NFT कैसे काम करता हैं?

फ़िलहाल NFT एक ही ब्लॉकचेन पर मौजूद हैं जो की एथेरियम ब्लॉकचैन है। एथेरियम एक क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है जो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग करता है और इस प्रकार, प्रत्येक NFT अविनाशी है और इसे दोहराया नहीं जा सकता है।

NFT भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बना है। यह एक सार्वजनिक बही खाता है जो लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है। ब्लॉकचेन डिजिटल जानकारी को रिकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति देता है।
ब्लॉकचेन लेनदेन का एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे बदला, हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है। ब्लॉकचेन को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी, यानी DLT के रूप में भी जाना जाता है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का क्रिप्टोकरेंसी के साथ दूसरे NFT कैसे काम करता है NFT कैसे काम करता है कामों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेष रूप से NFT जैसे डिजिटल एसेट की खरीद और बिक्री में एथरियम ब्लॉकचेन पर होती हैं।
NFT डिजिटल वर्ल्ड में मूर्त और अमूर्त, दोनों वस्तुओं का रिप्रजेंट करती है। इनमें आर्ट, GIF, वीडियो, म्यूजिक, मैसेज और ट्वीट जैसी चीजें शामिल होती हैं।
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं- पिछले साल ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने अपना पहला ट्वीट ‘just setting up my twttr’ को NFT के रूप में बेचा।
मार्च 2006 में पोस्ट किया गया यह ट्वीट डिजिटल इतिहास का एक अहम हिस्सा होने की वजह से 38 लाख डॉलर, यानी करीब 17 करोड़ रुपए में बिका।

भारतीय कलाकार और निर्माता स्वदेशी क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म CoinSwitch या WazirX से लाभान्वित हो सकते हैं, यह Apps/ प्लेटफ्रॉम NFT उपयोगकर्ताओं के लिए देश का पहला बाज़ार स्थल वीडियो बना सकता है।

जो ऑडियो फ़ाइलें, आर्ट पीसेस बना सकता है या उनके बौद्धिक संपत्तियों जैसेकि, ट्वीट्स की सूची बना सकता है और उन्हें नीलामी के लिए मंच पर सूचीबद्ध कर सकता है।

नॉन-फंजिबल टोकन का इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या सामानों के लिए किया जा सकता है जो एक दूसरे से अलग होते हैं। इससे उनकी कीमत और यूनिकनेस साबित होती है।

ये वर्चुअल गेम्स से आर्टवर्क तक हर चीज के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं। NFT को स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजेज में ट्रेड नहीं किया जा सकता है। इन्हें डिजिटल मार्केटप्लेस में खरीदा या बेचा जा सकता है।

NFT कैसे बनता है?
एनएफटी ब्लॉकचेन पर काम करता है और इससे जुड़े ट्रांजैक्शन भी क्रिप्टोकरेंसी में किए जाते हैं। ब्लॉकचेन एक तरह का डिजिटल लेजर है जैसे बैंकों में होता है, लेकिन ये बैंक से अलग है, क्योंकि ये डिसेंट्रलाइज्ड है।

एनएफटी एक तरह से आर्ट और डिजिटल वर्ल्ड का मिश्रण है। जब आपका आर्ट डिजिटल दुनिया में स्थापित हो जाए, लोगों को उसमें कुछ विचित्र दिख जाए तो वह एनएफटी के रूप में NFT कैसे काम करता है घोषित हो जाता है।

बिटकॉइन से इसकी तुलना करें तो यह उसी क्रिप्टोकरंसी की तरह किसी टोकन के रूप में होता है। लेकिन यह टोकन दिखता नहीं है। बिना देखे इसे खरीद और बेच सकते हैं, भारी मुनाफा कमा सकते हैं।

NFT क्या है, nft kya hai
इस डिजिटल टोकन को ओनरशिप का वैलिड सर्टिफिकेट प्राप्त होता है। जिस भी व्यक्ति का आर्ट इस कैटगरी में आता है, उसके आर्ट को ओनरशिप का सर्टिफिकेट मिल जाता है।

इसी के साथ उस आर्ट से जुड़े सभी अधिकार उसके मालिक के पास चला जाता है। डिजिटल सर्टिफिकेट यह तय करता है कि उसका डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता। एक तरह से यह कॉपीराइट का अधिकार देता है।

NFT कैसे खरीदें?
यदि आपको खुद का NFT कलेक्शन बनाना है तो आपके पास सबसे पहले एक डिजिटल वॉलेट होना चाहिए। इसी वॉलेट के जरिए आपको NFT और क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने की अनुमति मिलेगी।

वॉलेट में ईथर जैसी कोई क्रिप्टोकरेंसी होनी चाहिए, जिनके जरिए NFT को खरीदा जा सकता है।

आप अब Coinbase, Kraken, eToro, PayPal और Robinhood NFT कैसे काम करता है now जैसे प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके ईथर जैसी क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।

ये प्लेटफॉर्म हर लेन-देन पर कुछ परसेंट चार्ज लेते हैं। लेन-देन करते हुए इसका ध्यान जरूर रखें।

NFT का यूज कैसे किया जाता है?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और NFT आर्टिस्ट और कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी कीमती चीजों को मॉनेटाइज करने, यानी बेचने के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म देता है।
आर्टिस्ट इसे सीधे कंज्यूमर को NFT के रूप में बेच सकता है। इससे उन्हें ज्यादा फायदा भी मिलता है।
NFT से किसी आर्टिस्ट को अब अपनी आर्ट बेचने के लिए गैलरी या नीलामी घरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वो खुद नीलामी कर सकते हैं।
यही नहीं अगर किसी आर्टिस्ट का क्रिएशन कहीं और बिकता है तो उन्हें उस पर रॉयल्टी भी मिलेगी। यह विशेषता सिर्फ NFT में ही है। आमतौर पर किसी आर्टिस्ट को उसकी आर्ट पहली बार बिकने पर ही पैसा मिलता है।

अपना NFT कैसे बनाएं?
खुद का NFT तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको एक ऑनलाइन वॉलेट क्रिएट करना होगा, जिसमें NFTs होल्ड की जा सकें।
क्रिप्टो-असेट्स को जिस वॉलेट में स्टोर किया जाता है, उसे ‘प्राइवेट की’ की मदद से ऐक्सेस किया जा सकता है।
यह प्राइवेट की किसी सुपर-सिक्योर पासवर्ड की तरह काम करती है, जिसके बिना NFT ओनर टोकन्स ऐक्सेस नहीं कर सकते।
इस वॉलेट को आपको मेटामास्क जैसी किसी सर्विस से लिंक करना होगा।

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