से इस काम को कर पायेगे साथ ही आपको प्रोपर्टी के मालिक और ग्राहक से किस तरह से बात करनी है और उन्हें किस तरह से मनाना है यह सब सीखना होगा.
एक प्रोपर्टी डीलर की पर्सनालिटी अच्छी होनी बेहद ही जरुरी है आपकी पर्सनालिटी अच्छी होगी तो इसका सीधा असर आपके काम पर पड़ेगा और लोग भी आपसे काफी इम्प्रेस होगे जिससे आपको बिजनेस में फायदा होगा और आप हमेशा मार्किट के ऊपर नजर रहे की मार्किट में क्या चल रहा है क्या नहीं चल रहा है इन सब के बारे में पता रखे इन सबकी आप जानकारी रखेगे तो आपको बिजनेस बेहतर तरीके से करने में आसानी होगी.
किसी भी क्षेत्र में प्रोपर्टी डीलर का काम करने के लिए आपको उस क्षेत्र की प्रोपर्टी के दाम की जानकारी होनी भी जरुरी है नहीं तो ऐसे न हो की प्रोपर्टी मालिक आपको तीन गुना पैसे बता दे और आप अपना पूरा समय ग्राहक ढूंढने में बता दे और आपको उस दाम में कोई ग्राहक न मिले इस तरह की समस्या से बचाने में आपके अनुभव ही आपके काम आता है.
आपको अपना बिजनेस लोगो के बिच में करना होता है इस कारण से आपका मिलनसार होना भी आवश्यक है इसका अर्थ है की आप लोगो के संपर्क में रहे और अपनी पहचान बनाने की कोशिश करें ताकि आपको भविष्य में पहचान के आधार पर घर बैठे ग्राहक मिल सके और आप लोगो के बिच में रहेगे तो इससे आपको पता चल पायेगा की कौनसा व्यक्ति अपनी प्रोपर्टी बेचना चाहता है और किस व्यक्ति को प्रोपर्टी खरीदनी है इससे आप दोनों पार्टियों के बिच एक कड़ी के रूप में कार्य कर पायेगे.
प्रोपर्टी डीलर ग्राहक कैसे ढूंढते है
कई लोगो के मन में इस तरह का सवाल आ रहा होगा की आखिर प्रोपर्टी डीलर बनकर आसानी से अपने ग्राहक कैसे ढूंढते है व तो हम आपको कुछ बेहतरीन तरीको के बारे में बता रहे है अक्सर हर प्रोपर्टी डीलर इन तरीको को ही अपनाते है जिससे की उन्हें आसानी से अपने ग्राहक मिल पाए तो आप भी इसके लिए यह तरीके अपना सकते है.
खुद का ऑफिस खोले – आप फुल टाइम प्रोपर्टी डीलर का काम करना चाहते है और इसमें अच्छा मुनाफ़ा कमाना चाहते है तो आपको अपनी एक ऑफिस जरुर खोलनी चाहिए इससे आपको ग्राहक आसानी से मिल जाते है व आपको ऑफिस हमेशा एक अच्छी लोकेशन पर ही खोलनी चाहिए.
अखबार में विज्ञापन – आप अखबार पढ़ते है तो उसमे आपको कई तरह के विज्ञापन देखने को मिल जाते होगे आप चाहे तो किसी भी जमीन के विज्ञापन अखबार में भी दे सकते है इसका चार्ज बहुत कम होता है और इससे आपको जल्दी ग्राहक मिल जाते है.
इन्टरनेट – हाल में इन्टरनेट पर आपको सब कुछ देखने को मिल जाता है आप चाहे तो इन्टरनेट पर किसी वेबसाइट आदि पर अपने विज्ञापन दे सकते है और इन्टरनेट के माध्यम से भी अपने ग्राहक खोज सकते है.
सोशल मीडिया द्वारा – हाल में सोशल मीडिया हर जगह पर ट्रेडिंग में चल रही है करोडो लोग सोशल मीडिया का प्रतिदिन इस्तमाल करते है आप चाहे तो सोशल मीडिया का इस्तमाल अपने फायदे के लिए कर सकते है इसमें आपको अपने अकाउंट और ग्रुप आदि में जमींन के विज्ञापन देने है और जमीन की जानकारी देनी है इससे जो भी खरीददार होगा वो आपसे जल्दी संपर्क कर लेगा.
जस्ट डायल इस्तमाल करे – आप रियल स्टेट वर्क के लिए जस्ट डायल का इस्तमाल कर सकते है इसमें आपको अपना अकाउंट बनाकर अपनी सेवाए कंपनी में add करवानी होगी इसके बाद कोई भी व्यक्ति जस्ट डायल में कॉल करके प्रोपर्टी खोजेगा तो उसे आपका पता और संपर्क नंबर दिए जायेगे जिससे की ग्राहक आपसे संपर्क कर सके.
प्रोपर्टी डीलर की कमाई
प्रोपर्टी डीलर की कमाई कमिशन के आधार पर होती है जब प्रोपर्टी डीलर किसी जमींन की डील करवाता है तो इसके बदले वो प्रोपर्टी मालिक और खरीददार दोनों से कमीशन लेता है मुख्यत इनका कमीशन 2 प्रतिशत का होता है व इसके साथ ही कई बार प्रोपर्टी मालिक या खरीददार द्वारा इन्हें अच्छी टिप्स दी जाती है जो इनकी कमाई होती है.
Calculation – इस आर्टिकल में हमने आपको Property Dealer Kaise Bane इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते है.
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